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गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi : दोस्तों आज हम ने गाय पर निबंध लिखा है जिस में हमने गाय की विशेषता उसके उपयोग गाय की नस्लें आदि के बारे में चर्चा की है.

अक्सर स्कूल के विद्यार्थियों को परीक्षाओं में Gay Per Nibandh  लिखने के लिए दिया जाता है यह निबंध उन सभी विद्यार्थियों को गाय के ऊपर निबंध लिखने में सहायता करेगा.

गाय पर लिखे गए निबंध की सहायता से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 और 12 के विद्यार्थियों को निबंध लिखने में सहायता होगी यह निबंध हमने विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए अलग अलग समय सीमा में लिखा है.

Essay on Cow in Hindi

Get Some Essay on cow in hindi for student under 100, 150, 300 and 700 words.

10 line Essay on Cow in Hindi

1. गाय एक पालतू जानवर है.

2. गाय के एक मुहं और दो कान होते है.

3. गाय के दो बड़ी आंखें होती है.

4. गाय का नाक बड़ा होता है.

5. गाय के एक लंबी पूछ होती है.

6. गाय के चार पैर होते है.

7. गाय के चार थन होते है.

8. गाय का शरीर बड़ा और पीछे से चौड़ा होता है.

9. गाय सुबह शाम स्वादिष्ट दूध देती है.

10. गाय सफेद, काले, भूरे, रंग की होती है.

Best Essay on Cow in Hindi 150 words

गाय हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से विद्यमान है. गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है क्योंकि जिस प्रकार हमारी मां हमारा पूरा ख्याल रखती है उसी प्रकार गाय भी हमें स्वादिष्ट दूध देकर हमें हष्ट पुष्ट बनाती है.

गाय एक शाकाहारी जानवर है जिसको आमतौर पर घरों में पालतू पशु के रूप में पाला जाता है. यह बहुत ही शांत किस्म की होती है और हर प्रकार के वातावरण में यह आसानी से ढल जाती है. गाय को खाने में हरी घास, फूल, पत्ते और खल बहुत पसंद है.

गाय के दो सिंग होते है जिनकी सहायता से वह अपनी रक्षा करती है. गाय 1 दिन में 30 से 40 लीटर पानी पी जाती है. गाय के दो बड़े कान होते है. इसका एक बड़ा और चौड़ा मुख होता है.

इसके दो आंखें होती है. गाय के चार पैर और चार थन होते है. इसके एक लंबी पूछ होती है. गाय का शरीर बड़ा और हष्ट पुष्ट होता है.

Gay Per Nibandh / lekh 300 words

गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती हैं और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है. हमारे भारत देश में गाय कोई हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है यहां पर गाय की हत्या करना एक बहुत बड़ा अपराध होता है.

हमारे देश के गांव के लगभग हर घर में गाय को पालतू पशु के रूप में पाला जाता है और इसका दूध निकाल कर बेचा जाता है. गाय बहुत ही सुंदर होती है यह सफेद, काले, भूरे इत्यादि रंगों में पाई जाती है. इसकी कद काठी प्रत्येक देश में अलग प्रकार की देखने को मिलती है.

यह हमेशा शांत रहती है लेकिन जब भी इसको खतरा महसूस होता है तो यह अपने सींगो की सहायता से अपनी रक्षा करती है. इसकी कद काठी बहुत ही सुदृढ़ होती है. गाय एक शाकाहारी पशु है जो कि खाने में हरा चारा खाती है.

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इसके शरीर पर अन्य जानवरों की अपेक्षा छोटे बाल होते है. गाय की दो बड़ी आंखें होती है. इसकी याददाश्त बहुत अच्छी होती है यह अपने मालिक को एक क्षण में पहचान लेती है. इसके दो बड़े-बड़े कान होते है. इसके चार पैर और एक पूछ होती है.

गाय के एक नाक एक मुंह होता है इसका सर चौड़ा होता है. यह अपने आप को हर प्रकार के वातावरण के अनुसार ढाल सकती है. इसके चार थन होते है जिनसे पोष्टिक दूध निकलता है. गाय के मुंह में ऊपर वाले जबड़े में दांत नहीं होते और इसके नीचे वाले जबड़े में 32 दांत होते है.

गाय भी इंसानों की तरह ही 9 महीने का गर्भ धारण करती है. एक व्यस्क गाय 1 दिन में 30 से 50 लीटर पानी पी जाती है. गाय एक बार चारा खाने के बाद पूरे दिन उसे चबाती रहती है यह 1 मिनट में लगभग 50 बार चबाती (जुगाली) करती है.

Essay on Cow in Hindi 700 words

प्रस्तावना –

गाय एक पालतू पशु है जो कि आमतौर पर सभी जगह पर पाई जाती है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 190 मिलियन गायों की जनसंख्या है. पूरे विश्व भर से ज्यादा गाय हमारे भारत में ही पाई जाती है.

भारत में गाय को सम्मान की नज़रों से देखा जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि गाय के अंदर सभी 322 करोड़ देवताओं का वास होता है साथ ही भारत में रहने वाले लोगों ने गाय को मां की संज्ञा दी है. भारत में गाय का बहुत ख्याल रखा जाता है और गाय की पूजा भी की जाती है.

गाय का संबंध भगवान श्री कृष्ण से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि उन्हें गाय बहुत पसंद थी और वे उन्हें खूब प्यार दुलार देते थे.

गाय की रचना –

गाय की रचना वैसे तो सभी देशों में समान ही पाई जाती है लेकिन गाय की कद काठी और नस्ल में फर्क होता है. कुछ गाय अधिक दूध देती हैं तो कुछ कम देते है. गाय का शरीर बहुत बड़ा होता है इसका वजन 720 किलो से भी अधिक होता है.

गाय का शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है. गाय के दो बड़े कान होते हैं जिनकी सहायता से वे धीमी धीमी और अधिक तेज आवाज भी सुन सकती है. गाय के दो बड़ी आंखें होती हैं जिनकी सहायता से भी लगभग 360 डिग्री तक देख लेती है.

गाय एक चौपाया पशु है और चारों पैरों में खुर्र होते है जिसकी सहायता से भी किसी वे किसी भी कठोर स्थल पर चल सकती है. गाय का मुंह है ऊपर से चौड़ा और नीचे से पतला होता है. इसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते है. गाय के एक लंबी पूछ होती है जिसकी सहायता से वे अपने शरीर पर लगी हुई मिट्टी को हटाती रहती है.

गाय के 4 थन होते हैं और इसकी गर्दन लंबी होती है. गाय के मुंह के सिर्फ निचले जबड़े में 32 दांत पाए जाते है इसीलिए गाय लंबे वक्त तक जुगाली कर के खाने को चबाती है. गाय के एक बड़ी नाक होती है. गाय के दो बड़े सिंग होते है.

गाय का उपयोग –

गाय एक पालतू पशु है इसलिए इसे घरों में पाला जाता है और सुबह शाम इसका दूध निकाला जाता है एक गाय एक समय में 5 से लेकर 10 लीटर दूध देती है कुछ अलग नस्ल की गाय अधिक दूध भी देती है.

पुराने जमाने में गायों को खेतों में हल जोतने के काम में भी लिया जाता था. गाय के दूध से दही छाछ पनीर और अन्य दूध से बनने वाली मिठाइयां बना सकते है.

गाय के गोबर को सुखाकर इंधन के काम में लिया जाता है साथ ही गाय की गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.

वर्तमान में लोग गायों का मांस भी खाने लगे है जिसे “बीफ” कहा जाता है. गाय अपने पूरे जीवन भर में कुछ ना कुछ देती ही रहती है. गाय के मरणोपरांत इसकी हड्डियों से कई शिल्प कलाकृतियां बनाई जाती है और इसकी खालको सुखा कर चमड़े के रूप में उपयोग में लिया जाता है.

गाय के गोमूत्र को बहुत पवित्र माना गया है और इसके गोमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में उपयोग में लिया जाता है जो कि कई बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर है.

गाय की नस्लें –

भारत में कई प्रकार की नस्ल की गाय पाई जाती है. जिनमें कुछ अच्छे दूध देने वाली होती है तो कुछ मजबूत शरीर वाली होती हैं जिससे उनके बछड़े भी मजबूत शरीर वाले पैदा होते हैं और उनसे खेतों में हल जोतने के रूप में काम में लिया जाता है.

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भारत में पाई जाने वाली गाय की प्रमुख नस्लें – साहीवाल जाति, नागौरी, पवाँर, भगनाड़ी, राठी, मालवी, काँकरेज, सिंधी, दज्जल, थारपारकर, अंगोल या नीलोर इत्यादि है.

उपसंहार –

गाय शांतिप्रिय और पालतू पशु है हमारे भारत में गाय को मां का दर्जा इसीलिए दिया गया है क्योंकि यह में जीवन भर कुछ ना कुछ देती ही रहती है इसलिए हमें इसके जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए और हमेशा अपने जीवन को शांतिपूर्ण तरीके से जीना चाहिए और दूसरे लोगों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा  Essay on Cow in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

13 thoughts on “गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi”

It’s my pleasure to connect with you 👍

Aapka easy padh kar bahut khushi hui!

Thank you Usha Thakur

कुछ लोग गोयो को पलते नही बल्की गयौ का करोबार करते है इसके बारे मे भी लिखिए विशेषता तो सबको पता है।

Hum jald hi likhnge

Dhanyawad ye gay ke nibhand ke liy

Dhanyawad Àmåñ Sharma

धन्यवाद निबंध के लिए।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अजोय

gay par egi nibhand

Hame khushi hui aap ko nibandh accha laga, aise hi hindi yatra par aate rahe dhanyawad.

Cow par sab nibandh janta h isko Google pr dalna kya tha!

jaruri nahi hai sabhi ko nibandh likhna aata ho.

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Meaning In Hindi

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Essay On Cow In Hindi: गाय पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Cow in Hindi : जैसा की हम सब जानते है की गाय का पूरी दुनिया में बहुत बड़ा महत्व है, लेकिन अगर हमारे देश भारत के संदर्भ में बात की जाए प्राचीन समय से ही यह भारत की इकोनॉमी की नींव साबित हुई है। फिर चाहे वो दूध का मामला हो या खेती में काम आने वाले बैलों का। हमारे भारत में गाय को गौ माता के रूप में मानते है और इनकी पूजा करते है। हमारे देश में गाय माता को और भी नामो से जाना जाता है जैसे सुरभि, कपिला, नंदनी, श्यामा आदि नामो से जाना जाता है। हमारे भारत में गाय को लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है।

Essay On Cow in Hindi

इस लेख में मैं आपको गाय पर निबंध लेखन शेयर कर रहा हूँ। आपने देखा होगा की स्कूल में अक्सर बच्चो को गाय पर निबंध ( Essay on cow in Hindi ) लेखन का टास्क दिया जाता है। पर सारे क्षात्रो को यह लिखने पे दिकत होती है पर इस लेख को पढने के बाद सारी प्रॉब्लम दूर हो जाएगी।

गाय, हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण जीव है जिसका महत्व भारतीय सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से हमेशा से ही उच्च रहा है। इस निबंध में, हम गाय के महत्व को और भी गहराई से समझेंगे और उसके आपके जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। गाय के प्राकृतिक और सामाजिक महत्व को जानने के लिए इस निबंध को पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

Essay On Cow In Hindi: गाय पर निबंध

गाय की उपयोगिता:.

कहा जाता है की गाय का दूध औरों जानवरों की अपेक्षा सबसे अधिक प्रोटीन (Protein) वाला पाया जाता है। गाय का दूध दिमाग को तेज और मजबूत बनाने के लिए बहुत उपयोगी होता है खास तौर पे बच्चो ले लिए ज्यादा उपयोगी साबित होता है। दूसरे पशुओं की तुलना में गाय का दूध बहुत मददगार साबित होता है। बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है वहीं गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है।

यह बीमारों और बच्चों के लिए बहुत ही यूजफुल आहार माना जाता है। इसके अलावा दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं। गाय के दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनाता है। गाय का घी और गोमूत्र अनेक ayurvedic medicines बनाने के काम भी काम आता है।

गाय वफादार, घरेलू और मासूम पालतू जानवरों में से एक है। यदि गायों से प्यार किया जाए तो वे इंसानों को हानि नही पहुंचाती हैं। इससे लोग अपने घरों में गाय रखते हैं और तमाम तरह के लाभ प्राप्त करते हैं। वे मनुष्यों के लिए अलग अलग प्रकार से उपयोगी हैं। गायों को पालतू जानवर के रूप में रखने के कई उद्देश्य लोगों के लिए समान हैं चाहे आम लोग हों या चाहे किसान हों। गायों के अलग अलग विशिष्ट लाभ(benefit) हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि वे मानव जाति की मदद के लिए किस तरह का काम कर रही हैं।

गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण खाद माना जाता है। गाय के मरने के बाद उसका चमड़ा, हड्डियां व सींग सहित सभी अंग किसी न किसी काम आते हैं। ऐसा माना जाता है कि भैंस का बच्चा दूध पीने के बाद सो जाता है जबकि गाय का बच्चा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछल कूद करता है।

गौ माता न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है वरन मरने के बाद भी उसके शरीर का हर अंग काम आता है। गाय का चमड़ा, सींग, खुर से डेली जीवनोपयोगी वस्तु तैयार होता है। गाय की हड्‍डियों (Bones) से निर्मित खाद खेती के काम आती है।

साइंटिस्ट ने इसके गुण भी बताए हैं। यह न केवल दूध, दही, मक्खन, पनीर, छाछ या अन्य बल्कि डेयरी उत्पाद भी सभी फायदेमंद होते हैं।  पनीर खाने से आपको Protein मिलता है। गाय का घी खाने से आपकी मजबूती प्राप्त होती है।

आयुर्वेद में इसका बहुत विशाल महत्व है। यदि किसी व्यक्ति को अनिद्रा(sleeplessness) हो तो दो बूंद गाय के घी से ही ठीक कर सकता है। साथ ही यदि आप रात को पैरों के तलुवों पर ghee लगाकर सोते है तो आपको काफी अच्छी नींद आएगी।

गाय के मक्खन का धार्मिक महत्व है। इससे हवन पूजा आदि के लिए प्रयोग किया जाता है।  और हमारे युग और साधु संत कुछ भी करते हों, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण होता है। जब गाय कुंड में घी और अक्षत (चावल) डालती है तो आग के संपर्क में आने पर सबसे महत्वपूर्ण गैसें निकलती हैं जो पर्यावरण के लिए उपयोगी है।

भौतिक आकार (Physical Appearance):

गाय का स्वभाव बहुत शांत प्रकार का होता है।  गाय पालतू होती है। गाय एक शाकाहारी पशु है।  गाय घास, अनाज, भूसी, केक, भूसी, चोकर, पुल और पेड़ों की पत्तियां आदि चीज ग्रहण करती हैं। गाय पहले चारे को निगल लेती है और फिर उसे थोड़ा सा मुंह में लेकर चबा लेती है जिसे चबाना कहते हैं। गाय एक बार में एक ही बछड़े को जन्म देती है। वह अपने बछड़े से बहुत प्यार करती है।  गाय भी बैठ कर मुँह से चबाती है।

पशुओं में गाय से जायदा सुनहरा और शानदार पशु कोई नही देखने को मिलता इनके जैसे मासूमियत किसी और पशु में देखने को नहीं मिलती।

गाय कई रंगों जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है। इसकी दो मासूम आँखें, दो बड़े कान, चार पैर, एक मुँह, एक बड़ी नाक, चार अंग और पीठ पर एक लंबी पूंछ होती है। उम्र और नस्ल के आधार पर इसके सिर पर दो सींग भी हो सकते हैं। गायों के शरीर का आकार आमतौर पर बड़ा होता है जबकि उनका सिर उनके शरीर के आकार की तुलना में अपेक्षाकृत छोटा होता है।

गाय एक मादा शाकाहारी स्तनपायी है। पुरुष को बैल के रूप में जाना जाता है। इसी तरह गाय के मादा बच्चे को Heifer(बछिया) कहा जाता है जबकि गाय के नर बच्चे को बछड़ा कहा जाता है। एक बार बच्चे के जन्म के बाद, बछिया को गाय कहा जाता है। जब कई गायों को एक साथ देखा जाता है तो पूरे समूह को झुंड के नाम से जाना जाता है।

गाय का धार्मिक महत्व (Religious importance of cow):

भारत में गाय को देवी का दर्जा दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है। यही कारण है कि Diwali के दूसरे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों आदि से श्रृंगार किया जाता है।

प्राचीन भारत में गाय समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। कहा जाता है की युद्ध के दौरान सोना, आभूषणों के साथ गायों को भी लूट लिया जाता था। जिस राज्य में जितनी गायें होती थीं उसको उतना ही सम्पन्न और सफल माना जाता है। कृष्ण के गाय प्रेम को भला कौन नहीं जानता। इसी कारण उनका एक नाम Gopal भी है।

श्रीकृष्ण के जीवन में गाय का बहुत महत्व रहा है और उनका बचपन ग्वालों के बीच बीता है। लोग भगवान कृष्ण को गोविंदा और गोपाल कहते थे, जिसका अर्थ है गायों का रक्षक और मित्र। गाय का दूध बच्चों और रोगियों के लिए बहुत उपयोगी होता है। गाय को परिवार के सदस्य की तरह माना जाता है। प्राचीन काल में गायों की संख्या से व्यक्ति की समृद्धि का पता चलता था।

गाय का भोजन (Food):

शाकाहारी और जुगाली करने वाले जानवरों के रूप में गाय घास जैसे ताजा और बेहतरीन अंकुरित अनाज खाना पसंद करती हैं। वे फल, सब्जियां और अन्य शाकाहारी भोजन खाना भी पसंद करते हैं।

गाय का स्वभाव (Habits):

गऊ माता ज्यादातर सामाजिक होती हैं इसलिए समूह में रहना पसंद करती हैं। इन्हें घूमने के लिए खुली जगह पसंद होती है जहां इनके खाने के लिए ढेर सारी घास मौजूद हो। वे मैदानी इलाकों में घूमते हैं और अपने आहार के पूरक के लिए और अपने नवजात शिशुओं के लिए दूध का उत्पादन करने के लिए अतिरिक्त घास के रूप में घास खाते हैं।

गाय का जीवन काल (Lifespan of Cow):

एक गाय का एवरेज lifespan लगभग 15 से 20 वर्ष का होता है। हालांकि dairies और खेतों में गाय मुश्किल से ही चार से छह साल तक जीवित रहती हैं क्योंकि पर्याप्त दूध देने या अधिक परिश्रम करने के लिए अत्यधिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। एक बार जब दूध का उत्पादन कम हो जाता है या बंद हो जाता है तो ज्यादातर गायों को मांस और चमड़े के लिए बूचड़खानों में बेच दिया जाता है या सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे उनके साथ दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं।

यह एक कड़वा सच है लेकिन ज्यादातर गायें खुद को कैद में महसूस करती हैं और जीवन भर संघर्ष करती हैं। इसके अलावा आजकल नर बछड़ों को अक्सर मार दिया जाता है या छोड़ दिया जाता है।

मानव समाज के लिए इतनी लाभदायक होते हुए भी गाय की वर्तमान स्थिति बहुत खराब है। आज गायों का मांस दुकानों में बेचा और खाया जाता है। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे काटने के लिए भेज दिया जाता है। गाय का सम्मान करना और उसके जीवन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

दुर्भाग्यवश शहरों में जिस तरह पॉलीथीन का उपयोग किया जाता है और उसे फेंक दिया जाता है उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना होगा ताकि हमारी आस्था और साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

गाय बहुत ही प्यारा और अच्छा जानवर है और हमें इस प्यारे और अच्छे जानवर का ख्याल रखना चाहिए। हमारे लिए यह शर्म की बात है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे छोड़ दिया जाता है। हमें गाय के साथ दया का व्यवहार करना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। गाय को बचाने के लिए सरकार को अधिक अधिक गौशालो का निर्माण करना चाहिए जिससे गाय आसानी से अपना जीवन पूर्ण कर सके।

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गाय पर निबंध – 10 Lines (Cow Essay in Hindi) 100, 200, 250, 300, 400, शब्दों में

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Essay on Cow in Hindi – भारत जैसे मुख्य रूप से कृषि अर्थव्यवस्थाओं में, गायों को उनकी उत्पादकता के लिए सम्मानित किया जाता है, और हिंदू अपनी गायों को एक मां के बराबर सामाजिक दर्जा देते हैं। गाय के गोबर का प्रयोग अक्सर धार्मिक पूजा में किया जाता है।

ग्रामीण भारत में, गाय दूध और गोबर को ईंधन के रूप में देकर परिवार की आय और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करती हैं। गाय अपनी शुरुआत से ही मानव सभ्यता का एक अभिन्न अंग रही हैं। रखरखाव लागत और उच्च उत्पादन मूल्य ने गायों को मनुष्य के सबसे पसंदीदा पशुओं में से एक बना दिया है।

गाय निबंध 10 पंक्तियाँ (Best 10 Lines on Cow Essay)

  • 1) गाय भारत में लगभग 30 नस्लों की एक घरेलू जानवर है।
  • 2) गाय बहुत शांत होती हैं और पवित्र भी मानी जाती हैं।
  • 3) गाय एक शाकाहारी जानवर है जो हरी घास और चारा खाती है।
  • 4) एक गाय के चार पैर होते हैं और वह काली, भूरी या सफेद हो सकती है।
  • 5) गाय के बच्चों को बछड़ा कहा जाता है।
  • 6) गाय हमें दूध देती है जिसका उपयोग कई दुग्ध उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।
  • 7) गाय का दूध कैल्शियम से भरपूर होता है।
  • 8) गाय बहुत आवश्यक जानवर हैं जो मनुष्य के जीवन का समर्थन करते हैं।
  • 9) गाय के गोबर का उपयोग गांवों में ईंधन के रूप में किया जाता है।
  • 10) भारत में गायों को माता के रूप में पूजा जाता है।

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गाय पर निबंध 100 शब्दों में (Short Essay on Cow in 100 Words)

गाय हमारी माता हे। यह सबसे महत्वपूर्ण घरेलू जानवर है। यह हमें दूध नामक एक बहुत ही स्वस्थ और पौष्टिक भोजन देता है। यह एक पालतू जानवर है, और कई लोग इसे कई उद्देश्यों के लिए अपने घरों में रखते हैं। यह दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाने वाला जंगली जानवर नहीं है। गाय को हर कोई मां की तरह सम्मान देता है। भारत में प्राचीन काल में गाय को देवी के रूप में पूजा जाता रहा है। भारत में लोग उन्हें धन लक्ष्मी के रूप में घर लाते हैं। गाय को सभी जानवरों में सबसे पवित्र जानवर माना जाता है। यह आकार, आकार, रंग आदि में भिन्न कई किस्मों में पाया जाता है।

गाय पर निबंध 200 – 250 शब्दों में (Cow Essay in 250 Words)

पृथ्वी पर कुछ जानवर गायों के समान महत्वपूर्ण हैं। हजारों वर्षों से मनुष्य द्वारा उनका नामकरण और उपयोग किया जाता रहा है। हम मुख्य रूप से अपने भोजन के लिए उन पर निर्भर हैं। कुछ देशों में, लोग गाय के मांस को भोजन के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उपयोग करते हैं। गाय मादा मवेशी हैं, और उनके नर समकक्षों को बैल के रूप में जाना जाता है। वे घरेलू, गोजातीय जानवर हैं जो पौधों को खाते हैं। गाय का औसत आकार और रंग उसकी नस्ल के प्रकार पर निर्भर करता है। गायों की कई नस्लें होती हैं। जिनमें से कुछ जर्सी की तरह अधिक लोकप्रिय हैं। गायों की दुग्ध उत्पादन क्षमता भी उनकी नस्ल पर निर्भर करती है।

बड़ी गायें अधिक दूध देती हैं, लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता है। गायों में चरने की उत्कृष्ट क्षमता होती है। इसके कारण, कुछ संरक्षित घास के मैदानों को एंटी-चराई क्षेत्र घोषित किया गया है। वयस्क गायों के 32 दांतों का एक सेट होता है। एक परिपक्व गाय में कोई ऊपरी स्तर के कृन्तक या कुत्ते नहीं होते हैं। उनके दांतों में चंद्रमा के आकार की लकीरों के साथ चिकनी सतह होती है जिन्हें विशेष रूप से एक शाकाहारी जीवन शैली के लिए डिज़ाइन किया गया है। गायें अपना भोजन हर समय चबाती हैं। वे इसे फिर से ठीक से चबाने के लिए अपनी आंत से निकाल भी सकते हैं।

  • My Best Friend Essay
  • My School Essay
  • pollution Essay
  • Essay on Diwali
  • Global Warming Essay
  • Women Empowerment Essay

गाय पर निबंध 300 – 400 शब्दों में (long Essay on Cow in 300 Words)

Essay on Cow in Hindi – गाय एक शाकाहारी जानवर है जिसका अर्थ है कि यह केवल शाकाहारी भोजन जैसे हरी पत्ते, पत्तेदार सब्जियां, पौधे, रोटी और भारतीय चपाती खाती है। इस जानवर के दो सींग, चार पैर, एक नाक और दो कान और एक बड़ी पूंछ होती है। गाय एक ऐसा जानवर है जिसे पालतू बनाया जा सकता है।

लोग गायों को अपने घरों में रखते हैं क्योंकि मवेशी उन्हें कई उपोत्पाद प्रदान करते हैं। उन उपोत्पादों में प्रमुख है इसका दूध। वे अन्य डेयरी उत्पादों का स्रोत भी देते हैं। दूध के किण्वन से हम दही, दही, पनीर, पनीर और कई अन्य डेयरी उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं।

गाय एक हानिरहित और शांत जानवर है। गाय चार पैरों वाला जानवर है। गाय एक ऐसा जानवर है जो पर्यावरण को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। गाय के गोबर का उपयोग खाद के रूप में मिट्टी को उर्वरित करने और बायोगैस और ईंधन का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। यह एक कीट विकर्षक भी है।

गाय का गोबर एक प्राकृतिक उर्वरक है और इसका उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। गाय का दूध एक बहुत ही स्वस्थ पेय है जो किसी व्यक्ति की वृद्धि और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है इसलिए लोग इसे ‘गौ माता’ कहते हैं।

भारतीय समाज में लोग गायों को भगवान की तरह मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। शुरू से ही गायों की पूजा की जाती है। यह भी माना जाता है कि एक गाय में लाखों देवता निवास करते हैं, यह भगवान का ही दूसरा रूप है। गाय हमें बहुत सी स्वस्थ चीजों का आशीर्वाद देती हैं।

इसके मूत्र में कई रोगों को दूर करने की क्षमता होती है। कुछ क्षेत्रों के लोग अभी भी सुबह गाय का मूत्र पीने और बेहतर दृष्टि के लिए अपनी आंखों में कुछ बूंद डालने के आदी हैं क्योंकि यह आंखों की समस्याओं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण या एलर्जी को ठीक करने के लिए जाना जाता है।

गाय के गोबर को जलाना भी एक क्षेत्र में मौजूद जीवाणुओं को मारने के लिए एक अच्छी बात मानी जाती है। गाय का चमड़ा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला चमड़ा है जिसका उपयोग बेल्ट और सीट जैसे उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है। हमें गायों का हर तरह से सम्मान करना चाहिए और उन्हें सुरक्षित रखना चाहिए क्योंकि वे निस्वार्थ भाव से हमें ऐसे उत्पाद प्रदान करती हैं जो न केवल हमारे लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं।

भारत के लोग गायों को सब्जी का आवरण, बासी रोटी और रोटियाँ देते हैं। गाय का दूध पीना एक बहुत ही स्वस्थ चीज है क्योंकि यह विकास को उत्तेजित करता है और स्वास्थ्य में सुधार करता है। 

Cow Essay पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गाय में गर्भधारण की अवधि कितनी होती है.

गायों का गर्भकाल नौ महीने का होता है।

भारत के किस राज्य में गायों की आबादी सबसे अधिक है?

भारत में मध्य प्रदेश राज्य में गायों की आबादी सबसे ज्यादा है।

गाय की कौन सी नस्ल दुनिया में सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल है?

गाय की होल्स्टीन फ्राइज़ियन नस्ल दुनिया में सबसे अधिक दूध देने वाली नस्ल है।

क्या गाय चेहरे को पहचान सकती हैं?

हां, उनके पास याद रखने की अच्छी शक्ति होती है इसलिए वे चेहरों को पहचान सकते हैं।

गायों को कब पालतू बनाया गया?

गायों को 10000 साल पहले जंगली प्रजाति ‘ऑरोच’ से पालतू बनाया गया था।

गायें क्या खाती हैं?

गायें घास खाती हैं, लेकिन चरते समय वे छोटे-छोटे कीड़ों को भी खूब खाती हैं

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गाय पर निबंध | Essay On Cow In Hindi

Essay On Cow In Hindi गाय पर निबंध : भारतीय संस्कृति में गौ का बड़ा महत्व माना गया हैं इन्हें प्राणी न मानकर माँ का दर्जा प्राप्त हैं. हिन्दू मान्यता के अनुसार गाय के शरीर के विभिन्न हिस्सों में तैतीस कोटि देवी देवताओं का वास होता हैं.

आज के 5, 10 लाइन, 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में गाय का निबंध  को आप गाय पर छोटा बड़ा हिन्दी निबंध के रूप में याद कर सकते हैं.

गाय पर निबंध Essay On Cow In Hindi

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The cow (gaay) is an important domestic pet animal. It’s found all over the world. in India (the Hindus religion follower) called the cow’ as the mother. this short and big-length Essay On Cow In Hindi And English is helpful for students.

mostly in our exams asked about cow essay writing questions comes always. this cow essay will help you to write a better article on a cow in your own language.

the cow is a domestic animal. it is very useful to us. it gives us milk. motherless babies are given cow’s milk. her milk is a complete diet.

we call the cow ”our mother”. the leather of the dead cow is useful also. she is a four-footed animal. she has two horns. her tail is long. she keeps files away with her tail. she has four teeth for milling. in order to get pure aid fresh milk, it is better to keep a cow.

her calves become bullocks. they plow our fields. butter, curd, and sweets are made from cow’s milk. cow’s milk is a perfect diet. she eats grass and hay. sick persons are fed on her milk. cow dung is good manure for agriculture.

Essay On Cow In English For Class 1:  Dear Students it is a Very Good Idea to Check Essay On Cow In English For Class 1 for children and kids students they read in class first.

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Essay On Cow In English

in all pet Animals, the cow is the most important in India. according to the Hindu faith, they called the mother to the cow.  tells you why Hindus called mother or maa to cow, what is uses or importance of Indian cow.

The cow is a very versatile animal of great importance in scientific and spiritual terms. Science has also accepted the importance of the cow.  Cow’s milk is considered an elixir. In India, the cow is considered a sacred animal.

Hundreds of Hindus worship in India. The biggest feature of the cow is that it gives many things to mankind, instead of asking for anything. Many families spend their livelihoods selling cow’s milk and ghee.

Religious significance: Tea-festival of Hindus is not complete without ghee. At the Teej festival, the house is leaked from cow’s dung. The idols of the deities are seated on it. Many people consider cow’s philosophy auspicious before doing some urgent work.

At the same time, Cow’s dung has been considered very useful for cultivation. Due to the milk-giving and milk properties like cow’s nectar, it has been considered as earthly mother’s worship. That is why the cow is called cow mother.

Apart from this, the Kunda made from cow dung in villages is used as fuel. It is very sad that with the development of technology we are forgetting the importance of cows.

A cow has also had great importance in the life of Lord Krishna. Krishna’s childhood has passed between the Guawans. They used to call them Govinda and Gopal, which means the guards and friends of cows.

Cow’s milk is very useful for children and patients. The cow is cool with nature. The cow has a very big body. It has four legs, two horns, and one long tail.

It has two ears People in India worship the cow. There is a lot of hair in the lower part of the cow’s tail.

Which are of many colors, in which there is black, brown and white hair with red color. There are bus teeth in the lower part of the cow’s jaw. The cracks of his feet are different.

There are many types of cows. There are many types of cows on the basis of color also. If there is some black then some white, some cows are of red and mixed colors.

The cow is found in almost every country in the world. In every country, the cow is different depending on size and length width.

The wild cow lives in the forest. The cow eats grass and leaves. He gives birth to a calf or calf at a time.

She loves her bull very much. The cow also starts to chew with its mouth. The cow gives milk, which makes curd, cheese, butter, and many types of desserts. We should take care of such cute animals.

Short Essay On Cow In Hindi गाय पर निबंध

गाय एक पालतू जानवर है। यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है। गाय हमें दूध देती है। नन्हें बच्चों के लिए गाय का दूध सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें सभी पोषक तत्व विद्यमान रहते है।

हम गाय को ‘हमारी मां’ कहते हैं। मृत गाय का चमड़ा भी उपयोगी है। वह चार पैर वाला जानवर है। उसके दो सींग हैं। उसकी पूंछ लंबी है। गाय मच्छर व् मक्खियों को अपनी पूंछ द्वारा दूर करती है, यह अपने चार बड़े जबड़ों की मदद से जुगाली करती है।

गाय का ताजा दूध पौष्टिक होता है. बीमार से लेकर एकदम स्वस्थ व्यक्ति के लिए यह दूध बहुत फायदेमंद है।

गाय का बछड़ा बड़ा होने पर बैल के रूप में भार ढ़ोने व कृषि के रूप में हल चलाने के काम आता है. गाय के दूध से दही, घी, मक्खन, पनीर, मिठाई व मावा बनाए जाते है. इसलिए गाय का दूध पौष्टिक आहार है, जिनमें भोजन के लिए आवश्यक सभी तत्व व विटामिन उपलब्ध हो जाते है.

गाय घास चरती है, एक अच्छी नस्ल की गाय ३०-४० लीटर दूध प्रतिदिन देती है. गाय के गोबर को देशी खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है.

मेरी गाय मेरा प्रिय पशु है. सभी पालतू पशुओं में गाय का अत्यधिक महत्व है. हमारे देश में गाय को माता की तरह मानते है. गाय का स्वभाव सरल होता है.

पालतू जानवरों में यह सबसे अधिक भोली और समझदार होती है. इसके एक लम्बी पूछ, चार पैर, दो सींग, दो कान, दो आँखे और चार थन होते है.

गाय काली, सफेद, भूरी, लाल चितकबरी आदि रंग की होती है. गाय घास, खल, चारा आदि खाती है. गाय हमे दूध देती है. गाय का दूध मीठा और ताकतवर होता है.

इससे दही घी, मक्खन, मावा आदि बनते है. इसके गोबर से खाद बनती है. गाय के बछड़े बड़े होकर बैल बनते है जो खेती के काम में सहायक होते है. इस तरह गाय अत्यंत उपयोगी पशु है.

1500 शब्द गाय पर निबंध (कक्षा 11,12 के लिए)

गाय मनुष्य को ज्ञात सबसे उपयोगी जानवरों में से एक है। इसने हजारों वर्षों तक मनुष्य की सेवा की है। यह बहुत शांत, शांत जानवर है। इसे गुस्सा बहुत कम ही आता है।

एक बैल का सबसे बड़ा उपयोग यह है कि वह हमें दूध देता है। ताजा दूध हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। हम इसे सादा या कुछ स्वादों को जोड़कर पी सकते हैं। हम इससे कई चीजें भी बना सकते हैं जैसे मक्खन, घी, आइस-क्रीम, मिठाई और कई अन्य चीजें।

एक गाय का दूसरा उपयोग यह है कि इसका उपयोग खेतों तक एक कुदाल को खींचकर किया जा सकता है। अब-भारत में कुछ किसान इस काम के लिए बैल का उपयोग करते हैं।

बैलगाड़ी खींचने के लिए भी गायों का उपयोग किया जाता है। वे काफी तेज दौड़ सकते हैं और उनके बाद भारी भार भी खींच सकते हैं। वे बहुत धैर्यवान जानवर हैं और थके होने के बाद भी कड़ी मेहनत करते हैं।

एक गाय ज्यादातर घास पर रहती है। इसे अच्छी तरह से खिलाया जाना है। तभी यह बहुत सारा दूध देती है। हमें गायों के प्रति बहुत दयालु होना चाहिए, क्योंकि वे बहुत उपयोगी हैं, नम्र जानवर हैं और हमें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

हमें उन्हें कभी भी हरा नहीं करना चाहिए और न ही किसी भी तरह से उन्हें पीड़ा पहुंचानी चाहिए। एक बछड़े को हमेशा अपनी मां के साथ रहने की अनुमति होनी चाहिए। उन्हें अलग नहीं किया जाना चाहिए।

गायों को उनके मांस के लिए भी मार दिया जाता है। उन्हें बहुत अधिक चारा दिया जाता है और जब वे मोटे होते हैं तो उन्हें मार दिया जाता है। भारत में बहुत से लोग मांस खाना पसंद नहीं करते हैं। वे इसे गाय को चोट पहुंचाना पाप मानते हैं।

गोबर को सूखने के बाद ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। चमड़े का सामान गाय की खाल से बनाया जाता है। इस प्रकार गायें मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई हैं।

उन्हें भारत में पवित्र जीव के रूप में सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है। आइए हम इन कोमल जानवरों के साथ दयालुता से पेश आएं।

गाय के दूध में क्या कितना

  • प्रोटीन्स- 4.0 प्रतिशत
  • कार्बोहाइड्रेट- 4.0 प्रतिशत
  • उर्जा (कैलोरी) – 6.5 प्रतिशत
  • पानी- 87.3 प्रतिशत
  • वसा- 4.0 प्रतिशत
  • खनिज( मिनरल्स)- 0.7 प्रतिशत

गावो विश्वस्य मातर: अर्थात गाय विश्व की माता है, सूर्य, वरुण, वायु आदि देवताओं को यज्ञ होम में दी हुई आहुति से जो खुराक पुष्टि मिलती है, वह गाय के घी से ही मिलती है.

होम में गाय के घी की ही आहुति दी जाती है, जिससे सूर्य की किरने पुष्ट होती है. किरणों के पुष्ट होने से वर्षा होती है और वर्षा से सभी प्रकार के अन्न, पौधे, घास आदि पैदा होते है, जिससे सम्पूर्ण स्थावर- जंगम, चर, अचर प्राणियों का भरण पोषण होता है.

हिन्दुओं के गर्भाधान, जन्म, नामकरण आदि जितने भी संस्कार है, उन सब में गाय के दूध, घी, गोबर आदि की मुख्यता होती है. द्विजातियों को जो यज्ञोपवीत दिया जाता है उसमे गाय का पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोबर और गौमूत्र) का सेवन कराया जाता है.

यज्ञोपवीत संस्कार होने पर वे वेद पढ़ने के अधिकारी होते है, जहाँ विवाह संस्कार होता है, वहाँ भी गाय के गोबर का लेप करके शुद्धि करते है. विवाह के समय गोदान का विशिष्ट महत्व है.

पुराने जमाने में वाग्दान (सगाई) के बैल दिया जाता था. जननाशौच और मरणाशौच मिटाने के लिए गाय का गोबर और गोमूत्र ही काम में लिया जाता है, क्योकि गाय के गोबर में लक्ष्मी का गोमूत्र में गंगाजी का निवास है.

जब मनुष्य बीमार हो जाता है, तब उसको गाय का दूध पीने के लिए देते है, क्योकिं गाय का दूध तुरंत बल, शक्ति देता है. अगर बीमार मनुष्य को अन्न भी न पचे तो उसके पास गाय के घी और खाद्य पदार्थों की अग्नि में आहुति देने पर उसके धुंए से उसको खुराक मिलती है. जब मनुष्य मरने लगता है तब उसके मुह में गंगाजल या गाय का दही देते है.

इसका कारण यह है कि कोई मनुष्य यात्रा के लिए रवाना होता है तो उसे गाय का दही देना मांगलिक होता है, जो सदा के लिए यहाँ से रवाना हो रहा है उसको गाय का दही अवश्य देना चाहिए जिससे परलोक में उसका मंगल हो. अंत काल में मनुष्य को जैसे गंगाजल देने का महात्म्य है, वैसा ही महात्म्य गाय का दही देने का है.

वैतरणी से बचने के लिए गोदान किया जाता है. श्राद्ध कर्म में गाय के दूध की खीर बनाई जाती है, क्योकि पवित्र होने से इस खीर से पितरों को अधिक तृप्ति होती है. मनुष्य, देवता पितर आदि सभी को गाय के दूध घी आदि से पुष्टि मिलती है. अतः गाय विश्व की माता है.

गाय के अंगो में सम्पूर्ण देवताओं का निवास बताया जाता है. गाय की छाया भी बड़ी शुभ मानी गई है. यात्रा के समय गाय या सांड दाहिने आ जाए तो शुभ माना जाता है.

और उसके दर्शन से यात्रा सफल हो जाती है.गाय के शरीर का स्पर्श करने वाली हवा भी पवित्र होती है. उसके गोबर गोमूत्र भी पवित्र होते है. जहाँ गाय बैठती है, वहां की भूमि पवित्र होती है, गाय के चरणों की रज (धूल) भी पवित्र होती है.

गाय से अर्थ, काम और मोक्ष इन चारो की सिद्धि होती है. गोपालन से, गाय के दूध, घी, गोबर आदि से धन की वृद्धि होती है. कोई भी धार्मिक कृत्य गाय के बिना नही होता है.

सम्पूर्ण धार्मिक कार्यों में गाय का दूध, दही, घी, गोबर काम में आता है, कामनापूर्ति के लिए किये जाने वाले यज्ञों में भी गाय का घी काम आता है.

बाजीकरण आदि प्रयोगों में गाय के दूध और घी की मुख्यता रहती है. निष्काम भाव से गाय की सेवा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. गाय की सेवा करने मात्र से अंतकरण निर्मल होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने भी नगे पाँव गायो को चराया था. जिससे उनका नाम गोपाल पड़ा.

प्राचीनकाल में ऋषिलोग वन में रहते हुए अपने पास गाये रखा करते थे. गाय के दूध घी का सेवन करने से उनकी बुद्धि बड़ी विलक्षण हुआ करती थी,

जिससे वे बड़े बड़े ग्रंथो की रचना किया करते थे. आज कल तो उन ग्रंथो को तो ठीक ठाक समझने वाले भी कम है. गाय के दूध घी से दीर्घायु होते थे.

गाय के घी का एक नाम आयु भी है. बड़े बड़े राजा लोग उन ऋषियों के पास आते थे और उनकी सलाह से राज्य चलाते थे. गाय इतनी पवित्र है कि देवताओं ने भी अपना निवास स्थान बनाया है. जिसका गोबर और गोमूत्र इतना पवित्र है, फिर वह स्वयं कितनी पवित्र होगी.

एक बार गाय का पूजन करने से सब देवताओं का पूजन हो जाता हैं जिससे सब देवताओं को पुष्टि मिलती है. पुष्ट हुए देवताओं के द्वारा सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन, पालन, रक्षण होता है.

गां च स्प्रश्ती यों नित्यं स्नातों भवति नित्यशः अतो मर्त्यः प्रपुष्टस्तु सर्वपापै: प्रमुच्यते गवां रज: खुरोभ्दूत शिरसा यस्तु धारयेत् स च तीर्थजले स्नातः सर्वपापै: प्रमुच्यते

जो मनुष्य प्रतिदिन गौ का स्पर्श करता है, वह प्रतिदिन तीर्थ में स्नान करने का फल प्राप्त करता है. गौ के द्वारा मनुष्य सर्वविध घोर पापों से मुक्त हो जाता है.

जो मनुष्य गौ के खुर से उड़ी धूलि को अपने मस्तक पर धारण करता है, वह समस्त तीर्थों के जल में स्नान करने का फल प्राप्त करता है और समस्त पापों से छुटकारा पा जाता है.

भारतीय गाय की सभी नस्ल की जानकारी और पहचान

  • अमृतमहल नस्ल की गाय (Amritmahal breed’s cow)-  यह नस्ल मैसूर राज्य में पाई जाती है. इस जाति का रंग खाकी तथा मस्तक,गला और थुहा काले रंग का होता है. इस नस्ल के बैल मध्यम कद के और फुर्तीले होते है.
  • हल्लीकर नस्ल (Fresh breed)-  नस्ल के गोधन मैसूर राज्य में पाए जाते है. यह एक स्वतंत्र नस्ल है, इसका ललाट उभरा हुआ और बिच में चीरा हुआ सा होता है. इस नस्ल की गाय अपेक्षाकृत अधिक दूध देती है, इनके सिंग लम्बे और नुकीले तथा कान छोटे होते है.
  • कंगायम नस्ल (Kangayam breed) –  इस नस्ल के गोधन कोयम्बटूर के दक्षिणी एवं दक्षिणी पूर्व के तालुकों में पाए जाते है. इनमे दूध बहुधा कम होता है. कहते है इनके छोटे कान, मस्तक मध्यम, प्रिमानका, गर्दन ओछी तथा पूंछ काफी लम्बी होती है, यह नस्ल सर्वांगी मानी गई है.
  • खिल्लारी नस्ल (Khillari breed)-  इस नस्ल के गोधन का रंग खाकी, सिर बड़ा, सींग लम्बे और पूंछ छोटी होती है, इनका गलकबल काफी बड़ा होता है.
  • कृष्णातटकी कृष्णावेली गाय की नस्ल (Krishna Valley cattle)-  इस जाति की गायें मुंबई के दक्षिणी भाग एवं हैदराबाद राज्य के कृष्णा नदी के तट पर पाई जाती है. इस नस्ल की गाय बहुत अधिक दूध देती है. गाय की यह नस्ल कई जातियों के मिश्रण से बनी है. इनका थुहा काफी बड़ा सिंग और पूंछ छोटे और गलकंबल काफी बड़ा होता है.
  • बैग्लूर नस्ल (Baglur breed)-  इस नस्ल की गाय मद्रास के कोयम्बटूर के बरगूर नामक पहाड़ में बहुतायत मिलती है. सहनशक्ति एवं तेज चाल में कहते है ये अद्वितीय होते है, इन गायों का दूध बहुत कम होता है, इनका सिर लंबा, ललाट कुछ उभरा हुआ और पूंछ छोटी होती है.
  • आलम बदी नस्ल (Alam Badi Breed)-  इस नस्ल को मैसूरी हल्कीकर नस्ल की शाखा मानना चाहिए. इस नस्ल के बैल बड़े परिश्रमी और तेज होते है तथा थोड़ी खुराकापर ही निर्वाह कर सकते है. इन गायों के दूध कम होते है. इनका ललाट उभरा हुआ और लम्बा संकरा होता है, और सींग लम्बे होते है.
  • गीर नस्ल (geer nasl)-  इस नस्ल की भारतीय गाय की पीठ मजबूत, सीधी और समचौरस होती है. कुल्हे की हड्डियाँ प्राय उभरी हुई होती है, पूंछ लम्बी होती है, गीर गाय की नस्ल प्राय एक रंग की नही होती है, वे काफी दूध देती है. इस जाति के बैल मजबूत होते है, यदपि वे मैसूर के बेलों की अपेक्षा कुछ सुस्त और धीमे होते है.
  • देवनी नस्ल (devanee nasl) – यह नस्ल महाराष्ट्र प्रान्त की डांगी नस्ल से मिलती जुलती है, इसमे गीर नस्ल में काफी समानता है, इस नस्ल की गाय के सिर सींग और गीर नस्ल के एक से होते है, इस नस्ल के बैल खेती में अच्छा काम देते है. तथा गौएँ निजाम राज्य की अन्य नस्लों की तुलना में काफी अच्छा दूध देती है.
  • डांगी नस्ल (Stew breed) – इस नस्ल की गाय महारास्ट्र प्रान्त के अहमदनगर और नासिक जिलों में बांसदा, धर्मपुर, जौहर, डांग्स क्षेत्रों में पाये जाते है. वे बड़े परिश्रमी होते है और धान के खेतों में लगातार काम करने से इनके स्वास्थ्य कोई अवांछनीय प्रभाव नही पड़ता, इस नस्ल की गाएं दूध कम देती है. इन गौओं का रंग लाल और सफेद अथवा काला और सफेद होता है.
  • मेवाती नस्ल (Mewati breed)-  इस नस्ल के गाये बहुत सीधी होती है बैल भारी हलों और छ्कड़ो में जोते जाते है. गाए काफी दुधारू होती है. इनमे गीर जाति के लक्ष्ण पाए जाते है तथा कुछ बातों में हरियाना नस्ल के गोधन से भी मिलते है. जिससे यह पता चलता है कि यह एक मिश्रित जाति है, इनका रंग सफेद और मस्तक काले रंग का होता है, इनकी टाँगे कुछ ऊँची होती है.
  • निमाड़ी नस्ल (Nimadi breed)-  इस नस्ल के जानवर बहुत फिर्तिले होते है. इनका रंग व मुह की बनावट गीर जाति की सी होती है. इनके कान मध्यम परिणाम के होते है. सामान्य तौर पर इनका रंग लाल होता है, जिस पर जगह जगह सफेद धब्बे होते है. इस जाति की गाये काफी दूध देती है.
  • कांकरेज नस्ल (Cancroid breed)-  इस जाति के गोधन भारतवर्ष में विशेष मूल्यवान समझे जाते है. यह नस्ल काठियावाड़, बडौदा राज्य एवं सूरत तक फैली हुई है. इस नस्ल के गोधन चलने तथा गाड़ी खीचने में बहुत तेज होते है. कांकरेज जाति की गायों की छाती चोडी, शरीर सबल, ललाट चोड़ा और सींग मुड़े हुए होते है. इनके कान लम्बे और झुके हुए होते है, इनकी चमड़ी भारी गलकबल साधारण प्रिमाणिका होता है. पूंछ अपेक्षाकृत छोटी होती है.
  • मालवी नस्ल (Malviya breed)-  इस जाति की गायों की प्राकृतिक गौचर भूमियों में पाला जाता है, सडको पर हल्की गाडियों को खीचने में तथा खेती में इसका विशेष उपयोग होता है, परन्तु बुढ़ापे में इनका रंग बिलकुल सफेद हो जाता है. मालवी नस्ल के दो अवांतर भेद होते है. 1. ग्वालियर जिले  के दक्षिण पश्चिम भाग में बड़ी रास के गोधन 2. इस भाग के दक्षिणी पश्चिमी भाग में पाये जाने वाले छोटी रास के गोधन. इस नस्ल की गाय कम दूध देती है.
  • नागौरी नस्ल (Nagauri breed)-  इस नस्ल के गोधन जोधपुर मारवाड़ के उत्तरी पूर्वी भाग में पाये जाते है. इस जाति के बैल आकार में बड़े होते है. और तेज दौड़ने के लिए प्रसिद्ध होते है. इनका मुह अपेक्षाकृत संकरा व लम्बा होता है तथा ललाट चपटा. इनकी चमड़ी पतली,गलकंबल, छोटा और पूंछ छोटी होती है इस नस्ल की गाये कम दूध देती है.
  • थारपारकर गाय की नस्ल (Breed of tharparkar cow)-  कच्छ, जोधपुर, जैसलमेर जिलों में इस जाति की गायें बड़ी संख्या में पाली जाती है. इस भूभाग में बालू के टीले बहुत पाये जाते है और वर्षा कम होती है. इस जाति के बैल बड़े परिश्रमी और खाकी सफेद रंग के होते है. इस नस्ल की गाय भारत में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्लों में से एक है. बैल मध्यम परिणाम के होते है, अतएवं खेती एवं गाडियों में जुतने के काम आते है, इनमे कई गुण ऐसें होते है, जिनके कारण इनकी बहुत कदर की जाती है. गाये अधिक दूध देती है, बैल अधिक मेहनत कर सकते है और खुराक पर निर्वाह कर सकते है. इनका मुह काफी लम्बा, ललाट कुछ उभरा हुआ और थुहा मध्यम परिमाण का होता है.
  • बचौर नस्ल (bachaur nasl)- इस नस्ल की गाय बिहार राज्य के अंतर्गत सीतामढ़ी जिले के बचौर एवं कोइलपुर परगने में पायी जाती है. इस जाति के बैल काम करने में अच्छे होते है. इनका रंग खाकी, ललाट चौड़ा आँखे बड़ी बड़ी और कान लटकते हुए होते है.
  • पंवार नस्ल (Pew breed)-  यह पीलीभीत जिले के पटनापुर तहसील में और खेरी के उतर पश्चिम भाग में पाई जाती है. शुद्ध पंवार नस्ल के गाय बैल मुह संकरा तथा सींग लबें और सीधे होते है, इनका रंग प्राय काला और सफेद होता है, इनकी पूंछ लम्बी होती है और ये बड़े क्रोधी और फुर्तीले होते है. ये मैदानों में स्वच्छ रूप से चरना पसंद करते है. गौएँ कम दूध देती है.
  • भगनारी नस्ल (Bhagannari breed)-  नारी नदी के तटवर्ती भाग में पाये जाने के कारण गाय की इस नस्ल को भगनारी कहते है. इस नस्ल के गोधन अपना निर्वाह नदी तट पर उगने वाले घास और अनाज की भूसी आदि से करते है, इस नस्ल की गाये अधिक दूध देती है.
  • दज्जाल नस्ल (dajjaal nasl)-  भगनारी नस्ल का ही दूसरा नाम है, इस नस्ल की गाय पंजाब के देरागजी खां जिले में बड़ी संख्या में पाई जाती है. कहते है कि लगभग बहुत वर्ष पूर्व इस जिले में भगनारी नस्ल के बैल बहुत खास नस्ल के लिए भेजे गये थे. यही कारण है कि देरागाजीखां में इस नस्ल के काफी गौधन है. यही से पंजाब के अन्य भागो में भेजे जाते है.
  • गावलाव नस्ल (gaavalaav nasl)-  यह नस्ल मध्यप्रदेश राज्य की सर्वश्रेष्ट गाय की नस्ल है. इस जाति के सर्वोतम गौधन सतपुड़ा की तराई के वर्धा जिले में, संसार तहसील एवं कुराई परगने में और बइहर तहसील के दक्षिणी भाग में तथा नागपुर जिले के कुछ भाग में पाए जाते  है. ये प्राय मध्यम कद  के होते है, गायों का रंग प्राय निरा सफेद होता है और बैलो का सिर खाकी रंग का होता है, इनका सिर काफी लम्बा एवं संकरा, सींग छोटे और गलकंबल बड़ा होता है, खिल्लारी जाति के बैलों की भाह्ज.
  • हरियाना नस्ल की गाय (Haryana breed’s cow)-  इस नस्ल की गाय बड़ी संख्या में दूध देने के लिए कलकते आदि बड़े नगरो में भेजी जाती है. इस नस्ल के गोधन संयुक्त प्रान्त और राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिले में मुख्य रूप से पाई जाती है. हरियाना जाति के बैल सफेद एवं खाकी रंग के होते है. कलकते में बरसात से पूर्व इनका रंग प्राय सफेद हो जाता है. बैलों की गर्दन और थुले काले होते है. गायो और सांडो के सींग छोटे और मोटे होते है. परन्तु बैल के सींग प्राय मुड़े हुए होते है.
  • हाँसी हिंसार नस्ल (Hansi Hissar breed)-  पंजाब के हिंसार जिले में हाँसी नदी के आस-पास यह नस्ल पाई जाती है. इससे इसका नाम हाँसी हिंसार पड़ा. इस नस्ल की गाये हरियाणा नस्ल के जैसी ही होती है, परन्तु उनकी अपेक्षा अधिक परिश्रमी होते है. इनका रंग सफेद और खाकी होता है. इस जाति के बैल परिश्रमी होते है. पर गाय हरियाणा नस्ल की खूबी को नही पा सकी.
  • अंगोल नस्ल (Angol breed)-  मद्रास प्रान्त का अंगोल नाम का इलाका गायों के लिए प्रसिद्ध है. गंतूर जिले के किसान प्राय इन गोधन को पालते है. इस जाति के गोधन प्राय सीधे और बैल मजबूत होते है. परन्तु अधिक भारी होने के कारण वे अधिक चलने में उपयोगी नही होते है. इस जाति के गोधन बहुत बड़ी संख्या में अमेरिकन नस्ल की गाय  की नस्ल को सुधारने के लिए अमेरिका भेजे जाते है. ये थोड़ा सा सुखा चारा खाकर निर्वाह कर सकते है. इनके शरीर अपेक्षाकृत लम्बे और गर्दन छोटी होती है. ये अपने डील डोल तथा शरीर की गठन के लिए प्रसिद्ध है.
  • राठी नस्ल (Rathi breed)- ये बहुत फुर्तीले और मध्यम परिमाण के हल चलाने के लिए एवं सड़क पर चलने के उपयोगी होते है. इनकी गाये भी दुधार होती है. इन तीन गुणों के कारण राठी नस्ल को कामधेनु कहा जाता है. जबकि नागौरी नस्ल की गाय और बैल अमीर लोगों की कामधेनु कहा जाता है.
  • केनवारिया नस्ल (Canvaria breed)-  यह बुंदेलखंड की प्रमुख नस्ल है. और संयुक्त प्रान्त के बांदा जिले के केण नदी के तट पर पाई जाती है. इस जाति की गाय कम दूध देती है. इनका रंग खाकी होता है. इनका मस्तिष्क ओछा किन्तु छोड़ा तथा सींग मजबूत तथा तीखे होते है.
  • खैरीगढ़ नस्ल (Khairigad breed)-  यह नस्ल संयुक्त प्रान्त के खेरीगढ़ क्षेत्र में पाई जाती है. ये गोधन प्राय सफेद रंग के तथा छोटे संकरे मुह् के होते है. वे केनवारिया नस्ल से मिलते जुलते होते है, ये क्रोधी व फुर्तीले होते है तथा मैदानों में स्वछन्द चरने से स्वस्थ व प्रसन्न रहते है. इनकी गाये दूध कम देती है ये तराई प्रदेश में उपयुक्त होते है.
  • साहिवाल नस्ल (Sahival breed)-  ये मुख्यतया दूध देने वाले गोधन होते है. जो प्राचीन काल में पंजाब के मध्य तथा दक्षिणी भागों में बहुत बड़ी संख्या में पाले जाते थे. दुधारू होने के कारण इस जाति की गायें बड़ी संख्या में शहरों में ले जाई जाती है.
  • लाल रंग की सिंधी नस्ल (Red colored syndi breed)-  यह नस्ल मूलतः कराची के आस-पास और उसके पूर्व के प्रान्त में पाई जाती है. ये आकार में छोटी होती है. किन्तु इनमे दूध देने की अधिक क्षमता होती है. ये चाहे जहा पल सकती है. ये लाल रंग की होती है और मुह पर गलकंबल में कुछ सफ़ेद धब्बे बहुधा रहते है. इनके कान मध्यम परिमाण के होते है, इनकी खुराक में कम खर्चा लगता है और थोड़ी खुराक में ही अपना स्वास्थ्य अच्छा रख लेती है.
  • सीरी नस्ल (Seri breed-  इस जाति की गाय दार्जलिंग के पर्वतीय प्रदेश में तथा सिक्किम एवं भूटान में पाई जाती है. इनका मूल स्थान भूटान ही माना जाता है. और इस जाति के सर्वोतम गोधन दार्जलिंग लाए जाते है. ये प्राय काले और सफेद अथवा लाल रंग के होते है. इनके शरीर बारह महीनों घने बालो से ढके रहते है. जो पर्वतीय प्रदेशो में कड़ाके की सर्दी और मुसलाधार वर्षा से रक्षा करते है. सीरी जाति के गोधन देखने में भारी होता है. थुहा काफी आगे निकला हुआ और कान बहुधा छोटे होते है. इस जाति के बेलों की बड़ी कद्र होती है.

गाय के दूध के फायदे

आहार शास्त्रियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य केवल गाय के दूध का ही सेवन करता रहे तो शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व उससे मिल जाते है. गो दुग्ध से शरीर अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक अशक्त रोग प्रतिरोधक और क्षमतावान हो जाएगा.

इसमे प्रोटीन 0.94, सिन्ग्धता 1.09, आश्रेव्ताशार 1.6, उष्णांक 1.8 तथा चारों विटामिन 1.25% होता है. गाय के एक पौंड दूध से प्राप्त शक्ति 4 अंडो और 250 ग्राम से अधिक प्राप्त होने वाली शक्ति से अधिक है. भैंस के दूध में चिकनाई अधिक होती है, जिसके कारण वह सुपाच्य नही होता है.

नवजात शिशु ( Cow Milk FOR  Babies)  के लिए माँ के दूध से अतिरिक्त केवल गाय का दूध ही एकमात्र विकल्प है. वह बच्चे के लिए माँ के दूध की तरह ही गुणकारी है. गाय के दूध में क्षार अधिक होते है

और पाचक रसों का पर्याप्त समावेश होता है, जिसे बच्चे का पाचन तन्त्र आसानी से पचा लेता है. माँ के दोध की तरह पोषक दूध देने के कारण ही गाय को माता माना गया है.

वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार गाय के दूध में 21 प्रकार के अमीनो एसिड, 11 प्रकार के फेटिएसिड, 6 प्रकार के विटामिन, 8 प्रकार के किण्व, 25 प्रकार के धातु तत्व, 2 प्रकार की सुगर, 4 प्रकार के फास्फोरस तथा 19 प्रकार के नाइट्रोजन तत्व उपलब्ध होते है. इसके अलावा कैलिस्यम, फास्फोरस, लोहा, तांबा, आयोडीन,फ्लोरिन, सिकोन आदि मुख्य खनिज गाय के दूध में पाये जाते है.

मुख्य पाए जाने वाले एंजाइम पेरिविक्टेज, रिटक्टेड, लाईरपेज, प्रोटिएज, लोक्टेज, फास्फेटेज, ओलिंनेज, गैटालेज आदि है. विटामिन ऐ, कैरोटिन डीई, टोकोकेरोल, विटामिन बी-1, बी-2, रिबोफ्लोविन, बी-3, बी-4 तथा विटामिन सी है.

आयुर्वेद में गाय के दूध को प्रकृति प्रदत रसायन कहा गया है. जो दुर्बलता हटाकर रोगियों को नवजीवन प्रदान करता है. प्रसव से पूर्व तथा प्रसव के उपरांत स्तन पान काल में माँ के शरीर में होने वाली सभी प्रकार की कमी को गाय के दूध से ही पूरा किया जाता है.

रक्त अल्पता, संग्रहणी, पाण्डुरोग, पित्त तथा क्षय रोगों की औषधि के साथ साथ पथ्य के रूप में गाय के दूध का सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है.

गाय के दूध के नित्य सेवन से शरीर मजबूत होता है. कफ, वात जनित रोगों का शमन होता है. यह बल व ओज बढ़ाता है. मस्तिष्क एवं ज्ञान तन्तुओं को पोषण देने में गाय का दूध अनुपम है. यह सभी प्रकार के रोगों एवं वृद्धता का नाश करता है.

डॉक्टर पिल्स ने गाय के दूध पर किये गये परिक्षण में पाया कि गाय कोई विषैला पदार्थ खा लेती है, तो भी उसका प्रभाव उसके दूध में नही आता है. न्यूयोर्क की विज्ञान अकेडमी की बैठक में अन्य वैज्ञानिकों ने भी डॉक्टर पिल्स के इस कथन की पुष्टि की थी.

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गाय पर निबंध (Cow Essay in Hindi)

गाय

गाय का उल्लेख हमारे वेदों में भी पाया जाता है। गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है। कहते हैं कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गाय को पालने का चलन बहुत पुराना है। अगर घर में गाय का वास होता है उस घर के सारे वास्तु-दोष अपने आप खत्म हो जाते हैं। इतना ही नहीं, उस घर में आने वाली संकट भी गाय अपने ऊपर ले लेती है। ऐसी मान्यताएं प्रचलित है।

गाय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on Cow in Hindi, Cow par Nibandh Hindi mein)

गाय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

गाय एक पालतु पशु है। प्राचीन काल से ही गौ माता को देवी समान समझा जाता है। हर मंगल कार्य में गाय के ही चीजों का प्रयोग होता है। यहां तक की गाय के उत्सर्जी पदार्थ (गोबर, मूत्र) का भी इस्तेमाल होता है। जिसे पंचगव्य(दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र) की उपमा दी गयी है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।

गाय की शारीरिक संरचना

गाय की शारीरिक संरचना में गाय के दो सींग, चार पैर, दो आंखे, दो कान, दो नथुने, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूँछ होती है। गाय के खुर उन्हें चलने में मदद करते हैं। उनके खुर जुते का काम करते है तथा चोट और झटकों आदि से बचाते है। गाय की प्रजातियां पूरे विश्व भर में पाईं जाती है। कुछ प्रजातियों में सींग बाहर दिखाई नहीं देते। दुग्ध उत्पादन में भारत का समुचे विश्व में पहला स्थान है। गाय का दूध बेहद लाभदायक और पौष्टिक होता है।

गाय के महत्व

भारत में गाय का पौराणिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। पुराणों के अनुसार गाय की हत्या वर्जित है, यह जघन्य पाप है। भगवान शिव की सवारी नंदी गाय है।  धार्मिक और सामाजिक तौर पर गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। गाय आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। गाय से हमें घी, दूध, गोबर आदि प्राप्त होते है।

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। और भी बहुत पालतु जानवर है, लेकिन उन सबमें गाय का सर्वोच्च स्थान है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्त्व को समझना चाहिए। हम सभी को गाय का सम्मान करना चाहिए।

इसे यूट्यूब पर देखें : Cow Essay in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द)

गाय का दूध अति पौष्टिक होता है। नवजात शिशु भी, जिसे कुछ भी पिलाना मना होता है, उसे भी गाय का दूध दिया जाता है। शिशु से लेकर वृध्दावस्था तक हर उम्र के लोगों को गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। बहुत से रोगों से लड़ने की ये हमें ताकत देता है। शिशुओं और रोगियों को विशेष रुप से इसे पीने की सलाह दी जाती है।

वैज्ञानिक भी इसके गुणों का बख़ान करते हैं। केवल दूध ही नहीं, इसके दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर, छाछ सभी डेयरी उत्पाद लाभदायक होते है। जहां पनीर खाने से प्रोटीन मिलता है। वहीं गाय का घी खाने से ताकत मिलती है। आयुर्वेद में तो इसका बहुत महत्व है। अगर किसी को अनिद्रा की शिकायत हो तो नाक में घी की केवल दो-दो बूंद डालने से यह बिमारी ठीक हो जाती है। साथ ही यदि रात में पैर के तलुओं में घी लगा कर सोया जाय तो बहुत अच्छी नींद आती है।

गाय के घृत का धार्मिक महत्व है। इससे हवन-पूजन आदि किया जाता है। और हमारे ऋषि-मुनि जो कुछ भी करते थे, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण अवश्य होता था। जब गाय की घी और अक्षत(चावल) को हवन कुण्ड में डाला जाता है, तब अग्नि के सम्पर्क में आने पर बहुत सारी महत्वपूर्ण गैसें निकलती है, जो वातावरण के लिए उपयोगी होती हैं। गाय के घी में रेडियोधर्मी गैस को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता होती है। इतना ही नहीं हवन का धुआं वातावरण को शुध्द कर देता है। रुसी वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार एक चम्मच गाय के घी को आग में डालने से लगभग एक टन ऑक्सिजन का निर्माण होता है। यह काफी हैरतअंगेज बात है।

गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। जैसे हमारे देश के लिए गांवो का महत्व है, उसी प्रकार गांवो के लिए गायों का महत्व है। पिछले कुछ सालों से गाय के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे है। इसका प्रमुख कारण है – प्लास्टिक।

शहरों में हर चीज हमें प्लास्टिक में ही मिलता है। जिसे हम प्रयोग के बाद कूड़े-कचरे में फेंक देते है। जिसे चरने वाली मासूम गायें खा लेती है, और अपनी ज़ान गवा देती हैं। हम सबको पता है कि प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, इसलिए इसका प्रयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। यह सिर्फ गायों के जीवन के लिए ही नहीं वरन् पर्यावरण के लिए भी जरुरी है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

हमारे शास्त्रों में गायों को माता का दर्जा दिया गया है। गायो को पुजनीय माना जाता है। इसालिए तो भारतीय घरों में घर की पहली रोटी गौमाता को अर्पित की जाती है। प्राचीन समय में गांवो में गायों की संख्या से सम्पन्नता का आकलन किया जाता था।

ऐसा कहा जाता है कि गायों की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। और स्वर्ग में स्थान मिला था। हमारे पुराणों में भी गायों की महिमा का वर्णन किया गया है। पुराण में उल्लेख है कि माता कामधेनु सागर मंथन से प्रकट हुई थी। कामधेनु को सुरभि की संज्ञा दी गयी। कामधेनु को ब्रह्म देव अपने लोक ले गये थे। और फिर लोक कल्याण के लिए ऋषि-मुनियों को सौंप दिया था।

गाय के प्रकार

गाय भिन्न-भिन्न रंग-रुप और आकार की होती है। इनका कद छोटा भी होता है, तो लम्बा भी। इसकी पीठ चौड़ी होती है। जैसे हमारा देश विविध जलवायु लिए हुए है, उसी प्रकार पशु भी अलग-अलग जगहों पर अलग- अलग किस्म के पाएं जाते हैं। गाय भी इसका अपवाद नहीं है।

यह भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। यह मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब प्रांत में पाई जाती है। यह दूध व्यवसायियों की फेवरेट है, क्योंकि यह सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है। इसकी देखभाल अच्छी तरह की जाये तो कहीं भी रह सकती है।

यह मूलतः भारत के गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाती हैं। इसी कारण इसका नाम गिर पड़ा। यह भारत की सबसे दुधारु गाय है। यह सामान्यतः दिन के 50-80 लीटर दूध देती है। इसकी इस खासियत के कारण विदेशों में भी इसकी भारी माँग रहती है। इजराइल और ब्राजील में इसे विशेषतः पाला जाता है।

3) लाल सिंधी

इसके लाल रंग के कारण ही इसका नाम लाल सिंधी है। चूंकि सिंध प्रांत इसका मूल स्थान है, लेकिन अब ये कर्नाटक तमिलनाडू में भी पाई जाने लगी है। यह भी सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है।

4) राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर

यह राजस्थान की जानी-मानी नस्ल है। इसका नाम राठस जनजाति के नाम पर पड़ा है। यह हर दिन 6-8 लीटर दूध देती है। कांकरेज राजस्थान के बाड़मेर, सिरौही और जालौर में अधिक मिलती है। वहीं थारपरकर जोधपुर और जैसलमेर में अधिक दिखती है।

5) दज्जल और धन्नी प्रजाति

यह तीनों प्रजातियां पंजाब में पाई जाती हैं। यह काफी फुर्तीली मानी जाती है। धन्नी प्रजाति ज्यादा दूध नहीं देती। किन्तु दज्जल देती हैं।

6) मेवाती, हासी-हिसार

यह हरियाणा की प्रमुख नस्लें हैं। मेवाती का उपयोग कृषि कार्य में ज्यादा किया जाता है। जबकि हासी-हिसार हरियाणा के हिसार क्षेत्र में मिलती हैं।

गाय का भोजन बहुत ही साधारण होता है। यह शुध्द शाकाहारी होती है। यह हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं। इसे कोई भी साधारण परिवार आराम से पाल सकता है। गायों को मैदानों की हरी घास चरना बहुत पसंद होता है। गाय के दूध से खाने की बहुत सारी चीजें बनती है। गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि बनायी जाती है। इसका दूध काफी सुपाच्य होता है। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।

Cow Essay

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गाय पर निबंध हिन्दी में- Cow Essay in Hindi Language

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Essay on Cow in Hindi ( Gay par Nibandh) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words and 500 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Cow in Hindi. गाय पर पूरी जानकारी जैसे की आकार-प्रकार, स्वभाव, खाद्य-पदार्थ, उपयोगिता, गाय की नस्लें अदि के बारे बताया गया है। 

गाय पर निबंध | Cow Essay in Hindi Language

Cow Essay in Hindi 10 lines for class 1,2,3 ( 100 words )

1.गाय एक पालतू पशु है।

2. गाय अत्यन्त लाभदायक पशु है।

3. गायें कई रंगों की होती हैं।

4. गाय के दो सींग, दो कान, दो आँखें और एक पूँछ होती है।

5. गाय घास, भूसा और दाना खाती है।

6. गाय का दूध तो बहुत गुणकारी माना जाता है।

7. गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल कहलाता है।

8. संसार के विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार की गायें पाई जाती हैं।

9. गाय सीधी सादी और सहज स्वभाव की होती है।

10. गाय हमारे लिये प्रकृति का एक वरदान है।

Read also – 10 Lines on Cow in Hindi

Gay Par Nibandh Hindi Mein for class 4,5 ( 200 words )

गाय एक पालतू पशु है। गाय सफेद, काली, भूरी या चितकबरी कई रंग की होती है। गाय की पूँछ लम्बी होती है, जिससे वह अपने शरीर पर बैठने वाली मक्खियों को उड़ाती है तथा सींगों से अपनी रक्षा करती है। भारतीय हिन्दू इसे आदर की दृष्टि से देखते हैं और इसे ‘गो-माता’ कहते हैं। गाय स्वभाव से बड़ी सरल और भोली होती है। यह घास खाती है। घास के अतिरिक्त इसे खली, चने, बिनौले और भूसा भी खिलाया जाता है। इनसे वह दूध अधिक देती है।

गाय अत्यन्त लाभदायक पशु है। यह हमें दूध देती है। गाय का दूध आरोग्यदायक, स्फूर्तिदायक और शीघ्र पचने वाला होता है। दूध से ही दही, मक्खन, घी, मट्ठा और मावा बनाते हैं। मावे से अनेक प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। गाय का गोबर घरों को लीपने, उपले बनाने तथा खाद के काम आता है। गाय के मूत्र में अनेक रोगों की रोगनाशक शक्ति होती है।

गाय के बछड़े बड़े होकर बैल बनते हैं। वे हल चलाने तथा गाड़ी चलाने के काम आते हैं। इसकी खाल के जूते बनाये जाते हैं। सींगों से सरेस बनता है तथा हड्डियों से खाद बनाई जाती है। अतः हमें गाय की सेवा और रक्षा करनी चाहिए।

Cow Essay in Hindi in 250 words class 6

गाय भी एक पालतू पशु है। इसका दूध हल्का, स्वादिष्ट और मीठा होता है। रोगियों और नन्हे बच्चों के लिए यह दूध बहुत गुणकारी होता है। हमारे ऋषि, मुनि, साधु और सन्त गाय को बहुत मान देते हैं। भारत के लोग इसे माता कहते हैं। यह बड़ी भोली और सीधे स्वभाव की होती है। यह संसार के लगभग सभी देशों में पाई जाती है।

गायें कई रंगों की होती हैं। कोई सफेद होती है तो कोई काली। कोई भूरी होती है तो कोई चितकबरी। उसकी चार टाँगें और चार थन होते हैं। उसके दो सींग होते हैं। जिनसे वह अपनी रक्षा करती है। उसकी एक लंबी पूँछ होती है, जिससे वह अपने शरीर पर बैठी मक्खियों को उड़ाती है।

गाय घास, भूसा और दाना खाती है। कई लोग उसे रोटी तथा खरबूजा आदि फल भी खिलाते हैं। पहले वह भर पेट चारा खाती है, फिर वह खूब जुगाली करती है। जुगाली करते समय उसके मुँह से सफेद झाग निकलती है।

गाय हमें दूध देती है। दूध पीने में स्वादिष्ट और शक्तिवर्धक होता है। दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी बनता है। गाय का दूध पीले रंग का होता है। अतः गाय के दूध से बनी मिठाई पीले रंग की होती है और इसका मक्खन भी पीले रंग का होता है।

गाय के बच्चे बड़े होकर बड़े काम आते हैं। गाय की बछिया बड़ी होकर गाय बन जाती है। गाय के बछड़े बड़े होकर बैल बनते हैं और खेत में हल चलाने के काम आते हैं। हमें गाय की सेवा करनी चाहिए।

Easy Cow Essay in Hindi in 250 for students

परिचय : गाय रीढ़धारी स्तनपायी पालतू चौपाया जानवर है। हिन्दू इसे आदर की दृष्टि से देखते हैं।

आकार : इसके चार पैर, दो कान, दो सींग, दो आँख एवं एक लम्बी पूँछ होती है। इसके खुर दो भागों में बँटे होते हैं। इसकी लम्बाई चार-पाँच हाथ तक होती है। गाय कई रंगों की होती है। जैसे- सफेद, मटमैली, काली और चितकबरी आदि। काली गाय ‘श्यामा’ कहलाती है।

स्वभाव : माय सरल और शान्त स्वभाव की होती है। यह पालने वाले के साथ खूब हिल-मिल जाती है। यह अपने बछड़े को चाट चाटकर प्यार करती है।

भोजन : गाय घास, भूसा, चोकर तथा बिचाली खाती है। यह किसी वस्तु को चबाकर नहीं खाती है बल्कि उसे निगल जाती है । बाद में निगली हुई वस्तु को चबा-चबाकर पागुर करती है।

उपयोगिता : गाय हमारे लिए बहुत उपयोगी है। इसका दूध अमृत तुल्य होता है। दूध से घी, मक्खन, मट्ठा, छेना, मलाई, खोवा तथा अनेक वस्तुएँ बनायी जाती हैं। इसके गाय के गोबर से उत्तम खाद एवं उपले बनते हैं। गाय के मरने के बाद भी उपयोगी है। इसके सींग और हड्डी से बटन और छुरी की बेंट बनती है। चमड़े से जूता, बैग आदि बनते हैं। गाय के नर बच्चे को बछड़ा कहते हैं। बछड़ा बड़ा होने पर बैल कहलाता है। बैल गाड़ी को खींचता है। वह हल जोता जाता है।

उपसंहार : गाय हमारी माता की तरह है। यह प्राचीनकाल से ही मनुष्य का उपकार करती आयी है। इसकी भली-भाँति देख-रेख करना हमारा परम कर्तव्य है।

Hindi Essay on Cow in 270 words class 7

गाय एक उपयोगी पशु है। यह एक पालतू पशु भी है और जंगल में नहीं पाया जाता। इसकी चार टांगे, एक लम्बी पूँछ, दो सींग, दो बड़ी-बड़ी आँखे और दो बड़े-बड़े कान होते हैं। आँखे तो बस देखने लायक होती हैं। यह अपनी लम्बी और घनी पूँछ का उपयोग मच्छर-मक्खी भगाने में करती है। यह कई रंगों की होती है, जैसे काली, सफेद, चितकबरी, भूरी, लाल और मटमैली।

गाय संसार के सभी भागों में पाई जाती है। पहाड़ी गाय मैदानी गाय से आकार में छोटी होती है। गाय का रंभाना भी कानों को अच्छा लगता है। गाय का गोबर घर-द्वार, चूल्हा-चक्की लीपने, उपले बनाकर जलाने और खेतों में खाद के काम आता है। आजकल गोबर-गैस का प्रयोग भी बढ़ रहा है। इसका चमड़ा भी बड़ा उपयोगी होता है।

गाय का दूध तो बहुत गुणकारी और हल्का माना जाता है। इसके दूध से तरह-तरह के पकवान, मिठाइयाँ, घी, मक्खन, पनीर आदि बनाये जाते हैं। दूध अपने आप में एक पूर्ण भोजन है।

धार्मिक देश भारतवर्ष में गाय का महत्त्व प्राचीनकाल से चला आ रहा है। इसे माँ के समान मानकर इसकी पूजा की जाती है। गौ सेवा धर्म माना जाता है। गोदान श्रेष्ठ दान माना जाता है। मरने वाले व्यक्ति के अंतिम समय में गोदान किया जाता है। गोवर्धन के दिन गाय के गोबर को जलाकर पूजते हैं। गौमूत्र औषधियों में भी प्रयोग किया जाता है।

गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल कहलाता है। बैल-गाड़ी खींचने, हल चलाने, बोझा ढोने आदि कामों में यह प्रयुक्त होता है। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में गाय की बड़ी महिमा मिलती है। गौ-हत्या को बहुत बड़ा पाप माना गया है। सभी शुभ अवसरों पर हमारे यहाँ गोदान का विधान है।

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Essay on Cow in Hindi 300 words for class 8

गाय एक पालतू पशु है। यह पालतू पशुओं में सर्वाधिक उपयोगी पशु है। गाय सम्पूर्ण विश्व में देखी जा सकती है। यह भारत में पाया जाने वाला मुख्य घरेलू पशु है। भारतीय गायें अपने रंग, आकार तथा आकृति में अन्य देशों की गायों से भिन्न हो सकती हैं।

किसानों के जीवन का तो मुख्य आधार गाय है। यह किसानों के लिये सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। गाय शुद्ध शाकाहारी पशु है। यह घास, भूसा, खली, चारा खाती है तथा दूध देती है। गाय का दूध शरीर के लिये अत्यंत पौष्टिक होता है। किसान इसके गोबर का प्रयोग खेतों में खाद के रूप में करता है। गाय के गोबर से कंडे बनते हैं जो ईंधन के काम आते हैं। गाय के गोबर से अब तो उपयोगी गोबर गैस भी बनने लगी है। गाय का दूध, दही, मट्ठा, पनीर आदि बनाने के काम आता है। घी तथा विभिन्न मिठाइयाँ भी गाय के दूध से बनती हैं। गाय का दूध स्वयं में पूर्ण आहार है। नवजात शिशुओं के लिये यह दूध ही प्रयोग किया जाता है। यह हड्डियों को मजबूती तथा दिमाग को स्फूर्ति देता है। गाय की खाल का प्रयोग चमड़ा बनाने में होता है। इसके चमड़े से जूते, चप्पल, जैकेट आदि बनाई जाती हैं। वास्तव में यह अत्यंत थोड़ा भोजन करती है किन्तु बदले में यह इंसान को उसके उपयोग की बहुत सी वस्तुयें प्रदान करती है।

भारत में तो यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्राणी है। श्रीकृष्ण के समय से ही गाय को एक उपयोगी पशु माना गया है। इसकी पूजा की जाती है। भारत में हिन्दू धर्म के अनुयायी गाय की पूजा करते हैं तथा इसे गौ माता कहते हैं। यह हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है। गाय का बछड़ा अब भी बहुत से स्थानों में हल जोतने के काम में लाया जाता है। यह अत्यंत सीधी होती है तथा किसी को हानि नहीं पहुँचाती है। हमारे लिये यह प्रकृति का एक वरदान है।

Long Essay on Cow in Hindi in 500 to 600 words for class 9,10,11,12

भूमिका

भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए पशुओं की बहुत आवश्यक रही है और आज भी है। इन पशुओं में गाय का सबसे अधिक महत्व है। हिन्दू गाय को गोमाता मानते हैं। गोधन हमारे आर्थिक संसार का महत्वपूर्ण अंग है। अतीत-काल की ‘कामधेनु’ की महिमा कौन नहीं जानता है। गाय की उपयोगिता और गुणों के कारण हम उसे ‘गोमाता’ कहते हैं।

परिचय और आकार-प्रकार

गाय एक चौपाया पशु है। इसके दो सींग, दो कान, दो आँखें और एक पूँछ होती है। पूंछ से यह हाथ का काम लेती है। यह इससे मच्छड़ और मक्खियाँ उड़ाती है। इसके पैरों में खुर होते हैं। गाय के शरीर की लम्बाई लगभग चार-पाँच हाथ और उँचाई अढ़ाई-तीन हाथ होती है। इसकी पिछली दो टाँगों के बीच में चार थन होते हैं जिनसे दूध निकलता है।

गायें सफेद, काली, लाल, चितकबरी आदि कई रंगों की होती हैं। संसार के विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार की गायें पाई जाती हैं। किन्हीं देशों की गायें बिना कूबड़ की, किन्हीं की बिना सींग की और किन्हीं की लम्बी पूंछ वाली होती हैं।

प्राप्ति स्थान

गाय प्रायः सारे संसार में पाई जाती है। हर प्रकार की प्राकृतिक अवस्था वाले क्षेत्रों में गाय उपलब्ध होती है। आस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूरोप आदि देशों में पाई जाने वाली गाएँ अधिक दूध देने वाली होती हैं। हमारे देश में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब तथा गुजरात की गायें अच्छी नस्ल और दुधारू होती हैं।

स्वभाव

गाय सीधी सादी और सहज स्वभाव की होती है। यह अपने मालिक और बच्चों को बहुत प्रेम करती है। यह किसी को कष्ट और चोट नहीं पहुँचाती है। नन्हें-नन्हें बच्चे भी इससे घुलमिल जाते हैं। गाय अपने बच्चों को बहुत प्यार करती है। कुछ गायें अपने बच्चों के अभाव में दूध नहीं देती हैं।

खाद्य-पदार्थ

गाय शुद्ध शाकाहारी जानवर है। हरी घास और कोमल पौधे इसके प्रिय खाद्य-पदार्थ हैं। वैसे यह चोकर, अन्न, खली आदि भी बहुत चाव से खाती है। गाय खाद्य पदार्थ को सीधे निगल लेती है और फिर धीरे-धीरे जुगाली करके उसे पचाती है।

उपयोगिता

संसार में गाय सबसे उपयोगी जानवर है। गाय का दूध अमृत के समान महत्वपूर्ण है। उसमें जीवन-रक्षा के बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। गाय का दूध हर अवस्था के व्यक्ति के लिए लाभकारी है। मरीजों के लिए तो यह अमृत के समान है। गाय के गोबर और मूत्र को हिन्दू बहुत ही पवित्र मानते हैं। गाय के गोबर से लीपी गई जमीन को देवी-देवताओं के पूजन तथा दूसरे धार्मिक कामों के लिए पवित्र माना जाता है। गोमूत्र अनेक रोगों को दूर करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। गाय के दूध से मलाई, रबड़ी, मक्खन, घी, पनीर, छेना आदि चीजें बनाई जाती हैं। गाय के गोबर से खाद बनाई जाती है, जो फसल के लिए बहुत ही उपयोगी होती है। इसके गोबर से उपले बनाये जाते हैं, जो जलावन के काम आता है। गाय के मरने के बाद इसके शरीर से अनेक उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं। गाय के चमड़े से जूते, सूटकेस, थैले आदि बनाए जाते हैं। गाय की हड्डियों से कलम, चाकू के बेंट तथा अन्य चीजें बनाई जाती हैं। इसके सींग से कंघी, बटन, कलम, खिलौने, आदि वस्तुएँ बनती हैं। गाय के बछड़े बड़े होकर हमारे बड़े काम में आते हैं। वे हमारी गाड़ी खींचते हैं, हल जोतते हैं और बोझा ढोते हैं। बैल हमारी खेती की रीढ़ हैं। इससे यह प्रमाणित होता है कि गाय हमारे लिए कितनी उपयोगी है। माता जैसे अपनी संतान का पालन-पोषण और उससे प्रेम करती है वैसे ही गाय हमारे लिए करती है। अत: उसे ‘गोमाता’ कहना बिलकुल सही है।

उपसंहार

ऊपर कही गयी बातों से लगता है कि गाय वास्तव में हमारी माता है, देवी है, पूजनीया है। गोबध हमारे देश में सबसे निन्दनीय एवं जघन्य अपराध है। गाय की उपयोगिता देखते हुए हमें गोधन की रक्षा करनी चाहिए और उसकी वंशवृद्धि के लिए हर स्तर पर प्रयत्न करना चाहिए। गाय को केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, आर्थिक दृष्टि से भी रक्षा करने की आवश्यकता है।

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Essay on Cow in Hindi : बच्चों और छात्रों के लिए गाय पर निबंध

Essay on Cow in Hindi

  • Nibandh Lekhan

गाय भारतीय संस्कृति और समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसे न केवल एक घरेलू पशु के रूप में, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी आदर दिया जाता है। गाय को ‘गौ माता’ के रूप में पूजा जाता है और इसे पवित्र माना जाता है। विद्यालय में बच्चों को गाय पर निबंध (Essay on Cow in Hindi) लिखने को दिया जाता है इसलिए आपकी मदद के लिए इस ब्लॉग में गाय पर 100, 200, और 500 शब्दों के निबंध दिए गए हैं।

गाय पर 100 शब्दों का निबंध

गाय भारतीय संस्कृति में पवित्र और आदरणीय पशु है। इसे ‘गौ माता’ के रूप में पूजा जाता है। गाय का दूध, घी, दही, मक्खन आदि हमारे पोषण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये धार्मिक अनुष्ठानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गाय के गोबर और गोमूत्र का उपयोग खेती और औषधियों में किया जाता है। यह पशु हमारी अर्थव्यवस्था और कृषि का अभिन्न अंग है। हमें गाय का सम्मान और इसे संरक्षित करना चाहिए, क्योंकि यह हमारे जीवन और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

गाय पर 200 शब्दों का निबंध

गाय भारतीय समाज और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत पवित्र माना जाता है और इसे ‘गौ माता’ के रूप में पूजा जाता है। गाय का दूध हमारे दैनिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे दूध, दही, घी, मक्खन आदि तैयार होते हैं। यह पोषण के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होते हैं।

गाय का गोबर और गोमूत्र भी बहुत उपयोगी होते हैं। गोबर का उपयोग खाद बनाने में, घरों को लिपने में और ईंधन के रूप में किया जाता है। गोमूत्र को औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और कई आयुर्वेदिक दवाओं में इसका उपयोग होता है।

गाय कृषि के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खेती में गोबर की खाद और बैलों का उपयोग किया जाता है। गाय के बिना हमारा कृषि तंत्र अधूरा है। हमें गायों का सम्मान करना चाहिए और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। गाय हमारी संस्कृति, धर्म और अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है।

यह भी पढ़ें : बाल मजदूरी पर निबंध

गाय पर 500 शब्दों का निबंध

गाय पर निबंध (Essay on Cow in Hindi) नीचे दिया गया है –

गाय भारतीय समाज में एक विशेष स्थान रखती है। इसे न केवल एक घरेलू पशु के रूप में देखा जाता है, बल्कि इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी आदर दिया जाता है। गाय को ‘गौ माता’ के रूप में पूजा जाता है और इसे पवित्र माना जाता है।

गाय का धार्मिक महत्व

भारतीय संस्कृति में गाय का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। हिंदू धर्म में गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है और इसे पूजा जाता है। प्राचीन समय से ही गाय का हमारे धार्मिक अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसे घरों में पवित्र माना जाता है और कई त्योहारों और विशेष अवसरों पर इसकी पूजा की जाती है।

पोषण और स्वास्थ्य

गाय का दूध हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पोषण का एक प्रमुख स्रोत है और हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। गाय के दूध से दही, घी, मक्खन और छाछ जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं, जो हमारे भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये सभी उत्पाद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

आर्थिक महत्व

गाय का हमारे आर्थिक जीवन में भी महत्वपूर्ण स्थान है। ग्रामीण क्षेत्रों में गाय का पालन पोषण एक प्रमुख व्यवसाय है। गाय के दूध और दूध से बने उत्पादों की बिक्री से कई परिवारों की आजीविका चलती है। इसके अलावा, गोबर का उपयोग खाद बनाने में, ईंधन के रूप में और घरों को लिपने में किया जाता है। गोबर गैस प्लांट में भी गोबर का उपयोग किया जाता है, जिससे ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

पर्यावरण और कृषि में योगदान

गाय का गोबर और गोमूत्र पर्यावरण के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। गोबर से बनी खाद खेतों में उपयोग की जाती है, जो मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाती है। गोमूत्र का उपयोग जैविक कीटनाशकों के रूप में किया जाता है, जो फसलों को कीटों से बचाने में मदद करते हैं।

गाय कृषि के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बैलों का उपयोग खेती में हल चलाने के लिए किया जाता है। गोबर की खाद खेतों की उर्वरकता को बढ़ाती है और अच्छी फसल प्राप्त करने में मदद करती है।

गाय हमारे जीवन, संस्कृति, धर्म और अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है। हमें गाय का सम्मान करना चाहिए और उसकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। यह हमारे पोषण, स्वास्थ्य और कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। गाय के बिना हमारा समाज और संस्कृति अधूरी है। इसलिए, हमें गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रयासरत रहना चाहिए और उनके महत्व को समझते हुए उन्हें आदर देना चाहिए।

गाय पर निबंध 10 लाइन

छोटे बच्चों के लिए गाय पर निबंध 10 लाइन नीचे दी गई है –

  • गाय एक पालतू जानवर है जो भारत में विशेष महत्व रखती है। 
  • गाय के चार पैर और दो सिंग होते हैं।
  • गाय के मूत्र का आयुर्वेद में भी उपयोग किया जाता है।
  • यह मुख्य रूप से दूध देने के लिए पाली जाती है, जिससे हमें ताजे दूध, दही, घी और अन्य डेयरी उत्पाद मिलते हैं।
  • गाय को पवित्र माना जाता है और इसे भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान प्राप्त है। 
  • गाय की पूजा कई धार्मिक अनुष्ठानों में की जाती है। 
  • इसके गोबर का उपयोग उर्वरक के रूप में किया जाता है, जिससे कृषि में लाभ होता है। 
  • गाय का दूध पोषण के लिए अत्यंत लाभकारी है, जिसमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन होते हैं। 
  • गाय शांत और सहनशील स्वभाव की होती है। 
  • गाय का संरक्षण करना चाहिए, क्योंकि यह हमारे पर्यावरण और जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

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Cow Essay in Hindi | 10 Lines on cow in Hindi | गाय पर निबंध हिंदी में

यहां हम छात्रों के लिए ‘गाय’ पर निबंध (cow essay in hindi) लिखने के लिए कुछ जानकारिया आपलोगो के साथ साझा कर रहे हैं, जिसकी मदद से छात्र और छत्राए अपने स्कूल के परीक्षा या प्रोजेक्ट के लिए गाय (gay par nibandh hindi mein) निबंध आसानी से पढ़ कर लिख सकते हैं।

गाय पर हिंदी में निबंध (Gay Par Nibandh)

इस लेख में हम जानेंगे कि गाय को माता क्यों कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में गाय का क्या महत्व है, गाय के क्या उपयोग हैं आदि। हिंदू धर्म में गाय को माता के समान माना जाता है और उसे “गौ माता” कहकर संबोधित किया जाता है। गायें पूरी दुनिया में पाई जाती हैं और दुनिया भर में उन्हें पालतू जानवर के रूप में रखा जाता है। हमारे देश भारत में गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है। अक्सर छात्रों को असाइनमेंट के तौर पर या परीक्षा में गायों पर निबंध (Cow Par Nibandh) लिखने के लिए कहा जाता है। यह पोस्ट कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250, 350 शब्दों में गाय पर (Essay on Cow in Hindi) पैराग्राफ प्रदान करता है।

गाय पर सबसे आसान 8 लाइन (8 Lines On Cow In Hindi)

  • गाय एक पालतू जानवर है।
  • गाय के 4 पैर, 2 सींग और एक पूंछ होती है।
  • गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • दही और घी भी खाने में स्वादिष्ट होते हैं।
  • गोबर का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
  • गाय एक शाकाहारी पशु है।
  • यह घास, पत्ते, और फल खाता है।
  • गाय एक शांत और सहयोगी पशु है।

गाय   पर 10 लाइन (10 lines on Cow in Hindi)

  • गाय हमारी माता होती है।
  • गाय एक पालतू जानवर है जिसे कई लोग दूध आपूर्ति के लिए पालते हैं।
  • गाय का मुख्य आहार घास भूसा, चोकर, पत्ते और हरी सब्जियां खाती है|
  • गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं।
  • हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
  • गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
  • गाय के दूध से घी, मक्खन जैसे अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ भी बनाये जाते है।
  • गाय के गोबर का उपयोग उर्वरक के रूप में खेतों में उपज बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • गाय के घी और मूत्र का उपयोग कई औषधियां बनाने में किया जाता है।
  • हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना जाता है और उसकी हत्या करना महापाप माना जाता है।

गाय की शारीरिक संरचना

गाय का शरीर भारी होता है| गाय का एक मुंह, दो आंखें, दो कान, चार थन, दो सींग चार पांव होते हैं। पांवों के खुर गाय के लिए जूतों का काम करते हैं। गाय की पूंछ लंबी होती है तथा उसके किनारे पर एक गुच्छा भी होता है, जिससे वह मक्खियां उड़ाने का काम करती है।

गाय की उपयोगिता

गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है। यह बच्चों और बीमारों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। दूध से दही, पनीर, मक्खन, घी आदि बनते हैं। गाय का गोबर खेती के लिए एक अच्छा खाद है। यह ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। गाय का गोमूत्र कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

गाय के रंग: गाय कई रंगों की होती है, जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है।

300 शब्दों में गाय पर निबंध (Cow Essay in 500 Words)

गाय क्या है .

गाय एक घरेलू जानवर है. यह हमारे समाज में पूजनीय जानवरों में से एक माना जाता है। गाय को मनुष्यों के लिए सबसे उपयोगी प्रजातियों में से एक माना जाता है और देश के सभी क्षेत्रों में इसकी पूजा की जाती है। गाय हमें दूध देती है, जिसका उपयोग दही, पनीर, घी आदि सहित विभिन्न उत्पाद बनाने में किया जाता है।

गाय का चरित्र ?

हिंदू धर्म में गाय को ‘गौ माता’ कहा जाता है और उसकी पूजा की जाती है। मानव जीवन में गाय की भूमिका की बात करें तो गाय हमें दूध देती है। दूध के कई फायदे हैं जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। दूध में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो मानव शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। गायें न केवल हमें दूध या उससे बने उत्पाद प्रदान करती हैं, बल्कि वे हमारी कृषि को कई मायनों में सफल बनाने में भी भूमिका निभाती हैं, चाहे वह गोबर से खाद बनाना हो या भूमि को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए खेती करना हो।

गाय का महत्व

मानव जीवन में गाय का बहुत महत्व है। हमारे उपयोग के लिए, गायें अनाज काटने के बाद पौधे के बचे हुए हिस्सों को खा सकती हैं, जो उनका चारा है। इस तरह, किसान और कंपनियां उप-उत्पादों के लिए भुगतान न करके पैसे बचा सकते हैं और उन्हें पशु आहार के रूप में बेचकर पैसा कमा सकते हैं।

गाय पालने के क्या फायदे?

गाय के गोबर और गोमूत्र के अनेक फायदे हैं। ये दोनों पदार्थ कीटनाशक और फफूंदनाशक बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा गाय का दूध भी बहुत उपयोगी होता है, यह कई तरह के डेयरी उत्पाद बनाने में मदद करता है।

500 शब्दों में गाय पर निबंध (Essay on Cow in 500 Words)

गाय, भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पशु है। यह हिन्दू धर्म में मातृका के रूप में पूजी जाती है और उसे ‘गौ-माता’ कहा जाता है। गाय का सम्बंध भारतीय ग्राम्य जीवन से है और यह देश के अनेक हिस्सों में एक सांझीविनी स्त्री की भूमिका निभाती है।

गाय को गायिनी और बछड़े को गौरक्षक कहा जाता है। गाय का दूध, दही, घी और मुट्ठी भर में गोबर कई उपयोगी चीजें उत्पन्न करते हैं। गाय का दूध आहार में बहुत ऊर्जा प्रदान करता है और इसमें विटामिन और पोषण भरपूर मात्रा में होता है। गाय के गोबर से खेतों में खाद बनती है और इसे अनेक औषधियों की खेती के लिए भी प्रयुक्त किया जाता है।

गाय को हमारे जीवन में सांस्कृतिक महत्व भी है। हिन्दू धर्म में, गाय को देवी के रूप में पूजा जाता है और इसे संतान सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। गाय की पूजा विशेष रूप से गौ-पूजा अखंडित भारत में की जाती है, जो गाय को धर्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बना देती है।

गाय एक बहुउपयोगी पशु है। यह मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। गाय के दूध, घी, गोबर, और मूत्र सभी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। गाय का दूध मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, और अन्य पोषक तत्वों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। गाय का दूध बच्चों, रोगियों, और वृद्धों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है।

गाय का घी भी एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन में सहायता करता है। गाय का घी आयुर्वेदिक दवाओं में भी प्रयोग किया जाता है। गाय का गोबर एक उत्कृष्ट उर्वरक है। यह मिट्टी को उपजाऊ बनाता है और फसलों की पैदावार बढ़ाता है। गाय का गोबर ईंधन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

गाय का मूत्र भी औषधीय गुणों वाला होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। गाय एक शांत और सौम्य स्वभाव का पशु है। यह मनुष्यों के प्रति स्नेहपूर्ण होता है। गाय की सेवा करने से मनुष्य को पुण्य प्राप्त होता है। गाय हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह हमें भोजन, ऊर्जा, और औषधि प्रदान करती है। गाय की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

गाय का धार्मिक महत्व

भारत में गाय को एक पवित्र पशु माना जाता है। हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। गाय को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। गाय को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

हिंदू धर्म में गाय की पूजा की जाती है। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन गायों को सजाया जाता है और उन्हें भोजन और उपहार दिए जाते हैं।

गाय का धार्मिक महत्व केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। अन्य धर्मों में भी गाय को एक पवित्र पशु माना जाता है। जैन धर्म में गाय को सबसे महत्वपूर्ण पशु माना जाता है। जैन धर्म में गाय को हिंसा से बचाने का विशेष महत्व दिया जाता है।

गाय का सामाजिक महत्व

गाय का सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गाय के दूध, घी, गोबर, और मूत्र का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। गाय ग्रामीण लोगों को रोजगार भी प्रदान करती है।

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Hindi Essay

गाय पर निबंध | Essay on Cow in Hindi 500 Words | PDF

Essay on cow in hindi.

Essay on Cow in Hindi 500 + Words (Download PDF) गाय पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि गाय पर एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

गाय एक पालतू जानवर है। गाय का महत्व पूरे विश्व में माना जाता है , जो आमतौर पर हर जगह पाई जाती है। लेकिन अगर हम भारत की बात करें तो यह प्राचीन काल से ही भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चाहे वह दूध की बात हो या दूध से बनी मिठाई या भोजन की।

Essay on cow in Hindi

प्राचीन समय में, किसी के पास गायों को होना समृद्धि का संकेत माना जाता था। दूध उत्पादन के अलावा, यह एक बहुत ही उपयोगी घरेलू जानवर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 190 मिलियन गायों की आबादी है।

एक गाय एक पालतू जानवर है, इसलिए इसे आमतौर पर घरों में पाला जाता है। गाय का दूध बहुत पौष्टिक होता है। एक गाय आमतौर पर एक बार में पांच से दस लीटर दूध देती है। गाय की दूध से मिठाई, छाछ, मक्खन, पनीर और दही बनाया जाता है और अन्य मिठाई गाय के दूध से बनाया जाता है। यह बीमार व्यक्ति और बच्चों के लिए बहुत उपयोगी आहार माना जाता है।

गाय का दूध अन्य जानवरों की तुलना में बहुत फायदेमंद माना जाता है। जब भैंस और गाय के दूध की तुलना की जाती है, जहां भैंस का दूध सुस्ती लाता है, जबकि गाय का दूध बच्चों में बहुमुखी प्रतिभा को बनाए रखता है। बच्चों को विशेष रूप से डॉक्टरों और विशेषज्ञ द्वारा गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है।

इसके गोबर का उपयोग खेतों में उर्वरक के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा, गोबर को सुखाया जाता है और ईंधन के काम में उपयोग किया जाता है। फसलों के लिए सबसे अच्छा उर्वरक है । गोमूत्र बहुत पवित्र माना जाता है। गाय के घी और गोमूत्र का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है।

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यहजीवन भर कुछ न कुछ देती रहती है। मृत्यु के बाद भी, उसके शरीर के हर अंग का उपयोग किया जाता है। इसकी हड्डियों से कई कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए गाय के चमड़े, सींग, खुरों का उपयोग प्रतिदिन किया जाता है। गाय की हड्डियों से तैयार खाद का उपयोग खेती के लिए किया जाता है और इसकी खाल को सुखाकर चमड़े के रूप में उपयोग किया जाता है।

शारीरिक संरचना:

सभी देशों में गाय की संरचना समान पाई जाती है, लेकिन गाय की ऊंचाई और नस्ल में अंतर होता है। कुछ गाय अधिक दूध देती हैं और कुछ कम देती हैं। गाय के दो कान, चार थन, एक मुंह, दो आंखें, दो सींग और दो नथुने होते हैं।

यह एक चार पैरों वाला जानवर है और उसके चारों पैरों पर खुर हैं, पैरों के खुर गाय के जूते के रूप में काम करते हैं। जिसके साथ वे किसी भी कठिन स्थान पर चल सकते हैं।

इसकी पूंछ लंबी होती है और इसके किनारे पर एक गुच्छा भी होता है, जिसका उपयोग वह मक्खियों को उड़ाने आदि के लिए करती है। गाय की कुछ प्रजातियों में सींग नहीं होते हैं। इसके मुंह के निचले जबड़े में केवल 32 दांत पाए जाते हैं, इसलिए गाय लंबे समय तक भोजन चबाती रहती है।

गायों की प्रमुख नस्लें:

दुनिया भर में गायों की कई नस्लें हैं, जिनमें से कुछ अच्छा दूध देती हैं और कुछ के शरीर मजबूत होते हैं। भारत में, मुख्य रूप से गाय की नस्लें हैं जैसे कि साहीवाल (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार), गिर (दक्षिण काठियावाड़), थारपारकर (जोधपुर, जैसलमेर, और कच्छ), करण फ्राई (राजस्थान) आदि।

विदेशों में भी गायों के कई प्रकार हैं। जिसमें जर्सी गाय सबसे लोकप्रिय है। क्योंकि यह अधिक दूध देती है। भारतीय गायें आकार में छोटी होती हैं, जबकि विदेशी गायों का शरीर थोड़ा भारी होता है। गाय कई रंगों की होती है जैसे लाल, काली, सफेद, दबी हुई।

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गाय का धार्मिक महत्व:

अन्य देशों में, गाय को केवल एक घरेलू जानवर माना जाता है, लेकिन भारत में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। गाय को प्राचीन भारत और वर्तमान समय में भी समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। ऐसा माना जाता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवता निवास करते हैं।

भारत में कई स्थानों पर लोगों और संस्थानों द्वारा गौ आश्रय का निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से आवारा और घायल गायों को भोजन दिया जाता है और उनका उपचार किया जाता है।

गाय शांति प्रिय और पालतू होती है। दुर्भाग्य से, शहर की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जिस तरह से शहरों में पॉलिथीन का उपयोग कर फेंक दिया जाता है। इसके सेवन से समय से पहले गायें मर जाती हैं। हमारे भारत में गाय को माँ का दर्जा दिया गया है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि यह जीवन भर कुछ न कुछ देती रहती है, इसलिए हमें इसके जीवन से कुछ सीखना चाहिए।

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FAQs. on Cow

गाय हमारे लिए कैसे उपयोगी है.

उत्तर – गाय सबसे उपयोगी घरेलू जानवर है। इसका मनुष्यों और पर्यावरण को कई अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है जिसे हम पहचानने या सराहना करने में विफल होते हैं। गायों को दूध और अन्य डेयरी उत्पादों के लिए डेयरी जानवरों के रूप में बढ़ाया जाता है और यह माना जाता है कि, गाय का घी बच्चों के मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।

गाय क्या खाती है?

उत्तर – गाय घास खाती है और 50 प्रतिशत से अधिक गाय चारा वास्तव में घास है। जबकि लोग अक्सर सोचते हैं कि डेयरी गायों को उच्च अनाज वाला आहार दिया जाता है, लेकिन वास्तव में, वे मकई, गेहूं और जई के पत्तों और तनों को खाने की तुलना में अधिक बार नहीं खाते हैं।

हम गायों की पूजा क्यों करते हैं?

उत्तर – हिंदू धर्म में, अधिकांश हिंदू, हालांकि, शाकाहारी हैं और वे गाय को जीवन का एक पवित्र प्रतीक मानते हैं जिसे संरक्षित और पूजनीय होना चाहिए। वेदों की शास्त्र पुस्तक में गाय को सभी देवताओं की माता अदिति माना गया है।

गाय एक घरेलू जानवर क्यों है?

उत्तर – गायों को उनके दूध के लिए पालतू बनाया जाता है और खेतों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसका उपयोग परिवहन के लिए किया जाता है, और उनके गोबर का भी। गोबर का उपयोग महत्वपूर्ण ईंधन उर्वरक के रूप में किया जाता है। कृषि में, गायों के वर्चस्व के पीछे यह एक प्रमुख आर्थिक शक्ति है। हरित क्रांति के बाद, भारतीय खेती कुछ हद तक आधुनिक हो गई है।

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essay for cow in hindi

Essay on Cow in Hindi – गाय पर हिंदी में निबंध

essay on cow in hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Cow  (गाय) for classes 1 to 12

गाय पर निबंध – इस लेख में  गाय को माता क्यों कहते हैं, गाय का भारतीय संस्कृति में महत्व क्या है, गाय का उपयोग क्या है, आदि  के बारे में जानेंगे | गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है और इसे ”गौ-माता” कहकर संबोधित किया जाता है। गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती है और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है। हमारे भारत देश में गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में गाय पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में गाय पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250, 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • गाय पर 10 लाइन
  • गाय पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • गाय पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • गाय पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • गाय पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

   

गाय  पर 10 लाइन 10 lines on Cow in Hindi

  • गाय एक पालतू जानवर है जिसे कई लोग दूध आपूर्ति के लिए पालते हैं।
  • गाय का मुख्य आहार हरा चारा, भूसा और चोकर होता है।
  • गाय के नर बच्चे को ‘बछड़ा’ और मादा बच्चे को ‘बछिया’ कहा जाता है।
  • गाय के नर बछड़े बड़े होने पर कृषि उद्योग और गाड़ी खींचने के काम आते है।
  • गाय के दूध को अमृत के समान माना जाता है।
  • गाय के दूध से घी, मक्खन जैसे अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ भी बनाये जाते है।
  • गाय के गोबर का उपयोग उर्वरक के रूप में खेतों में उपज बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • गाय के घी और मूत्र का उपयोग कई औषधियां बनाने में किया जाता है। 
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है।
  • हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना जाता है और उसकी हत्या करना महापाप माना जाता है।

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Short Essay on Cow in Hindi गाय पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

गाय पर निबंध – गाय वैदिक काल से ही दूध और अन्य मूल्यवान संसाधनों का स्रोत रही है। प्रारंभ में, गायों का उपयोग मुद्रा के रूप में किया जाता था, और किसी व्यक्ति की संपत्ति उनके पास मौजूद गायों की संख्या से मापी जाती थी। इसके अलावा, हिंदू धर्म में गाय को माता माना गया है और उसकी सेवा करना पुण्य माना जाता है, वहीं उसकी हत्या करना घोर पाप माना जाता है।

गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

गाय एक जानवर है। उसके चार पैर, दो आंखें और दो कान होते हैं। उसके दो सींग और एक लंबी पूंछ होती हैं। गाय बहुत रंग की होती है। कुछ उजली, कुछ काली, कुछ भूरी होती है। गाय हरा घास और भूसा खाती है और हमें दूध देती है। उसका दूध मीठा और पौष्टिकता से भरपूर होता है और दूध से दही, पनीर और मक्खन जैसे अन्य खाद्य पर्दाथ भी बनाया जाता है, जिसका सेवन सभी लोग करते हैं। इसके अलावा, गाय से प्राप्त गोबर का उपयोग खेती में खाद के रूप में किया जाता है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है। बहुत से लोग दूध के लिए गायों को पालते है। हिन्दू, गाय को गौमाता कहते है।    Top    

गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

गाय सभी जानवरों में सबसे उपयोगी जानवर है क्योंकि यह अपने दूध के माध्यम से लोगों का भरण-पोषण करती है। इसके दूध में कैल्शियम व अन्य विटामिन्स होते है जो मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त, दही, पनीर, घी-मक्खन आदि जैसे डेयरी प्रोडक्ट भी इसके दूध से बनाया जाता है जो लोगों के दैनिक आहार का हिस्सा होता है। इसलिए बहुत से लोग दूध की आपूर्ति व अन्य जरूरतों के लिए इसे अपने घर पर पालते है। गाय का मुख्य आहार घास और भूसा होता है और इससे प्राप्त होने वाला गोबर कृषि में उर्वरक के रूप में किया जाता है, जिससे फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होती है। नर गाय जिन्हें बैल कहा जाता है, का उपयोग खेतों की जुताई या गाड़ी खींचने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, गाय के घी और मूत्र का उपयोग कई औषधियां बनाने में किया जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। 

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गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

गाय एक महत्वपूर्ण पालतू जानवर है जो पूरी दुनिया में विभिन्न आकृतियों, रंगों और आकारों में पाई जाती हैं। विश्व स्तर पर गायों की 1000 से अधिक नस्लें हैं। विदेशी नस्ल की गायों को जर्सी बोलते है। भारत में, 30 से अधिक गाय की नस्लें हैं, जिनमें लाल सिंधी, साहीवाल, गिर, देवनी, थारपारकर आदि देश की मुख्य दुधारू गाय की नस्लें हैं। ये नस्लें उच्च गुणवत्ता वाला दूध देती है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। ऐसा कहा जाता है कि गायों में सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने की विशेष क्षमता होती है जिससे उनके दूध, घी आदि में स्वर्णक्षार पाये जाते हैं, जो आरोग्य व प्रसन्नता के लिए ईश्वरीय वरदान है। बहुत से लोग दूध की आपूर्ति और उस दूध से अन्य डेयरी उत्पाद बनाने सहित विभिन्न कारणों से अपने घरों में गाय पालना पसंद करते हैं। गायों का स्वभाव नम्र होने के कारण उन्हें संभालना आसान होता है। गाय पालने से दूध की आपूर्ति तो होती ही है साथ ही इनकी सेवा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि भी होती है। इसके अलावा, हिंदू धर्म में गाय को बहुत पवित्र माना जाता है। इनके दूध, धी का पूजा-पाठ अनुष्ठानों और समारोहों में बहुत महत्व रखता है। दूध-घी से पंचामृत बनाया जाता है और घी हवनों में प्रयोग होता है। इसके दूध के अलावा इनके गोबर का भी इस्तेमाल ईंधन और खाद के तौर पर किया जाता है। आज के समय में विज्ञान की मदद से गाय के गोबर से बायोगैस बनाई जाती है, जिसका उपयोग स्थायी ऊर्जा स्रोत का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा, गाय के नर बछड़े, जब व्यस्क हो जाते हैं, तो वह खेतों की जुताई और गाड़ियाँ खींचने के काम आते है। 

गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

गाय, जो हजारों वर्षों से मानव समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है, एक पालतू स्तनपायी जानवर है, जो दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाती हैं और कई नस्लों में मौजूद हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अलग विशेषताएं हैं। गायों की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक उनका सौम्य और नम्र स्वभाव है। वे आम तौर पर शांत जानवर होते हैं जिससे उनको संभालना आसान होता है। उनके शांतिपूर्ण आचरण व गुणों के कारण हिन्दू धर्मों में उनको विशेष महत्व दिया गया है। गायों को मुख्य रूप से उनके दूध के लिए पाला जाता है, जो एक पोषक तत्व से भरपूर तरल पदार्थ है। जिसका सेवन मनुष्य विभिन्न रूपों जैसे पनीर, मक्खन और दही में करता है। दूध न केवल कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है बल्कि इसमें अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज भी शामिल हैं। दूध के अलावा गायों से अनगिनत लाभ मिलते है जैसे जब उनके बछड़े बड़े हो जाते है तो बैल बनकर खेतों में हल चलाने, बैलगाड़ी चलाने के काम आते है तथा इनसे प्राप्त गोबरों का उपयोग उपले बनाने में व कच्चे फर्श को लीपने में किया जाता है साथ ही गोबरो का खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल होता है, जिससे फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है। मनुष्यों के भरण-पोषण के अलावा, गायें अपने पाचन तंत्र के माध्यम से पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। उनके पास एक अद्वितीय पाचन तंत्र है जिसे जुगाली करनेवाला कहा जाता है, जो उन्हें सेलूलोज़-समृद्ध पौधों को कुशलतापूर्वक तोड़ने की अनुमति देता है। इस प्रक्रिया के दौरान, गायें मीथेन छोड़ती हैं, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती है। परिणामस्वरूप, गाय का उत्सर्जन पर्यावरणीय स्थिरता पहलों का केंद्र बन गया है, जिससे मीथेन उत्पादन को कम करने के लिए आहार संशोधन और खाद प्रबंधन तकनीकों जैसे नवीन दृष्टिकोण सामने आए हैं। इसके अलावा गायें आय के स्रोत भी है, कई देशों में इनके मांस,  खाल और दूध रोजगार और आर्थिक स्थिरता का जरिया है।   Top  

गाय पर हिंदी में निबंध – Essay on Cow for Class 1 to 12th

गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi – इस लेख में हम गाय के विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। यह निबंध काफी सरल तथा ज्ञानवर्धक है। इन निबंधों के माध्यम से हमने गाय से जुड़े विभिन्न विषयों जैसे कि गाय को माता क्यों कहते हैं? गाय का भारतीय संस्कृति में महत्व क्या है? गौपालन का इतिहास क्या है? गाय सबसे अच्छा पालतू जीव क्यों है? गाय का खान-पान क्या है? गाय का उपयोग क्या है? आदि पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है।

सामग्री – (Content)

  • गाय की उत्पत्ति
  • गाय की पहचान

गाय की नस्ल व् रंग

गाय की शारीरिक सरंचना

  • गाय की देखभाल और खान-पान
  • गाय का धार्मिक महत्त्व
  • गाय से प्राप्त होने वाले लाभ
  • गाय की वर्तमान दशा

  प्रस्तावना गाय हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से विद्यमान है। गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है क्योंकि जिस प्रकार हमारी मां हमारा पूरा ख्याल रखती है उसी प्रकार गाय भी हमें स्वादिष्ट दूध देकर हमें हृष्ट  पुष्ट बनाती है। गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती है और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है। हमारे भारत देश में गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है। यहाँ पर गाय की हत्या करना एक बहुत बड़ा अपराध है।  विश्व भर में सबसे ज्यादा गाय हमारे भारत में ही पाई जाती है। भारत में गाय को सम्मान की नज़रों से देखा जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि गाय के अंदर 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। कई देशों में गाय को पवित्र पशु का दर्जा प्राप्त है और भारत में इसे एक देवी की तरह पूजा जाता है। हिंदू समाज ने गाय को माँ का दर्जा दिया है और इसे ”गौ-माता” कहकर संबोधित किया जाता है।   Top  

गाय की उत्पत्ति गाय की उत्पत्ति की पुराणों में कई प्रकार की कथाएँ मिलती है। पहली तो यह कि जब ब्रह्मा एक मुख से अमृत पी रहे थे तो उनके दूसरे मुख से कुछ फेन (झाग) निकल गया और उसी से आदि-गाय ‘सुरभि’ की उत्पत्ति हुई। दूसरी कथा में कहा गया है कि दक्ष प्रजापति की साठ लड़कियाँ थी उन्हीं में से एक सुरभि भी थी। तीसरे स्थान पर यह बतलाया गया है कि सुरभि अर्थात स्वर्गीय गाय की उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय चौदह रत्नों के साथ ही हुई थी। सुरभि से सुनहरे रंग की कपिला गाय उत्पन्न हुई। जिसके दूध से क्षीर सागर बना। भगवत पुराण के अनुसार, सागर मंथान (समुद्रमंथन) के दौरान दिव्य वैदिक गाय (गौ-माता) के निर्माण की कहानी को प्रकाश में लाता है। पांच दैवीय कामधेनु (वैदिक गाय जो हर इच्छा को पूरा करती है), जैसे नंदा, सुभद्रा, सुरभी, सुशीला, बहुला मंथन में से उभरी है और यहाँ से दिव्य अमृत पंचगव्य की उत्पत्ति होती है। कामधेनु या सुरभी ब्रह्मा द्वारा ली गई, दिव्य वैदिक गाय (गौ-माता) ऋषि को दी गई, ताकि उसके दिव्य अमृत पंचगव्य का उपयोग यज्ञ, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए किया जा सके।   Top  

गाय की पहचान हमारे शास्त्रों में गाय को पूजनीय बताया गया है इसीलिए हमारी माताएं बहने रोटी बनाती है तो सबसे पहली रोटी गाय की होती है गाय का दूध अमृत तुल्य होता है। जिस ‘गाय’ का हमारे भारत के वेदों-ग्रंथों में और श्रीमद् भगवत पुराण में वर्णन किया गया है, वह कामधेनु गौ-माता और उनके गौ-वंशज हैं। दिव्य कामधेनु गौ-माता (और उनके गौवंशज) को मुख्य 2 विशेषता हैं – 1. सुंदरकूबड़ (Hump) है। 2. उनकी पीठ पर और गर्दन के नीचे त्वचा का झुकाव है – गलकंबल (Dewlap)। भारत में वैदिक काल से ही गाय का विशेष महत्त्व रहा है। आरंभ में आदान-प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय को उपयोग में लाया जाता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गो-संख्या से की जाती थी। हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती रही है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में की जाती है।   Top  

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भारत में गाय की लगभग 30 नस्लें पाई जाती हैं। रेड सिन्धी, साहिवाल, गिर, देवनी, थारपारकर आदि नस्लें भारत में दुधारू गायों की प्रमुख नस्लें हैं। लोकोपयोगी दृष्टि में भारतीय गाय को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। पहले वर्ग में वे गाएँ आती हैं जो दूध तो खूब देती हैं, लेकिन उनकी पुंसंतान अकर्मण्य अत: कृषि में अनुपयोगी होती है। इस प्रकार की गाएँ दुग्धप्रधान एकांगी नस्ल की हैं। दूसरी गाएँ वे हैं जो दूध कम देती हैं किंतु उनके बछड़े कृषि और गाड़ी खींचने के काम आते हैं। इन्हें वत्सप्रधान एकांगी नस्ल कहते हैं। कुछ गाएँ दूध भी प्रचुर देती हैं और उनके बछड़े भी कर्मठ होते हैं। ऐसी गायों को सर्वांगी नस्ल की गाय कहते हैं। गाय के रंग : गाय कई रंगों जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है।   Top  

गाय की शारीरिक सरंचना वैसे तो सभी देशों में समान ही पाई जाती है लेकिन गाय की कद-काठी और नस्ल में फर्क होता है। कुछ गाय अधिक दूध देती हैं, तो कुछ कम देती है। गाय का शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है। गाय के दो बड़े कान होते हैं, जिनकी सहायता से वे धीमी-धीमी और अधिक तेज आवाज भी सुन सकती है। गाय की दो बड़ी आंखें होती हैं, जिनकी सहायता से भी लगभग 360 डिग्री तक देख लेती है। गाय एक चौपाया पशु है और चारों पैरों में खुर्र होते है, जिसकी सहायता से वह किसी भी कठोर स्थल पर चल सकती है। गाय का एक मुँह होता है, जो ऊपर से चौड़ा और नीचे से पतला होता है। इसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते है। गाय के एक लंबी पूछ होती है, जिसकी सहायता से वे अपने शरीर पर लगी हुई मिट्टी को तथा मक्खियों को हटाती रहती है। गाय के 4 थन होते हैं और इसकी गर्दन लंबी होती है। गाय के मुँह के सिर्फ निचले जबड़े में 32 दाँत पाए जाते हैं, इसीलिए गाय लंबे वक्त तक जुगाली कर के खाने को चबाती है। गाय के एक बड़ी नाक होती है। गाय के दो बड़े सींग होते हैं। परन्तु कुछ नस्लों की गायों के सींग नहीं होते।   Top   गाय की देखभाल और खान-पान

विभिन्न देशों में अलग आकृति और आकार की गाय पायी जाती है। हमारे देश में यह छोटे कद की होते हैं जबकि कुछ देशों में यह बड़े कद-काठी और शारीरिक बनावट की होती है। इसकी पीठ लम्बी और चौड़ी होती है। हमें गाय की अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए और उसे अच्छा भोजन और साफ पानी देना चाहिए। यह हरी घास, भोजन, अनाज और अन्य चीजें खाती है। पहले वह खाना अच्छी तरह से चबाती है और धीरे-धीरे उसे पेट में निगल जाती है। दूध उत्पादन बढ़ाने तथा उसकी उत्पादन लागत कम करने के लिए गाय को सन्तुलित आहार देना चाहिए। संतुलित आहार में गाय की आवश्यकता के अनुसार समस्त पोषक तत्व होते हैं, वह सुस्वाद, आसानी से पचने वाला तथा सस्ता होता है। दूध उत्पादन में अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, पशु को बारह मास पेट भर हरा चारा खिलाना चाहिए।

इससे दाने का खर्च भी घटेगा तथा गाय का नियमित प्रजनन भी होगा। गाय को आवश्यक खनिज लवण नियमित रूप से देने चाहिए। गाय को आवश्यक चारा- दाना- पानी नियत समय के अनुसार ही देना चाहिए। समय के हेर-फेर से भी उत्पादन प्रभावित होता है।

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गाय का धार्मिक महत्त्व भारत में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास है। यही कारण है कि दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों आदि से श्रृंगार किया जाता है। प्राचीन भारत में गाय समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। युद्ध के दौरान स्वर्ण, आभूषणों के साथ गायों को भी लूट लिया जाता था। जिस राज्य में जितनी गायें होती थीं उसको उतना ही सम्पन्न माना जाता है। कृष्ण के गाय प्रेम को भला कौन नहीं जानता। इसी कारण उनका एक नाम गोपाल भी है।

हिंदू धर्म में यह माना जाता है की गौ-दान सबसे बड़ा दान होता है। गौ-दान से मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। हिंदुओं के तीज-त्योहार बिना गौ के घी के पूरे नहीं होते। तीज-त्योहार के दिन घर को गौ के गोबर से ही लीपा जाता है। उस पर देवताओं की प्रतिमाओं को बैठाया जाता है। कई लोग किसी जरूरी काम को करने से पहले गाय के दर्शन को बड़ा शुभ मानते हैं।

वहीं गाय के गोबर को खेती के लिए बहुत उपयोगी माना गया है। गाय को अमृत जैसे दूध देने व अन्य गुणों के चलते, इसे धरती माता के समान पूज्य माना गया है। इसीलिए गाय को गौ-माता कहा जाता है।   Top  

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गाय से प्राप्त होने वाले लाभ (i) गाय एक पालतू पशु है इसलिए इसे घरों में पाला जाता है और सुबह शाम इसका दूध निकाला जाता है एक गाय एक समय में 5 से लेकर 10 लीटर दूध देती है कुछ अलग नस्ल की गाय अधिक दूध भी देती है। (ii) बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है, वहीं गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है। माना जाता है कि भैंस का बच्चा (पाड़ा) दूध पीने के बाद सो जाता है, जबकि गाय का बछड़ा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछल-कूद करता है। (iii) गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है। यह बीमारों और बच्चों के लिए बेहद उपयोगी आहार माना जाता है। (iv) गाय का दूध हमें मजबूत और स्वस्थ बनाता है। यह हमें संक्रमण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रति हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर देता है। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। (v) गाय के दूध के नियमित रूप से सेवन करने से हमारा दिमाग तेज और याददाश्त मजबूत हो जाती है। (vi) इसके दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं। दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनाता है। (vii) गाय के घी और गाय के गोमूत्र को बहुत पवित्र माना गया है और इसके गोमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में उपयोग में लिया जाता है जो कि कई बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर है. (viii) गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे उत्तम खाद है। (ix) गाय के गोबर को सुखाकर इंधन के काम में लिया जाता है साथ ही गाय की गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। (x) गाय न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है बल्कि मरने के बाद भी उसके शरीर का हर अंग काम आता है। गाय का चमड़ा, सींग, खुर से दैनिक जीवनोपयोगी सामान तैयार होता है। गाय की हड्‍डियों से तैयार खाद खेती के काम आती है।   Top   गाय की वर्तमान दशा अधिक दूध की मांग के आगे नतमस्तक होते हुए भारतीय पशु वैज्ञानिकों ने बजाय भारतीय गायों के संवर्द्धन के विदेशी गायों व नस्लों को आयात कर एक आसान रास्ता अपना लिया। इसके दीर्घकालिक प्रभाव बहुत ही हानिकारक हो सकते हैं। आधुनिक गोधन जिनेटिकली इंजीनियर्ड है। इन्हें मांस व दूधउत्पादन अधिक देने के लिए सुअर के जींस से बनाया गया है। भारतीय नस्ल की गायें सर्वाधिक दूध देती थीं और आज भी देती हैं। ब्राजील में भारतीय गोवंश की नस्लें सर्वाधिक दूध दे रही हैं। अंग्रेजों ने भारतीयों की आर्थिक समृद्धि को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचा था।

ज्योतिष शात्र के अनुसार भारतीय गोवंश की रीढ़ से सूर्य केतु नामक एक विशेष नाड़ी होती है, जब इस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं, तब यह नाड़ी सूर्य किरणों के तालमेल से सूक्ष्म स्वर्ण कणों का निर्माण करती है। यही कारण है कि देशी नस्ल की गायों का दूध पीलापन लिए होता है। इस दूध में विशेष गुण होता है। विदेशी नस्ल की गायों का दूध त्याज्य है। ध्यान दें कि अनेक पालतू पशु दूध देते हैं, पर गाय का दूध को उसके विशेष गुण के कारण सर्वोपरि पेय कहा गया है। राजनीतिक पार्टियां जिस गाय माता के नाम से वोट बटोरने का काम करती है आज उस गाय माता की दशा को देखकर क्षेत्र के कोई भी नेता में राजनेता शुद्ध तक लेने को तैयार नहीं है। हर गांव गली मोहल्ले व बाजारों में गाय माता की दशा में कोई विचार नहीं कर रहा है। किसान के पास अत्यधिक खेती होने के कारण किसान गाय माता के डंडा मारकर शहरों की ओर धकेलते नजर आते हैं, वहीं दूसरी ओर शहरों में स्थित दुकानों के सामने गाय के भूखे रहने के कारण इधर-उधर अपना निवाला देखने में ही दुकानदार भी गाय माता को डंडा मारकर भगाते नजर आ रहे हैं। वर्तमान में ना तो सरकार इन गायों की सुध ले रही है और ना ही किसान। बस स्टैंड पर और मुख्य रोड़ों के बीचों-बीच गायों के झुण्ड बैठने से आवागमन में बाधा नजर आती है फिर भी प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के आंखें व कान दोनों ही गाय माता के निवाले तक की व्यवस्था नही कर सकते।

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  उपसंहार गाय शांतिप्रिय और पालतू पशु है। हमारे भारत में गाय को माँ का दर्जा इसीलिए दिया गया है, क्योंकि यह हमें जीवन भर कुछ ना कुछ देती ही रहती है। हम अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए रोज गाय का दूध पीते हैं। डॉक्टर मरीजों को हमेशा गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं।

गाय का दूध नवजात शिशुओं के लिए अच्छा व आसानी से पच जाने वाला भोजन है। यह स्वभाव से बहुत ही सीधा पशु होता है। हमें इसके जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए और हमेशा अपने जीवन को शांतिपूर्ण तरीके से जीना चाहिए और दूसरे लोगों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

दुर्भाग्य से शहरों में जिस तरह पॉलिथिन का उपयोग किया जाता है और उसे फेंक दिया जाता है, उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना होगा ताकि हमारी ‘आस्था’ और ‘अर्थव्यवस्था’ के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

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गाय पर हिन्दी में निबंध | Essay on Cow in Hindi Language | गाय पर निबंध

By: Amit Singh

Essay on Cow in Hindi – FAQ

गाय पर 10 लाइन निबंध/gai par nibandh 10 line/the cow essay in hindi/cow par hindi essay writing.

भूमिका – गाय एक बहुत ही उपयोगी पशु है। गाय से हमें दूध, दही, घी, गोबर और गौमूत्र मिलता है जिसके कई औषधीय महत्व होते हैं। गाय भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में पाई जाती है। देश दुनिया में गाय को पाला जाता है। हालांकि भारत में गाय को विशेष दर्जा दिया गया है। भारत में हिंदू धर्म के लोग गाय को माता का दर्जा देते हैं। इसे हिंदू धर्म में देव तुल्य स्थान प्राप्त है। यही वजह है कि गाय के दूध का इस्तेमाल देवी-देवता के अभिषेक के लिए भी किया जाता है।

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गाय की शारीरिक संरचना

यदि बात करें गाय की शारीरिक संरचना की तो इसके चार पैर, दो सींग, दो आंखें, दो कान और एक लंबी सी पूँछ होती है। गाय खुर के जरिए चलती है। गाय के ये खुर उसके लिए जूतों का काम करते हैं।

गाय की अलग-अलग प्रजातियों की शारीरिक संरचना थोड़ी भिन्न होती है। गाय की कुछ प्रजातियों में सींग बाहर की और होती है, तो कुछ प्रजातियों में सींग नजर ही नहीं आती। इसके अलावा अन्य देशों में पाई जाने वाली गाय, भारत की गायों की तुलना में आकार में थोड़ी बड़ी होती है।

Essay on Cow in Hindi

यहाँ पढ़ें : छह ऋतु के नाम हिंदी में

गाय के प्रकार

वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो गाय अलग-अलग प्रकार की पाई जाती है। गाय का रंग, रूप और आकार जलवायु के हिसाब से अलग-अलग होता है। विभिन्न देशों में गाय की अलग-अलग किस्में पाई जाती हैं। आइए जानते हैं भारत में पाई जाने वाली गाय के सभी प्रकारों और किस्मों के बारे में।

भारत में महत्वपूर्ण गायों में से एक गाय है, लाल सिंधी। हालांकि यह गाय मूल रूप से सिंध प्रांत में पाई जाती है। लेकिन यह दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु में भी पाई जाती है। इस गाय का नाम लाल सिंधी इसलिए है क्योंकि इसका रंग लाल है। यह गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर दूध देती है।

  • मेवाती और हासी हिसार

हरियाणा में गाय की प्रमुख नदियों में मेवाती और हासी हिसार प्रमुख है। मेवाती गाय का इस्तेमाल कृषि कार्य में किया जाता है जबकि हासी हिसार गाय हरियाणा के हिसार में पाई जाती है।

  • दज्जल और धन्नी

गाय की यह प्रजातियां पंजाब में पाई जाती हैं। दज्जल और धन्नी प्रजाति की गाय काफी लोकप्रिय है। इन गायों में धन्नी प्रजाति की गाय दूध नहीं देती।

  • राठी नस्ल, थारपरकर, कांकरेज

गाय की तीनों प्रजातियां राजस्थान में पाई जाती हैं। राठी नस्ल की गाय प्रतिदिन 6 से 8 लीटर दूध देती है। इनमें से थारपरकर गाय जोधपुर, जैसलमेर में ज्यादा पाई जाती है। वही कांकरेज गाय राजस्थान के बाड़मेर, जालौर और सिरौही में पाई जाती है।

भारत के गुजरात में मौजूद गिर जंगलों में पाई जाने वाली गाय की यह प्रजाति भारत की सबसे दुधारू गाय है। यह दिन में 50 से 80 लीटर दूध देती है। इस गाय की सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी मांग है। इसे भारत के अलावा ब्राजील और इजराइल में भी पाला जाता है।

गाय की यह प्रजाति भारत के अधिकतर क्षेत्रों में पाई जाती है। इस गाय को हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब में पाला जाता है। यह गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर दूध देती है।

भारत में जर्सी गाय भी काफी लोकप्रिय है। हालांकि यह एक विदेशी नस्ल की गाय है। लेकिन यह गाय दूध काफी मात्रा में देती है इसीलिए इसे काफी पसंद किया जाता है।

यह थी भारत में पाई जाने वाली गायों की कुछ नस्लें। इसके अलावा विदेशों में कई तरह की गाय पाई जाती है। हालांकि ये भारतीय गायों के मुकाबले आकार और रंग रूप में भिन्न होती है। गाय अलग-अलग रंगों में पाई जाती हैं। कुछ गाय सफेद, काले, लाल, भूरे रंग की होती हैं, तो कुछ चितकबरी होती हैं।

गाय की उपयोगिता

गाय से हमें कई चीजें प्राप्त होती हैं। जैसे कि गाय से मिलने वाले दूध का इस्तेमाल दही, मक्खन, पनीर जैसे कई डेयरी उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है। गाय का दूध, प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है। इसके साथ ही बच्चों को भी गाय का दूध पीने की सलाह दी जाती है। गाय के दूध से बनने वाला घी सर्दी-खांसी को दूर भगाने में मदद करता है।

गाय का दूध ही नहीं बल्कि गाय के उत्सर्जन उत्पाद जैसे कि गोबर और मूत्र का भी कई इस्तेमाल किया जाता है। गाय के गोबर और मूत्र से कई औषधियों का निर्माण किया जाता है। इसके अलावा इसके गोबर का इस्तेमाल उपले बनाने के लिए किया जाता है। जिनकी की मदद से ग्रामीण क्षेत्र के लोग चूल्हा जलाकर खाना पकाते हैं।

गाय का गोबर फसलों के लिए भी खाद का काम करता है। गाय सिर्फ जीवित रहते हुए ही मनुष्य उपयोगी नहीं होती वरन मृत्यु के बाद भी इसके चमड़े, हड्डियों तथा सींग का इस्तेमाल करें कार्यों के लिए किया जाता है।

ज्यादातर लोग गाय को सिर्फ दूध के लिए पालते हैं क्योंकि गाय का दूध समस्त पशुओं की तुलना में काफी उपयोगी माना जाता है। छोटे बच्चों को भी गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि गाय का दूध बच्चों से सुस्ती को दूर कर उनमें चंचलता बनाए रखता है। गाय के दूध में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

गाय का धार्मिक महत्त्व

भारत में गाय सिर्फ एक पशु नहीं बल्कि इसे मां तुल्य माना जाता है। भारत में गाय को देवी का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि एक गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। यही वजह है कि गाय के लिए गोवर्धन पूजा की जाती है।

हालांकि, गाय सिर्फ अभी से ही नहीं बल्कि प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। प्राचीन काल में लोग बड़ी मात्रा में गाय पाला करते थे क्योंकि उस दौरान गाय समृद्धि का प्रतीक हुआ करती थी। यानी कि जिसके पास जितनी गाय होगी, वह उतना ही समृद्ध माना जाएगा। प्राचीन काल में चोर सिर्फ सोने-चांदी और आभूषणों को ही नहीं चुराते थे, उस दौरान वे गायों को भी चुराते थे। इससे हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि उस दौरान गाय कितनी महत्वपूर्ण हुआ करती थी।

क्या गाय पालतू जानवर है?

जी हाँ गाय एक पालतू जानवर है. लोग गाय को पालते है, उसका दूध पीते है. गाय की सेवा करते है और हिन्दू धर्म में गाय का धार्मिक महत्व भी है

गाय क्या क्या करती है?

गाय से उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को ‘माता’ (गौमाता) कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं।

गाय क्या खाती है?

एक स्वस्थ गाय दिन में करीब 8-10 किलो चारा खाती है। खाने में घास, जवार, मूंगफली और दालों के छिलके आते हैं इसके अलावा गायों को करीब खल, चापड़, तिल्ली की खड़, कपासिया दिया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में तो गाय की अच्छी देखभाल हो जाती है, लेकिन शहरों में रहने वाली गाय की स्थिति बेहद खराब है। दरअसल, शहरों में गायों को उचित खानपान नहीं मिलता जिस वजह से वे रास्ते और कूड़े-कचरे से खाना तलाश करती है। इसी दौरान कई गाय पॉलिथीन खा लेती है और इसे खाकर उनकी मृत्यु हो जाती है।

ऐसे में गायों की रक्षा के लिए उनके लिए उचित खानपान का प्रबंध करना चाहिए। गाय मनुष्य के जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही गाय से कई लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। ऐसे में गाय की देखरेख सही ढंग से की जानी चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध

REFERENCE Essay on Cow in Hindi, WIKIPEDIA

essay for cow in hindi

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गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)

गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)

In this Article

गाय पर सबसे आसान 5 लाइन (5 Lines On Cow In Hindi)

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गाय एक बहुत सीधी-साधी और सबकी प्रिय पालतू जानवरों में से एक है, जो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए हम मनुष्यों को कई प्रकार से लाभ पहुंचाती है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो आंखें और दो कान, मुंह और एक पूँछ होती है। यह भोजन के रूप में घास खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हम ताकतवर बनते हैं। हिन्दू धर्म में गाय को एक माँ का दर्जा दिया गया है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।

स्कूल में बच्चों को मेरी गाय पर निबंध लिखने के बारे में अक्सर पूछा जाता है, यहाँ हम आपको सबसे आसान शब्दों में गाय पर लेख लिखने के बारे में बताने वाले हैं। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6 के बच्चों के लिए यह निबंध सबसे उपयोगी होगा। तो आइए देखते हैं:

गाय हमारी माता होती है, और इसपर निबंध लिखना सबसे आसान होता है। तो आइए, मेरी गाय पर 5 छोटे व आसान वाक्य लिखना सीखते हैं:  

  • गाय एक पालतू जानवर है।
  • गाय के 4 पैर, 2 सींग और एक पूंछ होती है।
  • दुनिया में कई प्रकार के रंगों की गाय पाई जाती हैं।
  • गाय शांत स्वभाव की होती है।
  • गाय घास, पत्ते और हरी सब्जियां खाती है।

गाय का उल्लेख तो वेदों और पुराणों में भी किया गया है। गाय को पालतू जानवरों में सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है। गाय में बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए नीचे 10 आसान पंक्तियों को पढ़ें। यह कक्षा 1 के बच्चों में लिए संक्षेप में लिखा गया है। यदि आपको 100 शब्दों में गाय पर छोटा निबंध भी जानना है तो नीचे दी गई 10 लाइन की पक्तियों को पढ़ें।

  • गाय हमारी माता होती है।
  • गाय का एक बड़ा शरीर, चार पैर, दो सींग, दो आँखें और एक पूँछ होती है।
  • ये शुद्ध शाकाहारी जानवर है।
  • गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं।
  • भारत में गाय की 30 से भी ज्यादा नस्लें पाई जाती हैं।
  • हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
  • गाय एक बहुत वफादार जानवर है।
  • गाय हमें दूध देती है।
  • गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

गाय से मिलने वाले विभिन्न लाभ केवल इसे पूजनीय नहीं बनाते बल्कि इनमें सारा ब्रह्मांड समाया है। अगर आप ध्यान दें तो पाएंगे कि हर शुभ काम के लिए गाय से प्राप्त हुई चीजों का उपयोग होता ही है। अगर आपको हिंदी में गाय पर शॉर्ट कम्पोजिशन या पैराग्राफ लिखना है तो इस एस्से को पढ़े:

गाय हमारी माता है, जिन्हें हिन्दू धर्म में पूजा जाता है। खेती, परिवहन और अनेक प्रकार से मानव विकास में गाय की एक अहम भूमिका रही है। गाय के चार पैर, दो सींग, एक नाक, दो आँखें, दो कान और एक पूंछ होती है। गाय एक शाकाहारी जानवर है, जो घास और पत्तियों खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हमारी हड्ड़ियां मजबूत होती है। गाय के दूध से हम विभिन्न डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, क्रीम, दही, घी, मिठाई आदि तैयार करते हैं। गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर पाया जाता है। गाय का दूध दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है और साथ ही यह कई प्रकार में भी उपलब्ध है। गाय स्वभाव की सीधी और मेहनती जानवर है। किसान खेतों में फसलों की कटाई और जमीन की जुताई के लिए इनकी सहायता लेते हैं। इतना ही नहीं इनके गोबर का इस्तेमाल गांवों में ईंधन और खाद के तौर पर भी किया जाता है। आज के समय में विज्ञान की मदद से गाय के गोबर से बायोगैस बनाई जाती है, जिसका उपयोग स्थायी ऊर्जा स्रोत का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है।

गौमाता हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करती है। इनसे हमें अनेकों फायदे मिलते हैं। इसका हमारे समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्व को समझना चाहिए और उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए।

गाय पर निबंध 200-300 शब्दों में

हम सब जानते हैं कि गाय अनेक प्रकार से सब को लाभ प्रदान करती और हमे उनकी इस निस्वार्थ सेवा का आभारी होना चाहिए। यह न सिर्फ किसानों के लिए मददगार साबित होती है, बल्कि इसके द्वारा दिए गए दूध से कई सारे लोगों को रोजगार मिलता है। अगर आपके बच्चे की पसंदीदा जानवर गाय है और वो गाय पर लेख लिखना चाहता है तो उसके लिए 400 से 600 का निबंध दिया गया है। आइए देखते हैं:

गाय क्या है? (What is Cow?)

गाय एक पालतू जानवर है। यह हमारे समाज में सम्मानित जानवरों में से एक मानी जाती है। गाय को इंसानों के लिए सबसे उपयोगी प्रजातियों में से एक माना जाता है और देश के सभी हिस्सों में इसकी पूजा भी की जाती है। गाय हमे दूध देती है, जिसका उपयोग दही, पनीर, घी, आदि सहित कई प्रकार के उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।

गाय की भूमिका? (Role of Cow)

गाय को हिन्दू धर्म में ‘गौ माता’ कहा जाता है और उनकी पूजा भी होती है। बात करें लोगों के जीवन में गाय की क्या भूमिका है तो गाय हमें दूध देती है। दूध से मिलने वाले कई फायदे हैं, जो इंसान के मानसिक और शारीरिक विकास लिए बेहद जरूरी है। दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिससे इंसान के शरीर को लाभ होता है। गाय सिर्फ हमे दूध या उससे बने उत्पाद ही नहीं प्रदान करती है बल्कि ये हमारी खेती को सफल बनाने में कई प्रकार से भूमिका निभाती है, चाहे वो गोबर से खाद बनाना हो या या जमीन की जुताई कर के उसे अधिक उपजाऊ बनाना हो।

गाय के प्रकार और रंग (Types of Cow and their Colors)

भारत में लगभग 30 तरीके की गाय की नस्लें पाई जाती है। सभी गाय मूल रूप से तीन से चार रंगों में पाई जाती है जिनमें काली, लाल, भूरी या सफेद शामिल है।

गाय के लाभ (Benefits of Cow)

गाय के गोबर और गौ मूत्र के कई फायदे हैं। ये दोनों चीजें कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं। इसके साथ गाय का दूध भी बहुत फायदेमंद होता है, यह कई तरह के डेरी उत्पादों को बनाने में मदद करता है।

गाय का महत्व (Importance of Cow)

गाय का इंसान के जीवन में बहुत अहमियत है। हमारे इस्तेमाल के लिए गाय अनाज एकत्र करने के बाद बचे पौधे के हिस्सों को खा सकती हैं जो उसका चारा होता है। किसान और कंपनियां उप-उत्पादों के लिए भुगतान न करके इस तरह से पैसे बचा सकते हैं और उन्हें पशु चारा के रूप में बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं।

गाय का धार्मिक महत्व (Religious Importance of Cow)

गाय को हिंदू पौराणिक कथाओं में पवित्र माना जाता है। सदियों से, हिंदुओं द्वारा इसे देवी की तरह पूजा जाता रहा है। हिंदू अक्सर गाय को “गौ माता” के रूप में भी संदर्भित करते हैं जिसका अर्थ है गाय माता क्योंकि वे जिस प्रकार हमें लाभ पहुंचाती है वे केवल एक माँ ही कर सकती है। गाय देवी समान है और इसलिए उन्हें मारना पाप माना जाता है।

गाय की शारीरिक बनावट (Body Structure of a Cow)

गाय का शरीर बड़ा होता है। इसके चार पैर, दो आंखें-कान, नाक, मुंह, दो सींग और एक पूंछ होती है।

गाय की उपयोगिता (Utility of Cow)

  • भारत में गायों को पवित्र माना जाता है और उनके दूध का बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है।
  • यह खेती करने के लिए उपयोगी है।
  • सामान लाने ले जाने में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
  • गाय का घी बच्चों के दिमाग के विकास में मदद करता है।
  • यह दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

गाय का उपसंहार (Cow’s Epilogue)

गाय हमें दूध, घी व अन्य सेवाएं देती है। बदले में मानव प्रजाति उसको सिर्फ कष्ट दे रही है। हम गाय सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं जिससे वे प्लास्टिक और अन्य जहरीले पदार्थो का सेवन कर लेती हैं और बीमार हो जाती हैं जो अक्सर उनकी मृत्यु का कारण भी बन जाता है। जिसका प्रतिकूल प्रभाव कहीं न कहीं हमारे ऊपर भी पड़ता है।

गाय की वर्तमान स्थिति (Current Status of Cow)

बदलते समय में केवल नाम मात्र गाय हमारी माता है लेकिन यह दुखद बात है कि हमारी ओर से मिलने वाली सेवा एक माँ को मिलने वाली सेवा के सामान नहीं है। जब गाय से मिलने वाले दूध व अन्य उत्पाद से समस्त मानव लाभ उठाता है तो उसका खयाल रखने के लिए भी समस्त मानव प्रजाति को एक जुट होना होगा। कोई भी गाय बेसहारा सड़कों पर न घूमे ताकि उन्हें सड़क दुर्घटना और जहरीले पदार्थों से बचाया जा सके और उसके लिए उनके रहना खाने की वयवस्था होनी चाहिए। इसके लिए हम सबको एक साथ आना होगा। कई ऐसे लोग भी हैं जो गाय के माध्यम से अपनी रोजी रोटी भी चला रहे हैं उनके लिए यह मदद करेगा।

  • गाय आपको 6 मील दूर से सूंघ सकती हैं।
  • गाय एक अच्छी तैराक होती हैं।
  • गाय का चार भाग में पेट होता है।
  • गाय प्रतिदिन 40 गैलन तक लार का उत्पादन कर सकती हैं।
  • गाय लगभग 360 डिग्री तक देख सकती है।

गाय से जुड़े ऐसे काई सवाल होंगे जो आप जानना चाहते होंगे। आइए देखते हैं आखिर वह प्रश्न कौन से हैं।

1.   गाय का गोबर कैसे उपयोगी है?

गाय के गोबर कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं।

2.   क्या गाय पालतू जानवर है?

जी हाँ, गाय एक पालतू जानवर है और लोग इसे घरों में पालते हैं।

3.   गाय के दूध में क्या पाया जाता है?

गाय के दूध में फॉस्फोरस, कैल्शियम, विटामिन डी और बी और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते है।

4.   गाय को माता क्यों माना जाता है?

हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र और शुभ माना जाता है, इसलिए इन्हे माँ का दर्जा दिया है। कई जगह पर इनकी पूजा की जाती है और बच्चे इन्हे गौ माता कहते है।

5.   गाय कितने साल तक जीती है?

गायों की औसत उम्र 15 से 20 साल होती है।

अगर आपका बच्चा क्लास 1 या 2 में है और उसे गाय पर पैराग्राफ, कुछ लाइन्स, निबंध या हिंदी में एस्से लिखना है तो इस लेख में दिए गाय पर अनुच्छेद से आपके बच्चे को न केवल अच्छा लिखना आएगा बल्कि उसको गाय से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी भी प्राप्त होगी।

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गाय पर निबंध । essay on cow in hindi

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गाय जिसे समाज ने माता के समान माना है, और हो भी क्यों न पुरे विश्व को अपने दूध से पालने वाली गौ माता ही है। पशु धन में गाय सदैव सर्वोच्च स्थान रखती है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में cow essay in hindi ले कर आये है । गाय पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप essay on cow in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

Cow in Hindi

गौं भारत की पहचान है। जिस देश ने गाय को ईश्वर के समान माना है, वह भारत है। कहने को तो गाय एक पशु है।वह पशु जो दूध देती है। लेकिन असल मे देखा जाए तो वह माता के समान है। जो हर व्यक्ति को दूध देती है। जिसके लिए हर व्यक्ति समान है। जिस प्रकार मां के लिए उसके हर पत्र व पुत्री समान होते है, फिर चाहे वह दो हो या चार। उसी प्रकार गाय के लिए भी हर व्यक्ति समान होता है। जिस प्रकार मां बच्चे का भरण पोषण करती है। बालक के पोष्टिक आहार का ध्यान रखती है। उसे अच्छी गुणवत्ता का भोजन प्रदान करती है। ठीक वैसे ही गाय या गौं भी दूध से नाजाने कितने लोगों का भरण पोषण करती है। उन्हें पोष्टिक आहार देती है। एवं अच्छी गुणवत्ता का दूध प्रदान करती है। हमारी मां समान वह हमारा ध्यान रखती है इसीलिए हमने उन्हें गौमाता का दर्जा दिया। गौ माता ने तो हमारा बिल्कुल हमारी माता के समान ध्यान रखा। परंतु क्या हमने गौमाता का हमारी माता समान ध्यान रखा या इज़्ज़त दी? इसके बारे में हम कुछ और बातें जानने के बाद जानेंगे। 

प्रस्तावना-      1.3 बिलियन गाय पूरी दुनिया मे है। 3 साल में और भी बढ़ी है। गौ माता केवल दूध देने के लिए काम मे नही आती। उन्हें खेतों में भी काम मे लिया जाता है। वह कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। गायों के द्वारा जन्मे बछड़े बड़े होक बैल बनते है। इन बैलो के उपयोग से खेतो में जुताई बुआई जैसे काम लिए जाते है। इस तरह की खेती में पेट्रोल डीजल या बिजली जैसे खर्चे भी नहीं आते। भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है। बिजली और ज्वलंत ईंधन जैसे पेट्रोल डीजल का प्रचलन ना होने के समय भी खेती करता आया है, और इसमें गायों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। गाय का केवल दूध ही काम नही आता। गायों का मल मूत्र भी काम मे लिया जाता है। गायों के गोबर को खाना पकने के लिए कंडो या उपलों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। गोबर से जैवक खाद भी बनती है जो की पौधो और खेतो की मिटटी को उपजाऊ बनती है।  

पूजा के कोई भी स्थान को स्वच्छ करने के लिए गोबर का उपयोग होता है। गोबर से वह जगह को लीपा जाता है। गौंमाता के गौबर का भी बहुत महत्व बताया जाता है। आपको भी कही न कही ऐसा किस्सा जरूर याद होगा जहां पूजन के लिए गोबर का इस्तेमाल किया जाता हैं। गौं का गोबर स्वच्छता का प्रतीक है। दीवाली के वक़्त खास तौर पर ढूंढ कर गौबर लाया जाता है। रंगोली बनाने के पहले लोग ज़मीन को पहले गोबर से लिपती हैं। गौमूत्र का भी शुद्धता के लिए इस्तेमाल होता है। कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए भी गौमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। पहले के ज़माने के लोग गायों का आदान प्रदान भी करते थे। ये वह समय था जब गायों से ही व्यक्ति की समृद्धि का पता चलता था। जिसके पास जितनी गाये होती थी वह उतना बड़ा माना जाता था। गायों को खेती में इस्तेमाल किया जाता है। यह माना जाता है कि जिसके पास जितनी गायें होते है उसकी उतनी ज़्यादा खेती होती है।

गौं का सृजन इतिहास-  कहा जाता है कि गौं का सृजन समुद्र मंथन से हुआ। समुद्र मंथन मे पांच दैवीय कामधेनु ( नंदा, सुभद्रा, सुरभि, सुशीला, बहुला) का सृजन हुआ। कामधेनु या सुरभि ( संस्कृत: कामधुक) ब्रह्मा द्वारा ली गयी। इसके बाद वैदिक गाय ( गौमाता) ऋषि  को दी गयी। ऋषियों को वह अमृत पंचामृत के रूप में काम आता है। वह पूजा में यज्ञ में, हवन में, आध्यात्मिक अनुष्ठानों व अन्य कर्मकांड के लिए काम में आता है। गौं से बनने वाला पंचामृत की मान्यता है। कहा जाता है कि भगवान को उसका भोग लगा कर सब उसे ग्रहण करते है। जिससे हृदय में भी शुद्धता का वास हो। भगवान को पंचामृत प्रिय है। जो की गौ के पदार्थों से बनता है। दुग्ध, दही, घी, शहद, शकर यही पंचामृत है। जो भगवान को भोग लगाएं जाते है।यह सभी गाय के द्वारा दिए जाने वाले  पदार्थ है।वेदों पुराणों में भी इसका जिक्र किया गया है। गौ के अंदर देवताओ का वास है। गौं के बारे में शास्त्रों में भी लिखा गया है। गौ किसी भगवान से कम नही है। शास्त्रों में गौ की महत्वपूर्णता का उल्लेख है। गौ की रक्षा को धर्म बताया गया हैं। ऋषियों को गौमाता समुद्र मंथन के समय दी गयी थी। जिससे वह मानव कल्याण को सुनिश्चित करे। जिससे आम लोगो के दुख मिटे। सभी पाप मुक्त हो। एवं सभी मानव जन का कल्याण आसान हो। शास्त्रों में गौमूत्र का, गोबर का बहुत महत्व बताया गया है। साथ ही गौ रक्षा की भी हिदायत दी गई है। जिससे मानव जन पाप रहित होकर कल्याण को प्राप्त हो। हमारे ऋषि मुनि भी गौ के बारे में बताया करते है। जिससे कि लोगों को गौ का महत्व पता चले। 

कृष्ण जीवन में व वैदिक काल मे गाय-  आप सभी ने अवश्य ही  श्री कृष्णा व उनके बछड़ो के प्रेम के बारे में सुना होगा। उनके बछडो से उन्हें विशेष प्रेम था। वह उन्हें अपने सखा के समान मानते है। हर रोज़ गायों को चराते थे। उनके साथ क्रीड़ा करते थे।कभी कभी उन्हें अपनी मधुर बाँसुरी की धुन सुनाते थे। हमने अपनी किताबों में यह सब पढ़ा है। कृष्ण के व उनके बछड़ो के प्रेम के किस्से काफी हद तक हमे दर्शाते हैं कि हमे गौ से  प्रेम करने की आवश्यकता है। या हमें गौमाता से प्रेम करना चाहिए। यह साक्षात उदाहरण था जब भगवान का गौ के प्रति प्रेम देखा गया। इससे यह  भी साबित हुआ कि ईश्वर के लिए गौ कितनी कीमती है । हमारे पूर्वजों द्वारा भी गायों को पूजा जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता के लोग व वैदिक काल के लोग भी गायों को पूजते थे। इसके कई उदहारण प्राप्त हुए है।हम सदियों से ही गौ प्रेम, गौ सेवा के उदाहरण देखते हुए आये है। विशेष रूप से तबसे, जबसे हमने हमारे इतिहास की रचना को जान है। हमने इसके बारे में वैदिक काल मे भी पढ़ा है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय मे भी गौ प्रेम देखा गया है।उस वक़्त के लोग गौ में आस्था रखते थे,तहे दिल से उनकी सेवा करते थे। और गौ प्रेम के प्रति सजग थे। उनकी गौ को लेकर विशेष मान्यता थी। वह गौ को प्रकृति से जोड़ते थे। उनकी इज्जत करते थे। गौ को भगवान की देन समझते थे। उनके अनुसार गौ में देवी देवता विराजमान होते है। छोटे बड़े रूप से वह किसी भी गौ को हानि पहुचने का कभी प्रयास नही करते थे। उस वक़्त भी खेती व डेरी हुआ करती थी। उसमें गौ का महत्वपूर्ण योगदान समझते थे। सबसे ज़रूरी वह गौ को माता समझते थे। उस सदी के लोगों का मानना था कि गौ हमारा बहुत ध्यान रखती है। जो कि एक मां ही रख सकती है। गौ हमारा भरण पोषण करती है। इसीलिए वे गौ को केवल मां के समान समझते नही थे वे गौ को मां के समान इज़्ज़त देते थे। जो इज़्ज़त वह अपनी मां को देते है वैसे ही गौमाता को भी देते थे

गौ की आज की दुर्लभ स्थिति- समय बदलता है, बदलाव आते है। परंतु आज जो हम बदलाव देखते है। वह वाकई में देखने योग्य भी नही है। जी हां कुछ कुरीतियों ने गौ के खिलाफ आज जगह बनाई है। और ये बदलाव अभी कुछ ही दशकों के ही है। पहले के ज़माने के लोग कभी भी अपनी मां का अनादर नही करते थे। आज गौमाता शब्द में से लोगों ने माता पूर्णतः हटा दिया है। कुछ गिने चुने लोग ही है जिन्होंने आज भी वह पुरानी व अनमोल सभ्यता को सहेज कर रखा है। वे लोग गौ का महत्व जानते है। आज आधी से ज़्यादा जनसंख्या पुराने रिवाजों की गंभीरता से वंचित है। जो मां हमे दूध प्रदान करती है हम उनका भी आदर नही करते है,गौ हमारी मां है ये जानना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है क्योंकि वह छोटी छोटी परंपराओं में अब विश्वास नही करते है। उन्होंने नई आधुनकि जीवन की विशालता तो बड़ी खुशी से अपना ली। परंतु जो नही अपनाया वो थी हमारी पुरानी संस्कृति। वह ऐसी संस्कृति थी जिसने हमे जीने योग्य बनाया, गौमाता को विलुप्त होने से बचाया, गौ में सदा ईश्वर का वास समझा। लेकिन धीरे धीरे हमने सब कुछ समाप्त कर दिया। सब कुछ अर्थात सब कुछ। हमने गौमाता के साथ जो व्यावहार किया है वह दंडनीय अपराध है। हमने अपने स्वार्थ के लिए गौ हत्या की।हर रोज गाय के मरने की संख्या बढ़ती जा रही है। हम अपने स्वार्थ के लिए गौ हत्या का पाप प्रति दिन कर रहे है। किसी को इससे पैसे कमाने है तो किसी को गौ से अत्यधिक मात्रा में दूध चाहिए।हम गौ की हत्या करते जा रहे हैं। आज कल लोग गौ मांस को आहार के रूप में ले रहे है।उन्हें उनके कार्य का ज़रा भी अंदाजा नही की वह क्या कर रहे है। बड़े बड़े उद्योग बड़ी मात्रा में गौ को काटने का कार्य करते है। रोजाना 800000 (8 लाख) गौ की हत्या की जाती है। और यही नही 2016 तक 300 मिलियन गाय मारी जा चुकी है। यह औपचारिक डेटा है। इतनी बड़ी मात्रा में गौ हत्या करने के बाद भी आज तक यह सिलसिला जारी है। सवाल यह है कि आखिर कब तक यह जारी रहेगा? क्या हमे कुछ करने की आवश्यकता नही है?

उपसंहार- बड़े ही भयावह आंकड़ों से हम अभी परिचित हुए। शर्म है इस बात की, कि हम हमारे देश का गौरव बढ़ाने वाली मां को इस कदर विलुप्त कर रहे है।  सरकार को कड़े प्रावधान बनाने की सख्त आवश्यकता है। गौ विलुप नही हुई थी, हमने इसकी शुरुवात की अब हमें ही इसे विलुप्त होने से बचाना है। सभी को गौ का महत्व समझना है। परिवार के सदस्यों को अपने बच्चों में गौ प्रेम, गौ सेवा, गौ रक्षा का भाव डालने की आवश्यकता है। हमें अपनी धरती को गौमाता के जीने योग्य बनाने है।उनकी रक्षा करना है। और आज जो सिलसिला जारी है उसपर पूर्णतः रोक लगाना है। 

गौ माता सिर्फ एक व्यक्ति की नही है

वह मां सभी की प्यारी है,

और भारतीय की पहचान उनकी संस्कृति से है

 तो उसे, विलुप्त ना होने देने की ज़िम्मेदारी भी हमारी हैं।

हमें आशा है आपको hindi essay on cow पसंद आया होगा। आप इस निबंध को about cow in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को cow speech in hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

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गाय पर हिन्दी में निबंध

गाय पर हिन्दी में निबंध। Essay on Cow - Cow Essay

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गाय पर निबंध 500 शब्दों में | Cow Essay in Hindi

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

Cow Essay in Hindi, गाय पर निबंध 100 से 500 शब्दों में, Cow Essay 10 Lines, गाय पर 10 लाइन

गायों का जिक्र हमारे वेद-पुराण में भी पाया जाता है। गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है। कहा जाता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसीलिए हमारे देश में गाय की पूजा की जाती है। गाय को प्राचीन काल से ही पाला जा रहा है। ऐसा माना जाता है जिस घर में गाय का वास होता है उस घर के सारे वास्तु-दोष भी स्वतः खत्म हो जाते हैं।

Table of Contents

Cow Essay in Hindi – गाय पर निबंध 100 – 500 शब्दों में

Cow Essay in Hindi - गाय पर निबंध 100 - 500 शब्दों में

यह हमने छोटे व बड़े, गाय पर निबंध लिखे है जो आपके लिए काफी हेल्पफुल होगे। आगे सभी निबंध दिए गये हैं।

Cow Essay 10 Lines – गाय पर 10 लाइन

  • गाय एक शाकाहारी पालतु पशु है, यह हमें दूध देती है।
  • गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है।
  • भारत में गाय को गौ-माता का दर्जा दिया गया है।
  • गाय हरी घास और भूसा खाती है।
  • गाय भिन्न-भिन्न रंग-रूप और आकार की होती है।
  • गाय के दो सींग, दो कांन, दो आंख, एक नांक, चार पैर, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूंछ होती है।
  • गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि कई चीजें बनाई जाती है।
  • गाय का दूध बेहद पौष्टिक और लाभदायक होता है।
  • गाय के घी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है।
  • गाय के गोबर से खाद बनाई जाती है।

Cow Essay 10 Lines - गाय पर 10 लाइन

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गाय पर निबंध 100 शब्दों में

गाय एक पालतू पशु है। यह शाकाहारी होती है और यह हमें दूध देती है। गाय को हम गौ माता कहते हैं। हिंदू धर्म में गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है। गाय हरी घास और भूसा खाती है। गाय भिन्न-भिन्न रंग-रूप और आकार की पूरे विश्व में पाई जाती है। गाय के शारीरिक संरचना में दो सींग, दो कांन, दो आंख, एक नांक, चार पैर, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूंछ होती है। गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और कई प्रकार की मिठाइयां आदि बनाई जाती है। गाय का दूध अत्यधिक पौष्टिक और फायदेमंद होता है । गाय के घी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। गाय के घी का उपयोग खाने के साथ, हवन आदि में किया जाता है। गाय के दूध, दही,घी, गोबर और गोमूत्र से पंचगव्य बनता है।

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गाय पर निबंध 300 शब्दों में

भारत में गाय को गौ माता का दर्जा दिया गया है। गाय का स्वभाव बहुत सरल होता है। प्राचीन काल से ही गाय को देवी का रूप माना जाता है। और गाय की पूजा की जाती है। सभी मंगल कार्य में गाय से बनी चीजों (पंचगव्य) का उपयोग किया जाता है जैसे दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर। इन तत्वों में औषधीय गुण भी होता है इसलिए बहुत सी दवाइयों के निर्माण में गाय के घी और गोमूत्र का उपयोग किया जाता है।

गाय की संरचना:

गाय विभिन्न रंग-रूप और आकार की होती है, और पूरे विश्व में पाई जाती है। गाय के शारीरिक संरचना में दो सींग, दो कांन, दो आंख, एक नांक, चार पैर, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूंछ होती है। जिससे वह मक्खियां उड़ाती है। गाय के पैरों में खुर होती है जो चलने व दौड़ने में मदद करती है। कुछ गाय की प्रजातियों में सींग नहीं पाई जाती है। गाय का दूध बेहद पौष्टिक होता है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

Cow essay in Hindi - गाय पर निबंध

गायों पर संकट:

गायों पर सबसे बड़ा संकट पॉलिथीन है। कचरे के ढेर में पड़ी ना सड़ने वाली पॉलिथीन को गाय खा जाती है जिससे उसके पेट में जाकर वह फंस जाती है। इस वजह से गायों की मृत्यु हो जाती है। इसके साथ ही कई प्रकार के रोग गायों को हो जाते हैं जिससे उनकी मौत हो जाती है। हाल ही में Lumpy Skin Disease नामक रोग गायों के लिए बेहद दर्दनाक रहा है जिससे बहुत सारी गायों की मृत्यु तक हो गई है।

गाय शुद्ध शाकाहारी होती है और इसका भोजन भी बहुत ही साधारण होता है। यह हरी घास, अनाज और भूसा खाती है। हिंदू धर्म में गायों का सभी जानवरों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है और हमारे यहां गाय की पूजा होती है। लेकिन हम मानव की कुछ गलतियों के कारण गायों पर संकट पैदा हो जाता है। जैसे पॉलिथीन खाने से गायों की मौत हो जाती है। अतः हमें पॉलिथीन का समुचित प्रयोग करना चाहिए।

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गाय पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना :.

गायों का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। प्राचीन काल में भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी गायों को ही कहा जाता था। क्योंकि गाय से दूध के साथ साथ उसके बछड़े से किसान खेती करते थे। वैदिक काल में गायों की संख्या व्यक्ति की समृद्धि की निशानी हुआ करती थी। आज भी गाय का बहुत अधिक महत्व है। गाय के दूध में अत्यधिक पौष्टिकता होती है। इसी कारण से छोटे बच्चों से लेकर मरीजों तक को गाय का दूध दिया जाता है। गाय को गौ माता कहा जाता है। और गायों की पूजा की जाती है।

गाय की शारीरिक संरचना :

गाय के शारीरिक संरचना में एक मुंह, दो आंखें, दो कान, चार थन, दो सींग, दो नथुने तथा चार पैर वह एक पूछ होती है। पैरों मैं खुर होती है जो गाय के लिए जूतों का काम करते हैं। जिससे चलने व दौड़ने में मदद मिलती है। गाय की पूंछ लंबी होती है तथा उसके छोर पर एक बालों का गुच्छा भी होता है, जिससे वह शरीर पर बैठने वाली मक्खियां आदि को उड़ाने मे प्रयोग करती है। गाय की कुछ प्रजाति में सींग नहीं होते है।

गायों की प्रमुख नस्लें :

गायों की कई नस्लें होती हैं, हमारे भारत में मुख्‍यत: सहिवाल (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार), गीर (दक्षिण काठियावाड़), थारपारकर (जोधपुर, जैसलमेर, कच्छ), करन फ्राइ (राजस्थान), नीमाड़ी, मालवी, गावलाव (मध्य-प्रदेश) आदि हैं। विदेशी नस्ल में जर्सी गाय सर्वाधिक लोकप्रिय है। यह गाय दूध भी अधिक देती है। भारतीय गाय छोटी होती है, वहीं विदेशी गायों का शरीर थोड़ा भारी होता है।

गाय का महत्व :

गायों का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। आर्थिक दृष्टि से गायों से प्राप्त होने वाला दूध लोगों की आजीविका का महत्वपूर्ण साधन है। तो वही धार्मिक दृष्टि से गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है।

गाय का आर्थिक महत्व:

हमारे जीवन यापन में प्राचीन काल से लेकर अब तक गायों का बेहद ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गाय के दूध से कई प्रकार की चीजें बनाई जाती है जैसे गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, और कई प्रकार की मिठाइयां आदि बनाई जाती है। जो कई लोगों की आमदनी का मुखिया स्रोत होता है। गायों के बछड़े बड़े होकर हल खींचने का काम करते हैं जिससे किसान को खेती करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही गाय के गोबर से आज बनाई जाती है जो खेती के लिए सबसे उपयुक्त खाद मानी जाती है।

गाय का धार्मिक महत्व :

हिंदू धर्म में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास होता है। दीवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। गाय के घी का पूजा हवन आदि में बहुत अधिक महत्व होता है। गाय के घी को हवन में डालने से आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ऐसा माना जाता है जिन घरों में गाय होती हैं उस घर की समृद्धि होती है।

गाय का औषधीय महत्व :

गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर का पानी को सामूहिक रूप से पंचगव्य कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि की मान्यता है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में गाय का घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। गाय का दूध सुपाच्य होता है जिस वजह से छोटे बच्चे और रोगी को भी गाय का दूध पिलाया जाता है।

गाय शुद्ध शाकाहारी होती है और इसका भोजन भी बहुत ही साधारण होता है। या हरी घास, अनाज और भूसा खाती है, इसलिए इसे कोई भी साधारण परिवार आसानी से पाल सकता है। गायों का आर्थिक तथा धार्मिक दोनों में महत्व है। गाय के दूध से खाने के लिए बहुत सारी चीजें बनती हैं जैसे दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर व मिठाईयां इत्यादि। गाय का दूध काफी सुपाच्य होता है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मैं मदद करता है।

इस लेख में आज आपने गाय पर निबंध (Cow Essay in Hindi) लिखना सीखा है। उम्मीद करता हूँ कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद!

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FAQ Cow Essay

गाय पर निबंध कैसे लिखा जाए.

गाय पर निबंध लिखना काफी आसान है आप जो भी गाय के बारे में जानते हैं उसे अपने निबंध में एक व्यवस्थित तरीके से लिख दे। उदाहरण के लिए आप इस निबंध को देख सकते हैं। Cow Essay in Hindi और एक अच्छा निबंध लिखने के लिए किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए इसके लिए यह लेख पढ़ें।

गाय से मनुष्य को क्या लाभ है?

गाय के दूध से कई प्रकार की चीजें बनाई जाती है जैसे गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, और कई प्रकार की मिठाइयां आदि बनाई जाती है। जो कई लोगों की आमदनी का मुखिया स्रोत होता है। गायों के बछड़े बड़े होकर हल खींचने का काम करते हैं जिससे किसान को खेती करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही गाय के गोबर से आज बनाई जाती है जो खेती के लिए सबसे उपयुक्त खाद मानी जाती है।

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Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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Essay on cow in hindi गाय पर निबंध.

Write an essay on Cow in Hindi.  गाय पर निबंध। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए गाय पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss very important topic i.e essay on Cow in Hindi. Cow essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Cow in Hindi is defined in more than 350 words. Learn an essay on Cow in Hindi and bring better results.

hindiinhindi Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi 150 Words

गाय बहुत उपयोगी पशु है। यह एक घरेलू जानवर है। गाय विभिन्न रंगो की होती है। वह हमें दूध देती है मक्खन, दही और मिठाईयाँ भी इसके ही दूध से बनती है। गाय का दूध हमारे लिए बहुत उपयोगी है। गाय रंगों में भिन्न है। इसके दो सींग होते है। इसके दो कान और दो आंख होती है और इसकी एक लम्बी पूंछ होती है।

हर कोई गाय को माँ की तरह सम्मान करता है। गाय की पूजा भारत में की जाती है। हिन्दु लोग इसे सम्मान से गऊ माता कहते है। गाय घास, भोजन, अनाज और कई अन्य चीजें खाती है। गाय को गोबर एक अच्छा उर्वरक होता है जो आम तौर पर फसलों के विकास के लिए खेतों में उपयोग किया जाता है। गाय हमारे खेतो में हल भी चलाती है। हम उसे माता के रूप में पूजा करते है। वह जानवरों में सबसे पवित्र प्राणी है वह हमारी राष्ट्रीय पशु है। मै गाय को बहुत पसंद करता हूँ।

Essay on Cow in Hindi 200 Words

गाय एक प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण घरेलू जानवर है। यह भारत में “गौ माता” के रूप में जाना जाता है। यह हमें पौष्टिक दूध देती है। गाय सभी जानवरों में सबसे पवित्र पशु के रूप में माना जाता है। यह दुनिया के लगभग सभी देशों में पाया जाता है। यह स्वभाव से बहुत ही सीधा जानवर होता है। भारत में गाय प्राचीन समय से ही देवी के रूप में पूजी जाती है। गाय का दूध त्योहारों और पूजा के दौरान देवी और देवता के प्रतिमा का अभिषेक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। गाय भिन्न भिन्न आकार व रंग रूप की होती हैं। इसके चार पैर, एक दो कान, पूंछ, दो आंख, एक मुंह, एक नाक, एक सिर और विशाल पीठ वाला एक घरेलू जानवर है। यह हरी घास, भोजन, अनाज खाती है। गाय खेतों में हरी घास खाना ज्यादा पसंद करती है।

गाय देश के लगभग हर क्षेत्र में पाया जाता है। गाय की दूध से दही, पनीर, घी, मट्ठा, मक्खन, मिठाई, खोया और कई सारी चीजें बनाई जाती है। डॉक्टर मरीजों को हमेशा गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं। हमें गाय को कभी चोट नहीं पहुँचानी चाहिए और उन्हें समय – समय पर उचित भोजन और पानी देना चाहिए।

Essay for Cow in Hindi in 300 Words

गाय एक बहुत ही उपयोगी पालतू जानवर है, जिसे भारत में माता के समान पूजा जाता है। हिंदू धर्म के लोग गाय को “गाय हमारी माता है” के रूप में पूजते हैं। गाय दुनिया भर के सभी देशों में पाई जाती है पर भारत में इसका एक अलग ही महत्व है। धरती पर भगवान के रूप में गाय में 33करोड़ देवी-देवता विराजमान है, इसलिए गाय हिन्दुओं के लिए बहुत ही पवित्र जानवर है। देवी-देवताओं के का रूप गौ-माता, 14 रत्नों से एक मुख्य रत्न है। ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति, गाय की सेवा पूरे तन-मन से करता है, उसकी सारी विपदाएं, और समस्याएं गाय माता हर लेती है।

गाय का स्वभाव बहुत ही सीधा साधा होता है। गाय एक शाकाहारी जानवर है, जो भोजन में अनाज, हरी घास, चारा खाती है। गाय को सबसे ज्यादा खेतों की हरी-भरी घास खाना पसंद है। गाय के दूध से हम बहुत सारी चीजें बना सकते हैं जैसे की दही, पनीर, क्रीम, मक्खन, मिठाई आदि। गाय का दूध मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि यह हमारी उनकी प्रतिरोधक क्षमता को प्रदान बढ़ाने में मदद करता है। दूध देने के कारन मनुष्य के लिए गाय बहुत ही फायदेमंद जानवर है। गाय का दूध हमें स्वस्थ रखता है और नवजात शिशुयो के लिए गाय का दूध बहुत ही अच्छा है।

गाय 12 महीने में एक बार बछड़े को जन्म देती है, जिसको वह चलना और दौड़ना नहीं सिखाती। बछड़ा अपने आप ही यह गुण सीखता है। बछड़ा कुछ दिनों तक ही गाय का दूध पीता है और फिर गाय की तरह ही हरी घास खाना शुरू कर देता है।

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गाय पर निबंध

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गाय एक दुधारु पशु है। गाय एक घरेलू जानवर है। हिंदू लोगों द्वारा उसकी पूजा करते हैं और उसे "गौ माता" कहते हैं।

यह सफेद, गेरुए, काले या चितकबरे रंग की होती है। गाय एक चार पैरों वाला जानवर है। गाय के दो सींग होते हैं उसकी पूँछ लंबी होती है। उसके खुर फटे हुए होते हैं। दुनिया में गाय हर जगह पाई जाती हैं।

गाय घास, भूसा, दाना और खली खाती है। गाय हमें दूध देती है। उसका दूध मीठा, पचने में हल्का और पौष्टिक होता है। उसके दूध से हमें बहुत से दुग्ध उत्पाद जैसे मक्खन, घी, चीज़, दही आदि मिलते हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि यदि हम शुद्ध और ताज़ा दूध पाना चाहते हैं, तो गाय रखना बेहतर है। जूते और बेल्ट बनाने के लिए छिपाना का उपयोग किया जाता है। गोबर कृषि के लिए सर्वोत्तम है। इसका उपयोग गांवों में ईंधन के रूप में भी किया जाता है।

गाय के बच्चे को 'बछड़ा' या 'बछिया' कहते हैं। जब बछड़ा बड़ा होता है, तब उसे 'बैल' कहा जाता है और वे किसान के खेत की जुताई करते हैं। बैल गाड़ियां खींचते हैं, पुरुषों और सामानों का भार उठाते हैं और खेती के लिए खेत में हल भी खींचते हैं। कभी-कभी, बीज से तेल निकालने के लिए उन्हें पीसने वाले पेड़ पर रखा जाता है।

यह जानवर पूरी दुनिया में पाया जाता है। यह स्वभाव से कोमल है। यह हमें दूध देता है जो बहुत पौष्टिक होता है। दूध से, हम दही, मक्खन और पनीर बनाते हैं, जिससे फिर से हम विभिन्न प्रकार के केक और मीठे बनाते हैं।

भारत में, गाय की पूजा भी की जाती है। गाय का गोबर एक अच्छा उर्वरक है जो आमतौर पर खेती में खेतों में फसलों के बेहतर विकास के लिए उपयोग किया जाता है। इस प्रकार गाय एक बहुत ही उपयोगी घरेलू पशु है। वह किसानों के साथ-साथ आम आदमी की भी मदद करती है।

गाय पूज्य मानी जाती है। उसे हम गोमाता मानते हैं।

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10 Lines On Cow: गाय के बारे में 10 लाइन और गाय के बारे में 10 रोचक तथ्य  

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  • Updated on  
  • मई 14, 2024

10 Lines On Cow in Hindi

गाय का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है। वे और पुराणों में भी गाय का जिक्र पढ़ने को मिलता है। गाय को भारतीय संस्कृति में एक पवित्र पशु माना जाता है। गाय की अलग अलग प्रजातियां पूरे विश्व में पाई जाती हैं। गाय एक पालतू जानवर है। यह भारत में घरों में पाले जाने वाले मुख्य पशुओं में से एक है। हिन्दू धर्म में गाय को पूजनीय माना गया है। इस कारण से अक्सर छोटे बच्चों से होमवर्क या असाइनमेंट के रूप में 10 लाइन लिखने के लिए दे दी जाती हैं। यहाँ 10 Lines On Cow in Hindi दी जा रही हैं ताकि इनकी मदद से छात्र गाय पर 10 लाइन का निबंध तैयार कर सकें। इसके साथ ही यहाँ गाय के बारे में 10 रोचक तथ्यों के बारे में बताया जा रहा है।

10 Lines On Cow in Hindi: गाय के बारे में 10 लाइन

यहाँ 10 Lines On Cow in Hindi दी जा रही हैं : 

  • गाय एक पालतू जानवर है। 
  • गाय दूध देती है।  
  • गाय का मुख्य भोजन हरा चारा, भूसा और चोकर आदि होता है।  
  • गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं। 
  • गाय की बच्ची को बछिया कहते हैं।  
  • शास्त्रों में गाय के दूध को अमृत के समान बताया गया है।  
  • गाय के दूध से घी, मक्खन और पनीर आदि अनेक प्रकार के उत्पाद बनते हैं।  
  • गाय के गोबर से कंडे बनाए जाते हैं, जो कि सर्दियों में ईंधन का काम करते हैं। 
  • गाय के गोबर का प्रयोग खेतों में खाद के रुप में भी किया जाता है।  
  • गाय के मूत्र से कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जाती हैं। 

यह भी पढ़ें : मदर्स डे पर 10 लाइन और माँ पर एक सुन्दर कविता 

10 Lines On Cow in Hindi: गाय के बारे में 10 रोचक तथ्य  

यहाँ 10 Lines On Cow in Hindi के तहत गाय शब्द की उत्पत्ति के बारे में बताया जा रहा है : 

  • गाय को रंगों की पहचान होती है।  गाय कला, सफ़ेद, हरा और सिलेटी रंग देखकर उन्हें पहचान सकती है।  
  • गाय की याद्दाश अच्छी होती है। उसे अपने घर का रास्ता हमेशा याद रहता है।  
  • गाय सामाजिक प्राणी होती हैं। 
  • गाय दूसरी गायों को सहेलियां भी बनाती हैं।  
  • गाय एक दिन में लगभग चार घंटे ही सोती है।  
  • गाय 360 डिग्री की दूरी तक देख सकती हैं।  
  • गाय को अपने बछड़े और बछिया से बहुत प्रेम होता है।  
  • गाय को एक बुद्धिमान पशु माना जाता है।  
  • गाय के दूध में औषधीय गुण होते हैं।  
  • गाय के दूध के अलावा गाय के मूत्र में भी औषधीय गुण होते हैं। 

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आशा है कि आपको 10 Lines On Cow in Hindi का यह ब्लॉग ज्ञानवर्द्धक लगा होगा। अन्य निबंध से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।

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