Communication क्या है? संचार के तत्व, महत्व, प्रकार एवं उद्देश्य।
Communication यानिकी संचार की आवश्यकता हमें अपने व्यक्तिगत कामों के लिए तो पड़ती ही है। व्यवसायिक कार्यों को निपटाने के लिए और भी, अधिक प्रभावी संचार की आवश्यकता होती है।
संचार की यदि हम बात करें तो यह एक स्थान, व्यक्ति या समूह से सूचनाओं को दूसरे स्थान या व्यक्ति को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। प्रत्येक Communication यानिकी संचार में एक प्रेषक यानिकी सूचनाएं देने वाला या प्रेषित करने वाला, एक सन्देश और एक प्राप्तकर्ता यानिकी रिसीवर शामिल होता है।
हालांकि बहुत सारे लोगों को संचार आसान लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह एक बहुत ही जटिल विषय है। जिसका मनुष्य के व्यक्तिगत और व्यवसायिक जीवन में बड़ा महत्व है। संचार प्रेषित करने वाले से लेकर रिसीव होने तक सन्देश का प्रसारण बहुत सी चीजों से प्रभावित हो सकता है। संचार को प्रभावित करने वाले कारकों में भावनाएं, सांस्कृतिक स्थिति, संचार के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले माध्यम, और स्थान शामिल हैं।
इसमें कठिनाई यह है की दुनिया के अधिकतर नियोक्ताओं द्वारा अच्छे संचार कौशल को बेहद महत्व दिया जाता है जबकि सटीक, प्रभावी और स्पष्ट संचार वास्तव में बेहद कठिन होता है। लेकिन यह व्यवसायिक गतिविधियों को सफलतापूर्वक करने के लिए बेहद जरुरी होता है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से Communication यानिकी संचार के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।
संचार क्या है (What is Communication in Hindi)
जब हम बोलकर, लिखकर या किसी अन्य माध्यम का इस्तेमाल करके किसी दुसरे व्यक्ति को जानकारी या सूचनाओं का प्रदान करते हैं, तो इसे Communication या संचार कहा जाता है। इस प्रक्रिया में विचारों और भावनाओं का सफल साझाकरण होता है। स्पष्ट और आसान शब्दों में कहें तो जानकारी, सन्देश, सूचना इत्यादि आदान प्रदान करने की प्रक्रिया ही संचार कहलाती है। इस परिभाषा से स्पष्ट हो जाता है की, केवल सूचनाओं के प्रसारण को ही संचार नहीं कहा जाता है। बल्कि सन्देश, जानकारी, विचार और भावनाओं का साझाकरण भी संचार ही कहलाता है।
संचार के प्रमुख तत्व (Main Elements of Communication in Hindi):
संचार लगातार चलने वाली यानिकी सतत प्रक्रिया है। इसमें प्रमुख रूप से तीन तत्व संचार प्रेषित करने वाला यानिकी प्रेषक, सन्देश और सन्देश प्राप्त करने वाला रिसीवर होते हैं। संचार प्रक्रिया में और भी तत्व शामिल होते हैं, इनके बारे में संक्षेप में हम नीचे बता रहे हैं।
- संचारक या प्रेषक ( Sender): Communication Process में प्रेषक या संचारक सन्देश भेजता है यही से संचार की प्रक्रिया शुरू होती है। यह संचार लिखकर, बोलकर, इशारों से या कुछ अन्य के माध्यम से भी हो सकता है।
- विचार ( Ideas): इस प्रक्रिया में विचार से आशय संचार के विषय से है जो एक राय, दृष्टिकोण, भावनाएं, विचार, आदेश या सुझाव कुछ भी हो सकता है।
- संकेतीकरण ( Encoding): संचारक या प्रेषक द्वारा सन्देश को सांकेतिक रूप से शब्दों, चित्रों, इशारों इत्यादि में कूटबद्ध किया जा सकता है ।
- संचार का माध्यम ( Communication Channel): संचारक द्वारा संचार के माध्यम का इस्तेमाल संचार के लिए किया जाता है इसमें टेलीफोन, इन्टरनेट, पोस्ट, कूरियर, फैक्स, ईमेल इत्यादि शामिल हैं ।
- प्राप्तकर्ता ( Receiver): यह वह व्यक्ति होता है जो सन्देश प्राप्त करता है या जिसके लिए संचारक ने सन्देश भेजा है। रिसीवर को जब सन्देश प्राप्त हो जाता है तो वह उसे उचित परिप्रेक्ष्य में समझकर सन्देश के अनुसार कार्य करता है। तभी संचार का उद्देश्य सफल माना जाता है।
- डिकोडिंग ( Decoding) : प्राप्तकर्ता उस सन्देश को समझने के लिए उसे अपनी समझ के अनुसार रूपांतरित करता है ताकि वह उसे अच्छी तरह से समझ कर उसका अर्थ निकाल सके।
- फीडबैक : एक बार जब रिसीवर ने प्रेषक को इस बात की पुष्टि दे दी की उसे उसका सन्देश मिल गया है और उसे वह समझ में आ गया है तो इस प्रकार से Communication Process पूर्ण हो जाता है।
संचार का महत्व (Importance of Communication in Hindi):
संचार के कुछ प्रमुख महत्व इस प्रकार से हैं।
- संचार समन्वय का आधार होता है, इसके माध्यम से मेनेजर कर्मचारियों को संगठनात्मक लक्ष्यों, उनकी उपलब्धियों के तरीकों और पारस्परिक संबंधों के बारे में बता पाने में सक्षम होता है। यह विभिन्न कर्मचारियों के बीच और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करता है। यही कारण है की Communication किसी भी संगठन में एक समन्वय आधार के तौर पर कार्य करता है।
- किसी संगठन का प्रबंधक उसके भौतिक तत्वों और मानव को सुचारू रूप और कुशलता से चलाने के लिए कोर्डिनेशन करता है। यह कोर्डिनेशन उचित संचार के बिना संभव नहीं होता है।
- उचित संचार के माध्यम से मैनेजर निर्णय लेने में सक्षम हो पाते हैं, यदि प्रबंधक के पास संचार का अभाव या जानकारी का अभाव रहेगा, तो वह उचित निर्णय नहीं ले पायेगा। इस प्रकार से देखें तो Communication उचित एवं सही निर्णय लेने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
- संगठन का मैनेजर संगठन के लक्ष्य निर्धारित करता है, और अपने अधीनस्थो को उन लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए निर्देश जारी करता है और काम का आवंटन करता है। इन सभी पहलुओं में संचार प्रमुख रूप से शामिल होता है। इस प्रकार से देखें तो प्रबंधकों और सम्पूर्ण संगठन के त्वरित और प्रभावी प्रदर्शन के लिए संचार बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
- दो तरफ़ा संचार प्रक्रिया जो श्रमिकों और प्रबंधकों के बीच होती है, वह श्रमिकों और प्रबंधकों के बीच सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देती है। इससे व्यवसायिक संगठन में शांति और कुशल संचालन बना रहता है।
- अच्छा संचार औदयोगिक इकाई में कार्यरत श्रमिकों को काम के भौतिक और सामाजिक पहलू को समायोजित करने में मदद करता है। मानवीय संबंधों को बेहतर बनाने में भी सहायक होता है। संचार की कुशल प्रणाली के माध्यम से अधीनस्थों को प्रेरित, प्रभावित और संतुष्ट किया जा सकता है।
संचार के प्रकार (Types of Communication in Hindi):
मौखिक संचार ( verbal communication):.
मौखिक संचार तब होता है जब हम किसी के साथ बोलकर अपनी बात कहते हैं वर्तमान में मौखिक संचार के अनेकों माध्यम जैसे टेलीफोन, स्काइप, ज़ूम, आमने सामने किसी से बात करना इत्यादि शामिल हैं। आम तौर पर मौखिक संचार आमने सामने व्यक्तियों के बीच अधिक होता है इसके अलावा फ़ोन और इन्टरनेट के अनेकों माध्यमों के जरिये भी मौखिक संचार होता है।
अनकहा संचार ( Non Verbal Communication):
कभी कभी स्थिति ऐसी होती है की हमें बोलने की नहीं बल्कि अमौखिक रूप से भी अपनी बात को रखना पड़ता है। अनकहे संचार की श्रेणी में चेहरे के भाव, आसन, आँखों का संपर्क, हाथों की चहलकदमी, हाथों कला स्पर्श इत्यादि शामिल हैं। माना की यदि आप किसी से बातचीत कर रहे हैं और उस बातचीत के दौरान रिसीवर को उबकाई आ रही है, आँखों में थकान सी दिख रही है फिर भले ही वह मौखिक रूप से आपसे कुछ और कह रहा हो लेकिन अशाब्दिक शब्दों का मतलब स्पष्ट है की वह आपकी बातों से उब रहा है।
लिखित संचार ( Written Communication):
व्यवसायिक संगठनों में कुछ भी कार्य करने के लिए लिखित संचार का होना अनिवार्य माना गया है इसलिए इस प्रकार के Communication में अनेकों जटिलताएँ होने के बावजूद यह बेहद ही महत्वपूर्ण है।वर्तमान में पोस्ट ऑफिस कूरियर के माध्यम से लिखित दस्तावेज भेजना, ईमेल, मेमो, रिपोर्ट, फेसबुक पोस्ट, ट्वीट, एग्रीमेंट इत्यादि सभी लिखित संचार के ही उदाहरण हैं।
सुनना ( LISTENING ) :
हालांकि देखा जाय तो सुनने का कार्य संचार के प्रकारों में अपना स्थान नहीं बनाता है। लेकिन वास्तविकता यह है की सुनना भी संचार के सबसे महत्वपूर्ण प्रकारों में से एक है क्योंकि यदि रिसीवर प्रेषक की बात सुनेगा नहीं, तो वह प्रभावी रूप से उस कार्य को करेगा कैसे? इसलिए बातचीत को सफल बनाने में सुनना बेहद महत्वपूर्ण होता है।
दृश्य संचार ( Visual Communication):
दृश्य संचार से आशय टेलीविजन के माध्यम से हो रहे संचार, यूट्यूब, फेसबुक, इन्स्टाग्राम इत्यादि मंचों के माध्यम से हो रहे संचार से लगाया जा सकता है । संचार का यह प्रकार वर्तमान जीवनशैली में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोशल मीडिया, टेलीविजन इत्यादि के माध्यम से लोग न सिर्फ अपने विचार या मनोरंजन करते हैं बल्कि उद्यमी अपने व्यवसाय का विज्ञापन भी करते हैं ।
संचार का उद्देश्य ( Purpose of Communication in Hindi):
एक संगठन में काम करवाने की जिम्मेदारी प्रबंधकों की होती है उन्हें काम को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए समय समय पर अपने अधीनस्थों को काम इत्यादि के लिए सूचित करना पड़ता है और उन्हें बताना पड़ता है की वे सौपें गए काम को बेहतर ढंग से कैसे कर सकते हैं? इसलिए किसी भी संगठन में Communication बेहद जरुरी होता है। संचार के उद्देश्यों की लिस्ट इस प्रकार से है।
जानकारी का प्रवाह –
प्रासंगिक जानकारी ऊपर से नीचे की ओर या नीचे से ऊपर की ओर लगातार प्रवाहित होनी चाहिए। संगठन में संगठनात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी स्तरों पर कर्मचारियों को उनके काम के बारे में सूचित किया जाना आवश्यक होता है। जानकारी या सूचना को उस भाषा में पहुँचाना चाहिए जिस भाषा में कर्मचारी समझ सकें कोई गलत सूचना न पहुंचे इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। सही व्यक्ति के माध्यम से सही जानकारी सहोई वक्त पर सही व्यक्त तक पहुंचनी आवश्यक है।
समन्वय ( Coordination ):
संचार के माध्यम से संगठनात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संगठन में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सकता है। इसलिए संचार का उद्देश्य सभी कर्मियों एवं विभागों के बीच समन्वय स्थापित करके व्यवसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का भी होता है।
प्रबंधन कौशल सीखना –
Communication का अगला उद्देश्य कर्मचारियों को अनुभवी लोगों के माध्यम से सीखाकर प्रबंधकीय कौशल सिखाना भी है। क्योंकि संचार सूचना, विचारों, विश्वासों, धारणा, सलाह, राय, आदेश और निर्देश इत्यादि के प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है।
लोगों को परिवर्तन स्वीकार के लिए तैयार करना –
किसी भी संगठन के लिए प्रभावी संचार एक बेहद महत्वपूर्ण उपकरण है क्योंकि संगठन इसे संगठनात्मक नीतियों, प्रक्रियाओं और कार्य शैली में समग्र परिवर्तन लाने, कर्मचारियों को सकारात्मक रूप से इन परिवर्तनों को स्वीकार करने और प्रतिक्रिया करने के लिए इस्तेमाल में ला सकता है।
अच्छे मानवीय सम्बन्ध विकसित करना –
किसी भी समस्या का समाधान या मनभेद, मतभेद इत्यादि को दूर करने के लिए संवाद बेहद आवश्यक है । इसलिए प्रबंधकों और श्रमिकों में व्यक्तिगत संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए भी Communication बेहद आवश्यक होता है क्योंकि जब जानकारी का आदान प्रदान होता है तभी हम एक दुसरे को अच्छी तरह समझ पाते हैं और इससे अच्छे मानवीय सम्बन्ध विकसित करने में मदद मिलती है।
अधीनस्थों के विचार जानने का उद्देश्य –
किसी व्यवसायिक संगठन में संचार का प्रमुख उद्देश्य अधीनस्थों के विचारों को जानना और उन्हें प्रोत्साहित करना भी हो सकता है। जब अधीनस्थों के विचारों का सम्मान होगा तो यह बात उन्हें और अधिक मेहनत करने को प्रेरित करेगी। इसके अलावा Communication के माध्यम से वे अपने सीनियर से बिना किसी हिचकीचाहट के जानकारी, सूचनाएँ इत्यादि साझा कर पायेंगे।
आम भाषा में आपके द्वारा किसी अन्य व्यक्ति से की गई बातचीत के तरीके को ही कम्युनिकेशन स्किल कहा जाता है। वर्तमान में बातचीत के अलावा भी संचार के कई अन्य माध्यम उपलब्ध हैं।
हालांकि एक लाइन में इसका उत्तर देना कठिन है, लेकिन पॉइंट टू पॉइंट बात करना, दुसरे की बात सुनना, सही शब्दों का इस्तेमाल करना, आत्म विश्वास से ओत प्रोत रहकर, और नियमित तौर पर अभ्यास करके Communication Skill बढ़ाया जा सकता है।
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आधुनिक युग में संचार के साधन अथवा संचार के आधुनिक साधन पर निबंध
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आधुनिक युग में संचार के साधन अथवा संचार के आधुनिक साधन पर निबंध | Essay on Means of Communication in the Modern Era in Hindi!
संचार मानव की प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण है । यह विश्व के एक देश में बैठे लोगों को दूसरे देशों से जोड़ता है । आज मानव सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर है । इसका प्रमुख श्रेय संचार के आधुनिक साधनों को जाता है ।
संचार के क्षेत्र में मनुष्य की उपलब्धियों ने विश्व की दूरियों को समेटकर बहुत छोटा कर दिया है । प्राचीन काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए ‘दूत’ भेजे जाते थे जो प्राय: आवागमन के लिए घोड़ों आदि का प्रयोग करते थे । पक्षियों द्वारा संदेश भेजने के भी अनेक उदाहरण मिलते हैं । उस काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने में महीनों लग जाते थे परंतु आज स्थिति पूर्णत: बदल चुकी है ।
तार की खोज के साथ ही संचार के क्षेत्र में क्रांति का प्रारंभ हो गया । इसके द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ‘इलेक्ट्रॉनिक’ यंत्रों की सहायता से तार के माध्यम से संकेत प्रेषित किए जाने लगे । इसके पश्चात् ‘दूरभाष’ के आविष्कार ने तो संचार जगत में हलचल ही मचा दी ।
इसके द्वारा व्यक्ति घर बैठे सैकड़ों मील दूर अपने सगे-संबंधियों व परिजनों से बात कर सकता है । इसके साथ ही संचार को और अधिक सुचारू एवं सक्षम बनाने हेतु अनुसंधान प्रारंभ कर दिए गए ।
वर्तमान में संचार के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने अद्भुत सफलताएँ अर्जित की हैं । कंप्यूटर के आविष्कार के बाद इस क्षेत्र में प्रतिदिन नए आयाम स्थापित हो रहे हैं । संचार जगत में ‘ई-मेल’ की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है । ई-मेल के उपयोग या इससे होने वाले लाभ बहुआयामी हैं ।
‘ई-मेल’ के माध्यम से विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से हम संपर्क स्थापित कर सकते हैं । सबसे महत्वपर्ण बात यह है कि इसमें होने वाला खर्च बहुत कम है । दूरभाष द्वारा स्थानीय बातचीत में उपभोक्ता को जो खर्च देना पड़ता है उतने ही खर्च में ई-मेल द्वारा विदेशों में बैठे व्यक्ति को संदेश भेजे जा सकते हैं ।
इलेक्ट्रॉनिक मेल द्वारा लोग द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं । ‘ई-मेल’ के माध्यम से एक संदेश को हजारों लोगों को एक साथ भेजा जा सकता है । इस प्रकार हम देखते हैं कि ‘ई-मेल’ ने विश्व संचार के क्षेत्र को कितना विस्तृत कर दिया है ।
संचार के क्षेत्र में ‘विडियो कांफ्रेंसिंग’ भी वैज्ञानिकों की एक अद्भुत देन है । इसके माध्यम से दो या दो से अधिक व्यक्ति एक दूसरे से मीलों दूर रहकर भी आपस में बातचीत कर सकते हैं तथा साथ ही परदे पर एक दूसरे को देख भी सकते है ।
इसके अतिरिक्त ‘फैक्स’ मशीन के द्वारा कागज पर लिखे संदेशों को दूरभाष लाइनों की सहायता से दूर बैठे व्यक्ति को केवल कुछ ही सैकेंडों में भेजा जा सकता है । ई-मेल को फैक्स का ही उत्तम रूप माना जा सकता है ।
इस प्रकार हम देखते हैं कि मनुष्य ने संचार के क्षेत्र में असीम सफलताएँ अर्जित की हैं । आज इन्हीं सफलताओं व उपलब्धियों के कारण विश्व के सभी देशों का आपसी संपर्क बढ़ा है ।
भारत में बैठे हुए भी दुनिया के दूसरे कोने जैसे अमरीका में होने वाली घटनाओं से हम तुरंत अवगत हो जाते हैं । संचार के क्षेत्र में मानव की उपलब्धियों के कारण ही आज संपूर्ण विश्व की दूरियाँ सिमटकर अत्यंत छोटी हो गई हैं ।
संचार के साधनों के विकास ने अन्य क्षेत्रों में वाणिज्यिक प्रगति को अपेक्षाकृत सरल बना दिया है । आज व्यापार से संबंधित कार्य संचार के साधनों के बदौलत घर या कार्यालय में बैठे-बैठे संपन्न किए जा सकते हैं ।
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संचार का महत्व पर निबंध
By विकास सिंह
विषय-सूचि
संचार का महत्व पर निबंध, Importance of communication in hindi essay (200 शब्द)
अक्सर देखा जाता है कि जिन परिवारों में लोग एक-दूसरे से बात करते हैं, वे अधिक खुश रहते हैं। वे अपने सुख, दुख और अन्य भावनाओं को एक दूसरे के साथ साझा करते हैं। ऐसे परिवारों में चहल-पहल का माहौल होता है। वे हर पल को मनाते है और हँसते खेलते हैं।
वे कभी अकेलापन या ऊब महसूस नहीं करते। वे जानते हैं कि जब भी वे किसी चीज के बारे में बात करना चाहते हैं या एक भावना साझा करते हैं तो उन्हें सुनने के लिए हमेशा एक कान होता है। इस तरह के संचार का महत्व है। इसकी तुलना में, वे परिवार जहाँ सभी सदस्य अपने-अपने कामों में तल्लीन रहते हैं और अपने आसपास के लोगों की देखभाल करने या उनसे बात करने की जहमत नहीं उठाते हैं, आमतौर पर उतने खुश नहीं होते।
ऐसे परिवारों में माहौल काफी नीरस और उदास है। लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त हैं। उनके बाहर दोस्त हैं और उनके परिवार के सदस्यों के साथ उतना करीबी नहीं है। वे अपने परिवार के सदस्यों के बजाय अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ आउटिंग की योजना बनाते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने सभी के साथ संचार के महत्व की उपेक्षा की है और इस प्रकार एक दूसरे के साथ संचार करने में सहज नहीं हैं। और अच्छे संचार के बिना कोई ऐसा तरीका नहीं है जिसका कोई आनंद ले सके। ऐसे परिवारों में लोग अक्सर खुद को अकेला पाते हैं और अवसाद में भी पड़ जाते हैं।
इसी तरह, संचार की कमी हर स्थिति में हानिकारक है। हम सभी को संचार के महत्व का एहसास होना चाहिए।
संचार का महत्व पर निबंध, Importance of communication essay in hindi (300 शब्द)
प्रस्तावना :.
जैसा कि पॉल जे. मेयर कहते हैं, “संचार मानव कनेक्शन, व्यक्तिगत और कैरियर की सफलता की कुंजी है”। संचार के महत्व पर कई बार जोर दिया गया है। आध्यात्मिक गुरु और दुनिया भर के प्रसिद्ध नेताओं ने अक्सर इसके महत्व पर जोर दिया है।
संवाद का अधिकार :
संचार का अधिकार भारत में बुनियादी मानव अधिकारों में से एक के रूप में कहा गया है। इसमें राय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है। यह लोकतंत्र का आधार बनता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत की लोकतांत्रिक सरकार संचार के महत्व को समझती है, इसीलिए उसने यह स्वतंत्रता दी है।
संचार किसी देश की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है। भारत में लोग विभिन्न चीजों पर अपनी राय देने के लिए स्वतंत्र हैं। वे राजनीतिक नेताओं से किसी भी चीज के लिए सवाल कर सकते हैं जो गलत हो जाता है या उनकी प्रतिबद्धता के अनुसार काम नहीं करता है।
वे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार करने के बारे में अपने सुझाव देने के लिए भी स्वतंत्र हैं। इससे देश की समग्र स्थिति को सुधारने में मदद मिलती है। कई लोग अपनी राय देने और सरकार को सुझाव देने के लिए आगे आए हैं और राष्ट्र को मजबूत बनाने में मदद की है।
व्यक्तिगत स्तर पर संचार :
व्यक्तिगत स्तर पर भी संचार बेहद जरूरी है। ऐसे व्यक्ति जो अपने मुद्दों को हल करते हैं और एक-दूसरे के साथ संवाद करके अपनी समस्याओं पर चर्चा करते हैं, एक खुशहाल जगह पर होते हैं। वे व्यक्त करते हैं कि वे क्या महसूस करते हैं – यह कुछ अच्छा या बुरा हो।
वे दूसरे लोगों के दृष्टिकोण को सुनने के लिए भी खुले हैं ताकि उन्हें बेहतर समझा जा सके। इससे किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करने में मदद मिलती है जिससे कई सारी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। दूसरी ओर, जो लोग संचार से बचते हैं और चुप्पी का सहारा लेते हैं वे चीजों को जटिल करते हैं। वे कुछ भी स्पष्ट नहीं करते हैं और अक्सर दूसरों के खिलाफ शिकायत रखते हैं।
निष्कर्ष :
हमें विभिन्न स्तरों पर संचार के महत्व को समझना चाहिए। संचार लोगों की राय रखने के लिए महत्वपूर्ण है और दूसरे को समझने के लिए भी।
संचार के साधन का महत्व, Importance of communication essay in hindi (400 शब्द)
संचार लोगों के विचारों और विचारों को रखने और दूसरों को सुनने का एक तरीका है ‘। स्वस्थ बातचीत के लिए दो तरह से संवाद होना जरूरी है। जो लोग संचार के महत्व को समझते हैं वे स्वस्थ व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों को विकसित करते हैं। दूसरी ओर, जो लोग चर्चा करने और उन्हें हल करने के बजाय चीजों को अपने पास रखते हैं वे विभिन्न स्तरों पर समस्याओं का अनुभव करते हैं।
व्यक्तिगत संबंधों में संचार का महत्व :
चीजों को सुचारू रखने के लिए हमारे निकट और प्रिय लोगों के साथ संवाद करना बेहद महत्वपूर्ण है। चाहे वह माता-पिता के बच्चे का रिश्ता हो, पति पत्नी का रिश्ता हो, भाई-बहन का रिश्ता हो या ससुराल से रिश्ता हो – एक मजबूत रिश्ता बनाने के लिए स्वस्थ दो तरफ से संवाद बनाए रखना जरूरी है।
एक रिश्ता जिसमें संचार की कमी होती है वह कभी सफल नहीं हो सकता और बहुत सी गलतफहमियों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, एक माता-पिता के बच्चे का रिश्ता सुंदर होता है जब वे एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह से संवाद करते हैं।
एक परिवार जहां बच्चे अपने माता-पिता के साथ विभिन्न प्रकार के मामलों पर चर्चा करने में संकोच नहीं करते हैं, बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए सबसे अच्छा है। इस तरह के आराम स्तर का निर्माण माता-पिता द्वारा संचार के माध्यम से किया जाता है। यह केवल तब होता है जब माता-पिता अपने बच्चों के साथ संवाद करते हैं और उन्हें सुनने के लिए एक कान देते हैं कि बच्चे उनके साथ सहज महसूस करते हैं और उनके साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हैं।
इसी तरह, यह कहा जाता है कि एक पति-पत्नी का रिश्ता सबसे अच्छा काम करता है अगर वे एक-दूसरे के साथ दोस्ती का गहरा बंधन विकसित करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि दोस्त एक दूसरे के साथ सब कुछ साझा करते हैं और मोटे और पतले के माध्यम से एक दूसरे के लिए मजबूत खड़े होते हैं।
उन्हें दूसरे व्यक्ति की प्रतिक्रिया के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें न्याय नहीं किया जाएगा। पति पत्नी जो एक दूसरे के साथ अधिक संवाद करते हैं वे बेहतर विश्वास और पारदर्शिता का निर्माण करते हैं और इस प्रकार एक मजबूत बंधन विकसित करते हैं।
दूसरी ओर, जो लोग एक-दूसरे के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा नहीं करते हैं, वे भावनाओं को कैद कर लेते हैं, अविश्वास पैदा करते हैं और यह आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बनता है। उनमें से कई एक दूसरे के साथ एक ही चर्चा करने के बजाय बाहरी लोगों के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा करते हैं और अंत में अलग हो जाते हैं।
कई लोगों को अपने गुस्से को दिखाने के लिए अपने प्रियजनों को ठंडा करने और चुप उपचार देने की आदत होती है। यह सबसे खराब सजा है जो आप किसी को दे सकते हैं।
यह समय है कि लोगों को संचार के महत्व का एहसास होना चाहिए और गलतफहमी और पीछा करने वाली समस्याओं से बचने के लिए एक दूसरे के साथ संवाद करना चाहिए। तभी हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर पायेंगे।
संचार का महत्व पर निबंध, Importance of communication essay in hindi (500 शब्द)
संचार के महत्व पर बार-बार जोर दिया गया है। जबकि कुछ लोग अच्छी तरह से संवाद करने की गुणवत्ता के साथ पैदा होते हैं, जबकि कुछ प्रयासों से इसे सीख सकते हैं।
टू वे कम्युनिकेशन जरूरी है :
यदि इसे दो तरह से किया जाए तो संचार को प्रभावी कहा जाता है। यदि केवल एक व्यक्ति ही बात करता है और दूसरे को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता है, तो यह एक अस्वस्थ वार्तालाप माना जाता है। संचार के महत्व को समझना चाहिए, लेकिन साथ ही लोगों को उसी में निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करना चाहिए।
संपूर्ण वार्तालाप जरुरी है और इसलिए दुसरे व्यक्ति को अपनी राय रखने का मौका देना चाहिए। घर पर हो या पेशेवर सेटिंग में, लोगों को दो तरह से संचार के महत्व को पहचानना और महसूस करना चाहिए।
प्रभावी संचार का महत्व :
बहुत से लोग संचार के महत्व को समझते हैं और अपनी बात को दूसरे लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं लेकिन वे ऐसा करने में असमर्थ हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास अच्छे संचार कौशल की कमी है। प्रभावी ढंग से संवाद करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
व्यवधान: व्यवधान बेहद कष्टप्रद हो सकता है। इससे पहले कि आप उसे बनाने से पहले दूसरे व्यक्ति को अपनी बात पूरी करने दें। लगातार दूसरे व्यक्ति को बाधित करने से उन्हें बिंदु से भटकना पड़ सकता है और बातचीत एक अलग मोड़ ले सकती है।
धैर्य से सुनो: स्वस्थ बातचीत को धैर्यपूर्वक सुनने की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें लोगों को बिंदु डालने की आवश्यकता होती है। प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए आपको पहले यह सुनना होगा कि दूसरे व्यक्ति को क्या कहना है।
अपनी बॉडी लैंग्वेज देखें: आपकी बॉडी लैंग्वेज आपके बारे में बोलती है। अपने शरीर की भाषा को अभिमानी और घमंडी के बजाय गर्म और मैत्रीपूर्ण रखना आवश्यक है। कई लोग अनायास ही अपनी बॉडी लैंग्वेज के जरिए गलत संदेश दे देते हैं। अगर आपको यकीन नहीं है तो बॉडी लैंग्वेज की कला सीखना अच्छा है।
अपनी बात पर मत जाओ: बातचीत के पीछे का कारण अपने विचारों को व्यक्त करना है ताकि दूसरे व्यक्ति को पता चल सके कि आप क्या महसूस करते हैं। यह साबित नहीं करना है कि आपकी बात सही है और दूसरा व्यक्ति गलत है। बहुत से लोग बातचीत को जीतने की कोशिश करते हैं जो बिल्कुल गलत है। यह अनावश्यक तर्कों और संघर्षों की ओर जाता है।
आदरपूर्वक बात करें: किसी को कुछ कहने से पहले सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि आप क्या कह रहे हैं। कई बार, क्रोध या चिंता से बाहर हम ऐसी बातें कहते हैं जो हमें नहीं कहनी चाहिए। याद रखें, एक बार बोले गए शब्दों को वापस नहीं लिया जा सकता है। इस प्रकार यह सुझाव दिया जाता है कि कुछ ऐसा न कहें जिसे आप बाद में पछता सकें।
अभ्यास: यदि कोई प्रोफेशनल बैठक होती है, जहां आपके उत्पाद या काम के बारे में संवाद करने की आवश्यकता होती है, तो पहले से ही अभ्यास करने का सुझाव दिया जाता है। चुनें कि आपकी बातचीत कैसे शुरू होगी, आपके द्वारा कवर किए जाने वाले सभी बिंदु और आप इसे कैसे समाप्त करेंगे। दर्पण के सामने या मित्र के साथ एक ही बार अभ्यास करें।
जिम रोन ने एक बार कहा था, “यदि आप सिर्फ संवाद करते हैं तो आप प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन अगर आप कुशलता से संवाद करते हैं तो आप चमत्कार कर सकते हैं ”। इसलिए, संचार के महत्व को समझना आवश्यक है। हालांकि, सभी को अच्छी तरह से इंगित करने के लिए प्रभावी संचार की कला सीखना सभी के लिए आवश्यक है।
संचार का महत्व, Importance of communication in hindi (600 शब्द)
संचार एक मजबूत और स्वस्थ संबंध का निर्माण खंड है। व्यक्तिगत संबंधों में अविश्वास से बचना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और एक मजबूत बंधन बनाना आवश्यक है। एक प्रोफेशनल जगह पर, यह संगठन के सुचारू कामकाज, प्रभावी ज्ञान साझा करने और किसी भी तरह के काम से संबंधित भ्रम से बचने के लिए आवश्यक है।
व्यावसायिक सेटिंग में संचार का महत्व :
व्यावसायिक सेटिंग में संचार का अत्यधिक महत्व है। यही कारण है कि नौकरी के साक्षात्कार के दौरान उम्मीदवारों के संचार कौशल का आकलन करने पर इतना जोर दिया जाता है। एक व्यक्ति जो अपनी बात अच्छी तरह से कह सकता है, उसके पास अवधारणाओं की बेहतर स्पष्टता है।
दूसरी ओर, जो व्यक्ति तथ्यों के बारे में भ्रमित है, वह उसी के बारे में बात करते समय गड़बड़ा सकता है। इसलिए, संचार कौशल अपने ज्ञान और विचारों की स्पष्टता को पहचानने का एक अच्छा आधार है। अच्छे संचार कौशल वाला व्यक्ति हमेशा अधिक आत्मविश्वास से भरा होता है और ग्राहकों को बेहतर तरीके से संभाल सकता है। यहाँ विभिन्न पेशेवरों के जीवन में संचार का महत्व है:
एक शिक्षक के लिए संचार का महत्व:
शिक्षकों के पास अनिवार्य रूप से अच्छे संचार कौशल होने चाहिए। वे छात्रों को तभी बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे जब उनके पास यह गुण होगा। बच्चों को अनुशासित करना या उन्हें अकादमिक पाठ पढ़ाना – वे अपने कार्य को प्रभावी ढंग से करने में सक्षम होंगे, जब वे जानते होंगे कि प्रभावी ढंग से कैसे संवाद किया जाए।
एक डॉक्टर के लिए संचार का महत्व:
एक डॉक्टर को न केवल अपने क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, बल्कि यह भी पता होना चाहिए कि अपने रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ अच्छी तरह से संवाद कैसे करें। उसे पता होना चाहिए कि कैसे अपनी बात को इस तरह से रखा जाए कि मरीज अपने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को हल्के में न लें, फिर भी वह घबराहट की स्थिति में नहीं आएगा।
एक टीम लीडर के लिए संचार का महत्व:
नेतृत्व की भूमिका या प्रबंधकीय पद की पेशकश करते समय एक व्यक्ति के संचार कौशल का विशेष रूप से मूल्यांकन किया जाता है। इसका कारण यह है कि नौकरी टीम के साथ बातचीत करने और उनसे काम निकालने के बारे में है। टीम लीडर या मैनेजर जिस तरह से संवाद करते हैं, वह काफी हद तक उनकी टीम के प्रदर्शन और व्यवहार को निर्धारित करता है। वह उनके लिए एक उदाहरण स्थापित करने और उनमें सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए माना जाता है।
लिखित संचार का महत्व :
एक पेशेवर सेटिंग में, लिखित संचार की कला को जानना उतना ही आवश्यक है जितना मौखिक संचार। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिन्हें प्रलेखित करने की आवश्यकता है और यही वह जगह है जहाँ लिखित संचार आता है। एक व्यक्ति को पेशेवर ईमेल लिखने और प्रभावी लिखित संचार सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक पाठ भेजने की कला सीखनी चाहिए।
संचार का अभाव अक्सर अवसाद की ओर जाता है :
जबकि संचार के महत्व के बारे में बहुत कुछ कहा गया है, इन दिनों लोग ज्यादातर इस पहलू की उपेक्षा करते हैं। हर कोई अपने स्वयं के जीवन में इतना तल्लीन है कि वे अपने निकट और प्रिय लोगों के साथ भी बातचीत करने की जहमत नहीं उठाते हैं।
इंटरनेट और सोशल मीडिया का बढ़ता उपयोग और लोगों की व्यस्त जीवनशैली इसके प्रमुख कारणों में से एक है। युवा जोड़े इन दिनों अपने जीवन में इतने तल्लीन हैं कि वे अपने माता-पिता के साथ संवाद करने के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं। उनके साथ क्वालिटी टाइम विटाने का तो सवाल ही नहीं है। बुढ़ापे के दौरान माता-पिता अकेले रह जाते हैं। उनके पास बात करने के लिए कोई नहीं है और अक्सर अवसाद के शिकार होते हैं।
इसी तरह, कई महिलाएं जो घर पर रहकर अपने परिवार की सेवा करना चुनती हैं, वे दिन के अधिकांश समय अकेली रहती हैं। उनके पास एक अच्छा सामाजिक चक्र नहीं है और आमतौर पर लोगों को उनके लिए एक कान उधार देने के लिए नहीं है। यह काफी निराशाजनक हो सकता है और अंततः कई के बीच अवसाद का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष:
संचार का अत्यधिक महत्व है। खुशहाल जीवन जीने के लिए किसी के विचारों और भावनाओं को बाहर निकालना महत्वपूर्ण है। जितना अधिक हम कम संवाद करते हैं हम उतना ही कम जटिल होते हैं और बेहतर होता है कि हम अपने आस-पास की हर चीज के बारे में महसूस करें।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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संचार के साधन पर निबंध – Means Of Communication Essay In Hindi
Hindi Essay प्रत्येक क्लास के छात्र को पढ़ने पड़ते है और यह एग्जाम में महत्वपूर्ण भी होते है इसी को ध्यान में रखते हुए hindilearning.in में आपको विस्तार से essay को बताया गया है |
Table of Contents
संचार के साधन पर निबंध – (Essay On Means Of Communication In Hindi)
बढ़ते संचार के साधन : सिमटता संसार – means of increasing communication: the shrinking world.
- सामाजिकता क्या है
- सामाजिकता और संसार.
- सामाजिकता का घटना,
- संचार साधनों का विस्तार,
- संचार साधनों का सामाजिकता पर प्रभाव,
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
संचार के साधन पर निबंध – Sanchaar Ke Saadhan Par Nibandh
प्रस्तावना– यह कहना कठिन है कि मनुष्य ने कब समाज में रहना आरम्भ किया। आज जो सामाजिक जीवन हमारे लिए अपरिहार्य बन गया है उसका आरम्भ कब और कैसे हुआ होगा, इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है। निश्चय ही पहले परिवार अस्तित्व में आए और फिर सामूहिकता या सामाजिकता के लाभ देख और अनुभव करके परिवारों के समूह समाज में बदल गए।
परिवार को समाज या सामाजिकता की प्रथम पाठशाला कहा जाता है। परिवार में ही बालक को प्रेम, सहानुभूति, सहयोग और अनुशासन की शिक्षा मिलती है। इस सहज प्रशिक्षण का वह बड़े परिवार अर्थात् समाज में प्रयोग करता है? व्यक्ति की सुरक्षा, सम्मान और आकांक्षाएँ समाज में रहकर ही सम्भव और परिपूर्ण होती हैं।
सामाजिकता क्या है? – What is Sociality?
समाज की रीति– नीति, परम्परा और आस्थाओं का पालन करते हुए, समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए, एक सभ्य नागरिक की तरह समाज में रहना ही सामाजिकता है। जो व्यक्ति सामाजिक सम्बन्धों के प्रति संवेदनशील नहीं होता, अपने आप में या अपने परिवार तक ही सीमित रहता है उसे असामाजिक कहा जाता है। मनुष्य को कदम–कदम पर समाज की आवश्यकता होती है।
जन्म, मृत्यु, विवाह, उत्सव, संकट के समय सामाजिकता का महत्त्व समझ में आता है। सामाजिकता रहित व्यक्ति स्वयं को एकाकी और असुरक्षित अनुभव करता है। सामाजिकता ही मनुष्य को सम्मान और लोकप्रियता दिलाती है। मिलनसार व्यक्ति के कठिन कार्य और समस्याएँ भी सामाजिकता के कारण सरल हो जाते हैं।
सामाजिकता और संसार– आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का कथन है कि मनुष्य अपना संसार स्वयं बनाता है, उसके मित्र, सम्बन्धी और परिचित ही उसका संसार होते हैं। इनसे ही वह मिलना और बातचीत करना चाहता है। इस तरह समाज का व्यापक और विस्तृत रूप ही संसार है।
संचार साधनों ने हमारे परिचय क्षेत्र का विस्तार किया है, परन्तु इन साधनों के कारण हमारे निजी और प्रत्यक्ष सम्पर्क भी घटे हैं। इन साधनों ने मनुष्य को अपने आकर्षण के जाल में इतना उलझा लिया है कि उसका सम्पर्क क्षेत्र सीमित हो गया है। वह आत्मकेन्द्रित हो गया है।
सामाजिकता का घटना– आजकल सामाजिकता की भावना निरन्तर घटती जा रही है। इसको ही संसार का सिमटना कह सकते हैं। सामाजिकता घटने के अनेक कारण हैं। इनमें अहंकार, व्यस्तता, श्रेष्ठता की भावना, सम्पन्नता, नगर–सभ्यता का प्रभाव, समूह–भावना की कमी आदि प्रमुख हैं। पारस्परिक औपचारिक सम्बन्धों की वृद्धि के कारण लोगों में घुलने–मिलने की प्रवृत्ति कम हो गई हैं महानगरों में एक ही भवन में रहने वाले एक–दूसरे से अपरिचित बने रहते हैं।
पहले पूरे मोहल्ले में लोग एक–दूसरे को जानते–पहचानते थे, एक–दूसरे के यहाँ आते–जाते थे। अब व्यवसाय और नौकरी की बाध्यता के कारण भी लोग सुबह से शाम तक व्यस्त रहते हैं।
संचार साधनों का विस्तार– पहले संचार साधनों की अत्यन्त कमी थी इसलिए व्यक्ति से व्यक्ति के मिलने के अवसर काफी कम होते थे। दूर रहने वाले लोगों से पत्रों के माध्यम से समाचारों का आदान–प्रदान होता था। आज व्यक्ति को संचार के अनेक साधन उपलब्ध हैं। टेलीफोन है, मोबाइल फोन है, फैक्स है, इन्टरनेट है।
आने–जाने, प्रत्यक्ष भेंट करने की आवश्यकता नहीं, घर बैठे उसके सारे काम हो जाते हैं। पहले त्योहारों पर लोग एक–दूसरे के घर जाते थे, शुभकामनाएँ देते थे। अब तो एस. एम.एस से ही काम चल जाता है। टेलीकान्फ्रेंस के द्वारा साक्षात्कार और बैठक सम्पन्न हो जाती है।
संचार साधनों का सामाजिकता पर प्रभाव– संचार साधनों की विविधता और सुलभता. ने मनुष्य के सामाजिक सम्बन्धों को गहराई से प्रभावित किया है। वह आत्मकेन्द्रित होता जा रहा है उसकी एक निजी दुनिया बन गई है। संचार उपकरण ही उसके संगी–साथी हैं। मोबाइल हर समय आपके साथ और हाथ में है। उठते, बैठते, चलते, यात्रा में, बाजार में नगर में, जंगल में, हर समय मोबाइल आपको सम्पर्क की सुविधा देता है।
फिर आपको समाज के बीच जाने की क्या आवश्यकता है। अब निबन्ध मनोरंजन के लिए मित्रों के बीच जाने या उन्हें बुलाने की आवश्यकता नहीं। अकेला टी.वी आपके पूरे परिवार का मनोरंजन कर सकता है। इन्टरनेट से हर सुविधा घर बैठे हाजिर है। पुस्तकालय में जाने का कष्ट क्यों किया जाय।
एक क्लिक पर पुस्तकें आपके कम्प्यूटर स्क्रीन पर उपस्थित हैं। नौकरी, विवाह, व्यवसाय हर समस्या का हल नेट कर सकता है। संचार–साधनों ने व्यक्ति की सामाजिक गतिविधियों को अत्यन्त सीमित कर दिया है।
उपसंहार– आज मनुष्य संचार–साधनों की चकाचौंध से घिरकर समाज से कटता जा रहा है। मोबाइल, नेट और टी.वी. जा रहा है। सामाजिकता की निरन्तर हो रही कमी ने व्यक्ति के अनेक मौलिक गणों को निस्तेज कर दिया है।
इस नशे से सावधान न हुए तो नई–पीढ़ी धीरे–धीरे अवसाद, मोटापे, मन्द–दृष्टि आदि रोगों की शिकार हो जाएगी। लोग ‘मैं’ तक ही केन्द्रित हो जायेंगे ‘हम’ के रूप में सोचना भूल जाएँगे। अतः संचार–साधनों का सीमित और आवश्यक उपयोग ही समाज में होना चाहिए।
दूसरे विषयों पर हिंदी निबंध लेखन: Click Here
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Means of communication in hindi essay & meaning संचार के साधन पर निबंध व महत्व.
Read what are the different means of communication in Hindi language. We have added an essay on means of communication in Hindi with meaning. Know more about different means in which people can communicate with others.
Means of Communication in Hindi
संचार मानव की प्रगति के लिए अति महत्त्वपूर्ण है। यह विश्व के एक देश में बैठे लोगों को दूसरे देशों से जोड़ता है। आज मानव सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर है। इसका प्रमुख श्रेय संचार के आधुनिक साधनों को जाता है। संचार के क्षेत्र में मनुष्य की उपलब्धियों ने विश्व की दूरियों को समेटकर बहुत छोटा कर दिया है।
प्राचीन काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए ‘दूत’ भेजे जाते थे जो प्राय: आवागमन के लिए घोड़ों आदि का प्रयोग करते थे। पक्षियों द्वारा संदेश भेजने के भी अनेक उदाहरण मिलते हैं। उस काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने में महीनों लग जाते थे परन्तु आज स्थिति पूर्णत: बदल चुकी है।
तार की खोज के साथ ही संचार के क्षेत्र में क्रांति का प्रारम्भ हो गया। इसके द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ‘इलेक्ट्रॉनिक’ यंत्रों की सहायता से तार के माध्यम से संकेत प्रेषित किए जाने लगे। इसके पश्चात् ‘दूरभाष’ के आविष्कार ने तो संचार जगत में हलचल ही मचा दी। इसके द्वारा व्यक्ति घर बैठे सैंकड़ों मील दूर अपने सगे सम्बन्धियों व परिजनों से बात कर सकता है। इसके साथ ही संचार को और अधिक सुचारू एवं सक्षम बनाने हेतु अनुसंधान प्रारम्भ कर दिए गए हैं।
वर्तमान में संचार के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने अद्भुत सफलताएं अर्जित की हैं। कम्प्यूटर के आविष्कार के बाद इस क्षेत्र में प्रतिदिन नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। संचार जगत में ‘ई-मेल’ की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। ई-मेल के उपयोग या इससे होने वाले लाभ बहुआयामी हैं। ‘ई-मेल के माध्यम से विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से हम संपर्क स्थापित कर सकते हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इसमें होने वाला व्यय बहुत कम है। दूरभाष द्वारा स्थानीय बातचीत में उपभोक्ता को जो खर्च देना पड़ता है उतने ही खर्च में ई-मेल द्वारा विदेशों में बैठे व्यक्ति को संदेश भेजे जा सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मेल द्वारा लोग द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं। ‘ई-मेल’ के माध्यम से एक संदेश को हजारों लोगों को एक साथ भेजा जा सकता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि ‘ई-मेल’ ने विश्व संचार के क्षेत्र को कितना विस्तृत कर दिया है। संचार के क्षेत्र में ‘वीडियो कांफ्रेंसिग’ भी वैज्ञानिकों की एक अद्भुत देन है। इसके माध्यम से दो या दो से अधिक व्यक्ति एक दूसरे से मीलों दूर रह कर भी आपस में बातचीत कर सकते हैं तथा साथ ही पर्दे पर एक दूसरे को देख भी सकते हैं।
इसके अतिरिक्त ‘फैक्स’ मशीन द्वारा कागज पर लिखे संदेशों की दूरभाष लाइनों की सहायता से दूर बैठे व्यक्ति को केवल कुछ ही सैकिंडों में भेजा जा सकता है। ई-मेल को फैक्स का ही उत्तम रूप माना जा सकता है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि मनुष्य ने संचार के क्षेत्र में असीम सफलता अर्जित की हैं। आज इन्हीं सफलताओं व उपलब्धियों के कारण विश्व के सभी देशों का आपसी सम्पर्क बढ़ा है। भारत में बैठे हुए भी दुनिया के कोने जैसे अमरीका में होने वाली घटनाओं से हम तुरन्त अवगत हो जाते हैं। संचार के क्षेत्र में मानव की उपलब्धियों के कारण ही आज सम्पूर्ण विश्व की दूरियां सिमटकर अत्यन्त छोटी हो गई हैं।
संचार के साधनों के विकास ने अन्य क्षेत्रों में वाणिज्यक प्रगति को अपेक्षाकृत सरल बना दिया है। आज व्यापार से सम्बन्धित कार्य संचार के साधनों की बदौलत घर या कार्यालय में बैठे-बैठे सम्पन्न किए जा सकते हैं।
अन्तरिक्ष अभियान में पिछले कई वर्षों से निरन्तर सफलताएं मनुष्य ने प्राप्त की हैं। ऐसा अब असम्भव नहीं लगता है कि मनुष्य दूसरे ग्रहों और उपग्रहों में भी अपना आवास बना लेगा और यह कम्प्यूटर की सहायता के बिना सम्भव नहीं था। दूर संचार के साधनों में सेटेलाइट प्रमुख रूप से उपयोगी सिद्ध हो रहा है। इससे आज हज़ारों मील दूर स्थित दूसरे देशों में होने वाले प्रोग्राम आसानी से हर देशों में प्रसारित किए जाते हैं और इनमें भी कम्प्यूटर ही महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मौसम की जानकारी के लिए सेटेलाइट्स द्वारा भेजे गए चित्र बहुत उपयोगी होते हैं क्योंकि इससे मौसम सम्बन्धी खतरों के बारे में पूर्व जानकारी मिलने से आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।
भारत ने अमेरिका से एक सुपर कम्प्यूटर के एक्स-ए-पी-14 खरीदा है जो कि दिल्ली के मौसम विभाग में रखा गया है। आधुनिक युग में कम्प्यूटर और रोबोट निश्चय ही क्रांतिकारी सिद्ध होंगे। इनसे मानव इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। रोबोट सभी प्रकार के काम करने में समर्थ हो रहा है और कम्प्यूटर उसकी सहायता के लिए तैयार है। कम्प्यूटर और रॉबोट दोनों संवेदन शून्य है, मस्तिष्क शून्य है, वे केवल यन्त्र मात्र है। अतः आवश्यक है कि इन्हें संवेदनाओं और भावनाओं से नियन्त्रित किया जाए।
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एक कदम शिक्षा कि ओर
कम्युनिकेशन क्या है? | कम्युनिकेशन के प्रकार | Communication In Hindi
इस पोस्ट में हम आपको Communication In Hindi , कम्युनिकेशन क्या है? और संचार कितने प्रकार के होते हैं? Communication Meaning In Hindi हर बात का जवाब देंगे| संचार लोगों के बीच संदेश भेजने और प्राप्त करने की प्रक्रिया है। कम्युनिकेशन के विभिन्न रूपों, जैसे बात करना, लिखना और ईमेल के माध्यम से संदेश भेजना और प्राप्त करना शामिल है।
कम्युनिकेशन का हिंदी अर्थ संचार है और संचार लोगों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान है । पहले के समय में लोगों से संवाद करने में काफी समय लगता था, लेकिन आधुनिक तकनीक के साथ अब यह बहुत आसान हो गया है। हम आपको यहां संचार के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी बताने जा रहे हैं, जिसमें संचार क्या है, इसके विभिन्न प्रकार और बहुत कुछ शामिल हैं। यदि आप संचार के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो पूरी पोस्ट अवश्य पढ़ें।
Table of Contents
कम्युनिकेशन क्या है?
संचार भाषण, लेखन, या अन्य माध्यमों के माध्यम से सूचना, विचारों, विचारों, भावनाओं और भावनाओं के आदान-प्रदान की प्रक्रिया है। यह एक मौलिक मानवीय गतिविधि है जो लोगों को एक दूसरे से जुड़ने और जानकारी, विचार और भावनाओं को साझा करने में सक्षम बनाती है। अच्छे संचार में सूचनाओं का प्रभावी आदान-प्रदान और दूसरों को समझने और समझने की क्षमता शामिल है। यह एक आवश्यक कौशल है जो व्यक्तिगत संबंधों, पेशेवर सेटिंग्स और व्यापक समुदाय सहित जीवन के सभी पहलुओं में महत्वपूर्ण है।
कम्युनिकेशन का मतलब हिंदी में (Communication Meaning In Hindi)
Communication | संचार |
Communication | संवाद |
Communication | बोलचाल |
Communication | संचार-व्यवस्था |
Communication | संप्रषण |
Communication | संपर्क |
Communication | सूचना |
संचार की परिभाषा हिंदी में (Definition Of Communication In Hindi)
संचार को “samvad” (संवाद) or “vivad” (विवाद) के रूप में जाना जाता है। शब्द “संवाद” संस्कृत शब्द “sam” (सम) और “vad” (वाद) से लिया गया है, जिसका एक साथ अर्थ है “exchange of ideas.” “vivad” संस्कृत शब्द “vivaksha” (विवक्ष) से लिया गया है, जिसका अर्थ है “चर्चा” या “बहस”।
सामान्य तौर पर, हिंदी में संचार भाषण, लेखन या अन्य माध्यमों से दूसरों के साथ सूचना, विचार, विचार और भावनाओं के आदान-प्रदान के कार्य को संदर्भित करता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो लोगों को एक दूसरे से जुड़ने और अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करने की अनुमति देती है। संबंधों को बनाने और बनाए रखने के साथ-साथ व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों स्थितियों में सफलता के लिए अच्छा संचार आवश्यक है।
संचार के प्रकार (Types Of Communication In Hindi)
संचार कई प्रकार के होते हैं.
- Simplex Communication
- Half Duplex Communication
- Full Duplex Communication
सिम्पलेक्स कम्युनिकेशन (Simplex Communication)
Simplex Communication एक प्रकार का संचार है जिसमें सूचना केवल एक दिशा में प्रेषित की जा सकती है, प्रेषक से रिसीवर तक। सिम्प्लेक्स कम्युनिकेशन में, रिसीवर के पास प्रेषक को प्रतिक्रिया या प्रतिक्रिया भेजने की क्षमता नहीं होती है।
सिम्प्लेक्स संचार के उदाहरणों में शामिल हैं:
- रेडियो प्रसारण (Radio broadcasting): इस मामले में, रेडियो स्टेशन श्रोताओं के लिए एक संदेश प्रसारित करता है, लेकिन श्रोता प्रतिक्रिया या प्रतिक्रिया नहीं भेज सकते।
- वन-वे स्ट्रीट्स (One-way streets): इस मामले में, वाहन केवल एक दिशा में यात्रा कर सकते हैं, और आने वाले वाहनों के लिए प्रतिक्रिया या फीडबैक भेजने की क्षमता नहीं है।
- टेलीविज़न (Television): इस मामले में, टेलीविज़न प्रसारक दर्शकों को एक संदेश भेजता है, लेकिन दर्शक प्रतिक्रिया या प्रतिक्रिया नहीं भेज सकते।
सिम्पलेक्स संचार कुछ स्थितियों में उपयोगी होता है जहां रिसीवर के लिए प्रतिक्रिया या प्रतिक्रिया भेजना आवश्यक या व्यावहारिक नहीं होता है। हालाँकि, कई स्थितियों में, द्वैध संचार, जो दो-तरफ़ा संचार की अनुमति देता है, अधिक प्रभावी और कुशल है।
हाफ डुप्लेक्स कम्युनिकेशन (Half Duplex Communication)
Half Duplex Communication एक प्रकार का संचार है जिसमें सूचनाओं को दोनों दिशाओं में प्रेषित किया जा सकता है, लेकिन एक ही समय में नहीं। हाफ डुप्लेक्स कम्युनिकेशन में प्रेषक और रिसीवर बारी-बारी से संदेश भेजते और प्राप्त करते हैं।
आधे द्वैध संचार के उदाहरणों में शामिल हैं:
- वॉकी-टॉकीज (Walkie-talkies): इस मामले में, उपयोगकर्ता संदेश भेजने के लिए एक बटन दबा सकते हैं, लेकिन प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए उन्हें बटन को छोड़ना होगा।
- सीबी रेडियो (CB radio): इस मामले में, उपयोगकर्ता एक साझा रेडियो फ्रीक्वेंसी पर संदेश प्रसारित और प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन एक समय में केवल एक उपयोगकर्ता ही प्रसारित कर सकता है।
- आमने-सामने की बातचीत (Face-to-face conversation): इस मामले में, लोग बारी-बारी से बोलते और सुनते हैं, और एक समय में केवल एक ही व्यक्ति बोल सकता है।
- Networking hub : नेटवर्किंग हब half-duplex उपकरण हैं, क्योंकि वे संचार का single shared channel बनाते हैं।
आधा द्वैध संचार उन स्थितियों में उपयोगी होता है जहां प्रेषक और रिसीवर दोनों के लिए संचार करना आवश्यक होता है, लेकिन जहां दोनों पक्षों के लिए एक साथ संदेश प्रसारित करना आवश्यक नहीं होता है। हालाँकि, कुछ स्थितियों में, पूर्ण द्वैध संचार, जो संदेशों के एक साथ प्रसारण और प्राप्ति की अनुमति देता है, अधिक कुशल हो सकता है।
पूर्ण डुप्लेक्स (Full Duplex Communication)
Full Duplex communication एक प्रकार का संचार है जिसमें सूचनाओं को एक साथ दोनों दिशाओं में प्रेषित किया जा सकता है। इसका अर्थ है कि प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों एक ही समय में संदेश भेज और प्राप्त कर सकते हैं।
Full Duplex संचार दो उपकरणों को एक साथ संचार करने की अनुमति देता है, जबकि आधा-द्वैध संचार केवल एक उपकरण को एक समय में संचार करने की अनुमति देता है। यह कंप्यूटर नेटवर्क में अधिक सामान्य है, जहां यह बैंडविड्थ के अधिक कुशल उपयोग की अनुमति देता है।
पूर्ण द्वैध संचार के उदाहरणों में शामिल हैं:
- टेलीफोन कॉल (Telephone Call) : इस मामले में, दोनों पक्ष एक ही समय में बोल और सुन सकते हैं।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing): इस मामले में, प्रतिभागी वास्तविक समय में एक-दूसरे को देख और सुन सकते हैं और एक साथ संवाद कर सकते हैं।
- चैट रूम (Chat Room): इस मामले में, कई उपयोगकर्ता साझा प्लेटफॉर्म के माध्यम से वास्तविक समय में संदेश भेज और प्राप्त कर सकते हैं।
पूर्ण द्वैध संचार उन स्थितियों में उपयोगी होता है जहां प्रेषक और रिसीवर दोनों के लिए एक साथ संवाद करना आवश्यक होता है, जैसे कि बातचीत या बैठक में। यह सूचनाओं के अधिक कुशल आदान-प्रदान की अनुमति देता है और त्वरित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान कर सकता है।
Communication Process In Hindi (संचार के घटक)
संचार की प्रक्रिया (Communication Process In Hindi) में दो या दो से अधिक लोगों के बीच सूचनाओं, विचारों, विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान शामिल है। इसमें निम्नलिखित कदम शामिल हैं:
संदेश (Message)
एक संदेश वह सूचना, विचार, विचार या भावना है जो एक प्रेषक एक प्राप्तकर्ता को संप्रेषित करना चाहता है। यह मौखिक, अशाब्दिक या दोनों का संयोजन हो सकता है। प्राप्तकर्ता द्वारा प्रभावी ढंग से समझने के लिए संदेश स्पष्ट और संक्षिप्त होना चाहिए।
एनकोडिंग (Encoding)
एनकोडिंग संदेश को एक ऐसे रूप में अनुवादित करने की प्रक्रिया है जिसे एक चैनल के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है। प्रेषक संदेश को इस तरह से कूटबद्ध करता है कि प्राप्तकर्ता उसे समझ सके।
प्रेषक (Sender)
एक प्रेषक वह व्यक्ति होता है जो संदेश संप्रेषित कर रहा होता है। प्रेषक के पास संप्रेषित करने के लिए एक संदेश होता है और इसे एक ऐसे रूप में कूटबद्ध करता है जिसे एक चैनल के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है।
माध्यम (Meduim)
एक माध्यम वह चैनल है जिसके माध्यम से संदेश प्रसारित किया जाता है। यह मौखिक हो सकता है, जैसे बोलना या लिखना, या यह अशाब्दिक हो सकता है, जैसे शरीर की भाषा या चेहरे के भाव। संचार के लिए चुना गया माध्यम रिसीवर द्वारा संदेश की व्याख्या करने के तरीके को प्रभावित कर सकता है।
प्राप्तकर्ता (Receiver)
प्राप्तकर्ता वह व्यक्ति होता है जो संदेश प्राप्त करता है। रिसीवर संदेश को डिकोड करता है और प्रेषक के इरादे को समझने की कोशिश करता है। प्रेषक के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए रिसीवर को संदेश के प्रति चौकस और उत्तरदायी होना चाहिए।
डिकोडिंग (Decoding)
डिकोडिंग एक संदेश के अर्थ की व्याख्या करने और भेजने वाले के इरादे को समझने की कोशिश करने की प्रक्रिया है। इसमें संदेश को ऐसे रूप में अनुवादित करना शामिल है जिसे प्राप्तकर्ता द्वारा समझा जा सके।
प्रोटोकॉल (Protocol)
प्रोटोकॉल नियमों या दिशानिर्देशों का एक समूह है जो संचार के तरीके को नियंत्रित करता है। प्रोटोकॉल में संदेशों को प्रारूपित करने, संचार चैनल स्थापित करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के नियम शामिल हो सकते हैं। प्रोटोकॉल का पालन करने से प्रभावी संचार सुनिश्चित करने और गलतफहमियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
प्रभावी संचार में सूचनाओं का सफल आदान-प्रदान और प्रेषक और प्राप्तकर्ता के बीच आपसी समझ स्थापित करना शामिल है। यह एक गतिशील प्रक्रिया है जिसके लिए दोनों पक्षों को एक दूसरे के प्रति चौकस और उत्तरदायी होने की आवश्यकता होती है।
आज का लेख पढ़ने के बाद उम्मीद है कि आप सभी कम्युनिकेशन क्या है? , Communication In Hindi (Communication Meaning In Hindi) और संचार के प्रकार (Types Of Communication) इसके विभिन्न घटक (Communication Process In Hindi) के बारे में अच्छी तरह से अवगत होंगे।
प्रभावी संचार में संदेश स्पष्ट रूप से और सटीक रूप से भेजने और प्राप्त करने की क्षमता के साथ-साथ दूसरों को समझने और समझने की क्षमता शामिल है। इसके लिए एक सामान्य समझ की स्थापना और दूसरों की जरूरतों और भावनाओं के लिए उचित रूप से प्रतिक्रिया करने की क्षमता की आवश्यकता होती है। संचार समग्र संचार का एक महत्वपूर्ण पहलू है और व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों स्थितियों में सफलता के लिए आवश्यक है। यह टीम वर्क, सहयोग और नेतृत्व का एक प्रमुख घटक है।
हम आशा करते हैं कि इस ब्लॉग ने संचार की जटिल और बहुमुखी प्रकृति पर प्रकाश डालने में मदद की है | यह लेख कम्युनिकेशन के बारे में है, और क्या यह आप सभी के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आपको यह पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें ताकि वे भी इस विषय के बारे में जान सकें। यदि आपके पास इसके बारे में कोई प्रश्न हैं, तो कृपया नीचे Comment करने में संकोच न करें।
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वाचिक संचार, अवाचिक संचार Verbal and Non Verbal Communication in Hindi
इस लेख में हम आपको वाचिक संचार, अवाचिक संचार Verbal and Non Verbal Communication in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
Table of Content
दो या दो से अधिक लोगों के बीच मौखिक, लिखित, सांकेतिक या प्रतीकात्मक विचारों का लेनदेन ही संचार कहलाता है। इसे आम भाषा में बातचीत कहते हैं। इसमें पहला पक्ष प्रेषक (संदेश भेजने वाला sender) और दूसरा प्रेषकी (संदेश प्राप्त करने वाला, Receiver) होता है। संचार तक सफल होता है जब प्रेषकी संदेश समझ लेता है या उसका जवाब देता है।
संचार के प्रकार Types of Communication in Hindi
वाचिक संचार verbal communication.
मौखिक संचार Oral Communication
मौखिक संचार में बोलकर मन के भावों को व्यक्त किया जाता है। इसमें संचार मुख्य रूप से बोल कर किया जाता है। बोलकर संचार करने को मौखिक संचार कहते हैं। किसी सूचना या संवाद का मौखिक उच्चारण किया जाता है।
लिखित संचार Written Communication
संदेशों को निश्चित अर्थ प्रदान करने के लिए लिखित संचार किया जाता है। सभी सरकारी आदेशों को लिखित रूप में दिया और स्वीकार किया जाता है। इसका महत्व बहुत अधिक है। कोर्ट कचहरी में भी लिखित संचार स्वीकार किया जाता है।
अवाचिक संचार Non Verbal Communication
दृश्य संकेत visual sign.
इस तरह के संकेत हमें हर जगह देखने को मिल जाते हैं। रेलवे स्टेशन, ट्रैफिक सिग्नल पर लगी लाल हरी बत्ती, पेंटिंग, फोटो चार्ट जैसी चीजें इसके अंतर्गत आती हैं।
ध्वनी संकेत Audio Sign
इसी तरह स्कूल कॉलेज में घंटी बजने पर दूसरे पीरियड की और इंटरवल की जानकारी मिलती है। विवाह के वक्त शहनाई की ध्वनि बताती है कि किसी का विवाह हो रहा है।
दैहिक भाषा Body Language
पार्श्व भाषा para language, स्पर्श भाषा touch language, संचार के कुछ अन्य प्रकार, समूह संचार group communication.
इसके अंतर्गत समूह में अभिव्यक्ति की जाती है। मीटिंग, विचार, गोष्ठी में अपने विचार रखना, समूह संचार कहलाता है। जब एक व्यक्ति 2 से अधिक लोगों की सभा को सम्बोधित करता है तो उसे समूह संचार कहते हैं। भीड़ या मेले में होने वाले संचार को समूह संचार में सम्मिलित नहीं किया जा सकता क्योंकि इस प्रकार के संचार का कोई उद्देश्य नहीं होता है।
समूह संचार के अंतर्गत वही चीज आती हैं जिनमें किसी खास मकसद को लेकर वार्तालाप हो। धर्म सभा, थिएटर, नाटक, फिल्म जैसे समूहों में होने वाले संचार समूह संचार के अंतर्गत आता है।
मास कम्युनिकेशन Mass communication
इस प्रकार के संचार के अंतर्गत भेजा जाने वाला संदेश बड़े पैमाने पर लोगों के पास पहुंचती हैं, जैसे वीडियो, टेलीविजन , इंटरनेट , समाचार पत्र जो कि हजारों लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने का काम करते हैं। यह सभी साधन बहुत ही सशक्त हैं और किसी खास संदेश को लोगों तक पहुंचाते हैं। इस प्रकार के द्वारा बहुत कम समय में हजारों लाखों करोड़ों लोगों तक कोई भी संदेश पहुंचाया जा सकता है।
लोक संचार Public communication
इस प्रकार के संचार में लोगों को किसी खास चीज के बारे में जानकारी दी जाती है जैसे पंपलेट, पोस्टर, विज्ञापन, होर्डिंग जैसे माध्यम लोग संचार के माध्यम कहलाए जाते जाते हैं।
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संचार के साधनों पर निबंध | Essay On Means Of Communication In Hindi
Essay On Means Of Communication In Hindi नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है आज हम संचार के साधनों पर निबंध लेकर आए हैं.
प्राचीन समय और आधुनिक समय में इन संचार साधनों में मूलभूत अंतर देखा जा सकता हैं. हमारा निबंध, भाषण, अनुच्छेद, पैराग्राफ सभी संचार साधनों के बारें में संक्षिप्त रूप में जानकारी देगा.
संचार के साधनों निबंध Essay On Means Of Communication In Hindi
400 शब्द : संचार के साधन निबंध
आज इंसानों के पास संचार के कई साधन उपलब्ध है जिनके द्वारा इंसानों के कई काम पलभर में ही हो जा रहे हैं। संचार की इस दुनिया में इंसानों के पास रेडियो, इंटरनेट,ईमेल, लैंडलाइन, स्मार्टफोन,टेलीफोन, वीडियो कॉलिंग, वीडियो कॉन्फ्रेसिंग और मुद्रण माध्यम विशेष सुविधा मौजूद है जिसके द्वारा इंसानों के बहुत सारे काम काफी सरल हो गए हैं और उसे अपने जीवन को सही तरह से जीने में सहायता भी मिल गई है।
संचार के साधनों के द्वारा इंसानों को विभिन्न लाभ हो रहे हैं। पहले जहां इंसानों को अपनी बात किसी अन्य व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए 10 दिनों से लेकर के 20 दिनों तक का समय लग जाता था.
वहीं अब इंसान फोन कॉल के द्वारा, ईमेल आईडी के द्वारा, वीडियो कॉलिंग, वॉइस कॉलिंग के द्वारा सिर्फ 1 सेकेंड के अंदर ही दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए व्यक्ति तक अपनी बात पहुंचा सकता है।
यह संचार के साधनों का ही कमाल है कि पहले जहां इंसान बिना एक दूसरे को देखे हुए खत के जरिए बात करता था वहीं अब इंसान वॉइस कॉलिंग के जरिए एक दूसरे की आवाज को तुरंत ही सुन सकता है और वीडियो कॉलिंग के द्वारा वह एक दूसरे की सूरत को आमने सामने देखकर बातचीत कर सकता है।
संचार के साधनों में सबसे अधिक योगदान इंटरनेट का ही है क्योंकि आज भले ही हमारे पास कंप्यूटर या फिर स्मार्टफोन है परंतु अगर इंटरनेट ना होता तो हम काफी अधिक काम नहीं कर पाते।
साल 1969 में जब इंटरनेट की शुरुआत अमेरिका में की गई थी तो अमेरिका के लोगों को इससे कई फायदे हुए और धीरे-धीरे दुनिया भर में इंटरनेट का विस्तार किया गया जिससे संचार के कई साधन इंटरनेट के साथ जुड़ते चले गए और आज कई लोग इंटरनेट के द्वारा अपने आवश्यक काम को अंजाम दे रहे हैं।
आज हर व्यक्ति के पास मोबाइल अवश्य उपलब्ध हो गया है। यह भी संचार का प्रमुख साधन है क्योंकि मोबाइल के द्वारा हम पल भर में किसी भी व्यक्ति को फोन लगा सकते हैं और उसके साथ वॉइस कॉल के द्वारा अथवा वीडियो कॉल के द्वारा बात कर सकते हैं।
यहां तक कि हमें अपने आवश्यक दस्तावेज किसी दूसरी जगह पर भेजने हैं तो हम सोशल मीडिया के द्वारा के द्वारा भी अपने आवश्यक दस्तावेज भेज भी सकते हैं और दस्तावेज प्राप्त भी कर सकते हैं। इस प्रकार से संचार के साधन मानव के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो रहे हैं।
1800 शब्द : संचार के साधन निबंध
अपने भावों, विचारों, संदेशों एवं सूचनाओं को दूसरे तक प्रेषित करना संचार कहलाता हैं. एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश समाचार और सूचना भेजने के लिए प्रयुक्त साधन ही संचार के साधन कहलाते हैं.
सही संचार के लिए आवश्यक हैं कि संदेश पाने वाला व्यक्ति उस संदेश का वही अर्थ समझे जो कि संदेश देने वाले का हैं. साथ ही संदेश के महत्व के अनुसार उसे उचित समय पर पहुंचाना भी संचार का मुख्य उद्देश्य हैं.
डाकतार, टेलीफोन, समाचार पत्र, कम्प्यूटर, फैक्स, रेडियो, टेलिविज़न आदि संचार के प्रमुख साधन हैं. वर्तमान में संचार के साधनों में नयें आविष्कार हो रहे हैं. जिन्होंने हमारे जीवन में क्रन्तिकारी परिवर्तन ला दिया हैं.
आज हम एक स्थान पर बैठकर दुनियां जहान की बातें कर सकते है सुन सकते है और देख सकते हैं. संचार के साधनों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता हैं.
- व्यक्तिगत संचार के साधन- डाक, तार, टेलीफोन, इन्टरनेट, सोशल मिडिया आदि
- जनसंचार के साधन – रेडियो, अखबार, टेलीविजन आदि
डाकतार सेवा
डाकघर दूरस्थ स्थानों पर संदेश के साथ वस्तुएं व धन प्रेषण की सुविधा प्रदान करता हैं. भारत में आधुनिक डाक प्रणाली सन 1837 में प्रारम्भ की गई. पहला डाक टिकट 1852 में कराची में जारी किया गया.
डाक विभाग लार्ड डलहौजी के समय 1 अक्टू 1854 को स्थापित किया गया. 15 अगस्त 1972 को पिनकोड, 1986 में स्पीड पोस्ट सेवा और 2004 में ई पोस्ट सेवा प्रारम्भ की गई. भारत में विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क हैं.
भारत को 8 विभिन्न डाक क्षेत्रों में बांटा गया हैं. पिनकोड छः अंकों की संख्या हैं. पहला अंक डाक क्षेत्र दर्शाता हैं पहले तीन अंक एक साथ वह यूनिट दर्शाते है जिसके अंतर्गत डाकघर पड़ता हैं.
अंतिम तीन अंक छटाई यूनिट के अंतर्गत विशेष वितरण डाक घर दर्शाते हैं. डाकघर संदेश भेजने के लिए पोस्ट कार्ड, अंतर्देशीय पत्र, लिफाफा आदि सुविधाएं प्रदान करता हैं. पोस्टकार्ड जन सामान्य के लिए समाचार भेजने का सबसे सस्ता माध्यम हैं.
सामान्यतः समाचार कम हो तथा गोपनीय प्रकृति के न हो तो पोस्टकार्ड उपयोगी हैं. अधिक समाचार लिखने के लिए अंतर् देशीय पत्र तथा विस्तृत समाचार अलग कागज पर लिखकर भेजने के लिए लिफ़ाफ़े काम में लिए जाते हैं.
अति महत्वपूर्ण पत्रों, कानूनी और व्यापारिक प्रलेखों को सुरक्षित भेजने के लिए रजिस्टर्ड पत्र की सुविधा उपलब्ध हैं. जल्दी डाक पहुंचाने के लिए स्पीड पोस्ट की सुविधा भी डाकघर ने उपलब्ध करवाई हैं.
वस्तु प्रेषण
हल्की और मूल्यवान वस्तुएं पार्सल द्वारा भेजी जा सकती हैं. ये पार्सल पंजीकृत व अपंजीकृत दोनों प्रकार से भेजे जा सकते हैं. इसका शुल्क पार्सल के वजन के आधार पर लगता हैं.
अधिक मूल्यवान वस्तुएं या कागजात होने पर डाकघर इनके बीमा कराने की सुविधा भी उपलब्ध करवाता हैं. बुक पोस्ट के माध्यम से पत्रिकाएँ, पुस्तकें नमूने के पैकेट, बुक पैटर्न आदि को भेजा जा सकता हैं.
यदि पार्सल प्राप्तकर्ता से उस वस्तु की कीमत भी सुपुर्दगी के समय वसूल करनी है तो इसे वीपीपी के माध्यम से भेजा जा सकता हैं.
डाकघर द्वारा धन प्रेषण के लिए पोस्टल आर्डर, मनीआर्डर तथा बीमापत्र की सुविधा प्रदान की जाती हैं.
तार सेवाएं
आवश्यक संदेश संक्षिप्त रूप में शीघ्र पहुंचाना हो तो तार सेवा का प्रयोग किया जाता हैं. देश की प्रथम तार लाइन 1851 में कलकत्ता और डायमंड हार्बर के मध्य शुरू की गई थी.
इसमें शब्द के हिसाब से पैसे लगते थे. इसलिए संदेश में विभक्ति चिह्न न लगाकर संक्षेप में लिखते थे. तार सेवा की खोज वर्ष 1837 में सेमुअल मोर्स द्वारा की गई थी.
बिना तार के सूचना पहुँचाना वायरलेस कहलाता हैं. वायरलेस विशिष्ट तरंग दैधर्य पर कार्य करता हैं. इसका उपयोग मुख्यतया हवाई जहाज संचालन, ख़ुफ़िया विभाग एवं पुलिस विभाग में तत्काल सूचना आदान प्रदान करने में होता हैं. मिलिट्री में प्रमुखता वायरलेस ही कारगर संचार व्यवस्था सिद्ध हो रही हैं.
टेलेक्स सेवा
वर्ष 1963 में राष्ट्रीय टेलेक्स सेवा आरम्भ की गई. प्रथम देवनागरी टेलेक्स का शुभारम्भ 1969 में दिल्ली में हुआ. टेलेक्स के माध्यम से संदेश टेली प्रिंटर मशीन से सीधे गन्तव्य पर भेजे जाते हैं. प्राप्तकर्ता के टेलेक्स पर बने कागज पर मुद्रित हो जाता हैं.
टेलीप्रिंटर
वर्तमान में तार भेजने हेतु टेलीप्रिंटर मशीन की सहायता ली जाती हैं. यह तार संदेश भेजने की आधुनिक एवं नवीन साधन हैं यह एक प्रकार का टेलीग्राफ ट्रांसमीटर यंत्र है जिसकी सहायता से 60 से भी अधिक शब्दों को प्रति मिनट एक साथ कई स्थानों पर भेजा जा सकता हैं.
टेलीफोन व मोबाइल के माध्यम से एक कमरे में बैठा व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से बात कर सकता हैं. एक राज्य में बात करने से दूसरे राज्य में बात करने के लिए एसटीडी व विदेशों में बात करने के लिए ISD की सुविधा उपलब्ध हैं.
टेलीफोन में रिसीवर, माइक्रोफोन, ट्रांसमीटर आदि होते हैं. माइक्रोफोन हमारी आवाज को विद्युत् तरंगों में बदल देता हैं जिन्हें ट्रांसमीटर द्वारा गंतव्य तक भेजा जाता हैं.
गन्तव्य पर टेलीफोन का ट्रांसमीटर उन तरंगों को प्राप्त कर रिसीवर में भेजता हैं जो उन्हें पुनः ध्वनि तरंगों में परिवर्तित कर देता हैं. टेलीफोन का आविष्कार ग्राहम बेल ने वर्ष 1856 में किया था.
यह टेलीफोन लाइन से जुड़ा एक छोटा सा यंत्र हैं. जो किसी प्रपत्र पर लिखित मुद्रित व चित्रित संदेश टेलीफोन लाइन की सहायता से कुछ ही क्षणों में दूसरे स्थान पर प्रेषित कर देता हैं.भेजे गये स्थान पर स्थित फैक्स मशीन उसे उसी रूप में मुद्रित एवं चित्रित कर देता हैं.
मोबाइल फोन के आविष्कार ने सूचना के क्षेत्र में क्रांति ला दी हैं. अब हम चलते फिरते यात्रा के दौरान कही भी किसी भी समय एवं स्थान से मोबाइल फोन के माध्यम से अन्य व्यक्ति से सम्पर्क कर अपनी बात कह सुन सकते हैं.
यह आकार में बहुत छोटा होने कारण आसानी से जेब में रखा जा सकता हैं. यह फोन बेतार के तार व रेडियो तकनीक पर काम करता हैं.
मोबाइल सेवा का उपयोग करने हेतु हमें मोबाइल फोन सेवा प्रदान करने वाली कम्पनी से सिम कार्ड लेना पड़ता हैं. जिसे मोबाइल सेट में निर्धारित स्थान पर लगाने के बाद फोन से बातचीत की जा सकती हैं.
अब तो मोबाइल फोन के माध्यम से लिखित संदेश, फोटो, पिक्चर आदि भी शीघ्रता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जा सकते हैं.
विडियो कांफ्रेसिंग
इंटरनेट के माध्यम से अलग अलग स्थान पर बैठकर कई व्यक्ति एक साथ बिना एक दूसरे के सामने बैठे हुए विचार विमर्श कर सकते हैं. वे एक दूसरे की तस्वीरे भी देख सकते हैं. इसे विडियो कांफ्रेसिंग कहते हैं.
इंटरनेट व्यापक कंप्यूटर नेटवर्क हैं. इंटरनेट कंप्यूटर में संग्रहित सूचना को विश्वभर में वितरित करने तथा दूरस्थ स्थित विभिन्न कंप्यूटर उपभोक्ताओं के मध्य सूचनाओं के आदान प्रदान का महत्वपूर्ण साधन हैं.
इसके लिए कंप्यूटर को टेलीफोन से जोड़ना पड़ता हैं. विश्व के विभिन्न देशों में इन्टरनेट कनेक्शन के लिए इंटरनेट नियत्रण संगठन ने प्रत्येक देश में कुछ इंटरनेट सेवा प्रदायक नियुक्त किये हैं.
भारत में विदेश संचार निगम लिमिटेड को इस हेतु नियुक्त किया गया हैं. इन्टरनेट सर्वर पर उपभोक्ता को आवंटित स्थान वेबसाइट कहा जाता हैं.
कंप्यूटर के माध्यम से किसी व्यक्ति के निश्चित पते पर संदेश भेजने अथवा प्राप्त करने की क्रिया को ई मेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल कहते हैं. संक्षेप में ई मेल किसी कंप्यूटर नेटवर्क पर उपलब्ध डाक व्यवस्था हैं.
समाचार पत्र व पत्रिकाएँ
समाचार पत्र व पत्रिकाएँ लोगों को समाचार, संदेश, लेख, खेल समाचार, बाजार भाव व मौसम की जानकारी मिलती हैं. जहाँ रेडियो और दूरदर्शन की सुविधा नहीं हैं. वहां अखबार और पत्र पत्रिकाओं का महत्व बढ़ जाता हैं.
रेडियो के द्वारा समाचार कुछ ही सैंकंड में विश्व के सभी कोनों में पहुचाये जा सकते हैं. रेडियो में ध्वनि तरंगों को विद्युत् चुम्बकीय तरंगों के माध्यम से प्रसारित किया जाता हैं जो आसानी से गन्तव्य तक पहुँच जाता हैं.
ये विद्युत् चुम्बकीय तरंगे वायुमंडल में प्रसारित होने के बाद आयन मंडल ए टकराकर वापस आती हैं. जिन्हें रेडियो का ट्रांसमीटर पकड़कर ध्वनि तरंगों में परिवर्तित कर देता हैं. रेडियो द्वारा कोई समाचार सैंकडस में दुनिया के सभी कोनों में भेजा जा सकता हैं.
टेलीविजन (दूरदर्शन)
टेलीविजन द्वारा ध्वनि के साथ चित्र भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रसारित की जाती हैं. इसमें संदेश देने वाला टेलीविजन पर संदेश देता हुआ दिखाई देता हैं. जैसे हमारे सामने बैठकर बात कर रहा हो.
वर्तमान में टेलीविजन प्रसारण कृत्रिम उपग्रहों की सहायता से किया जाता हैं. इसमें फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव से बिम्बों का प्रकाश तरंगों को विद्युत् चुम्बकीय तरंगों में परिवर्तित कर सुदूर स्थानों पर कृत्रिम उपग्रहों की सहायता से प्रसारित किया जाता हैं.
ये तरंगे गन्तव्य पर टेलीविजन सेट द्वारा प्राप्त कर पुनः ध्वनि एवं चित्रों में बदल जाती हैं. और हमें हुबहू आवाज एवं चित्र दिखाई देते हैं.
प्रसार भारती
प्रसार भारती देश के सार्वजनिक प्रसारण सेवा हैं और आकाशवाणी तथा दूरदर्शन इसके दो घटक हैं. प्रसार भारती का गठन 23 नवम्बर 1997 को किया गया,
जिसका उद्देश्य लोगों को सूचना, शिक्षा तथा मनोरंजन प्रदान करने और रेडियो तथा टेलीविजन पर प्रसारण कर संतुलित विकास सुनिश्चित करना हैं. प्रसार भारती का मुख्यालय दिल्ली में हैं.
भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत 1920 के दशक में हुई. पहला कार्यक्रम 1923 में बम्बई के रेडियो क्लब द्वारा प्रसारित किया गया. 1957 में आल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया गया.
भारत में दूरदर्शन का पहला प्रसारण 15 सितम्बर 1951 को प्रयोगात्मक आधार पर किया गया. आकाशवाणी के भाग के रूप में टेलीविजन सेवा की नियमित शुरुआत दिल्ली 1956 मुंबई 1972 कोलकाता 1975 और चेन्नई में 1975 में हुई.
दूरदर्शन की स्थापना 15 सितम्बर 1976 को हुई. उसके बाद रंगीन प्रसारण की शुरुआत नई दिल्ली में एशियाई खेलों के दौरान हुई.
कृत्रिम उपग्रह
कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित कर दिए जाते हैं. ये पृथ्वी के चारो ओर चक्कर लगाते हैं. इनसे हमें कई तरह की सूचनाएं प्राप्त होती हैं. इन उपग्रहों से दुर्गम स्थानों पर दूरदर्शन और टेलीविजन सेवाओं का विस्तार सम्भव हो सका हैं. संचार उपग्रह से मौसम सम्बन्धी जानकारी प्राप्त होती हैं.
भारत का पहला कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट था जो 19 अप्रैल 1975 को बैकानूर से प्रक्षेपित किया गया. इसरो ने 1983 में इनसेट प्रणाली स्थापित की. इसरो ने संचार उपग्रह जीसेट 10 का 29 सितम्बर 2012 को प्रक्षेपण किया.
इनसेट 2 बी 23 जुलाई 1994 को प्रक्षेपित किया जिसने देश में संचार सुविधाओं की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1994 से दूरदर्शन पर मैट्रो चैनल व अन्य क्षेत्रीय चैनलों की शुरुआत इनसेट 2 बी के माध्यम से की हैं.
ई कॉमर्स का अर्थ है इंटरनेट के माध्यम से व्यापार करना अर्थात वस्तुओं एवं सेवाओं का इंटरनेट के जरिये क्रय विक्रय करना ही ई कोमर्स कहलाता हैं. ई बैंकिंग, ई शॉपिंग एवं ई बिजनेस इत्यादि ई कोमर्स के भाग हैं.
संचार के साधनों का जीवन शैली पर प्रभाव (Effect of Communication on Lifestyle)
- संचार व यातायात के साधनों ने आज सम्पूर्ण विश्व को बहुत निकट ला दिया हैं.
- यातायात के साधनों से जहाँ शीघ्र आवागमन सम्भव हुआ तो संचार के साधनों ने विश्व को आपस में शीघ्र ही सम्पर्क योग्य बना दिया. आज अंतरिक्ष में भी व्यक्ति धरती पर बैठे व्यक्ति से बात कर सकता हैं.
- यातायात व संचार के साधन वैश्विकरण का आधार हैं.
- शिक्षा के क्षेत्र में संचार के माध्यम से आज नवीन से नवीन ज्ञान एवं जानकारियों का ज्ञान तुरंत सभी स्थानों पर प्राप्त हो जाता हैं. शिक्षण सूत्र में विभिन्न दृश्य एवं दृश्य श्रव्य माध्यम अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं.
- तकनीकी क्षेत्र में दूरदर्शन एवं इन्टरनेट की सहायता से प्रायोगिक ज्ञान को आसानी से ग्रहण किया जा सकता हैं. सभी यंत्रों एवं उपकरणों के प्रयोग को प्रत्यक्ष रूप से प्रयोगशालाओं के अतिरिक्त दूरदर्शन व इंटरनेट पर देखा जा सकता हैं. एवं उनका व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता हैं.
- परिवहन एवं संचार साधनों के विकास ने मानव जीवन को सरल एवं सुविधाजनक तो बना दिया है लेकिन इसके कारण वातावरण में प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है, जो मानव जीवन के लिए हानिकारक हैं.
- वर्तमान में कंप्यूटर एवं गणक मशीनों के प्रयोग ने हमें उन पर आश्रित बना दिया हैं. इससे हमारी मानसिक दक्षता का हास हुआ हैं. जो गणनाएं पहले बच्चें स्वयं आराम से कर लेते थे वे अब बिना केलकुलेटर की सहायता के करना असम्भव सा हो गया हैं.
- रोग निदान की अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग ने चिकित्सा विज्ञान को काफी उन्नत बना दिया हैं. अब घातक रोगों के ईलाज में सुविधा हो गई हैं. परन्तु इन तकनीकों यथा MRI एक्सरे कीमोथेरेपी रेडियो थैरेपी आदि के प्रयोग से मानव शरीर में अन्य घातक प्रभाव परिलक्षित होने लगते हैं जो अन्य रोगों को जन्म देते हैं.
- संचार के नवीनतम साधनों यथा इंटरनेट आदि से हमें हर प्रकार की जानकारी घर बैठे कंप्यूटर पर बहुत ही कम खर्च में उपलब्ध हो जाती हैं.
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संचार (Communication) क्या है?
संचार क्या है? (What is Communication?) – Communication (संचार) का अर्थ हैं सूचनाओ का आदान प्रदान करने से हैं | लेकिन ये सूचनाये तब तक उपयोगी नहीं हो सकती जब तक कि इन सूचनाओ का आदान प्रदान न हो| पहले सूचनाओ या सन्देश को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजने में काफी समय लगता था | किन्तु वर्तमान में संदेशों का आदान प्रदान बहुत ही आसान हो गया हैं और समय भी कम लगता है सेटेलाइट व टेलीविजन ने तो सारी दुनिया को एक नगर में बदल दिया हैं |
Table of Contents
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में कुछ सार्थक चिह्नों, संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से विचारों या भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं तो उसे संचार कहते हैं।
“Communication refers to the act by one or more persons of sending and receiving messages – distorted by noise-with some effect and some opportunity for feedback”
Use of Communication and IT (Information Technology) :-
हमारे पास कम्युनिकेशन के सबसे प्रबल माध्यम में हमारी आवाज और भाषा है और इसके वाहक के रूप में पत्र, टेलीफोन, फैक्स, टेलीग्राम, मोबाइल तथा इन्टरनेट इत्यादि हैं | कम्युनिकेशन का उद्देश्य संदेशो तथा विचारो का आदान प्रदान है| सम्पूर्ण मानव सभ्यता इसी कम्युनिकेशन पर आधारित है तथा इस कम्युनिकेशन को तेज व सरल बनाने के लिए सूचना प्रोद्योगिकी का जन्म हुआ| कंप्यूटर, मोबाइल, इन्टरनेट सबका अविष्कार इसी कम्युनिकेशन के लिए हुआ | इन्टरनेट एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा हम पूरी दुनिया में कही भी व किसी भी समय कम से कम समय व कम से कम खर्च में सूचनाओ व विचारो का आदान प्रदान कर सकते हैं|
Communication Process ( संचार प्रक्रिया)
कम्युनिकेशन का मुख्य उद्देश्य डाटा व सूचनाओ का आदान प्रदान करना होता है| डाटा कम्युनिकेशन से तात्पर्य दो समान या विभिन्न डिवाइसों के मध्य डाटा का आदान प्रदान से है अर्थात कम्युनिकेशन करने के लिए हमारे पास समान डिवाइस होना आवश्यक है | डाटा कम्युनिकेशन के प्रभाव को तीन मुख्य विशेषताओ द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है|
- डिलीवरी (Delivery) – डिलीवरी से तात्पर्य डाटा को एक जगह से दुसरे जगह प्राप्त कराने से है|
- शुद्धता (Accuracy) – यह डाटा की गुणवत्ता या डाटा के सही होने को दर्शाता है|
- समयबधता (Timeliness) – यह गुण डाटा के निश्चय समय में डिलीवर होने को दर्शाता है|
संचार के घटक (Components of Communication)
- मैसेज (Message)
- प्रेषक (Sender)
- माध्यम (Medium)
- प्राप्तकर्ता (Receiver)
- प्रोटोकॉल (Protocol)
मैसेज वह जानकारी है जो Sender और Receiver के बीच आदान-प्रदान की जाती है। पहला कार्य यह तय करना है कि आप क्या मैसेज भेजना चाहते हैं और आपके मैसेज की सामग्री क्या होगी; आपके मैसेज के मुख्य बिंदु और अन्य जानकारी शामिल करने के लिए क्या हैं। इसमें टेक्स्ट, नंबर्स, इमेज, साउंड, या वीडियो या कुछ भी हो सकते हैं।
Sender/Encoder
एनकोडर या सेन्डर वह व्यक्ति होता है जो मैसेज भेजता है। मौखिक कम्युनिकेशन में एन्कोडर स्पीकर होता है, और लिखित कम्युनिकेशन में एन्कोडर लेखक होता है। एक एन्कोडर रिसीवर द्वारा समझने योग्य प्रतीकों, शब्दों, ग्राफ और चित्रों का उपयोग करता है, ताकि वह अपनी बात को अच्चेई तरह से समझा सकें|
Medium वह चैनल है जिसके माध्यम से एन्कोडर अपने मैसेज को भेजता हैं मैसेज भेजने का माध्यम प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या ध्वनि हो सकता है। डाकिया के रूप में एक व्यक्ति हो सकता है Medium का कार्य Sender और Receiver को आपस में जोड़ना होता हैं|
ट्रांसमिशन माध्यम (Transmission Medium) वह माध्यम है जिसके माध्यम से हम डेटा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजते हैं, जिसेट्रांसमिशन या संचार मीडिया (Transmission Media) कहा जाता है।
Receiver/Decoder
जिस व्यक्ति को मैसेज भेजा जा रहा है उसे ‘रिसीवर’ / ‘डिकोडर’ कहा जाता है। रिसीवर वह व्यक्ति है जो Sender द्वारा भेजे गए मैसेज को रिसिव करता है। यह एक कंप्यूटर, वर्कस्टेशन, टेलिफोन हैंडसेट, टेलीविज़न भी हो सकता है।
प्रोटोकॉल नियमों का एक ग्रुप है जो डेटा कम्युनिकेशन को कंट्रोल करता है। यह कम्युनिकेशन डिवाइसेस के बीच एक एग्रीमेंट को रिप्रेसेंट करता है। प्रोटोकॉल के बिना, दो डिवाइस कनेक्ट किए जा सकते हैं, लेकिन कम्युनिकेशन नहीं कर सकते, जैसे जापानी समझने वाले व्यक्ति को हिंदी भाषा समझ में नहीं आएगी।
Types of Communication (कम्युनिकेशन के प्रकार)
जिस प्रकार सड़क पर वन वे, टू वे होता है | ठीक उसी प्रकार कम्युनिकेशन चैनल के मोड होते हैं| कम्युनिकेशन चैनल तीन प्रकार के होते है सिम्पलेक्स (Simplex), अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex) और पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)|
सिम्पलेक्स ( Simplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण सदैव एक ही दिशा में होता हैं| अर्थात हम अपनी सूचनाओ को केवल भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते सिम्पलेक्स कम्युनिकेशन कहलाता हैं |
उदाहरणार्थ- कीबोर्ड , कीबोर्ड से हम केवल सूचनाये भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते |
अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex )
इस अवस्था में डाटा का संचरण दोनों दिशाओ में होता है लेकिन एक समय में एक ही दिशा में संचरण होता है| यह अवस्था वैकल्पिक द्वि-मार्गी (Two way alternative) भी कहलाती है| अर्थात् इस अवस्था में हम अपनी सूचनाओ को एक ही समय में या तो भेज सकते है या प्राप्त कर सकते है| उदाहरणार्थ- हार्डडिस्क (Hard disk), हार्डडिस्क से डाटा का आदान प्रदान अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex) अवस्था में होता है| जब हार्डडिस्क पर डाटा संगृहीत (Save) किया जाता है तो उस समय डाटा को हार्डडिस्क से पढ़ा नहीं जा सकता है और जब हार्डडिस्क से डाटा को पढ़ा जाता है तो उस समय हम डाटा को संगृहीत (Save) नहीं कर सकते |
पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण एक समय में दोनों दिशाओं में संभव होता है हम एक ही समय में दोनों दिशाओ में सूचनाओं का संचरण कर सकते है | अर्थात हम एक ही समय में सूचनाएं भेज भी सकते है और प्राप्त भी कर सकते है पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex) कहलाता हैं |
उदाहरणार्थ- Smart Phone
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संचार का मतलब विभिन्न लोगों या लोगों के समूहों के बीच संदेश, विचार और जानकारी पहुंचाना है। यह व्यक्तियों, समूहों और संगठनों को जोड़ने की कुंजी है।
संचार के संबंध में पिछले एक या दो दशकों में अनगिनत संशोधन देखे गए हैं। इन परिवर्तनों का मानवता पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ता है।
मनुष्य सामाजिक प्राणी है, इसलिए मनुष्य जीवन में संचार साधनों का अत्यंत महत्व है। भारत के प्राचीन काल में संदेशवाहन के लिए शिलालेख और ताम्रपत्र जैसे अनेक विविध प्रकार के संसाधनों का संचार साधन के तौर पर उपयोग किया गया है।
पुराने ज़माने में एक जगह से दूसरी जगह पर संदेश भेजने के लिए घोड़े या कबूतरों का इस्तेमाल किया जाता था। फिर धीरे-धीरे इन की जगह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ने ले ली और विज्ञान के चलते आज संचार के साधनों में क्रांति आ चुकी है।
आज इंटरनेट और मोबाइल जैसे उपकरणों की वजह से हमें एक पल में बैठे बैठे पूरी दुनिया की जानकारी मिल जाती है।
दुनिया के किसी भी कोने से हम वीडियो कालिंग के जरिये किसी भी व्यक्ति से आसानी से बात कर सकते है। पूरी दुनिया का आज जो वैश्विकरण हुआ है, उसका पूरा श्रेय संचार के साधनों को जाता है।
संचार के साधन की वजह से हम सामाजिक प्रगति के साथ साथ आर्थिक प्रगति भी कर रहे है। फोन, इंटरनेट, कम्प्यूटर, फैक्स, ई-मेल जैसी सुविधाओं की वजह से आज हम दुनिया के किसी भी कोने से व्यापार कर सकते है और व्यापार को बढ़ा भी सकते है। हम सभी संचार के साधनों पर पूरी तरह से निर्भर हो गये है।
संचार के साधनों पर निबंध (850 शब्द)
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होने के नाते उसे अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करने के लिए एक माध्यम की जरुरत पड़ती है। सीधे शब्दों में कहें तो संचार को एक व्यक्ति, स्थान या समूह से दूसरे व्यक्ति तक सूचना प्रसारित करने की प्रक्रिया के रूप में समझाया जा सकता है।
संचार के माध्यम से ही हम संदेश साझा करते हैं। मानवजाति की सुविधा के लिए आज संचार के साधन दिन प्रतिदिन बढते की जा रहे है, जिसकी वजह से आज दुनिया भी तेजी से बदल रही है।
मानव की प्रगति के लिए संचार अति महत्त्वपूर्ण है। 21वीं सदी में संचार के साधनों के बिना हम जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते।
संचार के साधन का उद्देश्य
sanchar ke sadhan का उद्देश्य विचारों, भावों और सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाना है। साथ-साथ वो लोगों को शिक्षा और मनोरंजन भी प्रदान करता है।
पहले के समय में संचार का मुख्य माध्यम टेलिविज़न और टेलीफोन हुआ करते थे लेकिन आज के समय में संचार का मुख्य माध्यम सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया के जरिये आप लाखों लोगों से अपने मन की बात शेयर कर सकते हैं।
प्राचीन समय में संचार के साधन
प्राचीन समय में एक जगह से दूसरी जगह पर सन्देश पहुँचाने के लिए कभी-कभी महीनों लग जाते थे। प्राचीन काल में कोई भी सन्देश एक जगह से दूसरी जगह या फिर एक व्यक्ति से दूसरी व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए शिलालेख, ताम्रपत्र, कबूतर और घोड़े का इस्तेमाल किया जाता था। उस समय पर यह काम काफी कठिन था।
लेकिन धीरे-धीरे समय बदला और पत्र और तार व्यवहार की वजह से संचार का काम थोड़ा सरल बन गया। धीरे-धीरे डाकतार, टेलीफोन, समाचार पत्र, फैक्स, रेडियो, टेलिविज़न की शोध हुई और मानव को संदेशा व्यवहार करने में काफी सरलता होने लगी।
टेलीफोन और टेलीविज़न के कारण दुनिया के लोग एक दूसरे से जुड़ने लगे और लोग दुनिया के भिन्न भिन्न रीतिरिवाज और सभ्यता के बारे में जानने लगे।
कंप्यूटर की खोज ने जैसे पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया। कंप्यूटर की मदद से घंटों का काम मिनटों में होने लगा। कंप्यूटर इंसान के जीवन में एक नया सवेरा लाया था।
इंटरनेट की वजह से संचार के साधनों में आई क्रांति
साल 1969 में इंटरनेट और साल 1973 में मोबाइल का अविष्कार हुआ। इंटरनेट और मोबाइल की खोज होते ही पूरी दुनिया में संचार के साधनों में एक प्रकार की क्रांति आ गई।
अब डाकतार, टेलीफोन, समाचार पत्र, कम्प्यूटर, फैक्स, रेडियो, टेलिविज़न भी आज के इंटरनेट युग में पुराने लग रहे है। आज हम सिर्फ एक पल में इंटरनेट की मदद से अपने मोबाइल में वीडियो कालिंग के जरिये दुनिया के किसी भी व्यक्ति को देखकर बात कर सकते हैं।
आज मनुष्य घर के एक कोने में बैठकर दुनिया के दूसरे कोने के मनुष्य से आसानी से जुड़ सकता है, जिसका पूरा श्रेय इंटरनेट और मोबाइल को जाता है। संचार के साधनों ने आज इतनी क्रांति आ चुकी है कि अंतरिक्ष में बैठे-बैठे भी आज व्यक्ति धरती पर बैठे व्यक्ति से बात कर सकता हैं।
‘ई-मेल’ के माध्यम से विश्व के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति एक संदेश को हजारों लोगों को एक साथ भेज सकता है। इंटरनेट की वजह से आज कई कंपनियां आसमान छू रही है। कॉर्पोरेट जगत में इंटरनेट और मोबाइल का काफी योगदान है।
आवश्यक दस्तावेज, लिखित संदेश, फोटो, पिक्चर किसी दूसरी जगह पर भेजने हैं तो हम सोशल मीडिया के द्वारा अपने आवश्यक दस्तावेज, संदेश, फोटो, भेज सकते हैं और प्राप्त भी कर सकते हैं।
आज हर व्यक्ति के हाथों में मोबाइल फोन होता है जिसके जरिये वो अपने परिजनों से, अपने दोस्तों से और अपने रिश्तेदारों से जब मन चाहे तब संपर्क कर सकता है। अब किसी भी व्यक्ति को मिलने के लिए उसके घर जाने की जरुरत नहीं होती।
संचार के साधनोंकी समाज पर असर
भले की आज संचार के साधनों की वजह से पूरी दुनिया एक हो रही है लेकिन मानव मानव से दूर हो रहा है। आज मनुष्य आत्मकेन्द्रित हो रहा है और संचार के साधन को ही अपना साथी मान रहा है। मनुष्य संचार के साधनों की चकाचौंध से घिरकर समाज से कटता जा रहा है।
अब हर समय मोबाइल उनके हाथमे रहता है, जिसके कारण वो आज एक अपनी अलग ही दुनिया बना रहा है। इंटरनेट के कारण घर बैठे हर सुविधा एक ही पल में उपलब्ध हो रही है, जिसकी वजह से व्यक्ति की सामाजिक गतिविधियां अत्यन्त सीमित हो गई है।
आज की नई पीढ़ी मानसिक तथा शारीरिक तौर पर कमजोर हो रहे है क्योंकि वो जरुरत से ज्यादा मोबाइल पर निर्भर हो रहे है। दिन-रात मोबाइल में रहने के कारण उनकी आंखों की रोशनी कम हो रही है।
आज छोटे से छोटे व्यापारी भी अपने व्यवसाय को तेज़ी से बढ़ाने के लिए संचार के साधनों का उपयोग कर रहा है। हर संस्थान में आज संचार के साधनो की ज़रूरत पड़ने लगी है। आज के दौर में संचार के साधनों के बिना हम प्रगति नहीं कर पाएंगे।
संचार साधनो के कारण हमारा जीवन काफी सरल बन गया है, लेकिन साथ-साथ में कई बार मुश्किलें भी पैदा कर रहा है। हालांकि हमें इनका सही इश्तेमाल करना चाहिए।
यहां पर संचार के साधन पर निबंध (Essay On Means Of Communication In Hindi) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं आपको यह निबन्ध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें।
डिजिटल इंडिया पर निबंध
सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान पर निबंध
विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध
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- Essays in Hindi /
Essay on Social Media : स्टूडेंट्स ऐसे लिखें ‘सोशल मीडिया’ पर निबंध
- Updated on
- जुलाई 8, 2024
सोशल मीडिया का शाब्दिक अर्थ है सामाजिक माध्यम। आज के समय में सोशल मीडिया की पहुंच लगभग हर घर तक है क्योंकि सोशल मीडिया को लोगों के बीच सामुदायिक संपर्क (communal interaction) कहा जाता है। सामाजिक होना मनुष्य की ज़रूरत और गुण बन गया है और ऐसे में सोशल मीडिया एक ऐसा टूल है जो इन दिनों अपने यूजर-फ्रेंडली फीचर्स की वजह से काफी लोकप्रिय हो रहा है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों को दूरियों के बावजूद एक-दूसरे से जुड़ने का मौका दे रहे हैं। स्टूडेंट्स के लिए भी सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण टाॅपिक है, इसलिए इस ब्लाॅग (Essay on Social Media in Hindi) में उनके लिए सोशल मीडिया पर निबंध दिया जा रहा है।
This Blog Includes:
सोशल मीडिया क्या है, 100 शब्दों में सोशल मीडिया पर निबंध, सोशल मीडिया पर निबंध 200 शब्द , सोशल मीडिया : आज का सत्य, सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू, सोशल मीडिया का समझदारी से इस्तेमाल है ज़रूरी, सोशल मीडिया पर 10 लाइन्स , सोशल मीडिया पर स्लोगन्स .
सोशल मीडिया एक आधुनिक इंटरनेट की टेक्नोलॉजी है जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने की अनुमति देती है। सोशल मीडिया के माध्यम से उपयोगकर्ता टेक्स्ट, फ़ोटो, वीडियो, और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को बाँट सकते हैं और दूसरे उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, सोशल मीडिया की बदौलत पूरी दुनिया हमारी उंगलियों पर है। युवा वर्ग विशेष रूप से सोशल मीडिया के सबसे प्रमुख उपयोगकर्ताओं में से एक है।
100 शब्दों में Essay on Social Media in Hindi इस प्रकार हैः
सोशल मीडिया ने आज के समय में अपनी अलग पहचान बना ली है। सोशल मीडिया के उदाहरणों में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, स्नैपचैट, यूट्यूब, रेडिट, टम्ब्लर, पिंट्रेस्ट, व्हाट्सएप, वीचैट और टेलीग्राम आदि शामिल हैं। ये सभी प्लेटफ़ॉर्म अलग-अलग प्रकार की सामग्री और उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करते हैं, जैसे कि सामाजिक नेटवर्किंग, माइक्रोब्लॉगिंग, वीडियो शेयरिंग, वेबलॉगिंग, व्यापारिक नेटवर्किंग, फ़ोटो शेयरिंग आदि। सोशल मीडिया के द्वारा लोग दूसरों के जीवन में संपर्क बनाने, विचारों को व्यक्त करने, अपनी राय साझा करने, अपडेट प्राप्त करने और विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही, सोशल मीडिया का उपयोग व्यापार, मार्केटिंग, संगठनों द्वारा अभियांत्रिकी, मनोरंजन और सूचना प्रसारण क्षेत्रों में भी होता है।
सोशल मीडिया पर 200 शब्दों में निबंध कुछ इस प्रकार है:
सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आज सोशल मीडिया के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। वर्तमान पीढ़ी भाग्यशाली है कि इतिहास में अब तक के सबसे आश्चर्यजनक तकनीकी विकासों में से कुछ को देखा गया है। यह इस युग का राग बन गया है। सोशल मीडिया ने हमारा जीवन बहुत आसान बना दिया है। लेकिन इसके बहुत दुष्प्रभाव भी हैं। सोशल मीडिया ऐसी बहुत सारी जानकारी फैलाता है जो भ्रामक होती है। सोशल मीडिया की वजह से आम आदमी की प्राइवेसी ख़तरे में पड़ चुकी है। साइबर क्राइम्स इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। आए दिन ऐसे केस ख़बरों में देखने को मिलते हैं।
किसी भी चीज़ की अति की जाए तो वह हानिकारक साबित होती है। सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पहलू हैं। जीवन में सोशल मीडिया के इस्तेमाल का संतुलन बने रहना चाहिए। ख़ासकर आज की युवा पीढ़ी को यह समझना ज़रूरी है। आप एक लाइक, कमेंट से डिफाइन नहीं होते। सोशल मीडिया आपकी पहचान नहीं। इस बात में कोई संदेह नहीं कि सोशल मीडिया का अगर बुद्धिमानी से इस्तेमाल किया जाए तो यह एक वरदान साबित हो सकता है।
सोशल मीडिया पर निबंध 500 शब्द
सोशल मीडिया पर 500 शब्दों में निबंध कुछ इस प्रकार है-
सोशल मीडिया आज हमारे जीवन में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह आज के समाज का अभिन्न अंग बन चुका है। एक बटन दबाने पर ही हमारे पास विस्तृत जानकारी पहुंच जाती है। सोशल मीडिया बहुत ही सशक्त माध्यम है और इसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर देखने को मिलता है। आज सोशल मीडिया के बिना जीवन की कल्पना करना अविश्वसनीय है।
सोशल मीडिया के द्वारा, उपयोगकर्ताओं को दूसरों के साथ जुड़ने का और अधिक मजबूत और व्यापक तरीके मिलते हैं। यह लोगों को विभिन्न जगहों से आपस में जोड़ता है, संवाद को बढ़ाता है, संघर्षों को दरकिनार करता है और विचारों के विस्तारित समूहों को प्रोत्साहित करता है।
इसके अलावा, सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापारों को अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रचार करने, नए ग्राहकों को आकर्षित करने, ब्रांड इमेज को बढ़ाने और उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करने का मौका मिलता है। यह उद्योगों को सक्रिय रहने, ट्रेंड्स को मानने और बिज़नेस बढ़ाने में मदद करता है।
सोशल मीडिया साइट्स उम्र और वर्ग के अंतर को मिटा रही हैं। इंटरेक्टिव शेयरिंग के ज़रिए इसने एक अलग आयाम ग्रहण कर लिया है। यह अब कम से कम लागत पर लोगों तक पहुँचने का माध्यम बन गया है। वे व्यापक दर्शकों को लक्षित करते हैं, जिससे यह समाज के लिए एक मूल्यवान और प्रभावी उपकरण बन जाता है।
आजकल, किसी व्यक्ति की प्रसिद्धि या लोकप्रियता इन सोशल मीडिया साइटों के साथ उसके द्वारा बनाए गए लिंक की संख्या से निर्धारित होती है।
सोशल मीडिया को आज के समय में बेहतर एजुकेशनल टूल कहा जाता है। इसमें कई सामाजिक मुद्दों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की क्षमता है। जिस गति से इंटरनेट पर डेटा प्रसारित होता है, उसके कारण उपभोक्ता नवीनतम विकास से अवगत रह सकते हैं। मीडिया को जानकारी प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जा सकता है।
सोशल मीडिया की वजह से अब दूरी कोई सीमा नहीं रह गई है। आप सोशल मीडिया वेबसाइट के ज़रिए समाज और पर्यावरण में होने वाली ताज़ा ख़बरों और घटनाओं से लगातार अपडेट रहते हैं। लोग घर पर रहते हुए दुनिया में कहीं भी होने वाली लाइव बातचीत या लाइव सेशन या लेक्चर में शामिल हो सकते हैं। शिक्षक और प्रोफेसर दूर-दराज के इलाकों से अलग-अलग विषयों पर पढ़ा सकते हैं। अब आप लिंक्डइन, गूगल, नौकरी और जॉब सर्च जैसी कई सोशल मीडिया साइट्स के ज़रिए नौकरी की बेहतरीन संभावनाओं की पहचान कर सकते हैं।
हालांकि, सोशल मीडिया के उपयोग के साथ आने वाले कुछ नकारात्मक पहलुओं पर भी ध्यान देना आवश्यक है। एक सीमित समय में बहुत सारी सामग्री की मौजूदगी और अधिकतम अवधि के साथ यह संभव है कि यह लोगों को निरंतर ध्यान बाधित कर सकता है और उनकी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। सोशल मीडिया की एक अन्य समस्या यह है कि यह वास्तविकता से अलग हो जाता है और लोगों को झूठी और असत्य जानकारी तक पहुंचा सकता है।
सोशल मीडिया के महत्वपूर्ण लाभों का उपयोग करते हुए, हम इसे एक सकारात्मक औजार के रूप में उपयोग कर सकते हैं। हम संगठनों, आर्थिक अवसरों, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में जागरूकता फैला सकते हैं। सोशल मीडिया का उपयोग नई विचारों, समाचारों, विचारों और सामाजिक सुधारों के लिए जागरूकता फैलाने का माध्यम बना सकता है।
हर व्यक्ति की दिनचर्या में किसी न किसी तरह का सोशल मीडिया इंटरैक्शन शामिल होता है। कोई भी व्यक्ति, कहीं भी, कभी भी, सोशल मीडिया के ज़रिए आपसे जुड़ सकता है, बशर्ते आपके पास इंटरनेट की सुविधा हो। जबकि हर कोई अपने घरों तक ही सीमित था, परिवार और दोस्तों के अलावा किसी से बात करने में असमर्थ था, कोविड-19 के दौरान अलग-थलग पड़ने से बचने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ संवाद करना बहुत ज़रूरी है। डिजिटल मार्केटिंग के तेज़ी से बढ़ने और विस्तार के परिणामस्वरूप, सोशल मीडिया ने इस विस्तार में एक अहम भूमिका निभाई है। यह कई तरह के विषयों पर जानकारी पाने का एक शानदार संसाधन भी है। लोग इसका उपयोग करके बहुत कुछ सीख सकते हैं और दुनिया भर की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रह सकते हैं।
सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान दोनों हैं। इसका उत्पादक तरीके से इस्तेमाल करना बहुत मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसका अत्यधिक इस्तेमाल से परेशानी हो सकती है। इसलिए हमें उपयोगकर्ताओं के रूप में इस तकनीक से खुद को नियंत्रित न करके संतुलन बनाना सीखना होगा।
सोशल मीडिया पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –
- सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां हम पोस्ट कर सकते हैं, सर्च कर सकते हैं, चैट कर सकते हैं और दूसरे लोगों से जुड़ सकते हैं।
- यह दूसरों के साथ संवाद करने का एक तरीका है।
- “वायरल” या “गो वायरल” शब्द का अर्थ है कि सामग्री सोशल मीडिया पर बहुत लोकप्रिय हो गई है।
- बहुत सारी सोशल साइट्स और ऐप हैं जो कंप्यूटर के साथ-साथ स्मार्टफोन जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि पर भी चलती हैं।
- अधिकांश लोग वेबसाइट पर विभिन्न विषयों पर अपने लेख भी लिखते हैं, जिसे ‘ब्लॉग’ कहा जाता है।
- फेसबुक सबसे अधिक उपयोगकर्ताओं की सूची में सबसे ऊपर है, उसके बाद YouTube है।
- सोशल मीडिया डिजिटल मार्केटिंग, विज्ञापन और मार्केटिंग अनुसंधान उद्देश्यों के लिए भी एक मंच है।
- यह विभिन्न भर्ती और भर्ती एजेंसियों के लिए भी एक स्थान है।
- वे आपकी गतिविधियों, पसंद और नापसंद, शौक को ट्रैक कर सकते हैं और कुछ बेहतर सुझाव दे सकते हैं।
- सेलेब्रिटी और सितारे भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अपनी तस्वीरें, वीडियो और गतिविधियों को साझा करने के लिए करते हैं।
सोशल मीडिया पर कुछ बेस्ट स्लोगन्स कुछ इस प्रकार हैं –
“सही तरीके से उपयोग किया जाए तो सोशल मीडिया हम सभी के लिए वरदान ही है।”
“सोशल मीडिया समाज में जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”
“सूचना का भण्डार है सोशल मीडिया चमत्कार है”
“एक- दूसरे की मदद करते चलें सोशल मीडिया से जुड़ते रहे”
“सोशल मीडिया ने आम आदमी को आवाज़ दी है।”
“सोशल मीडिया की ताकत यह है कि यह आवश्यक बदलाव के लिए बाध्य करता है।”
“सोशल मीडिया के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसने बेजुबान लोगों को आवाज दी।”
यह भी देखें – बेस्ट सोशल मीडिया कोट्स
संबंधित ब्लाॅग्स
सोशल मीडिया डे हर साल 30 जून के दिन मनाया जाता है।
जी हाँ, आप सोशल मीडिया मार्केटिंग में करियर बना सकते हैं। आप बतौर सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट, सोशल मीडिया स्ट्रैटेजिस्ट काम कर सकते हैं।
SixDegrees.com सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक है।
उम्मीद है कि आपको Essay on Social Media in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu में सीखने की प्रक्रिया जारी है। शुभम को 4 वर्षों का अनुभव है, वह पूर्व में Dainik Jagran और News Nib News Website में कंटेंट डेवलपर रहे चुके हैं। न्यूज, एग्जाम अपडेट्स और UPSC में करंट अफेयर्स लगातार लिख रहे हैं। पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद शुभम ने एजुकेशन के अलावा स्पोर्ट्स और बिजनेस बीट पर भी काम किया है। उन्हें लिखने और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज पर फोकस करने के अलावा क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है।
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Lawrence O'Donnell Slams His Papers Over Media Taking This 'Insult' From Trump
Lawrence O’Donnell wasn’t having it with cable news outlets for their coverage of former President Donald Trump ’s rambling, false claim-filled press conference on Thursday.
The MSNBC anchor read a “good question” to Trump from NBC News’ Garrett Haake, who asked the former president if he’d direct the Food and Drug Administration to revoke access to mifepristone.
Trump’s response to the “yes or no” question was “not an answer,” said O’Donnell, who slammed his papers on his desk after reading what the former president told Haake .
“The words Donald Trump spoke to those reporters in response to that clear, simple and important yes or no question were an insult to everyone in that room and they took the insult. Nothing in those words was an answer, nothing,” O’Donnell said.
He later continued, “Donald Trump is not smart enough to answer questions. Anyone who then tells you that Kamala Harris has to answer questions from reporters because Donald Trump already answered questions from reporters is lying to themselves and to you and you must not allow them to do it.”
Lawrence is heated tonight pic.twitter.com/9KL5uvsrFj — Aaron Rupar (@atrupar) August 9, 2024
O’Donnell ripped cable news networks for carrying the event live and called it “2016 all over again,” adding that outlets are making the “same mistakes” with their reporting as they did while covering Trump that election cycle.
He also criticized reporters for not asking follow-up questions and knocked networks for fact-checking only after Trump finished speaking.
“But that of course is way too late and utterly useless,” O’Donnell said.
O’Donnell also knocked networks for not covering Vice President Kamala Harris ’ Michigan speech live after the Trump presser, noting that his network was doing Olympics coverage before bringing viewers the last few minutes of her remarks.
He vowed to “correct that mistake” by presenting MSNBC viewers with full, unedited video of Harris’ speech.
“All of the networks knew [the speech] was coming, they knew what time it was coming, they knew how to cover it live and they didn’t after giving Donald Trump more than an hour of live coverage on all of their networks. It’s 2016 all over again,” he said.
You can check out more from MSNBC’s “The Last Word” here:
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The combined duration of the two papers is three hours, and both papers are meant to be attempted in one session without any break. Both papers consist of objective-type multiple-choice questions (MCQs). A total of 150 questions are asked, with 50 questions in Paper 1 and 100 questions in Paper 2. There is no negative marking in the exam.