नया भारत पर निबंध – New India Essay In Hindi
New India Essay In Hindi : आज पुरे विश्व में विकासशील राष्ट्र के रूप में भारत की चर्चा होती है. आजका भारत सभी क्षेत्रो में प्रगति की ओर आगे बढ़ रहा है. नए सपने मन में जगे है, नया उजास चारो ओर आगे बढ़ रहा है. चलिए आज हम इस लेख में अपने नए भारत की संकल्पनाओ के साथ क्या है नया भारत, कैसा होना चाहिए नया भारत. मेरे सपनों का भारत कैसा होना चाहए? प्रस्तुत है नया भारत पर निबंध हिंदी में.
1. नए भारत की कल्पना पर निबंध 300 word
नया भारत पर निबंध : सभी लोगो के सपनों की उड़ान के साथ नए भारत की कल्पना यहाँ की गयी है. हम ने भारत में कई क्षेत्रो में विकास की रह पकड़ ली है. हम भारत के सर्वंगी विकास के साथ आगे बढ़ रहे है. फिर भी नए भारत की हम कल्पना करते है तो कई क्षेत्रो में सुधार की, आधुनिकता की, पारदर्शिता की और सांस्कृतिक विकास की ओर कई मुद्दे है जोहमारे नए भारत में साकार होने आवश्यक है.
मैं चाहता हूँ कि मेरा नया भारत ऐंसा हो जिसमें सभी लोग शिक्षित हों। भारत की शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा ताकि विद्यार्थी उच्च स्तर की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। भारत की शिक्षा व्यवस्था में आधुनिक एवं नए विषयों को जोड़कर आने वाले समय में सुधार किया जा सकता है। इससे लोग आधुनिक ज्ञान सीखकर अपने देश के सभी क्षेत्रों में योगदान देगा।
मेरी कल्पना के नए भारत में कोई भी योग्य व्यक्ति बेरोजगार नहीं होगा। भारत में नए उद्योगों एवं नए संस्थानों की स्थापना करके तथा नई परियोजनाओं पर कार्य करके भारत में नए रोजगारों के अवसर लाये जा सकते हैं। मैं चाहता हूँ कि भारत का हर क्षेत्र इतना विकसित हो जाये कि व्यक्ति को अपना देश और न ही अपना प्रदेश छोड़कर बाहर जाना पड़े।
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3. तकनीकी विकास
मेरा मानना है कि आने वाले वर्षों के नए भारत में तकनीकी विकास की दर इतनी तेजी से बढ़ेगी कि भारत दूसरे देशों से हर क्षेत्र में मुकाबला कर पायेगा। तकनीकी विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकसित होना जरूरी है। नौकरियां, पर्यटन, खेल, चिकित्सा, शिक्षा, अर्थव्यवस्था आदि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उदाहरण हैं। भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए नए उपकरण प्रदान कर तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शिक्षा को बढ़ावा देकर भारत के तकनीकी विकास की दर तेजी से बढ़ाई जा सकती है।
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4. जाति एवं धार्मिक मुद्दे
मेरी कल्पना के भारत में सभी भाईचारे से रहेंगे तथा सभी को समान अवसर प्रदान होंगे। चूंकि मेरा मानना हैं कि शिक्षा से सोचने एवं समझने की क्षमता बढ़ती है इसीलिए शिक्षा के माध्यम से जाति एवं धार्मिक मुद्दों को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। यदि भारत का हर एक व्यक्ति शिक्षित होगा तो न ही छुआछूत होगा और न ही जाति एवं धर्म पर आधारित राजनीति होगी।
2. मेरे सपनों का भारत पर निबंध हिंदी में 200 word
नया भारत पर निबंध : अनेकता में एकता का प्रतीक है मेरा भारत देश। यहां अनेक धर्म, जाति, देश, वेश – भूषा तथा संस्कृति के लोग रहते हैं। भारत देश में अनेकों त्यौहार मिल-जुलकर मनाये जाते हैं। भाईचारे से लिप्त है मेरा भारत देश।
भारत ने तकनीक के क्षेत्र में काफी उन्नत हो गया है लेकिन अभी भी विदेशों की तकनीक से काफी पीछे है। मैं चाहता हूँ कि भारत में तकनीक की वृद्धि दस गुना तेजी से होवे ताकि भारत आने वाले समय एक नया मुकाम हासिल कर सके।
भारत में शिक्षा को लेकर काफी जागरूकता आयी है। पहले जहां लड़कियों को घर से निकलने नहीं दिया जाता था आज वो पुरूषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं और हर क्षेत्र में देश को अपना योगदान दे रहीं हैं।
जहां एक तरफ भारत प्राचीनकाल से ही पारंपरिक और सांस्कृतिक देश है वहीं कुछ वर्षों से धीरे धीरे घर कर रही विदेशी सभ्यता हमारे देश को अंदर ही अंदर दिन बा दिन खोखला कर रहीं हैं। तेजी से विकास की ओर अग्रसर देश में जहां एक तरफ विदेशी सभ्यता से लोगों के रहन सहन में बदलाव आया है वहीं किशोर तेजी से बुरी आदतों को अपना रहे हैं। मैं चाहता हूँ कि भारत देश के लोग परंपरा और संस्कृति को बनाये रखते हुए विकास की ओर अग्रसर हों।
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3.new india essay in hindi 300 word
संस्कृति की धरोहर कहे जाने वाला भारत देश को विविधता में एकता का प्रतीक कहा जाता है। मैं भारत के कुछ सामान्य मुद्दों पर अपने विचार नया भारत पर निबंध में प्रदर्शित किये गए है.
भारत में पहले की अपेक्षा शिक्षा को ज्यादा महत्व दिए जाने लगा है लेकिन अभी भी बहुत से लोग शिक्षा से ज्यादा पैसे को महत्व देते हैं और बिना शिक्षा ग्रहण किये ही पैसे कमाने की होड़ में लग जाते हैं। मैं चाहता हूँ कि भले ही आप आगे चलकर व्यापार, प्राइवेट नौकरी अथवा सरकारी नौकरी करना चाहते हों लेकिन पहले शिक्षित हो जाएं। क्योंकि आप शिक्षित होंगे तो आपके पास सभी समस्याओं का समाधान होगा और आपके विचार नेक होंगे जिससे कि आप आगे चलकर जो भी कार्य करते हैं उसमें अपना शत प्रतिशत योगदान दे सकें।
2. लिंग भेदभाव
सरकारी नियमों एवं कानूनों ने महिलाओं को हर क्षेत्र में विशेष महत्व दिया है जिससे कि लिंग भेदभाव को खत्म किया जा सके और काफी हद तक लिंग भेदभाव में कमी आयी है। आज महिलाएं भी हर क्षेत्र में बराबर योगदान दे रही हैं।
लेकिन आज भी बहुत सी जगहों पर महिलाओं को पुरुषों से पीछे माना जाता है। फलस्वरूप अधिकतर लोगों द्वारा लड़कियों को जन्म के समय ही मार दिया जाता है अथवा शिक्षा एवं रोजगार में महिलाओं के लिए विशेष महत्व होते हुए भी उन्हें रोक दिया जाता है।
3. भ्रष्टाचार
भारत में आये दिन भ्रष्टाचार बढ़ते जा रहा है। भ्रष्टाचार में लिप्त नेता एवं कर्मचारी भारत के विकास में बाधा बन रहे हैं। पैसे की लालच में भ्रष्ट नेता एवं कर्मचारी रिश्वतखोरी जैंसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। सरकारी योजनाओं के तहत आने वाले पैसों का उपयोग जेब भरने में किया जाने लगा है, सरकारी योजनाओं को फाइलों तक ही सीमित कर दिया जाता है।
4. जाति भेदभाव
भारत देश को भाईचारे का प्रतीक कहा जाता है। सभी को समानता का अधिकार देने के लिए संविधान भी है। लेकिन अभी कुछ जगहों पर जाति एवं धर्म के आधार पर प्राथमिकता दी जाती है जो कि गलत है। हम चाहते हैं कि सभी को समान अवसर प्रदान हो तथा जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव न हो।
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4. concept of new india essay in hindi 200 word
एक समय था जब मेरा भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था। पहले अंग्रेजों ने लूटा और अब भ्रष्टाचार लूट रहा है। सरकारी योजनाएं इतनी निकाली जाती हैं कि जनता खुशी खुशी अपना जीवन व्यतीत करे। लेकिन इन योजनाओं का लाभ भी कुछ ही लोग ले पाते हैं। सभी लोगों तक पहुंचने से पहले ही योजनाओं को भ्रष्टाचार के तले दबा दिया जाता है और अपनी जेबें भर ली जाती हैं।
मैं चाहता हूँ कि मेरे देश का हर एक व्यक्ति मेहनत, लगन, कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से अपने हरेक कार्य को करे तथा मेरे सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान दे ताकि भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके।
मैं चाहता हूँ कि सबसे पहली प्राथमिकता शिक्षा को दी जाए और देश का हर एक नागरिक शिक्षा के महत्व को समझे। लोग अपने बच्चों को पैसे कमाने के लिये, सरकारी नौकरी करने अथवा व्यवसाय करने की प्रेरणा देने से पहले शिक्षा के महत्व को समझाएं ताकि वो छोटी उम्र में सबसे पहली प्राथमिकता शिक्षा को दें और शिक्षा के महत्व को समझें।
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साथ ही अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि जनसंख्या नियंत्रण और रोजगार के विषय पर ध्यान दिया जाए। जहां एक तरफ जनसंख्या और बेरोजगारी तेजी से बढ़ती जा रही है वहीं भारत में अभी भी रोजगार के अवसर में काफी कमी है।
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डिजिटल इंडिया पर निबंध (Digital India Essay in Hindi)
डिजिटल भारत प्रोग्राम भारत को समृध्द करने की दिशा में भारत सरकार की नई पहल है। इसका प्रमुख उद्देश्य देश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नये कीर्तिमान गढ़ना है। इसके द्वारा देश को डिजिटली रुप से सशक्त करना एकमेव लक्ष्य है। वर्तमान युग में आज वही देश आगे है जिसने विज्ञान और तकनीकी को अपने देश की तरक्की का माध्यम बना लिया है। प्रायः इसके गुण-दोष को लेकर मंत्रणाएं होती रहती है। इसी कारण वश हम यहां डिजिटल इंडिया पर कुछ लघु-दीर्घ निबंध प्रस्तुत कर रहें हैं।
डिजिटल इंडिया पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Digital India in Hindi, Digital India par Nibandh Hindi mein)
निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान 1 जुलाई 2015 को शुरू किया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री,रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी, विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी आदि जैसे दिग्गज उद्योगपतियों कीउपस्थिति में डिजिटल इंडिया शुरू किया गया।
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य
इसअभियानका उद्देश्य इंटरनेट के माध्यम से देश मेंडिजिटल क्रांति लाना है, साथ ही इंटरनेट को सशक्त करके भारत के तकनीकी पक्ष को मजबूत करना है। देश को डिजिटल रूप से विकसित करने और देश के आईटी संस्थान में सुधार करने के लिए, डिजिटल इंडिया महत्वपूर्ण पहल है।
डिजिटल इंडिया के तहत योजनाएँ
डिजिटल इंडिया अभियान की विभिन्न योजनाओं जैसे डिजिटल लॉकर, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल, ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, ई-साइन आदि को शुरु करके इस कार्यक्रम का अनावरण किया गया है।देश भर में लोग इस कार्यक्रम के तहत प्रौद्योगिकी में सुधार कररहेहैं। डिजिटल इंडिया का उद्देश्य देश को डिजिटल-सक्षम समाज में परिवर्तित करना है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी सुविधाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से निवासियों को उपलब्ध हों।
1 जुलाई 2015 को शुरू किया गया, यह ग्रामीण लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ने के लिए आवश्यक देशव्यापि कार्यक्रम है। डिजिटल इंडिया का समाज के हर हिस्से के लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस कार्यक्रम के तहत देश भर मेंनई नौकरियों के सृजन का अवसर है।इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक कॉमन सर्विस सेंटर की भी व्यवस्था कीगई है।
निबंध – 2 (400 शब्द)
यह परियोजना उन गाँव के लोगों के लिए सबसे उपयोगी है जो देश के सुदूर इलाके में बसे हुए हैं या शहरी क्षेत्र से बहुत दूर हैं, यह परियोजना उच्च गति की इंटरनेट सेवा प्रदान करके अपने समय के उपयोग को कम करती है। जो अब ग्रामीणों को सभी काम करने देगी सिर्फ एक क्लिक से और शहरी कार्यालय बंदरगाहों की यात्रा करने से बचें। विभिन्न सरकारी विभागों ने इस परियोजना में रुचि दिखाई है जैसे आईटी, शिक्षा, कृषि आदि, क्योंकि यह देश के उज्ज्वल और अधिक ज्ञान से सुसज्जित भविष्य की झलक दिखाता है।
डिजिटल भारत की समस्या
भारत में ई-गवर्नेंस के सफर में जन-आधारित सेवाओं पर जोर देने के साथ व्यापक क्षेत्रीय प्रयोगों के लिए नब्बे के दशक में कई उतार-चढ़ाव देखे। बाद में, कई राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों ने विभिन्न ई-गवर्नेंस परियोजनाएं चलाईं। हालांकि ये ई-गवर्नेंस जन-आधारित परियोजनाएं थी, लेकिन ये उतने प्रभावी नहीं हुए, जितना होना चाहिए था। 2006 में शुरु हुई भारत सरकार की यह पहल, विभिन्न डोमेन को कवर करने वाले 31 मिशन मोड प्रोजेक्ट को साथ ले चल रही थी। देश भर में कई ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के बाद भी ई-गवर्नेंस वो सफलता नहीं दे पाई, जो अपेक्षित थी।
यह महसूस किया गया है कि देश में ई-शासन को सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक जोर की आवश्यकता है, जो इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं, उत्पादों, उपकरणों और नौकरी के अवसरों को शामिल करने वाले समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को मजबूत करने की आवश्यकता है।
सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने के लिए, भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को भारत में डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए आरंभ किया है
इससे सबसे अधिक लाभ ग्राम-निवासियों को हुआ है। रिलायंस इंडिया के जीयो नेटवर्क सर्विस ने बहुत कम दर पर नेट की सुविधा देकर मुकेश अंबानी जी ने देश का स्वरुप ही बदल दिया। अब हर हाथ में टचस्क्रीन मोबाइल फोन्स है, चाहे शहर हो या गांव।
डिजिटलीकरण के कारण अब घर बैठे हम रेल, वायुयान, बस के टिकट्स बुक कर सकते हैं। अब लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने की जरुरत नहीं। अब हर काम ऑनलाइन संभव है। कोई भी जानकारी चाहिए, सब कुछ इंटरनेट पर मौजूद है। समय नहीं है, और खरीदारी करनी है, कोई दिक्कत नहीं, घर बैठे, ऑनलाइन खरीदारी करिए। ई-कामर्स मंचों ने बहुतों को रोजी-रोटी का साधन दिया है।
निबंध – 3 (500 शब्द)
भारत सरकार द्वारा संचालित, डिजिटल इंडिया देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया एक अभियान है। इस अभियान का मकसद सरकारी सेवाओं को उन्नत करके कागजी कामकाज को कम करना है।
डिजिटल भारत के नौ स्तंभ
1) ब्रॉडबैंड सुविधा
डिजिटल भारत के अन्तर्गत करीब ढ़ाई लाख पंचायतों को इससे जोड़ने का प्लान है। बीस हजार करोड़ की अनुमानित राशि से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को देश भर में फैलाने की योजना 2016-2017 में बनाई गयी थी।
2) घर-घर में फोन
भारत में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं ने 2014 में 581 मिलियन उपयोगकर्ताओं को पार किया और पिछले एक दशक में लगातार वृद्धि हुई है। 2015 में ई-मार्केटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 2019 में 800 मिलियन से अधिक मोबाइल फोन उपयोगकर्ता आंके गये।
3) सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम – राष्ट्रीय ग्रामीण इंटरनेट मिशन
इस कार्यक्रम के द्वारा सीएससी को ग्राम-पंचायतों के माध्यम से सेवा वितरण के लिए बहुआयामी अंत-बिंदुओं के माध्यम से सबके अनुकूल बनाया गया है। डीआईटीवाई के माध्यम से तकरीबन 4,750 करोड़ रुपए लागत से करीब 130,000 से 250,000 गांवों तक पहुँचाने का लक्ष्य है। साथ ही डाक-घरो को भी बहु-सेवा केंद्र बनाया जाना है।
4) ई-गवर्नेंस : प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुधार
सरकार सरलीकरण और कटौती, ऑनलाइन अनुप्रयोगों, विभागों के बीच विकासशील इंटरफ़ेस, स्कूल प्रमाणपत्र और मतदाता पहचान पत्र, सेवाओं और प्लेटफार्मों के एकीकरण जैसे ऑनलाइन संग्रह का उपयोग सहित लेनदेन में सुधार करने के लिए आईटी का उपयोग करके बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग (बीपीआर) करेगी। जैसे पेमेंट गेटवे, मोबाइल प्लेटफॉर्म आदि।
5) ई-क्रांति : इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी ऑफ़ सर्विसेज
इसमें नियोजन, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय समावेशन, न्याय और सुरक्षा के क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना शामिल होगा। कृषि के क्षेत्र में, किसानों के लिए प्रौद्योगिकी का विकास वास्तविक समय की जानकारी, इनपुट के ऑनलाइन ऑर्डर (जैसे उर्वरक) और ऑनलाइन नकदी, ऋण, राहत-भुगतान के साथ-साथ मोबाइल बैंकिंग के विकास में परिणत होगा।
6) सभी के लिए सूचना
‘सभी को जानकारी’ का स्तंभ का उद्देश्य ऑनलाइन जानकारी प्रदान करना और वेबसाइटों और दस्तावेजों की मेजबानी करना शामिल होगा। यह सामान्य रूप से खुले डेटा प्लेटफार्मों के विकास के साथ-साथ जनता द्वारा सूचना के लिए एक आसान और खुली पहुंच के रूप में होगा।
7) इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण : 2020 तक नेट शून्य आयात लक्ष्य
भारत में, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा संरचना को मजबूत करने की आवश्यकता है; आने वाले दिनों में इस डोमेन में ‘नेट शून्य आयात’ का लक्ष्य रखा गया है। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य होगा, जिसमें कराधान, प्रोत्साहन, पैमाने की अर्थव्यवस्था जैसे कई मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता होगी, और लागत के नुकसान को खत्म करना होगा।
8) आईटी नौकरियां
इस स्तंभ का उद्देश्य आईटी सेक्टर की नौकरियों के लिए छोटे शहरों और गांवों में लोगों को प्रशिक्षित करना है।
9) प्रारंभिक फसल कार्यक्रम
इसके तहत ग्रामीण अंचल में बहुत सारी योजनाएं कार्यांवित हो रही है। इंटरनेट के माध्यम से ग्राम स्तर पर आधारभूत सुविधाएं मुहैय्या कराने की योजना है। शीघ्र कटाई कार्यक्रम में सरकारी मंच के द्वारा शुभकामानाएं भेजना, केन्द्र सरकार के सभी कार्यालयों के कर्मचारियों को बायोमैट्रिक उपस्थिति कराना अनिवार्य किया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने के लिए, भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए जारी किया है।
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Make Your Note
भारतीय संस्कृति का अनोखा स्वरुप
- 28 Nov 2020
- 13 min read
- सामान्य अध्ययन-I
स्वभाव की गंभीरता , मन की समता , संस्कृति के अंतिम पाठों में से एक है और यह समस्त विश्व को वश में करने वाली शक्ति में पूर्ण विश्वास से उत्पन्न होती है।
अगर भारत के संदर्भ में बात की जाए तो भारत एक विविध संस्कृति वाला देश है, एक तथ्य कि यहाँ यह बात इसके लोगों, संस्कृति और मौसम में भी प्रमुखता से दिखाई देती है। हिमालय की अनश्वर बर्फ से लेकर दक्षिण के दूर दराज में खेतों तक, पश्चिम के रेगिस्तान से पूर्व के नम डेल्टा तक, सूखी गर्मी से लेकर पहाड़ियों की तराई के मध्य पठार की ठंडक तक, भारतीय जीवनशैलियाँ इसके भूगोल की भव्यता स्पष्ट रूप से दर्शाती है। एक भारतीय के परिधान, योजना और आदतें इसके उद्भव के स्थान के अनुसार अलग-अलग होते हैं।
भारती संस्कृति अपनी विशाल भौगोलिक स्थिति के समान अलग-अलग है। यहाँ के लोग अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं, अलग-अलग तरह के कपडे़ पहनते हैं, भिन्न-भिन्न धर्मों का पालन करते हैं, अलग-अलग भोजन करते हैं किंतु उनका स्वभाव एक जैसा होता है। चाहे कोई खुशी का अवसर हो या कोई दुख का क्षण, लोग पूरे दिल से इसमें भाग लेते हैं, एक साथ खुशी या दर्द का अनुभव करते हैं। एक त्यौहार या एक आयोजन किसी घर या परिवार के लिये समिति नहीं है। पूरा समुदाय या आस-पड़ोस एक अवसर पर खुशियाँ मनाने में शामिल होता है, इसी प्रकार एक भारतीय विवाह मेल-जोल का आयोजन है, जिसमें न केवल वर और वधु बल्कि दो परिवारों का भी संगम होता है। चाहे उनकी संस्कृति या फिर धर्म का मामला क्यों न हो। इसी प्रकार दुख में भी पड़ोसी और मित्र उस दर्द को कम करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारतीय संस्कृति के बारे में पं. मदनमोहन मालवीय का कहना है कि ‘‘भारतीय सभ्यता और संस्कृति की विशालता और उसकी महत्ता तो संपूर्ण मानव के साथ तादात्म्य संबंध स्थापित करने अर्थात् ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की पवित्र भावना में निहत है।
भारत का इतिहास और संस्कृति गतिशील है और यह मानव सभ्यता की शुरूआत तक जाती है। यह सिंधु घाटी की रहस्यमयी संस्कृति से शुरू होती है और भारत के दक्षिणी इलाकों में किसान समुदाय तक जाती है। भारत के इतिहास में भारत के आस-पास स्थित अनेक संस्कृतियों से लोगों का निंरतर समेकन होता रहा है। उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार लोहे, तांबे और अन्य धातुओं के उपयेाग काफी शुरूआती समय में भी भारतीय उप-महाद्वीप में प्रचलित ये, जो दुनिया के इस हिस्से द्वारा की गई प्रगति का संकेत है। चौथी सहस्राब्दि बी.सी. के अंत तक भारत एक अत्यंत विकसित सभ्यता के क्षेत्र के रूप में उभर चुका था।
संस्कृति के शब्दिक अर्थ की बात की जाए तो संस्कृति किसी भी देश, जाति और समुदाय की आत्मा होती है। संस्कृति से ही देश, जाति या समुदाय के उन समस्त संस्कारों का बोध होता है जिनके सहारे वह अपने आदर्शों, जीवन मूल्यों आदि का निर्धारण करता है। अत: संस्कृति का साधारण अर्थ होता है- संस्कार, सुधार, परिवार, शुद्धि, सजावट आदि। वर्तमान समय में सभ्यता और संस्कृति को एक-दूसरे का पयार्य माना जाने लगा है लेकिन वास्तव में संस्कृति और सभ्यता अलग-अलग होती है। सभ्यता में मनुष्य के राजनीतिक, प्रशासनिक, आर्थिक, प्रौद्योगिकीय व दृश्य कला रूपों का प्रदर्शन होता है जो जीवन को सुखमय बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जबकि संस्कृति में कला, विज्ञान, संगीत, नृत्य और मानव जीवन की उच्चतम उपलब्धियाँ सम्मिलित है।
भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। यह माना जाता है कि भारतीय संस्कृति यूनान, रोम, मिस्र, सुमेर और चीन की संस्कृतियों के समान ही प्राचीन है। भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। इसके साथ ही यह अपने-आप को बदलते समय के ढालती भी आई है।
‘‘यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमां, सब गिर गए जहाँ से अब तक मगर है बाकी नाम-ओ-निशाँ हमारा,
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जहाँ हमारा।’’
ज्ब से मसव का जीवन अस्तित्व में है तब से वह निरंतर उन मूल्यों की तरफ अग्रसर है, जिनकों प्राप्त कर लेने पर उसका जीवन व्यवस्थित होने के साथ-साथ ‘आत्मिक सौंदर्य’ से भी परिचित हो सके। उसकी यह प्रवृत्ति वास्वत में संस्कृति की ओर ही इशारा करती है। भारतीय संस्कृति समस्त मानव जाति का कल्याण चाहती है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन गौरवशाली मान्यताओं एवं परंपराओं के साथ ही नवीनता का समावेश भी दिखाई देता है। भारतीय संस्कृति विभिन्न सांस्कृतिक धाराओं का महासंगम है, जिसमें सनातन संस्कृति से लेकर आदिवासी, तिब्बत, मंगोल, द्रविड़, हड़प्पाई और यूरोपीय धाराएँ समाहित हैं। ये धाराएँ भारतीय संस्कृति को इंद्रधनुषीय संस्कृति या गंगा-जमुनी तहज़ीब में परिवर्तित करती है।
अगर भारतीय संस्कृति के समन्वित रूप पर विचार करें तो इसमें विभिन्न विशेषताएँ देखने को मिलती हैं। भारतीय संस्कृति में अध्यात्म एवं भौतिकता’ में समन्वय नजर आता है। भारतीय संस्कृति में प्राचीनकाल में मनुष्य के चार पुरूषार्थों धर्म, अर्ध, काम, मोटर्स एवं चार आश्रमों- ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं संन्यास का उल्लेख है, जो आध्यात्मिकता एवं भौतिक पक्ष में समन्वय लाने का प्रयास है। उल्लेखनीय है कि भारतीय संस्कृति ने अनेक जातियों के श्रेष्ठ विचारों को अपने में समेट लिया है। भारतीय संस्कृति में यहां के मूल निवासियों के समन्वय की प्रक्रिया के साथ ही बाहर से आने वाले शक, हूण, यूनानी एवं कुषाण भी यहां की संस्कृति में घुल-मिल गए हैं। अरबों, तुर्कों और मुगलों के माध्यम से यहाँ इस्लामी संस्कृति का आगमन हुआ। इसके बावजूद भारतीय संस्कृति ने अपना पृथक अस्तित्व बनाए रखा और नवागत संस्कृतियों की अच्छी बातों को उदारतापूर्वक ग्रहण किया। आज हम भाषा, खानपान, पहनावे, कला, संगीत आदि हर तरह से गंगा-जमुनी तहजीब या यूँ कहें कि वैश्विक संस्कृति के नमूने हैं। कौन कहेगा कि सलवार-सूट ईरानी पहनावा है या हलवा, कबाब, पराठे, ‘शुद्ध भारतीय व्यंजन नहीं हैं।
इस बिंदु पर विचार करना जरूरी है कि हड़प्पाकालीन सभ्यता की पंरपराएँ एवं प्रथाएँ आज भी भारतीय संस्कृति में देखने को मिल जाती है, यथा-मातृदेवी की उपासना, पशुपतिनाथ की उपासना, यांग-आसन की परंपरा इत्यादि। इसके अलावा भारतीय संस्कृति में ‘प्रकृति मानव सहसंबंध’ पर बल दिया गया है। हमारी संस्कृति मानव, प्रकृति और पर्यावरण के अटूट एवं साहचर्य संबंधों को लेकर चलती है। भारतीय उपनिषदों में ‘ईशावास्यइंद सर्वम्’ अर्थात् जगत् के कण-कण में ईश्वर की व्याप्तता को स्वीकार किया गया है।
यहाँ के विभिन्न विचारकों एवं महापुरूशों ने भारतीय संस्कृति को समन्वित रूप प्रदान करने वाले विचार प्रस्तुत किये हैं। फिर चाहे बुद्ध, तुलसीदास हो या गांधी जी, इन सभी को भारतीय संस्कृति के नायक के रूप में प्रस्तुत किया गया है तथा ये सभी चरित्र भारतीय संस्कृति को समन्वित स्वरूप देते हैं। भारत की विभिन्न कलाओं, जैसे- मूर्तिकला, नृत्यकला, चित्रकला, लोकसंस्कृति इत्यादि में भारतीय संस्कृति के समन्वित स्वरूप को देखा जा सकता है। विभिन्न धर्म, पंथों एवं वर्गों के लोगों का नेतृत्व इन कलाओं में दृष्टिगोचर होता है, जैसे- मध्यकाल में इंडो-इस्लामिक स्थापत्य कला और आधुनिक काल में विक्टोरियन शैली। भारतीय संस्कृति का समन्वित रूप केवल भौगोलिक-राजनीतिक सीमाओं में ही नहीं है बल्कि उसके बाहर भी है। भारत के अंदर बौद्ध, जैन, हिंदू, सिख, मुस्लिम, ईसाई आदि धर्मों के लोग एवं उनके पूज्य-स्थल हैं, जो ‘शांतिपूर्ण’ सहअस्तित्व को दर्शाते हैं।
विदित हो कि संस्कृति का स्वरूप ‘साहित्य’ में सबसे अधिक समर्थयपूर्ण तरीके से अभिव्यंजित होता है। संस्कृति साहित्य कर प्राण है। साहित्य की विभिन्न विधाओं में संस्कृति के प्रभाव को देखा जा सकता है। यहाँ की संस्कृति के आधारभूत मूल्य दया, करूणा, प्रेम, शांति, सहिष्णुता, लचीलापन, क्षमाशीलता इत्यादि को भारतीय साहित्य में समुचित तरीके से अभिव्यक्ति दी गयी है। भारतीय संस्कृति का यह समन्वित रूप संस्कृति भाषा के माध्यम से रामायण, महाभारत, गीता, कालिदास-भवभूति-भास के काव्यों और नाटकों, के माध्यम से बार-बार व्यक्त हुआ है। तमिल का संगम साहित्य, तेलुगु का अवधान साहित्य, हिंदी का भक्ति साहित्य, मराठी को पोवाड़ा, बंगला का मंगल नीति आदि भारतीय उद्यान के अनमोल फूल हैं।
इनकी संयुक्त माला निश्चय ही ‘समेकित भारतीय संस्कृति’ का प्रतिनिधित्व करती है। तुलसीदास मध्यकाल में भारतीय संस्कृति के समन्वय के सबसे बड़े कवि के रूप में नजर आते हैं।
‘‘स्वपच सबर खस जमन जड़, पाँवर कोल किरात रामु कहत पावन परम, होत भुवन विख्यात।।’’
भारतीयों ने गणित व खगोल विज्ञान पर प्रामाणिक व आधारभूत खोज की। शून्य का आविष्कार, पाई का शुद्धतम मान, सौरमंडल पर सटीक विवरण आदि का आधार भारत में ही तैयार हुआ। तात्कालिक कुछ नकारात्मक घटनाओं व प्रभावों ने जो धुंध हमारी सांस्कृतिक जीवन-शैली पर आरोपित की है, उसे सावधानी पूर्वक हटाना होगा। आज आवश्यकता है कि हम अतीत की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजें और सवारें तथा उसकी मजबूत आधारशिला पर खडे़ होकर नए मूल्यों व नई संस्कृति को निर्मित एवं विकसित करें।
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- Essays in Hindi /
Essay on Digital India : स्टूडेंट्स ऐसे लिखें ‘डिजिटल इंडिया’ पर निबंध
- Updated on
- जुलाई 3, 2024
डिजिटल इंडिया ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल थी। डिजिटल इंडिया मिशन को 1 जुलाई 2015 को मेक इन इंडिया, भारतमाला, सागरमाला, स्टार्टअप इंडिया, भारतनेट और स्टैंडअप इंडिया सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थी के रूप लॉन्च किया गया था। इसके कार्यान्वयन से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच होगी, इसलिए डिजिटल इंडिया के बारे में समझना हम सभी के लिए आवश्यक है। यहां हम डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India in Hindi) दे रहे हैं।
This Blog Includes:
डिजिटल इंडिया पर निबंध 100 शब्दों में , डिजिटल इंडिया पर निबंध 200 शब्दों में , प्रस्तावना , डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का विस्तार, डिजिटल इंडिया का लक्ष्य , डिजिटल साक्षरता को मिल रहा बढ़ावा, डिजिटल इंडिया पर 10 लाइन्स, डिजिटल इंडिया पर स्लोगन .
100 शब्दों में Essay on Digital India in Hindi इस प्रकार हैः
डिजिटल इंडिया का समाज के हर क्षेत्र के लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस अभियान का समग्र रूप से व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इसने समग्र रूप से समाज की प्रगति में योगदान दिया है। इस पहल के तहत, सरकार ने डिजिटल सुविधाएँ प्रदान करने, डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने और डिजिटल सर्विसेज को पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इससे नागरिकों को आसानी से विभिन्न सरकारी सेवाओं और जानकारी का उपयोग करने का मौका मिलता है। यह भारत को एक डिजिटल युग में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है और साथ ही देश के विकास को गति दे रहा है। “डिजिटल इंडिया” का महत्व आज की तकनीकी दुनिया में बढ़ता जा रहा है और हमारे देश के साथ ही हम सभी के लिए भी एक मजबूत भविष्य बना रहा है।
200 शब्दों में Essay on Digital India in Hindi इस प्रकार हैः
डिजिटल इंडिया नामक एक बहुत ही महत्वाकांक्षी पहल बुधवार, 1 जुलाई 2015 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में लॉन्च की गई। लॉन्च के समय कई शीर्ष उद्योगपति मौजूद थे जैसे कि साइरस मिस्त्री- तत्कालीन टाटा समूह के अध्यक्ष, मुकेश अंबानी- रिलायंस इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अजीम प्रेमजी- विप्रो के अध्यक्ष। उन सभी ने साझा किया कि वे भारत के शहरों और गांवों में आम जनता के लिए डिजिटल क्रांति लाने की योजना कैसे बना रहे हैं।
डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जैसे कि जनधन योजना, आधार, डिजिटल रोजगार और डिजिटल विद्या। इससे गांवों और शहरों के लोग आसानी से सरकारी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं जो समृद्धि और सुविधा की दिशा में महत्वपूर्ण है।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत में डिजिटल शिक्षा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे तकनीकी ज्ञान और कौशलों का संवर्धन हो रहा है। इससे देश का विकास और सामाजिक न्याय में सुधार हो रहा है।
समापक रूप से, “डिजिटल इंडिया” भारत को ग्लोबल तकनीकी नागरिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है और देश के विकास को सुनिश्चित रूप से गति दे रहा है। इसका महत्व आजकल की तकनीकी दुनिया में और भी बढ़ रहा है और हमारे देश के लिए एक सशक्त भविष्य बनाने में मदद कर रहा है।
डिजिटल इंडिया पर निबंध 500 शब्दों में
500 शब्दों में Essay on Digital India in Hindi इस प्रकार हैः
भारत सरकार द्वारा भारत में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य पूरे देश में अपने ऑनलाइन बुनियादी ढांचे में सुधार करके नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सरकारी सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराना था। भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। किसी भी देश के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था की मजबूती आज के वक्त में प्राथमिकता वाला मुद्दा है. डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ही भारत विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
केंद्रीय कैबिनेट ने 16 अगस्त को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार मंजूरी दे दी। इस पर INR 14,903 करोड़ खर्च होंगे। डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत पहले से जारी कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। बजट खर्च को वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल के लिए स्वीकार किया गया है।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार का फैसला कुछ लाभ को रखकर किया गया है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत कुछ लक्ष्य तय किए गए हैं. ये इस प्रकार हैं:
- फ्यूचर स्किल प्राइम कार्यक्रम के तहत INR 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को आधुनिक टेक्नोलॉजी के हिसाब से प्रशिक्षित कर उनके स्किल को बेहतर किया जाएगा।
- सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (ISEA) कार्यक्रम के तहत 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में ट्रेनिंग दी जाएगी।
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के आधुनिकीकरण के तहत इसमें 1,787 शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जाएगा।
- डिजीलॉकर के तहत डिजिटल दस्तावेज सत्यापन की सुविधा अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के साथ दूसरे संगठनों के लिए भी होगी।
- यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस (UMANG) ऐप पर फिलहाल 1,700 से ज्यादा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब इस निःशुल्क मोबाइल ऐप उमंग पर इनके अलावा 540 अतिरिक्त सेवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत टियर 2/3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप्स को वित्तीय मदद दी जाएगी।
- तीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाएंगे, जो स्वास्थ्य, कृषि और टिकाऊ शहरों की ज़रूरतों पर आधारित होंगे।
- साइबर-जागरूकता पाठ्यक्रम चलाकर 12 करोड़ कॉलेज छात्रों को साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जाएगा।
- साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नई पहल शुरू की जाएगी. इसके तहत उपकरणों के विकास और राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र के साथ 200 से अधिक साइटों का एकीकरण किया जाएगा।
- राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत फिलहाल 18 सुपर कम्प्यूटर काम कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत अब इस मिशन में 9 और सुपर कंप्यूटर जुड़ जाएंगे।
भारत को डिजिटल युग को सही मायने में अपनाने के लिए नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर होना चाहिए। डिजिटल कौशल प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, खासकर ग्रामीण महिलाओं, किसानों और पुरानी पीढ़ी के बीच। छह करोड़ ग्रामीण व्यक्तियों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
डिजिटल रूप से जुड़े भारत का उद्देश्य देश में लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी अकेले किसी देश के समग्र विकास को सीधे प्रभावित नहीं कर सकती। बुनियादी डिजिटल अवसंरचना समग्र विकास को प्राप्त करने में मदद कर सकती है। 21वीं सदी के परिवर्तनकारी परिदृश्य में भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा है, जो अपने सामाजिक-आर्थिक ढांचे को नया आकार देने के लिए तैयार है।
डिजिटल इंडिया पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः
- डिजिटल इंडिया भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल है।
- यह भारत को तकनीकी विकास की ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रही है।
- इसका उद्देश्य भारत को डिजिटल और तकनीकी युग में ले जाना है।
- डिजिटल इंडिया के अंतर्गत, सरकार ने इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है।
- इस पहल से गांवों और शहरों के लोग डिजिटल सेवाओं और जानकारी का आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
- इस पहल के तहत, आधार, जनधन योजना, डिजिटल बैंकिंग, और डिजिटल पेमेंट्स जैसी डिजिटल सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
- डिजिटल इंडिया ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में भी तकनीकी सुधार किया है और डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित किया है।
- इस पहल से भारत के नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा में सुधार हुआ है और उन्हें अधिक सुविधाएँ मिल रही हैं।
- डिजिटल इंडिया भारत को तकनीकी दुनिया में गर्वित स्थिति दिलाने का माध्यम बन चुका है और देश के विकास को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
- डिजिटल इंडिया का महत्त्व आजकल की तकनीकी दुनिया में और भी बढ़ रहा है और हमारे देश के लिए एक सशक्त भविष्य बनाने में मदद कर रहा है।
डिजिटल इंडिया पर स्लोगन यहां दिए जा रहे हैंः
- “डिजिटल इंडिया, डिजिटल भविष्य!”
- “डिजिटल इंडिया: तकनीकी सुविधा सभी के लिए!”
- “बदल रहा है भारत, डिजिटल इंडिया के साथ!”
- “डिजिटल इंडिया, समृद्धि की ओर कदम बढ़ाता है!”
- “स्मार्ट इंडिया, डिजिटल इंडिया!”
- “डिजिटल इंडिया: तकनीकी क्रांति का प्रतीक!”
- “जुड़ो और बढ़ो, डिजिटल इंडिया के साथ!”
- “आओ, हम सभी बनाएं डिजिटल इंडिया!”
- “डिजिटल इंडिया, हमारी पहचान!”
- “तकनीक का जादू, डिजिटल इंडिया के साथ है!”
संबंधित ब्लाॅग्स
डिजिटल इंडिया भारत सरकार का एक पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके भारत को आगे बढ़ाना है। इसका उद्देश्य डिजिटल अद्यतन तकनीकी और सभी नागरिकों को डिजिटल जीवन के साथ मिलाने का है।
डिजिटल इंडिया के तहत कई मुख्य योजनाएँ हैं, जैसे कि Digital India Platform, BharatNet, e-Governance, Digital Locker, e-Hospital, e-Sign, और अन्य। ये योजनाएँ इलेक्ट्रॉनिक सरकार की दिशा में कई उपायों के साथ सरकार की सेवाओं को डिजिटल रूप से पहुँचाने का काम करती हैं।
BharatNet भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य गांवों और शहरों को उच्च गति वाले इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ना है। इसके तहत फाइबर ऑप्टिक केबल और वायरलेस तकनीक का प्रयोग किया जाता है ताकि अधिक लोग डिजिटल जीवन का आनंद ले सकें।
Digital Locker एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो नागरिकों को उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज़ (जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आदि) को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने की सुविधा प्रदान करता है।
e-Governance सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रदान करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को नागरिकों के लिए अधिक पहुँचने और ट्रांसपैरेंट बनाना है।
आप डिजिटल इंडिया के अधिकारी वेबसाइट पर जा कर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं और वहां से इसके विभिन्न योजनाओं और सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने स्थानीय सरकारी निकायों से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उम्मीद है कि आपको (डिजिटल इंडिया पर निबंध) Essay on Digital India in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu में सीखने की प्रक्रिया जारी है। शुभम को 4 वर्षों का अनुभव है, वह पूर्व में Dainik Jagran और News Nib News Website में कंटेंट डेवलपर रहे चुके हैं। न्यूज, एग्जाम अपडेट्स और UPSC में करंट अफेयर्स लगातार लिख रहे हैं। पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद शुभम ने एजुकेशन के अलावा स्पोर्ट्स और बिजनेस बीट पर भी काम किया है। उन्हें लिखने और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज पर फोकस करने के अलावा क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है।
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डिजिटल इंडिया पर निबंध
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रुपरेखा : परिचय - डिजिटल इंडिया - डिजिटल इंडिया की शुरुआत - डिजिटल इंडिया का उद्देश्य - डिजिटल व्यवस्था की सेवाएं - डिजिटल इंडिया होने से लाभ - डिजिटल इंडिया होने से हानि - उपसंहार।
डिजिटल इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक मुहीम है जिससे भारत में लोगों को डिजिटल दुनिया से प्रेरित कर सके और सभी लोग उनका लाभ उठा सके। भारत देश डिजिटल दुनिया से बहुत दूर हैं क्योंकि अधिकतर लोग ऑनलाइन सेवाएं पर भरोसा नहीं करते इसीलिए भारत सरकार ने इस मुहीम को शुरू किया है। देश में बेहतर विकास और वृद्धि के लिए रूपांतरित भारत की यह एक बहुत ही प्रभावशाली अभियान है। सुशासन और अधिक नौकरियों के लिए भारत को डिजिटल विस्तार देना इसका लक्ष्य है। डिजिटल इंडिया का मुख्य लक्ष्य सभी सरकारी सुविधाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध और ऑनलाइन सेवाएं में उपलब्ध कराना है।
डिजिटल इंडिया
डिजिटल इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी अभियान है जिसका मूल उद्देश्य देश के हर विभाग को एक ही कड़ी से जोड़ना है और वह कड़ी है देश की डिजिटल डाटा सिस्टम की कड़ी जो काम की गति को बढ़ाने में सहायता करती है। डिजिटल इंडिया एक अभियान है जो देश को एक डिजिटल शसक्ति सोसाइटी में बदल सकती है और भारत को एक नया रूप दे सकती है। डिजिटल इंडिया अभियान से देश की हर जानकारी और रिकॉर्ड को स्वच्छता से डिजिटल सिस्टम में रखा जा रहा है जिससे आने वाले समय में साड़ी जानकारी सरलता से सभी लोगों को उपलब्ध कराये जाएं।
डिजिटल इंडिया की शुरुआत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 1 जुलाई, 2015 को डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की गई थी। सरकार द्वारा इस अभियान को 2019 तक पूरे भारत में डिजिटल सुविधाएँ प्रदान करने की योजना बनाई गई थी। इस योजना के अनुसार ग्रामीण स्थानों में तेज इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जाएगी। डिजिटल इंडिया होने से कागजों में रिकॉर्ड रखने का समय भी बचेगा और कार्यालयों में लोगों की लंबी कतारों भी काम होंगे। इस प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की है जो इसके पीछे काम में लगे हुए हैं। वरिष्ठ मंत्रालयी सहयोगियों और प्रमुख कंपनियों के सीईओ की मौजूदगी में बुधवार को पीएम के द्वारा डिजिटल इंडिया सप्ताह की शुरुआत हुई।
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य भारत में अधिक से अधिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्धि कराना है जिससे देश का आर्थिक और विकास में बढ़त मिलेगा। डिजिटल इंडिया मुहीम के अनुसार भारत में छोटे गाँव से लेकर शहर तक सभी जगह हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी जिसकी सहायता से लोग घर बैठे-बैठे ऑनलाइन सारी सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे और आने वाले कल में अपने जीवन का एक हिस्सा बनायेंगे। आज देश के अधिकतर कार्यालयों में इंटरनेट के माध्यम से काम हो रहा है। लेकिन कुछ कार्यलयों में ऑनलाइन काम शुरू नहीं हुआ है। इस मुहीम के अनुसार सभी सरकारी संगठन में बहुत ही जल्द सारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कार्य किए है जैसे आधार कार्ड से मोबाइल नंबर, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट, जीवन बीमा जैसी सेवाओं को जोड़ने का काम शुरू किया है जिसकी मदद से हर भारतीय की पहचान आसानी से हो जाएगी और एक कार्ड के माध्यम से कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते है। डिजिटल इंडिया का उद्देश्य है की देश के करीब 3 लाख पंचायतों के समेत 7 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य है। सरकार ने इस लक्ष्य को 2017 के अंत तक हासिल करने का लक्ष्य रखा था। आज करीब 5 लाख गांव इस सेवा का लाभ उठा रहे है। सरकार का मुख्य उदेश्य है की सरकार से मिलने वाली सभी योजनाओं का लाभ देश के हर नागरिक को मिले और अपने समय अनुसार ऑनलाइन के माध्यम से योजनाओं का आवेदन भर सके।
डिजिटल व्यवस्था की सेवाएं
डिजिटल व्यवस्था की कई सेवाएं आज देश में उपलब्ध है जैसे आधार कार्ड की मदद से लोगों को भारतीय नागरिकता की पहचान मिली। भारतीय लोगों को अद्वितीय पहचान मिलने के बाद भारतीय नागरिकों से सभी सेवाओं जैसे मोबाइल नंबर, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट, जीवन बीमा, राशन कार्ड, गैस कनेक्शन, ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ने का मुहीम शुरू किया। इसके अतिरिक्त आधार कार्ड की सहायता से लोगों को सभी सुविधाएँ दी जा रही हैं। इससे लोगों की पहचान सरलता से होगी और उनको सही सुविधा प्रदान की जाएगी। आज घर पर बैठे आधार कार्ड की मदद से मोबाइल सिम खरीद सकते हैं, अपना पैन आवेदन कर सकते हैं, आदि कई सेवाएं हैं जो डिजिटल व्यवस्था के माध्यम से देश के उचित नागरिक को उचित सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। आज देश के सभी बैंकों में ऑनलाइन बैंकिंग और एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है जिसकी सहायता से लोग अपने स्थान से पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। पैन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है जिसकी मदद से कोई भी आयकर चोरी या घोटाला नहीं कर पाएंगे और साथ ही लोग घर बैठे आयकर का भुगतान कर सकते हैं।
डिजिटल इंडिया होने से लाभ
डिजिटल व्यवस्था की सहायता से आज देश में लगभग सारी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई गयी है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर से मिलने का समय निश्चित करना, बच्चों का फीस जमा करना, ऑनलाइन लक्षणिक जाँच करना, खून जाँच करना, कोई पढाई के लिए आवेदन करना, आदि। कई सरकारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है जैसे अर्जियां जमा करने, प्रमाणीकरण प्रक्रिया, अनुमोदन और संवितरण की स्वीकृति के द्वारा राष्ट्रिय छात्रवृति पोर्टल के माध्यम से लाभार्थी के लिए लाभ उपलब्ध कराता है। डिजिटल इंडिया अभियान एक ऐसा मंच है जहां देश के नागरिकों के लिए पूरे देश भर में सरकारी और निजी सेवाओं के प्रभावशाली वितरण को आसान बनाता है।
मोबाईल पर ऑनलाइन सेवाओं को बेहतर प्रबंधन के लिए बीएसएनएल की आने वाली पीढ़ी का नेटवर्क 35 साल पुराने टेलीफोन एक्सचेंज को बदल देगा। राष्ट्रीय केंद्र द्वारा फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। पूरे देश में बीएसएनएल के द्वारा बड़े पैमाने पर वाई-फाई हॉटस्पॉट को फैलाने की योजना बनाई गई है। कनेक्टिविटी से जुड़े हुए सभी संबंधित मुद्दों को संभालने के लिए ब्रॉडबैंड हाइवे है। सभी शहरों, नगरों और गांवों में ब्रॉडबैंड हाइवे की खुली पहुंच माउस के एक क्लिक पर विश्व स्तरीय सेवा की उपलब्धता को मुमकिन बनाएगा।
डिजिटल इंडिया होने से हानि
जिस प्रकार से डिजिटल इंडिया अभियान के लाभ हैं उसी प्रकार इसके कई नुकसान भी हैं। डिजिटल इंडिया होने से गरीबों और कम पढ़े लोगों को कोई भी ढग सकता है क्योंकि उन्हें यह तकनीक समझने में और इससे अभियस्त होने में कुछ समय लग जायेगा। कई लोग ऑनलाइन माध्यम से भले लोगों को लूटने तथा ढगने का काम करते है। काम का या पैसों का लालच देकर कई लोगों लूटना शुरू कर दिए। डिजिटल इंडिया अभियान से लोगों को लूटने का नया साधन ढूढ़ लिया है। कई लोग गलत जगह अपनी जानकारी देकर भारी नुकसान का सामना करते है। अगर आपको सही जानकारी ना हो तो आप डिजिटल व्यवस्था उपयोग नहीं कर सकते और आप उसका लाभ नहीं उठा सकते।
आज सरकार सभी डिजिटल सुविधाएँ और सेवाएं लोगों के लिए शुरू कर दी है। आज देश के हर युवा बड़े पैमाने में डिजिटल अभियान का लाभ उठा रहे है और अपने रोजमारा जीवन में डिजिटल भुगतान कर रहे है। कई गांव आज भी है जहां इस अभियान की शुरुआत नहीं हुए है और उनके गांव में इसकी सेवाएं उपलब्ध नहीं हुए है। लेकिन आने वाले कल में हम आशा करेंगे की डिजिटल इंडिया की सेवा हर गांव, हर घर में पहुंचे और इसका लाभ देश का हर नागरिक अपने सही उदेश्य तथा अपने कामों के लिए उपयोग करें।
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Hindi diwas par nibandh hindi me: 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों में कई कार्यक्रम होते हैं, जिनमें से निबंध प्रतियोगिता भी एक है। अगर आपको भी हिंदी दिवस पर निबंध लिखना है, तो ये लेख आपकी मदद करेगा। बताई गई बातें आपको हिंदी दिवस पर भाषण देने में भी सहयोग करेंगी।.
हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन 1949 में, भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करना और उसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। यह दिन हमें हिंदी के महत्व और इसके प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। हिंदी हमारी अखंडता को बनाए रखने का एक माध्यम भी है। (फोटो- Freepik)
हिंदी भाषा का महत्व
हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। यह हमें हमारे समृद्ध इतिहास, साहित्य और परंपराओं से जोड़ती है। हिंदी दुनिया भर में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाती है, जो इसे दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक बनाता है। हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाती है और हमें विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है।
हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को देवनागरी लिपि में राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदी ने देश को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई थी। (फोटो- Freepik)
हमारे साहित्य में हिंदी का योगदान
हिंदी ने भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हिंदी के कवियों में प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, भारतेंदु हरिश्चंद्र, तुलसीदास, सूरदास और मीराबाई जैसे प्रसिद्ध लेखक और कवि शामिल हैं। उनके कार्यों ने भारतीय समाज और संस्कृति की हमारी समझ को आकार दिया है। हिंदी साहित्य हमें जीवन के मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा देता है। हिंदी देश के विभिन्न राज्यों, संस्कृतियों और धर्मों को जोड़ने वाली भाषा है। हिंदी साहित्य, कला, संगीत और सिनेमा का महत्वपूर्ण स्तंभ है। (फोटो- Freepik)
आधुनिक युग में हिंदी का प्रयोग
आज के डिजिटल युग में भी हिंदी फल-फूल रही है। हिंदी भाषा को विभिन्न देशों द्वारा भी अपनाया गया है, जिनमें नेपाल, भूटान और मॉरीशस शामिल हैं। हिंदी हमें विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है और हमारी संस्कृति को पूरे विश्व में फैलाती है। हिंदी का इंटरनेट, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपयोग बढ़ता जा रहा है। हिंदी फिल्मों और गीतों के माध्यम से इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता मिल रही है। (फोटो- Freepik)
मिलकर मनाएं हिंदी दिवस
हिंदी दिवस मनाते हुए हमें अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। आइए, हम हिंदी को भविष्य की पीढ़ियों के लिए बढ़ावा देने का प्रयास करें। हिंदी दिवस हमें हमारी भाषा और संस्कृति की विरासत की याद दिलाता है। हमें हिंदी के प्रचार-प्रसार में योगदान देना चाहिए। हिंदी में अधिक से अधिक लेखन, पठन-पाठन और संवाद करें। अपनी मातृभाषा को गर्व से अपनाएं और नई पीढ़ी को इससे जोड़ें। हमें हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। (फोटो- Freepik)
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