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Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)

Essay on my teacher ( मेरे अध्यापक पर निबंध ).

Let’s start the Essay on My Teacher.. ..

Outlines of the Essay

  • Introduction ( परिचय )
  • My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा शिक्षक )
  • Her values ( उनका महत्व )
  • My teacher’s best things (मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें)

Conclusion of the Essay ( निबंध का निष्कर्ष )

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Introduction   ( परिचय )

It’s said, there’s no knowledge, no wisdom without your guru . There are books all around the world, we can easily have access to them, but the way and things that a teacher brings closer to our prism of perspective are way too far to compare with anything.

कहा जाता है कि बिना गुरु के किसी ज्ञान, किसी बुद्धिमता का कोई अस्तित्व नहीं होता है। दुनिया भर में हर जगह किताबें उपलब्ध हैं, हम आसानी से उन्हें पा सकते हैं, लेकिन एक अध्यापक जिस तरह से विचारों को हमारे सोचने- समझने के तरीके के सामने रखते हैं, वह अतुलनीय होता है।

Teachers enlighten our minds, closely associated with us remind us of things we could do with our lives, books and potentials. We might read out a thing from the book and completely understand it but that doesn’t suffice the presence of a teacher. We all require someone to guide.

अध्यापक हमारे दिमाग को तेज करते हैं। वे हमारे साथ रहकर हमें उन लक्ष्यों की याद दिलाते हैं जिन्हें हम अपने जीवन, पुस्तकों और क्षमताओं के सहारे पा सकते हैं। हम पुस्तक से किसी चीज़ को तो पढ़ सकते हैं और इसे पूरी तरह से समझ सकते हैं लेकिन एक अध्यापक की मौजूदगी को पूरा नहीं कर सकते है। हम सभी को किसी न किसी के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा अध्यापक )

I have various teachers in school, different teachers for every subject. I like all of them, all of them have a different way of teaching, talking, checking our notebooks and dealing with the subject. There are times I’m scared of telling people that I don’t get a few concepts in Mathematics, but I’m glad that I can go up to my teacher of Maths. He’s a nice person and tells me Maths is a tricky subject, but if I get the trick It would become easier.

मेरे स्कूल में कई अध्यापक हैं, विभिन्न विषयों के लिए विभिन्न अध्यापक हैं। मुझे वे सभी पसंद हैं, उन सभी के पढ़ाने, बातचीत करने, हमारी नोटबुक को चेक करने और किसी विषय के बारे में समझाने का एक अलग तरीका है। कई बार मैं लोगों को यह बताने से डरता हूं कि मुझे गणित (मैथ्स) की कुछ अवधारणाएं (कॉन्सेप्ट्स) नहीं आते, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इसके बारे में जानने के लिए अपने मैथ्स के टीचर के पास जा सकता हूँ। वह एक अच्छे इंसान है और मुझे बताते हैं कि मैथ्स एक ट्रिकी विषय है, लेकिन अगर ट्रिक को समझ लिया जाए तो ये आसान लगने लगेगा।

Out of all the teachers, I like my English teacher the most. Her name is Divya. She is a new teacher in our school. She says, she has taught in many other schools of the city as well. She has come across various work cultures, new students, new people, new school buildings etc. She admits that she loves teaching and doesn’t regret to choose this profession, this is the only thing that doesn’t bore her.

सभी अध्यापकों में से, मुझे अपनी इंग्लिश की अध्यापक सबसे अधिक पसंद हैं। उनका नाम दिव्या है। वह हमारे स्कूल के लिए एक नई अध्यापक है, वह कहती हैं कि उन्होंने शहर के कई अन्य स्कूलों में भी पढ़ाया है, उनका विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों, नए स्टूडेंस, नए लोग, नए स्कूल बिल्डिंग आदि से मिलना हुआ है।वह स्वीकार करती है कि उन्हें पढ़ाना बहुत पंसद है और इस पेशे को चुनने के लिए पछतावा नहीं करती है, यह एकमात्र ऐसी चीज है जो उन्हें बोर नहीं करती है।

She comes up with new poems even out of our texts and explains them to us in great detail. She has got a great sense of humour. She plays games with us in the free period, she is very friendly and doesn’t let the teacher-student relationship barrier hurt the students.

यहाँ तक कि वह हमारे पाठ्यक्रम के बाहर से भी नई कविताओं को लेकर आती हैं और उन्हें हमें विस्तार से समझाती हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है। वह खाली समय में हमारे साथ गेम खेलती हैं, वह बहुत ही मिलनसार हैं और वह शिक्षक और विधार्थी के बीच की दूरी को बनाकर भी हमें सहज महसूस कराती हैं।

Her Nature ( उनका स्वभाव )

She’s very humble, friendly and interactive and that’s why everyone likes her. She accepts all of us with our imperfections as well, with our grammatical mistakes and spelling errors. She’s very open to new opinions and recommendations.

वह बहुत ही विनम्र, मिलनसार, विचार-विमर्श करने वाली (इंटरैक्टिव) हैं और इसी वजह से हर कोई उन्हें पंसद करता है। वह हमें हमारी सभी कमियों के बावजूद स्वीकार करती हैं, ग्रामर की गलतियाँ हों या फिर स्पेलिंग मिस्टेकस । वह नए विचारों और सुझावों का खुले दिल से स्वागत करती हैं।

She says, she has been an ardent reader since school and encourages us to do the same. She tells us that she wants to study more so that she can engage more in teaching and she could then come up with more diverse and better ideas. She says that Education is the most golden tool of growth and encourages us to learn as much as we can, from all the possible sources possible.

वह कहती हैं कि अपने स्कूल के समय से ही वह एक उत्साही पाठक (पढ़ने वाली) रही हैं और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वह हमें बताती हैं कि वह और अधिक पढ़ाई करना चाहती है ताकि टीचिंग के क्षेत्र में और अधिक काम कर सके और फिर ज्यादा विविधता और बेहतर विचारों के साथ पढ़ा सके। वह कहती हैं कि ‘शिक्षा’ विकास के लिए सबसे सुनहरा साधन है और यह हमें सभी मुमकिन स्रोतों (सोर्सज) से जितना संभव हो सके उतना सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

My Teacher’s best things ( मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें )

My Teacher’s best thing is her teaching style, her elegance, her interactivity, her openness to new ideas or thoughts. There are many other great things about her, I’m lucky having found her.

मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी चीज है उनके पढ़ाने का तरीका, उनकी शिष्टता, उनके बातचीत करने का तरीका, नई सोच और विचारों के प्रति उनका खुलापन। उसके बारे में कई अन्य अच्छी चीजें हैं, मैं उनका साथ पाकर भाग्यशाली समझता हूँ।

A teacher has very influential energy to pass with his/her students. Students are generally imitative, they imitate what their teachers do, we similarly follow our teachers’ ideas and paths. They’re true path guiders, their role is very crucial to one’s development and becoming one individual.

एक अध्यापक के पास अपने स्टूडेंटस को देने के लिए बहुत प्रभावशाली ऊर्जा होती है। स्टूडेंट सामान्यतः अनुसरण करने वाले होते हैं, उनके अध्यापक जो भी करते हैं वे उसका अनुसरण करते हैं, हम भी बिल्कुल इसी तरह अपने शिक्षक के विचारों और रास्तों पर चलते हैं। वे सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं, उनकी भूमिका हमारे विकास में और हमारे व्यक्तित्व को बनाने में अति महत्वपूर्ण होती है।

I hope, you like this Essay on My Teacher.

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14 thoughts on “Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)”

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You are my favorite teacher in my life so far i have never seen a teacher like you in my hole life who is completely devoted to her childern even though i have no met you but i consider you my ideal i have got a lot to learn from your video sir i don’t have word to express thanks to you love you sir Amit Negi From Uttrakhand

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आपका आर्टिकल पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा. में अक्सर आपके ब्लॉग के न्यू आर्टिकल्स पढ़ती हूं जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. आपके सभी आर्टिकल से टॉपिक को पूरी तरह से समझने की पूर्ण क्षमता होती है. आप इसी तरह से हमें अपना ज्ञान देते रहे इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

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Dear Shivanee, Thank you so much for your kind words. As well, I personally checked your blogs (essays & history); you are doing a great job. Keep it up. All the best! – Aditya

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Thank you for your help ? I am So happy from Work ?……. Again Thank you So much ?

Thank you for your Help…… I am So happy from your Work….!!!!! Your Essay Reminds me of my English Teacher ………. Thank you So much ??

Anushka Chaudhary From Uttar Pradesh, India

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very nice essay .. thanks for sharing

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This is great for me I am class 8 student

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Bhot achcha

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Thank you sir

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आदर्श अध्यापक पर निबंध। Essay on ideal teacher in hindi

आदर्श अध्यापक पर निबंध। Essay on ideal teacher in hindi : मनुष्य को गुणवान बनाने के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि बिना पढ़ा मनुष्य पशु के सामान होता है। मनुष्य के कार्य और व्यवहार में सुन्दरता और शिष्टता शिक्षा के द्वारा ही आती है। शिक्षा जगत में शिक्षक का एक गौरवपूर्ण स्थान है। बच्चों की शिक्षा का पूर्ण दायित्व शिक्षक पर ही निर्भर करता है। समाज और देश के निर्माण में शिक्षक का महान योगदान होता है। यदि शिक्षक चाहे तो देश को रसातल में पहुंचा दे और चाहे तो देश को स्वर्ग बना दे। एक शिक्षक ही देश के लिए योग्य नागरिक का निर्माण करके देश के भविष्य को बनाता है।

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मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines (कक्षा-1 से 8 के लिए)

Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines

मेरे प्रिय अध्यापक हिंदी निबंध | My Favourite Teacher Essay in Hindi :- शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें शिक्षा के साथ-साथ एक महान नागरिक बने की की शिक्षा भी देते थे किसी भी बच्चों का पहले गुरु मां बाप के बाद शिक्षक ही उसका दूसरा गुरु होता है शिक्षक हम लोगों को समझ में अच्छे से जीवन यापन करने एवं आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं अच्छे एवं बुरे की पहचान करवाते हैं शिक्षक हमेशा हमें सही रास्ता पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं अर्थात एक विद्यार्थी को उसका सामाजिक विकास में शिक्षक का का महत्वपूर्ण योगदान होता है जैसे कि हम लोगों को पता है कोई भी इंसान शिक्षा के बिना अंधे के समान होता है अर्थात उसे किसी भी चीज की समझ नहीं होती है उसे लोग समाज में हीन भाव से देखते हैं |

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध (300 शब्द) | My Favourite Teacher Essay in Hindi

 प्रत्येक छात्रों के जीवन में उनका एक पसंदीदा शिक्षक होता है या रहा होगा और आज भी हम उनके संपर्क मैं रहते होंगे एवं उनके द्वारा दिए गए शिक्षा अर्थात ज्ञान का उपयोग अपने इस वर्तमान समय में करते हैं |

प्रस्तावना:

छात्र स्कूल के हो या कॉलेज के उनके जीवन में अपना एक पसंदीदा शिक्षक होता है  जिस शिक्षक के क्लास को छात्र बड़े रुचि के साथ पढ़ते हैं उनके क्लास के पढ़ाई को पढ़ने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं और साथ ही साथ उनके द्वारा जो क्लास लिए जाते हैं उसे क्लास का पढ़ाई को छोड़ना नहीं चाहते हैं स्कूल एवं कॉलेज में हमारे पसंदीदा शिक्षक जो हमें सिखाते हैं वह हमारे वास्तविक जीवन में काफी मदद करता है

मेरा फेवरेट टीचर | My Favourite Teacher

जब मैं कक्षा 4और 5 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक मेरे स्कूल के गिरधारी सिंह मेरा पसंदीदा शिक्षक थे | इनका पढ़ने का और समझने का तरीका ही बिल्कुल अलग था मेरे शिक्षक किसी छात्र को नर्मता और सरल तरीका  पढ़ाते थे  छात्र बड़ी आसानी पूर्वक समझ पाए थे मेरे शिक्षक गणित के काफी अच्छे शिक्षक थे वह गणित जैसे विषयों को प्रैक्टिकल के द्वारा बड़ी आसानी पूर्वक समझते थे जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में मध्य वर्ग के छात्र भी बड़ी आसानी पूर्वक समझ जाते थे वह छात्रों को हमेशा अच्छी-अच्छी बातों का ज्ञान देते थे | वह अपने छात्रों को हमेशा अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करते थे |

जब कोई विषय पढ़ने या समझने में परेशानी होती थी तब तब मेरे शिक्षा उस विषय को समझने मैं हम लोगों का सहायता करते थे वह पढ़ाई के साथ-साथ हम लोगों को सही रास्ता में चलने के लिए अच्छी-अच्छी ज्ञान देते थे, जो अभी वर्तमान समय में हम लोगों इस ज्ञान का काम आता है एवं जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्र होते थे उनको भी आर्थिक रूप से सहायता प्रदान मेरे शिक्षक करते थे |

मेरे शिक्षक प्रत्येक सप्ताह जिस विषय पर पढाते थे उसे विषय से संबंधित टेस्ट सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे | और जो विद्यार्थी सबसे अच्छा मार्क्स लता था | उसे प्राइस के तौर पर चॉकलेट वितरण करते थे | मेरे शिक्षक पढ़ाई के दौरान कभी-कभी हम लोगों को छात्रों को हंसाने के लिए छोटे-छोटे चुटकुले बोलते थे | ताकि छात्रों को काफी खुशी महसूस होता था | यह सब के कारण वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे |

इस आर्टिकल के ऊपर दिए गए बातों को पढ़कर यह पता चलता है कि हम लोगों को हमेशा अपने शिक्षक का सम्मान करना चाहिए एवं उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को वर्तमान समय में उपयोग करना चाहिए और आज हम लोग जो कुछ भी है उनके कारण ही है इसलिए हम लोगों को अपने शिक्षक को धन्यवाद देना चाहिए |

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (500 शब्द) | Essay On My Favorite Teacher in Hindi

Mera Priya Adhyapak Nibandh in Hindi :- मैं अपने स्कूल में जिस कक्ष में पढ़ता था उस कक्षा का मैं बहुत कमजोर विद्यार्थी था मेरा इंग्लिश बहुत कमजोर था जिसके कारण मुझे इंग्लिश के कक्षा में बहुत डर लगता था क्योंकि मैं इंग्लिश के विषय में शिक्षा के द्वारा कई बार मार भी खाया हूं लेकिन लेकिन हमारे स्कूल में एक नए शिक्षक इंग्लिश के आए थे  जिनका नाम संतोष सिंह था अपना परिचय बड़ी नर्मता  के साथ कक्षा में दिए उनका पढ़ने का अंदाज बिल्कुल ही अलग था वह स्कूल के प्रत्येक छात्रों को एक समान देखते थे चाहे छात्र पढ़ाई में कमजोर हो चाहे तेज हो वह खास करके कमजोर छात्रों पर ज्यादा ध्यान देते थे एवं उनको पढ़ने के लिए  प्रोत्साहित करते थे| परीक्षा आने से पहले  हम लोगों को अच्छी तरह से गाइड करते थे ताकि हम परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास करें

परीक्षा से पहले एक्स्ट्रा क्लास देते थे |

मेरे पसंदीदा शिक्षक जब हम लोगों का परीक्षा नजदीक आता था तो हमारे शिक्षक हम लोग के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस की सुविधा प्रदान करते थे अगर किसी विद्यार्थी को किसी विषय संबंधित कोई समस्या है तो वह उसे एक्स्ट्रा क्लासेस में अपने विषय संबंधी समस्याओं का सुझाव लेते थे उनका पढ़ने का एवं समझने का तरीका इतना अच्छा था कि विद्यार्थी उनके क्लास को मिस नहीं करते थे |

पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी ख्याल रखती थी |

जैसे ही हम लोग का परीक्षा खत्म होता था हम लोगों के लिए मनोरंजन के लिए कई सारी व्यवस्था हमारे शिक्षक करते थे इस मनोरंजन में हमारे शिक्षक कई प्रकार के गेम का खेलने का व्यवस्था करते थे उनके अनुसार बच्चों को पढ़ के साथ-साथ खेलकूद भी करना जरूरी होता है कभी-कभी तो स्कूल के क्लास में ही मनोरंजन संबंधित एक्टिविटी हमारे शिक्षक करते थे इसलिए वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे

स्टूडेंट को मोटिवेट | Student Ko Motivate

जब कोई विद्यार्थी निराश होता था या डर के कारण उनसे कोई बात नहीं पूछ सकता था तो हमारे शिक्षक हम लोगों का आत्मविश्वास को बढ़ाते थे और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देते थे वह हमेशा एक बात को कहते थे किसी भी  समस्या से  डर कर मत भागो उसे समस्याओं का सामना करो क्योंकि कोई भी समस्या आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं होती है अगर आप लोगों ने किसी कार्य करने के लिए एक लक्ष्य लिया है तो उस लक्ष्य को अपने मेहनत के द्वारा पूरा करो अगर आपको किसी कार्य में सफलता एक बार में नहीं मिलती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सफल नहीं हो पाएंगे आपको प्रयास करती रहनी चाहिए

सिर्फ आप लोगों को अपने लक्ष्य को  पूरा करने में ध्यान देना चाहिए चाहे उसके लिए जितनी भी मेहनत क्यों न करने पड़े क्योंकि ईमानदारी से मेहनत करने वाले लोगों को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता है इन सभी विचारों को सुनकर हम लोग विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और हम लोग और ज्यादा मेहनत करने लगते हैं शिक्षकों को हमेशा विद्यार्थियों का मनोबल को बढाते रहना चाहिए क्योंकि अधिकतर शिक्षक ऐसे होते हैं कि छोटे-छोटे गलतियों पर विद्यार्थियों को डिमोटिवेट कर देते हैं जिसके कारण कई विद्यार्थियों को स्कूल नहीं जाने और पढ़ाई न करने का मन करता है |

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मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (750 शब्द) | Essay On My Favourite Teacher in Hindi

शिक्षकों का अहमियत हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण है शिक्षकों को भगवान के रूप  में देखा जाता है शिक्षक मोमबत्ती की तरह हमारे जीवन में रोशनी लाते है रोशनी का अर्थ हुआ शिक्षा  के माध्यम से विद्यार्थियों को सही रास्ते पर चलने का राह दिखाए हैं शिक्षक अच्छे बुरे एवं अपने से बड़ों का सम्मान एवं अपने से छोटों का इज्जत करने  का ज्ञान हमें प्रदान किए हैं

अगर शिक्षक ना होते तो स्कूल भी नहीं होती और अगर स्कूल नहीं होती तो सभ्य समाज का निर्माण भी नहीं होता| विद्यार्थी अपने शिक्षक के बिना अधूरे होते शिक्षक केवल पढ़ाई संबंधित ज्ञान ही नहीं देते हैं बल्कि हमारे जीवन में अच्छे बुरे की पहचान करने की ज्ञान भी देते हैं साथ ही साथ हम लोगों को एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरणा भी शिक्षक के द्वारा मिलता है

स्कूलों एवं कॉलेज में कुछ ऐसे शिक्षक होते हैं जो काफी अच्छे पढ़ाते हैं और उनके अच्छे पढाने के कारण कारण विद्यार्थी उनके साथ घुल मिल जाते हैं और इस प्रकार व शिक्षक हम लोगों का प्रिय शिक्षक बन जाते हैं

विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरा करने में  शिक्षक के बिना असमर्थ है शिक्षकों के द्वारा पढ़ना एवं उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर  चलने की वजह से सफलता प्राप्त होती है हम लोगों के जीवन में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण स्थान है इसलिए शिक्षकों को भगवान से ऊपर भी माना जाता है |

मेरा पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद थे इन्होंने मुझे कक्षा-8 से लेकर दसवीं तक इतिहास पढाते थे सबसे पहले कक्षा में उस विषय को छात्रों को पढ़ने के लिए बोलते थे फिर उसे विषय को छोटे-छोटे भागों में अच्छी तरह से समझाते थे इनका समझने का तरीका बिल्कुल सरल भाषा था जिसको समझने में आसानी होती थी |

उसके बाद अगर उसे विषय का अर्थात जिस विषय का पढ़ाई हो चुका है उस विषय से संबंधित प्रश्न विद्यार्थियों को करते थे जिससे विद्यार्थियों को उस विषय को याद रखने में काफी सहायता होती थी

वर्तमान समय में ऐसे शिक्षक मिलना है काफी मुश्किल की बात है जब उनका क्लास रहता था तो सभी विद्यार्थी उनके क्लास में मौजूद होते थे

वक्त के साथ परीक्षा लेना

मेरे पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद जिस पाठ को पढ़ा देते थे उसे पाठ से संबंधित परीक्षा सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे परीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य  यह होता था कि विद्यार्थी कितना तक इस पाठ को समझ सके हैं। और जिनका नंबर इस परीक्षा में काम आता था उन पर शिक्षक ज्यादा ध्यान देते थे ताकि अगली बार वह अच्छी तरह से समझ  सके |

सबके साथ समान व्यवहार | Equal Treatment

मेरे पसंदीदा शिक्षक कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे | वह सभी को एक समान देखते थे | अगर कोई भी विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर है और कोई विद्यार्थी पढ़ने में तेज है दोनों के साथ समान व्यवहार करते थे। वह सभी विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे।

वह अपने कक्ष में सभी विद्यार्थियों का काफी ध्यान रखती थी वह रोटेशन के अनुसार प्रत्येक विद्यार्थियों को आगे बैठने का मौका देते थे।

नोट्स वितरण

एक अच्छे शिक्षक का पहचान यह होता है कि प्रत्येक अध्याय का नोट्स वितरण विद्यार्थियों में करना होता है। हम लोग किताब भी पढ़ सकते हैं लेकिन किताबों में लिखी गई भाषा को हमारे शिक्षक नोटिस के माध्यम से उसे सरल बनाकर लिखते हैं जिसको समझने में और पढ़ने में काफी आसानी होती है |

परीक्षा के लिए तैयारी

मेरे शिक्षक परीक्षा से कई दिन पहले परीक्षा की तैयारी करते थे इसके लिए उन्होंने कई वर्ष के पुराने प्रश्न पेपर को सुलझाने के लिए देते थे इससे हम लोग का आत्मविश्वास बढ़ता था और परीक्षा के समय कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता था और जो विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे नंबर चलाते थे उनको पुरस्कार भी देते थे।

अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन

जब कभी हम लोगों को इस विषय के बारे में समझ में नहीं आता था हम लोग का शिक्षक एक्स्ट्रा क्लास का प्रबंध करते थे वह इतना अच्छा पढाते  थे  और समझाते थे  कि कक्षा में हम लोग को अच्छी तरह से समझ में आ जाता था।

जीवन के अनुभव

हम लोगों के शिक्षक अपने जीवन से संबंधित अनुभव के बारे में बताते थे । कि हम लोग अपने जीवन में यही फैसला कर सके और सही मार्ग पर चल सके हमारा जिंदगी में जितनी भी कठिन से कठिन समस्या आए उसका सामना कर  सके ।

अतः हम लोग कह सकते हैं कि शिक्षक हम लोगों को अच्छे बुरे की पहचान करना सीखाते हैं  साथ  ही साथ संसार में चलने  के लिए एक योग्य इंसान एवं सम्मानित नागरिक बनाने के कार्य शिक्षक करते हैं। हम लोगों को अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए मैं अपने आप को काफी भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे एक अच्छा शिक्षक मिला।

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Download Mera Priya Adhyapak Essay in PDF Download

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी मैं आप लोगों को पीडीएफ फाइल के रूप में करवा रहे हैं इसको आप लोग डाउनलोड करके अपने मोबाइल में आसानी प्रयोग देख सकेंगे।

Download PDF:

मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध | My Favorite Teacher Essay in Hindi 5 lines

my ideal teacher essay in hindi

मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध 5 lines निम्न है:-

  • मेरी प्रिय अध्यापिका  समय मिलने पर गेम  खेलने का व्यवस्था करती थी | हैं और जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण बातों को बोलती थी।
  • मैं भी अपने अध्यापिका की तरह एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूं।
  • जब कभी भी मैं कोई समस्या में फस जाता था तो मैं अपने अध्यापिका से कुछ समस्या का सलाह लेता था और वह हमें हमेशा अच्छी सलाह  देती थी।
  • मैं हमेशा अपने अध्यापिका का सम्मान करता हूं हम सभी को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए। 
  •  मेरे शिक्षक बहुत ही सरल भाषा में पढ़ाती है ताकि सभी छात्रों को आसानी पूर्वक समझ सके।
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मेरा प्रिय शिक्षक निबंध हिंदी में 100 words | My Favourite Teacher Paragraph in Hindi

स्कूल हो या कॉलेज शिक्षक हमेशा हमें शिक्षा के साथ-साथ अच्छी-अच्छी ज्ञान देते हैं जो सामाजिक तौर पर हमारा काम आता है शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं

मेरे प्रिय शिक्षक क्लास 8 के मोहित शर्मा सर जी थे जो हिंदी विषय के साथ-साथ सभी विषयों को पढाते थे। मैं इंग्लिश विषय में काफी कमजोर था लेकिन मेरे प्रिय शिक्षक मोहित शर्मा जी जब आए तो मेरे इंग्लिश विषय को समझने में सुधार किया उनके पढाने की कला  इतनी अच्छी थी कि छात्र-छात्राओं को बड़ी आसानी पूर्वक समझ में आ जाती थी। वह हमेशा सभी विद्यार्थियों को एक समान देखते थे सभी के साथ अच्छा व्यवहार करते थे वह हम लोगों का स्कूली शिक्षा के साथ-साथ हमारे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आर्थिक रूप  से मदद भी करते थे

मेरी प्रिय अध्यापक पर निबंध 10 Lines | Mera Priya Adhyapik Par Nibandh 10 Lines

Meri Priya Adhyapika Par Nibandh 10 Lines

  • मेरे प्रिय अध्यापक का नाम श्री राजन गुप्ता है।
  • मेरे प्रिय अध्यापक मेरी कक्षा में भूगोल के शिक्षक  हैं जिनका समझाने का तरीका सबसे अलग और आसान है।
  • मेरे प्रिय शिक्षक स्कूल के सभी छात्रों को एक समान मानते थे किसी भी एक छात्र पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं
  • मेरे प्रिय  शिक्षक एक शिक्षक के साथ ही साथ  एक अच्छे इंसान भी हैं वह गरीब वर्ग के छात्रों की बहुत मदद करते हैं।
  • मेरे प्रिय शिक्षक का  मेरे स्कूल से कुछ दूर में ही उनका घर था।
  • मेरे स्कूल के सभी छात्र/छात्राएं अपने शिक्षक का बहुत सम्मान करते हैं। और उनके कक्षा में आने से सभी शांत बैठ जाते हैं।
  • अगर कोई छात्र के द्वारा गलती करने पर हमारे प्रिय शिक्षक उनको ज्यादा दण्ड नहीं देते हैं बल्कि हम लोगों को प्यार से समझा देते हैं।
  • हम जो भी प्रश्न का उत्तर अपने शिक्षक से पूछते थे तो शिक्षक उसका उत्तर  बहुत ही शांत स्वभाव के साथ सरल भाषा में देते हैं।
  • मेरे प्रिय अध्यापक हमें बहुत मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं वह‌ छुट्टी बहुत कम लेते है।
  • मुझे अपने शिक्षक का विद्यार्थी होने पर बहुत गर्व है।

हमारे इस आर्टिकल में मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है

मैं आशा करता हूं कि मेरे प्रिय अध्यापक पर जो निबंध लिखा हूं   यह आर्टिकल आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप लोगों के मन में इस आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न है तो तो आप हमारे कमेंट्स बॉक्स में आकर प्रश्न पूछे मैं आप लोगों को प्रश्नों का उत्तर जरूर दूंगा |

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मेरे शिक्षक पर निबंध 10 lines (My Teacher essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

my ideal teacher essay in hindi

My Teacher Essay in Hindi – एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो एक छात्र के जीवन को ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ शिक्षक जीवन की कुछ समस्याओं की कुंजी के रूप में आपकी स्मृति में रहते हैं। एक शिक्षक न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करता है बल्कि नैतिक मूल्यों को भी साझा करता है, और नैतिकता को आत्मसात करता है जो हमारे व्यक्तित्व को एक बेहतर इंसान के रूप में आकार देता है।

छात्रों को सकारात्मकता और नकारात्मकता को संतुलित करने और छात्र के जीवन को आकार देने में बचपन का अधिकतम समय बिताने में मदद करने के लिए एक शिक्षक माता-पिता के साथ आगे आता है। एक शिक्षक एक जीवन बदलने वाला रोल मॉडल है जो आपके विकास के विकास को प्रभावित करता है, महत्वपूर्ण दैनिक मूल्यों को विकसित करता है। वे अपार धैर्य, सहनशीलता और एक चमकदार झिलमिलाती मुस्कान के साथ समाज के निर्माण खंड हैं।

My Teacher Essay in Hindi – शिक्षकों के बारे में प्रासंगिक जानकारी के साथ छात्रों की सहायता के लिए, असाइनमेंट के लिए एक गाइड के रूप में एक लंबा और छोटा निबंध यहां दिया गया है। इसके अतिरिक्त, दस सरल संकेत जो एक बुनियादी दिशानिर्देश प्रदान करते हैं जिस पर कोई व्यक्ति समझ को फ्रेम कर सकता है।

माई टीचर निबंध 10 लाइन्स (My Teacher Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1. शिक्षक वह होता है जो हमें हमारी जीवन यात्रा की ओर ले जाता है।
  • 2. शिक्षक हमें जीवन जीना सिखाता है।
  • 3. मेरे स्कूल में मेरे कई शिक्षक और महोदया हैं।
  • 4. वे सब हमें पढ़ाते हैं और शिक्षा देते हैं।
  • 5. मेरे शिक्षक मेरे दोस्तों की तरह हैं, वे सभी हमसे प्यार करते हैं।
  • 6. हम अपने शिक्षकों के साथ सब कुछ साझा कर सकते हैं।
  • 7. कभी-कभी जब मैं असामान्य हो जाता हूं तो मेरे शिक्षक मुझे डांटते हैं।
  • 8. मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि यह एक अच्छे उद्देश्य के लिए था।
  • 9. वे हमें अनुशासन, शिष्टाचार सिखाते हैं और हमें सही दिशा में ले जाते हैं।
  • 10. शिक्षक छात्रों के जीवन के सबसे अच्छे गुरु होते हैं। इसलिए हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

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  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Mother Essay
  • My Family Essay
  • Environment Essay
  • Health Is Wealth Essay

मेरे शिक्षक पर लघु निबंध (Short Essay on My Teacher in Hindi)

My Teacher Essay in Hindi – शिक्षक के बिना विद्यार्थी नहीं रह सकता। जाहिर है, मुझे स्कूल और घर में कई शिक्षकों का साथ मिला है।

मैं किताबों से जो कुछ सीखता हूं, उसे वे पूरी तरह से समझाते हैं। इस प्रकार मुझे विभिन्न विषयों में अच्छा ज्ञान प्राप्त होता है।

वे मुझे व्यक्तिगत रूप से सलाह देते हैं। वे हर तरह से मेरा मार्गदर्शन करते हैं। अक्सर स्कूल में मैं उनकी कंपनी को पूरी तरह से नहीं ढूंढ पाता। लेकिन मैं उनके फुरसत में इसका आनंद लेने का प्रबंधन करता हूं।

मैं स्कूल के अलावा घर पर ही अपने प्राइवेट ट्यूटर्स के यहां पढ़ता हूं। वे मुझे मेरे गृहकार्य करने में मदद करते हैं। मैं उनकी मदद से अपने अध्ययन को संशोधित करता हूं।

कभी-कभी वे मेरी गलतियों के लिए मुझे फटकार लगाते हैं। लेकिन मुझे इससे ऐतराज नहीं है।

मैं अपने शिक्षकों से कई अच्छी आदतें सीखता हूं। वे मुझे जल्दी उठने, स्वच्छता की आदत बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

मेरे शिक्षक निबंध 100 शब्द (my teacher essay 100 words in Hindi)

यदि हम कभी बैठकर अपना आशीर्वाद गिनें, तो हम उस महत्व को नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएंगे जो हमारे जीवन में एक शिक्षक का है या था। शिक्षकों की तुलना अक्सर हमारे समाज के निर्माण खंडों से की जाती है जो हमें ज्ञान और ज्ञान की एक मजबूत नींव रखने में मदद करते हैं, जिस पर हम अपने जीवन और करियर का निर्माण करते हैं। यह सम्मानित पेशा अक्सर दूसरों के बीच सबसे सम्मानजनक में से एक के रूप में गिना जाता है क्योंकि यह शिक्षक हैं जो दूसरों के विकास में काम करते हैं। दूसरों को ज्ञान से समृद्ध करने और उनका मार्गदर्शन करने जैसे व्यक्तित्व गुणों के लिए कोई व्यक्ति स्वभाव से शिक्षक भी हो सकता है न कि पेशे से।

मेरे शिक्षक निबंध 150 शब्द (my teacher essay 150 words in Hindi)

My Teacher Essay in Hindi – शिक्षक पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण प्राणियों में से एक हैं क्योंकि वे छात्रों के व्यक्तित्व को ढालने में मदद करते हैं और उन्हें भविष्य के जीवन के लिए सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। अध्यापन पेशे में, परिदृश्य लगभग किसी भी अन्य प्रतिष्ठित पेशे के समान है, जिसमें अच्छे और बुरे दोनों लोगों की उपस्थिति होती है, लेकिन दुनिया में बहुत कम शिक्षकों पर दुष्ट होने का दावा किया जाता है।

युवा आत्माओं के साथ व्यवहार करते समय शिक्षकों को हमेशा बहुत दयालु और समझदार होना चाहिए क्योंकि उनके खट्टे कार्यों का उन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। शिक्षण के ऐसे कई तरीके हैं जिन्हें शिक्षक पाठ को अधिक रोचक बनाने के लिए अनुकूलित कर सकते हैं। शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उस अवधारणा के बारे में तैयार और आश्वस्त हैं जिसे वे कक्षा में पढ़ाने जा रहे हैं। ऐसी घटनाएं होती हैं जहां शिक्षकों ने दोस्तों या माता-पिता की तुलना में बहुत अधिक मदद की है। इसलिए, हम सभी को अपने शिक्षकों का सम्मान और प्यार करना चाहिए और उन्हें हमेशा अपनी याद में रखना चाहिए।

मेरे शिक्षक निबंध 200 शब्द (my teacher essay 200 words in Hindi)

राष्ट्र के विकास में एक शिक्षक की भक्ति काबिले तारीफ है, क्योंकि अच्छे शिक्षक आवश्यक संपत्ति हैं। शिक्षकों की उपस्थिति प्रागैतिहासिक समाज से रही है। शुरुआत में, जब कोई किसी चीज़ में बहुत अच्छा था, तो दूसरे ने उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें किसी चीज़ के बदले में इसके बारे में सिखाएँ

अधिकांश शिक्षक किसी को भी जरूरत पड़ने पर किसी भी समय मदद करने को तैयार रहते हैं। एक शिक्षक अपने छात्रों में अवधारणाओं के बारे में सफलतापूर्वक जिज्ञासा जगा सकता है और फिर उस ज्ञान की भूख या प्यास को सफलतापूर्वक संतुष्ट भी कर सकता है। एक आदर्श शिक्षक को शिक्षण में कुशल, ईमानदार, अनुशासित, प्रतिभाशाली, विनम्र, मेहनती, कर्तव्यपरायण और ईमानदार होना चाहिए।

शिक्षक छात्रों को डर पर काबू पाने में मदद करते हैं और प्रत्येक छात्र की क्षमता का पता लगाते हैं, कभी-कभी इससे पहले कि वे खुद को जान सकें। शिक्षकों को अक्सर समाज के अभिभावक देवदूत कहा जाता है, क्योंकि उनमें एक मित्र, मार्गदर्शक और दार्शनिक के सभी गुण होते हैं। एक शिक्षक अपने छात्रों की सफलता में अत्यधिक गर्व और व्यक्तिगत सफलता महसूस कर सकता है। एक अच्छा शिक्षक एक छात्र की शैक्षणिक सफलता से परे देख सकता है और उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने का मार्ग खोजने में मदद कर सकता है।

मेरे शिक्षक निबंध 250 शब्द – 300 शब्द (my teacher essay 250 words – 300 words in Hindi)

एक शिक्षक एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके पास दूसरों को सीखने, मार्गदर्शन करने और किसी समस्या को हल करने में मदद करने के लिए सराहनीय कौशल होता है। शिक्षकों के पास उत्कृष्ट संचार कौशल होना चाहिए ताकि छात्र सब कुछ समझ सकें और आसानी से सीख सकें। शिक्षकों के पास उनके पदनाम या जहां वे पढ़ा रहे हैं, के अनुसार कई साख हैं।

हमारे माता-पिता भी, एक हद तक, शिक्षक के रूप में योग्य होते हैं, भले ही वे गैर-पेशेवर होते हैं, लेकिन वे अभी भी हमारा मार्गदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और हमारे पैदा होने से पहले या उससे पहले भी हमारी मदद करने का संकल्प लेते हैं। शिक्षक भी उस अनुभव के साथ बढ़ते हैं जो उन्हें किसी संस्थान में अध्यापन के वर्षों के दौरान मिलता है। शिक्षक कई पीढ़ियों को अपने सामने बढ़ते हुए देखते हैं और कई बार, उनके व्यक्तित्व को गढ़ने में एक महत्वपूर्ण कारक बन जाते हैं।

किसी को आश्चर्य हो सकता है कि एक शिक्षक होना कितना कठिन हो सकता है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि यह कोई आसान काम नहीं है। एक शिक्षक होने के नाते अपने शिक्षण के मामले में कुशल होना और अवधारणाओं को आसानी से समझाने में बहुत अच्छा होना, इसके अलावा, एक शिक्षक के पास प्रत्येक छात्र की प्रगति को समझने और गतिशील शिक्षा के साथ परिवर्तन पर काम करने के लिए जबरदस्त अवलोकन कौशल भी होगा। वर्तमान में प्रणाली।

इसके अलावा, एक शिक्षक होने का अर्थ यह भी है कि आप अपने छात्रों के ज्ञान, और पढ़ाए गए विषय पर दक्षता का परीक्षण करने में सक्षम हों और बाद में उन लोगों की मदद करें जो मूल्यांकन के परिणामों से स्पष्ट रूप से समझ नहीं पाए। इसलिए, हिंदू धर्म में शिक्षकों के महत्व को बेहतर ढंग से व्यक्त करने के लिए, ‘गुरु’ को अक्सर भगवान और माता-पिता के समान आसन दिया जाता है। किसी की सफलता के पीछे हमेशा एक शिक्षक का योगदान होता है।

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मेरे शिक्षक निबंध 500 शब्द (my teacher essay 500 words in Hindi)

माई फेवरेट टीचर यात्रा के मार्ग का मार्गदर्शन और निर्देशन करने के लिए मूल्यवान पाठ प्रदान करते हैं और पूरे स्कूल-जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। वे हर छात्र के जीवन में सकारात्मकता और नकारात्मकता का संतुलन हासिल करने का प्रयास करते हैं। हालांकि, एक सिक्के की तरह, शिक्षकों की दो श्रेणियां हैं- सख्त शिक्षक और समझदार शिक्षक। एक समझदार शिक्षक शिक्षण परिदृश्यों में सुधार करता है।

प्रत्येक शिक्षक का सबसे बड़ा अधिकार अपने छात्रों की उपलब्धियां होती हैं जिन्हें वे संजोते हैं। उनका मुख्य लक्ष्य अपने छात्रों को सामान्य समाज और पूरे राष्ट्र में एक व्यक्ति के रूप में हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है। देश की भविष्य की उन्नति शिक्षक पर टिकी हुई है कि वह छात्रों को सफल उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार करे। वे महत्वपूर्ण संदेश देते हैं जो आवश्यक जीवन कारकों को प्राप्त करने के लिए परिस्थितियों की जांच करते हैं।

भारत में शिक्षकों के लिए मूल्यवान जीवन-पाठ और प्रेम को मनाने के लिए, हम भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में लगातार 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के वार्षिक उत्सव की सराहना करते हैं। भारत में डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, स्वामी विवेकानंद, प्रेमचंद जैसे महान शिक्षक हैं, और कई ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने आगे बढ़ने के लिए मूल्यवान सबक दिए हैं।

शिक्षक महान रोल मॉडल होते हैं जो छात्र के निर्णयों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत के सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने शिक्षक के कारण एक महान एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में अपना स्थान हासिल किया। पक्षी कैसे उड़ते हैं, इस पर श्री शिव सुब्रमण्यम अय्यर की शिक्षा ने समाज में डॉ कलाम के योगदान को प्रभावित किया।

पुश्तैनी युग के दौरान गुरु को भी गुरु के रूप में संबोधित किया जाता था, जो गुरुकुल प्रणाली के माध्यम से आध्यात्मिक और शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करता था, और छात्र ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने गुरु के साथ रहते थे।

एक रोल मॉडल वह व्यक्ति होता है जो कुछ महान हासिल करने की क्षमता को प्रेरित करता है। हर छात्र के जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक सबसे प्रभावशाली व्यक्ति होते हैं। प्रत्येक बच्चा सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से सीखता है। फिर, छात्र का अगला चरण मध्य विद्यालय का शिक्षक होता है, जो आवश्यक किशोर संक्रमणों के माध्यम से छात्रों का मार्गदर्शन करता है। छात्र जीवन से संबंधित कई प्रश्नों के साथ अपनी मध्य विद्यालय यात्रा के माध्यम से युवा वयस्कों के रूप में परिपक्व होते हैं। एक हाई स्कूल शिक्षक छात्र के जीवन के नए चरण के प्रश्नों के लिए मार्गदर्शन और मूल्यों को प्रदान करने में मदद करता है। प्रत्येक शिक्षक की सर्वोच्च संतुष्टि या उपलब्धि यह है कि सम्मान के माध्यम से सफलता प्राप्त करने के लिए छात्रों को बढ़ते हुए देखें।

प्रत्येक छात्र के जीवन के प्रारंभिक चरणों के दौरान शिक्षकों का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। छोटे छात्र शिक्षकों में अत्यधिक विश्वास रखते हैं और उसी के अनुसार सुनते हैं। यह छात्रों पर शिक्षक के प्रभाव के महत्व को दर्शाता है। जैसे-जैसे कोई बड़ा होता है, और कॉलेज की ओर जाता है, तब शिक्षक मित्र और संरक्षक बन जाते हैं जो जीवन की महान उपलब्धियों के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षक अनजाने में छात्रों को महत्वपूर्ण, मूल्यवान जीवन पाठ प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, जब किसी छात्र को चोट लगती है, तो शिक्षक उसे अस्पताल में सहायता करता है जिससे छात्र सुरक्षित महसूस करता है। वे स्कूल में माता-पिता की भूमिका निभाते हैं।

एक शिक्षक न केवल सलाह देता है, बल्कि समय बढ़ने पर वे विभिन्न भूमिकाएँ भी अपनाते हैं। समय के साथ, वे दुखी होने पर दोस्त बन जाते हैं, चोट लगने पर माता-पिता और महान सलाहकार। इस प्रकार, शिक्षक महान गुरु होते हैं जो एक छात्र के जीवन को प्रभावित करते हैं और उसे आकार देते हैं। उनमें कई विशेषताएं हैं जो प्रत्येक छात्र के जीवन में एक विशेष स्थान रखती हैं।

मेरे शिक्षक निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शिक्षकों के पास कौन से आवश्यक गुण हैं.

शिक्षक एक दयालु, मिलनसार, धैर्यवान, देखभाल करने वाले, सक्षम परामर्शदाता, खुले विचारों वाले और सुलभ जैसे कई गुण रखते हैं।

एक प्रभावी शिक्षक के रूप में किसे माना जाता है?

एक प्रभावी शिक्षक एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित औपचारिक व्यक्ति होता है जो सभी छात्रों को पूरा करता है, शिक्षण अवधि को अधिकतम करता है, छात्रों की निगरानी करता है, अपेक्षाओं का उच्च उत्साह रखता है, और उनकी क्षमता और शिल्प को दर्शाता है।

एक शिक्षक की जिम्मेदारी क्या है?

एक जिम्मेदार शिक्षक दैनिक पाठ योजना तैयार करता है और अपने छात्रों को सभी स्तरों पर शिक्षित करता है। वे अपने छात्रों को होमवर्क, ग्रेड और हर छात्र की प्रगति का दस्तावेजीकरण करते हैं। वे विभिन्न विषयों पर छात्रों को निर्देश देते हैं कि यह सुनिश्चित करें कि उनके छात्र आकर्षक अध्ययन योजनाओं के साथ पहुंचें।

शिक्षक बनने में कितना समय लगेगा?

एक पेशेवर शिक्षक बनने से पहले, जो एक शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाएगा, किसी को स्कूल पूरा करना होगा, फिर तीन या चार साल का कॉलेज, और शायद शिक्षक बनने के लिए दो साल का प्रशिक्षण।

क्या कोई ऐसी तारीख है जो पूरी तरह से शिक्षक दिवस के रूप में पहचानती है?

हाँ वहाँ है। यूनेस्को ने हर साल 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस के रूप में पेश किया जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा सकता है।

क्या अध्यापन पेशा वही है जो बीस साल पहले था?

आपके प्रश्न का उत्तर नहीं है, क्योंकि शिक्षा क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है, और इसी तरह शिक्षण पद्धतियां भी हैं। जब हमारे माता-पिता को शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाता था, तब से लेकर अब तक कई बदलाव हुए।

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आदर्श अध्यापक और उनके गुण – Hindi Essay on Ideal Teacher

अध्यापक / शिक्षक दिवस पर निबन्ध व भाषण – best speech & essay on teachers day in hindi.

Ideal Teacher in Hindi

आदर्श अध्यापक और उनके गुण – Essay on Ideal Teacher in Hindi

Teacher in Hindi : हमारे यहाँ के विशिष्ट दिन या तो ऐतिहासिक हैं अथवा धार्मिक, परन्तु कुछ ऐसे दिन होते है जो मानवीय मूल्यों को उजागर करते हैं। ऐसा ही एक विशेष दिन शिक्षक दिवस हैं।  इसे शिक्षकों के सम्मान के उद्देश्य से हर वर्ष 5 सितम्बर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।    वास्तव में इस समाज की सच्ची संपत्ति शिक्षक हैं। वह जनमानस के नायक, राष्ट्र के उन्नायक हैं।

शिक्षक का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है, कहते है अगर शिष्य झुके गुरु के आगे तो इंसान बन जाता है | यह बिल्कुल सच है। गुरु हमारे विशेष मित्र की तरह हैं। तभी तो वह सामाजिक जीवन में कभी सच्चे मार्गदर्शक बनकर अपना फर्ज निभाते हैं तो कभी माता-पिता बनकर सच्ची सलाह देते हैं। वे हमें हर तरह से मार्गदर्शन करते हैं। वे हमें सिखाते हैं कि कैसे शांति में रहना है। और एक – दूसरें से प्यार करना है। वे हमें अच्छे मार्ग बताते हैं। जो हमारे जीवन को चमकाता है।

शिक्षकों से नव संदेश पाकर हमारा जीवन हमेशा से प्रेरित होता रहा है।  अगर इनका सम्बल न होता तो हम जीवन में ना तो स्फूर्ति भर सकते है और ना सफलता पा सकते हैं। वास्तव में शिक्षक निश्चित रूप से फूलों के बीच गुलाब की तरह है। शिक्षक दिवस मनाने का मतलब गुरुओं को सम्मानित करना और कृतज्ञ हृदय से उनका आभार प्रकट करना है |  शिक्षक दिवस पर सरल शब्दों में भाषण पढ़ने के लिए यहाँ click करे

अध्यापक अथवा गुरु का अर्थ

कुछ गुरु कहते हैं कुछ उन्हें अध्यापक कहते हैं और कुछ शिक्षक कहते हैं। लोगों ने अपनी अपनी श्रद्धा, निष्ठां और समर्पण के आधार पर आदरणीय गुरुओं को अनेक नाम दिए हैं । शास्त्रों में गुरु के अर्थ के बारे में बताया गया है कि ‘गू’ का अर्थ होता है अंधकार अथवा अज्ञान और ‘रू’ का अर्थ होता है प्रकाश (ज्ञान) अर्थात गुरु व्यक्ति को अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाता है। इसीलिए गुरु को साक्षात् ईश्वर माना गया है |

राष्ट्र निर्माण में अध्यापक / शिक्षक का महत्व

जिस प्रकार शब्द से अर्थ को और अर्थ से शब्द को, शरीर से प्राण को और प्राण से शरीर को पृथक नहीं किया जा सकता उसी प्रकार हम राष्ट्र को भी शिक्षक से पृथक नहीं कर सकते और न शिक्षक को राष्ट्र से।

जिस प्रकार शरीर और प्राण अन्योन्याश्रित हैं, बिना शरीर के प्राण का अस्तित्व नहीं और बिना प्राणों के शरीर का महत्व नहीं ठीक उसी प्रकार शिक्षक प्राण है और राष्ट्र उसका शरीर। जिस प्रकार निर्जीव शरीर का कोई मूल्य नहीं होता उसी प्रकार शिक्षक विहीन राष्ट्र का कोई मूल्य नहीं।

यदि शिक्षक योग्य हैं, चरित्रवान है तो राष्ट्र भी योग्य होगा, चरित्रवान होगा और यदि शिक्षक का अभाव है, तो राष्ट्र का जीवित रहना भी दुर्लभ है। आज नहीं तो कल उसकी संस्कृति, उसकी सभ्यता निश्चित ही नष्ट हो जायेगी। निर्जीव राष्ट्र चिरस्थायी नहीं रह सकता।

शिक्षक और समाज का सम्बन्ध

शिक्षक और समाज का आपस में घनिष्ठ सम्बन्ध है। उसका स्थान समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। वह समाज और राष्ट्र का वास्तव में सच्चा गुरु होता है। 

समाज और देश की उन्नति एवं अवनति बहुत कुछ शिक्षकों पर ही निर्भर करती है। वह देश और समाज बहुत सौभाग्यशाली है जिसमें योग्य और चरित्रवान शिक्षकों की अधिकता है। समाज और राष्ट्र का हित योग्य शिक्षकों पर ही निर्भर करता है। इसलिए अध्यापक का कार्य ऐसे शिक्षकों को सौंपा जाता है जो योग्य और चरित्रवान होते हैं। पाश्चात्य देशों में अध्यापकों के निर्माण में बड़ी सतर्कता एवं सावधानी बरती जाती है।

एक सम्मानित या आदर्श शिक्षक किसे कहेगे ?

आदर्श अध्यापक/ शिक्षक का क्षेत्र बहुत विस्तृत है | जब भी एक आदर्श शिक्षक की बात होती हैं तो जो छवि सबसे पहले मन में उभरती है वह सादा जीवन उच्च विचार वाले अध्यापक की होती हैं। वास्तव में एक आदर्श शिक्षक “जो सतत अध्यापन करता हैं, उसे कहते हैं” शिक्षक की परिभाषा देखने में तो छोटी है, परन्तु इसमें भी समाज और देश के कल्याण की भावना अंतर्निहित है। शिक्षक वास्तव में देश और समाज का प्राण है। समाज और देश के भावी निर्माण का भार शिक्षक के कन्धों पर ही है। हमारे प्राचीन गुरु/शिक्षक संसार के अन्य किसी गुरु की अपेक्षा अधिक समृद्ध थे। हमारे देश को विश्व के लोग जगद्गुरु कहते है। हमारी संस्कृति में गुरु को माता-पिता तथा ईश्वर से भी अधिक सम्मान दिया गया है। कबीरदास जी ने तो गुरु को ईश्वर से बड़ा बताकर कहा है कि यदि गुरु और ईश्वर दोनों खड़े हों तो मैं पहले ईश्वर के नहीं गुरु के चरणों का ही स्पर्श करूँगा क्योंकि गुरु ने ही मुझे ईश्वर की पहचान कराई है।

शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता

विद्यार्थी जीवन में गुरु की भूमिका वही है जो एक कुम्हार की होती है। विद्यार्थी कच्ची मिट्टी का ढेला होता है,  गुरु जिसे जीवन लक्ष्य प्राप्ति की ओर प्रवृत्ति करता है। अपने व्यापक अर्थों में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में मार्गदर्शन करने वाले को आदरणीय गुरु की प्रतिष्ठा दी गई हैं।

शिक्षक विद्यार्थी के लिए पिता, भाई और मित्र के समान होता है। शिक्षक और विद्यार्थी के रिश्ते से सच्चा और मधुर कोई रिश्ता नहीं होता है। इस समाज ने हर रिश्ते को नाम दिया, किन्तु विद्यार्थी और शिक्षक के रिश्ते का कोई नाम नहीं दिया।

शिक्षक तो वह दिया है जो खुद जलकर अपने छात्रों को योग्य एवं चरित्रवान बनाता है। शिक्षक विद्यार्थी को सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं रहता अपितु उनका मकसद समाज की हर एक बात बताना है। ताकि आगे चलकर विद्यार्थी ठोकर न खाए तथा भविष्य में वह इस बात को औरों को भी समझाए।

सच में एक शिक्षक उस देवता के समान होता है जो निस्वार्थ भावना से रात – दिन छात्र-हित में ही कार्य करता है। शिक्षक का जीवन तपोमय होता है। उसका हृदय नवनीत सा कोमल और स्वच्छ होता है। उसके चरित्र में दृढ़ता और हृदय विशाल होता है। समाज के सर्वश्रेष्ठ गुण ही शिक्षक में केन्द्रित होकर उसे ‘आदर्श’ शब्द से विभूषित करते हैं।

एक विद्वान शिक्षक का सभी विषयों पर समान अधिकार होता है। पाठ्य विषयों को छात्रों के सामने किस प्रकार प्रस्तुत करना चाहिए और किस तरह समझाना चाहिए, शिक्षक इस कला में अत्यंत ही कुशल होता है। वह विषय के प्रत्येक अंश पर सरलता के साथ प्रकाश डालता है। उसकी सम्पूर्ण चेष्टा केवल इसी बात की ओर रहती है कि वह जिस विषय को पढ़ा रहा है वह छात्रों के हृदयपट पर सही तरह से अंकित हो जाए। वह छात्रों के ज्ञान और विकास में अपनी महान सफलता देखता है। वह अपने समय को व्यर्थ नष्ट नहीं करता है।

प्रेम से ओतप्रोत शिक्षक अपने छात्रों को अनुशासन में रखता है, पर उसके अनुशासन में दृढ़ता होती है कठोरता नहीं। सच्चा शिक्षक कभी भी किसी परिस्तिथि में असत्य भाषण नहीं करता। वह सदैव ईश्वर के प्रति समर्पित रहता है।

सच्चा गुरु आदर्श विद्यार्थियों के रूप में समाज और राष्ट्र को जीवन और जागृत का दान प्रदान करता है। वह समाज और राष्ट्र को ऐसी सम्पत्ति देता है जिसे पाकर समाज और राष्ट्र युगों -युगों तक शान्ति और आनन्द का उपभोग करता है।

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दोस्तों ! उम्मीद है उपरोक्त शिक्षक दिवस पर भाषण छोटे और बड़े सभी लोगों के लिए उपयोगी साबित होगा। गर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसमें निरंतरता बनाये रखने में आप का सहयोग एवं उत्साहवर्धन अत्यंत आवश्यक है। आशा है कि आप हमारे इस प्रयास में सहयोगी होंगे साथ ही अपनी प्रतिक्रियाओं और सुझाओं से हमें अवगत अवश्य करायेंगे ताकि आपके बहुमूल्य सुझाओं के आधार पर इन भाषणों को और अधिक सारगर्भित और उपयोगी बनाया जा सके। और गर आपको इस भाषण या लेख में कोई त्रुटी नजर आयी हो या इससे संबंधित कोई सुझाव हो तो वो भी आमंत्रित हैं। आप अपने सुझाव को इस लिंक Facebook Page  के जरिये भी हमसे साझा कर सकते है। और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं। धन्यवाद!

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बबिता जी, बहुत अच्छा निबंध है । एक अच्छा शिक्षक विधार्थी के जीवन को सवार देता है । छात्र को ऊँचाइयों तक ले जाने में एक शिक्षक की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है ।

नीरज श्रीवास्तव wwww.janjagrannews.com.

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My Favourite Teacher Essay : अपने ‘पसंदीदा शिक्षक’ पर स्टूडेंट्स ऐसे लिखें निबंध

my ideal teacher essay in hindi

  • Updated on  
  • जुलाई 9, 2024

My Favourite Teacher Essay in Hindi (2)

शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि एक आदर्श शिक्षक छात्रों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। शिक्षक न केवल विषयों के बारे में बल्कि जीवन के लिए भी बुनियादी ज्ञान की एक मजबूत नींव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह ज्यादातर वही है जो हम स्कूल में सीखते हैं जो हमारे जीवन भर में हमारी मदद करता है जब हमें महत्वपूर्ण निर्णय लेने होते हैं और अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। हम सब स्कूल या काॅलेज में पढ़ें हैं या पढ़ चुके हैं और हम सभी का कोई न कोई एक फेवरेट टीचर जरूर होता है। इसलिए यहां हम (My Favourite Teacher Essay in Hindi) ब्लाॅग में मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध लिखना सीखेंगे।

This Blog Includes:

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 100 शब्दों में, मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 200 शब्दों में, वह मेरी पसंदीदा शिक्षक क्यों हैं, परीक्षा से पहले देती थीं एक्स्ट्रा क्लास, स्टूडेंट को करती थीं मोटिवेट .

100 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

स्कूल हो या कॉलेज टीचर हमें हमेशा ही सीखते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनके ही इस मार्गदर्शन से आज हम अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ते हैं। मेरी एक पसंदीदा टीचर हैं। वह कक्षा 10 में हमें कला विषय के साथ अन्य विषय भी पढ़ाती थी। वह हमेशा मेरी हर परेशानी को दूर करने में मेरी मदद करती थी और अगर मुझे कोई भी चीज समझ नहीं आता तो वो मुझे बार बार बताने में कभी क्रोधित नहीं होती। वह बहुत मिलनसार शिक्षिका हैं, और मेरे लिए वो एक आदर्श भी हैं। उनका पढ़ने का तरीका और टीचर से बेहद अलग है, और वह क्लास में सभी पर पूरा दिन देती हैं। वह बहुत ही इंटरैक्टिव और रचनात्मक तरीके से पढ़ाती हैं। वह पढ़ाई को इतना आसान बना देती हैं कि उनकी क्लास में हम सभी को पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए वह मेरी पसंदीदा शिक्षक है।

200 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

हम सभी के जीवन में एक पसंदीदा शिक्षक रहा होगा और आज भी हम उनके सम्पर्क में या उनकी सिखाई बातों पर अम्ल जरूर करते हैं। स्कूल हो या कॉलेज जीवन में हर किसी व्यक्ति का एक पसंदीदा टीचर जरूर होता है। एक टीचर जिसकी क्लास में स्टूडेंट्स  उत्सुक से पढ़ते हैं। वे उनकी क्लास का बहुत उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं और उस पसंदीदा टीचर की क्लास को पढ़ने से कभी नहीं छोड़ते हैं। हर शिक्षक एक जैसा नहीं होता. हम स्कूल में जो सीखते हैं वही वास्तव में जीवन भर हमारी मदद करता है।

मेरी पसंदीदा शिक्षिका राज किशोरी बहुत समझदारी के साथ स्टूडेंट्स को पढ़ती थी, इसके अतिरिक्त वे सीखने की गतिविधियों को भी बढ़ावा देती हैं। उनके प्रैक्टिकली पढ़ने का तरीका कई छात्रों का उनका पसंदीदा बनाता हैं। वह न सिर्फ मेरी टीचर हैं बल्कि मैं उन्हें अपनी आदर्श भी मानती हूँ. वे एक न केवल एक टीचर हैं बल्कि एक ऐसे महिला भी हैं जिससे आप अपनी इच्छानुसार किसी भी विषय या परेशानी पर बात कर सकते हैं। वे बहुत विनम्र और नम्रता के साथ अपने काम को करती हैं। इसी लिए वे मेरी फेवरेट टीचर हैं।

वे सदैव अपने सभी स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करने और अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करती है। जब मुझे किसी भी विषय को लेकर कोई संदेह होता है तो वह उस सब्जेक्ट को अच्छी तरह समझने में मेरी मदद करती है। वह मैथ के सब्जेक्ट को प्रैक्टिकल करके अधिक रोचक और आकर्षक बनाती है। वे हमेशा मुझे सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन करती हैं। वह हमें सच बोलना, सभी का सम्मान करना और जीवन में एक अच्छे मुकाम को हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस My Favourite Teacher Essay in Hindi के अनुसार हम सबको यह सीखना चाहिए कि हमारे टीचर हम सबके लिए कितने योगदान करते हैं। 

My Favourite Teacher Essay in Hindi (1) (1)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

एक ऐसा शिक्षक होना जिसके साथ आप विशेष रूप से सहज हों, एक बहुत बड़ा लाभ हो सकता है क्योंकि यह आपको अपने स्कूल के वर्षों को आसान तरीके से पूरा करने में मदद कर सकता है। एक अच्छा शिक्षक एक मार्गदर्शक के रूप में भी कार्य कर सकता है, जो आपको केवल पढ़ाई के अलावा भी आपके पूरे जीवन में मार्गदर्शन दे सकता है। मेरी भी एक फेवरेट टीचर रही हैं जिनका नाम राज किशोरी है। उन्होंने हमारी पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी। जब हमें कोई परेशानी हुई तो उन्होंने परीक्षा से पहले हमें अच्छे से गाइड किया ताकि हम अच्छे अंकों के साथ पास हो कर आगे बढ़ सकें। 

जैसे ही हमारे एग्जाम खत्म होते थे वे हम सभी को बहार घूमने ले जाती थी, स्कूल टूर पर ये सभी स्टूडेंट्स को बहुत प्यार से और बहुत सारे गेम खिलवती थी। उनका कहना था की पढ़ाई के साथ शारीरिक एक्टिविटी का होना भी जरुरी है। वे स्कूल के समय भी एक क्लास में हम सभी स्टूडेंट्स को कुछ न कुछ एक्टिविटी सिखाती थी। वे खुद को भी मोटिवेट करती थी और स्टूडेंट को भी हर चीज के लिए प्रेरित करती रहती थी। इसलिए वह मेरे पसंदीदा टीचर थी। 

हमारी टीचर ने हमें एक निश्चित समय के बाद भी पढ़ाने से कभी इन्कार नहीं किया। हमारे एग्जाम से पहले हमेशा वे हम सभी स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्लास देती थी, किसी स्टूडेंट्स को अगर किसी भी सब्जेक्ट में कोई परेशानी होती थी, तो वे उसको उस एक्स्ट्रा क्लास में सॉल्व करती थी। उनका प्रॉब्लम सॉल्व करने का तरीका इतना अच्छा होता था, की हम सब को लगता था की जिस चीज में हम इतना परेशान थे, वो इतनी छोटी सी चीज थी। वे प्रैक्टिकली चीजों को बताती थी।  

मेरी टीचर की एक बहुत अच्छी बात थी की जब कोई स्टूडेंट्स निराश होता था या वो डर के कारण उनसे कोई बात को नहीं पूछ पता था। तो वे उसके आत्मविश्वास को बढ़ती थी और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थी। वे हमेशा कहती थी की किसी चीज से दर कर मत भागों हर चीज का सामना करो कोई चीज आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं हो सकती है। अगर अपने किसी चीज को करने का लक्ष्य तय किया है तो उस लक्ष्य को मेहनत कर के प्राप्त करो। अगर सफलता एक बार नहीं मिली तो ऐसा नहीं है की कभी नहीं मिलेगी। 

आपका फोकस होना चाहिए पूरी तरह से की आपको ये चीजे हासिल करनी है, चाहे मुझे दिन -रात एक करनी पड़ें। पूरी लगन से मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उनके इन्हीं विचारों से हम सब स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ता है और हम और मेहनत करते हैं। शिक्षक हमेशा आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होना चाहिए, बहुत से टीचर जरा सी गलती पर स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा डिमोटिवेट कर देते हैं। जिससे स्टूडेंट्स को आ गये पढ़ने या स्कूल जाने का मन नहीं करता है और वे स्कूल जाने से कतराते हैं। 

मैं उनकी स्टूडेंट होने के लिए भाग्यशाली हूं। मैं हमेशा याद रखूंगी कि उन्होंने मुझे क्या सिखाया है और मैं भविष्य में उनके जैसा महान व्यक्ति बनने की कोशिश करूंगा। हम सबको हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और आज हम जो कुछ भी हैं उसके लिए उन्हें धन्यवाद भी देना चाहिए। उनकी सिखाई हुई हर चीज को बहुत ही गंभीरता से लेकर आगे जीवन में बढ़ना चाहिए। 

संबंधित ब्लाॅग्स 

शिक्षक मुझे बहुत प्यार करते हैं क्योंकि मैं उनका बहुत अनुशासित और आदर्श छात्र हूँ।

मुझे यह पता लगाने में मदद करने के लिए धन्यवाद कि मैं किसमें अच्छा हूं और यह हमेशा मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

एक अच्छा शिक्षक आशा को प्रेरित कर सकता है, कल्पना को प्रज्वलित कर सकता है, और सीखने के प्रति प्रेम पैदा कर सकता है।

उम्मीद है कि आपको My Favourite Teacher Essay in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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शिक्षक/अध्यापक पर भाषण

छात्रों के जीवन में शिक्षक की एक विशेष जगह होती है। अध्यापक छात्रों को आदर्श नागरिक बनाने के लिए उनका मार्गदर्शन करके राष्ट्र के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे कई अवसर हैं, जैसे कि शिक्षक दिवस, जब स्कूल और समाज में शिक्षकों की भूमिका पर भाषण देने की आवश्यकता होती है। यहां हम आपको शिक्षकों की प्रशंसा में दो स्पीच (भाषण) उपलब्ध करवा रहे हैं। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमें से कोई भी स्पीच (भाषण) चुन सकते हैं।

शिक्षक पर भाषण (Speech on Teacher in Hindi, Shikshak par Bhashan)

शिक्षक पर भाषण – (5 मिनट का भाषण).

सभी को मेरा प्रणाम,

इस भव्य समारोह में मैं आप सभी का स्वागत करता हूँ। हमारे जीवन में हमें कुछ ऐसे व्यक्ति या शिक्षक मिलते हैं जिन्हें हम अपना आदर्श मानते हैं।

आज मैं आपसे उस व्यक्ति के बारे में बात करना चाहता हूं जो किसी भी स्कूल के अस्तित्व की नींव रखता है – ‘शिक्षक’। शिक्षक वह है जो एक संस्था के विद्यार्थियों की शैक्षिक शक्ति को मजबूत करता है। शिक्षक वह है जो छात्रों का स्कूल से और स्कूल का छात्रों से सम्बन्ध को मजबूती देता है।

जब मैं छोटा था तब मैं हमेशा अपने विषय को शिक्षक के नाम से जोड़ता था और जो शिक्षक जितना अच्छा उस विषय को पढ़ाता था उतने ही ज्यादा मेरे अंक उस विषय में आते थे। जीं हा यही सत्य है।

यह एक सिद्ध तथ्य है कि शिक्षक का काम सिर्फ नौकरी करना ही नहीं है बल्कि उसके द्वारा किए गये कार्यों से पूरे देश के विकास और कल्याण पर असर पड़ता है। जो सबसे ज्यादा जरुरी है शिक्षक उसे हासिल करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें समाज की रीढ़ के रूप में माना जाता है क्योंकि वे छात्र के चरित्र के निर्माण में लगातार अपना योगदान देते हैं, उनके भविष्य को आकार देने और देश के आदर्श नागरिक बनने में उनकी मदद करते हैं। एक अच्छा शिक्षक हमेशा आशा जगाता है, प्रेरणा देता है, कल्पना को प्रज्वलित करता है और हमारे भीतर सीखने की चाहत को बढ़ावा देता है।

यह सच नहीं है कि शिक्षक केवल तभी काम करता है जब उसे कक्षा में पढ़ाना होता है बल्कि शिक्षक का काम तो कक्षा में छात्रों को संबोधित करने से पहले ही शुरू हो जाता है। उन्हें अपने विषय के बारे में तैयारी करनी पड़ती है, परीक्षा के पर्चे बनाने पड़ते है, अभ्यास कार्य तैयार करना होता है और बाकी सभी कार्यों की सूची तैयार करनी पड़ती है तब जाकर शिक्षक कक्षा में पढ़ाने के लिए आते हैं। यह शिक्षकों की कड़ी मेहनत ही है जो विभिन्न तरह की सामग्री के माध्यम से छात्रों के ज्ञान को समृद्ध करके उन्हें समाज की भलाई के लिए तैयार करता है।

शिक्षक हमें नैतिक समर्थन देकर हमें समाज में गुणवत्ता का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उनके पास छात्रों के कैरियर के विकास के पहलुओं और उनके पसंदीदा क्षेत्रों में भविष्य की संभावनाओं को समझने की शक्ति है।

शिक्षक एक छात्र को अपने चरित्र को आकार देने और अपने भविष्य के उज्ज्वल बनाने में मदद करते हैं। वे हमें इस दुनिया में मजबूती से खड़े रहकर मुकाबला करने योग्य बनाने में सक्षम बनाते हैं ताकि हम समझदारी से हमारे रास्ते में आने वाली कई चुनौतियों से निपटने में सफल हो सकें।

एक निष्कर्ष के रूप में मैं आपको सभी से कहना चाहता हूं कि आप हमेशा अपने शिक्षकों के साथ बंधन को संजोए। उन्होंने आपको शिक्षित किया है और इस समाज में आपको बढ़िया जीवन जीने लायक बनाया है। हम अपने शिक्षकों के प्रति हमारे सम्मान और कृत्य का श्रेय देते हैं, उन्होंने शिक्षा के साथ हमें सशक्त बनाया है, उन्होंने हमें माता-पिता की तरह अपने प्यार और स्नेह के साथ पोषण किया है। उन्होंने इस देश के सुनहरे भविष्य के लिए नए खून का निर्माण किया है।

शिक्षक हमेशा से ही सबके लिए विशेष रहे हैं और आने वाले समय में भी विशेष रहेंगे।

अध्यापक पर भाषण – (6 मिनट का भाषण)

आदरणीय प्रिंसिपल, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथी छात्रों,

आप सभी का इस शुभ अवसर पर स्वागत करते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है। आज हम यहाँ सबसे ज्यादा प्रिय दिवस, शिक्षक दिवस, का जश्न मनाने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। यह मेरे लिए शिक्षकों के बारे में कुछ शब्द, स्कूलों और कॉलेजों में उनकी भूमिका तथा छात्रों के जीवन पर उनके प्रभावों को साझा करने का अवसर है।

शिक्षक हमारे समाज का आधार हैं क्योंकि वे बच्चों के रूप में राष्ट्र के भविष्य को सही आकार देने में बड़ा योगदान देते हैं, अर्थात छात्रों को देश के आदर्श नागरिक बनने में मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षकों की नौकरी जिम्मेदारी और चुनौतियों से भरी है क्योंकि प्रत्येक छात्र एक जैसा नहीं होता है इसलिए शिक्षक को अलग-अलग छात्रों के लिए अलग-अलग शिक्षण पैटर्न अपनाना पड़ता है। शिक्षण एक सामाजिक अभ्यास है और ज्ञान से अधिक है। एक शिक्षक अच्छा इंसान होना चाहिए जो अपनी नौकरी की ज़िम्मेदारी को अच्छी तरह से अपने कंधों पर उठा सकता हो और उस स्थिति की संवेदनशीलता को समझ सकता हो जहां विभिन्न पृष्ठभूमि वाले छात्र सीखने के लिए एक साथ आते हैं जहाँ पढ़ाते समय शिक्षक अपनी क्षमता के सर्वश्रेष्ठ कौशल और ज्ञान का इस्तेमाल कर सकें।

हर शिक्षक के पास जो गुण मुख्य रूप से होने चाहिए उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • उत्साह – यह एक ज्ञात तथ्य है कि जो अध्यापक शिक्षण के दौरान उत्साह दिखाते हैं वो छात्रों को सीखने, ज्ञान प्राप्त करने का एक मज़ेदार और सकारात्मक माहौल के निर्माण में मदद करते हैं। ये शिक्षक शिक्षण के समान स्वरूप का पालन न करके छात्रों को व्यस्त और उत्साही रखने के लिए नई शिक्षण विधियों को जन्म देते हैं।

शिक्षक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका छात्रों को प्रेरित करना है। कुछ छात्र अपने शिक्षक को एक आदर्श रूप में देखकर उनके जैसा बनने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हर शिक्षक प्रत्येक छात्र पर एक सकारात्मक प्रभाव को छोड़े।

  • विद्यार्थियों के साथ बातचीत – यह बहुत महत्वपूर्ण है कि शिक्षार्थी की क्षमता को समझने के लिए शिक्षक छात्रों के साथ पारदर्शी और खुली चर्चा में शामिल हो। कुछ छात्र शर्मीले होते हैं जबकि अन्य विफलता से डरते हैं। एक सच्चे शिक्षक पर व्यावहारिक रूप से छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करने में भरोसा किया जा सकता है।

परंपरागत रूप से शिक्षण प्रार्थना के समान समझा जाता है। पुराने दिनों में माता-पिता गुरूकुल में अपने बच्चों को छोड़ते थे (एक प्रकार का आवासीय स्कूल जहां छात्र अध्ययन के लिए शिक्षक के साथ रहते हैं)। इस परंपरा को माता-पिता और शिक्षकों के बीच विश्वास और बंधन द्वारा बहुत समर्थन प्राप्त था। आज भी विश्वास सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है जो माता-पिता को अपने बच्चों को किसी एक विशेष स्कूल में पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। एक शिक्षक को वैकल्पिक माता-पिता माना जाता है इसलिए शिक्षण का यह पेशा सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण और जवाबदेही से भरा होता है।

कई बार हमें शारीरिक दंड के बारे में सुनने को मिलता है। कुछ शिक्षक विद्यार्थियों को इतनी बर्बरता और क्रूरता से मारते है कि उनमें से कुछ की तो मृत्यु भी हो जाती हैं। हालांकि, ऐसा करना पुरे भारत में प्रतिबंधित है। यद्यपि यह ज़रूरी है कि शिक्षकों को कभी-कभार सख्त होना चाहिए लेकिन छात्रों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने के बजाय उन्हें दंडित करने के और भी कई वैकल्पिक उपाय हो सकते हैं।

खैर अब मैं इस भाषण को हमारे शिक्षकों को बहुत धन्यवाद देते हुए समाप्त करना चाहूंगा जो इतने दयालु और देखभाल करने वाले हैं। इस स्कूल का हिस्सा बनकर हम खुद को बहुत सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं।

शिक्षक पर भाषण – (7 मिनट का भाषण)

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे भाईयों और बहनों, आज मैं आप सबके सामने अपने शिक्षकों के ऊपर कुछ शब्द बोलने जा रही हूं, आशा करती हूं कि यह आप सबको बहुत पसंद आएगा।

हम विद्यार्थी हैं और हमसे अच्छी तरह शिक्षकों का महत्व कौन समझ सकता है। शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो अपने ज्ञान की ज्योति से सबको प्रकाशित करता है। अपने ज्ञान से लोगों के मन से अंधकार मिटाता है। वह जीवन की एक अहम कड़ी है, जो हमको असल मायनों मे जीवन से परिचित कराता है।

शिक्षकों के इस अतुल्य योगदान को देखते हुए, सभी देशों में अलग-अलग तारीखों पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। ठीक इस प्रकार भारत में इसे 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है। वे भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति दूसरे और राष्ट्रपति थे। वे बहुत अच्छे शिक्षक थे और उनहोने अपने जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने कि इच्छा जाहिर की थी और इस प्रकार भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।

जब हम इस दुनिया में आए तो हम पूरी तरह अबोध थे, हमें शिक्षा देने वाली हमारी माता थी, और उस समय वे हमारी शिक्षिका थीं। हमारे अभिभावक हमारे पहले शिक्षक कहलाते हैं, अगर वे न होते तो शायद हम अपनी मूल-भूत दैनिक कार्यों को करने में इतने सामर्थ्य नहीं हो पाते। उन्होंने हमें बोलना, चलना, अपने दैनिक कार्यों को पूरा करना सिखाया। मैं भी अपनी प्रथम गुरू अपनी माता को मानती हूं।

घर से निकलकर बच्चे स्कूल जाते हैं और वहां उनका परिचय अपने विद्यालयी शिक्षकों से होता है। जो उन्हे आगे कि शिक्षा देते हैं। शिक्षक हमें केवल किताबी ज्ञान नहीं देते, वे हमारे सोचने का दायरा बढ़ाते हैं, जिससे हमारे ख्वाबों को पंख मिल पाते हैं और तभी अबदुल कलाम जैसे क्षात्रों कि कलपनाएं आसमान में उड़ पाते हैं।

शिक्षकों के पढ़ाने कि शैली ऐसी होती है वह नीरस विषय को भी रोचक बना देते हैं। छोटे बच्चे शुरु-शुरु में स्कूल नहीं जाना चाहते पर वो शिक्षकों का प्यार ही है जो उनहे स्कूल से प्रेम हो जाता है और धीरे-धीरे स्कूल बच्चों का दूसरा घर बन जाता है और शिक्षक दूसरे अभिभावक। मुझे भी गणित विषय से डर लगता था, परंतु हमारे गणित के शिक्षक ने उसे इतने बेहतरीन तरीके से पढ़ाया कि मुझे यह विषय भाने लगा।

स्कूल – कॉलेज के बाद बालक जब बड़ा होता है, तो जीवन के गुर सीखने के लिये उसे आध्यात्मिक शिक्षक की आवश्यकता पड़ती है और आध्यात्मिक ज्ञान देने वालों को गुरु कह कर बुलाते हैं। जीवन मे गुरु की आवश्यकता सबको होती है। वे हमें जीवन के असल मायने सिखाते हैं और हमारा परिचय ईश्वर से कराते हैं। हिन्दू धर्म में गुरु को ईश्वर से भी उपर माना गया है। वह इस लिये क्यों कि मनुष्य धरती पर अबोध जन्मता है, वह गुरु ही होते हैं जो उसका परिचय ईश्वर से कराते हैं। देखा जाए तो जीवन के हर क्षेत्र में शिक्षक की आवश्तकता होती है। जो समय-समय पर हमारा मार्गदर्शन करते रहते हैं। उनके बिना जीवन मुमकिन नहीं और अगर है भी तो वह निरुद्देश्य ही होगा। हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुओं की पूजा की जाती है।

हमारे जीवन का ज्यादातर समय स्कूल में व्यतीत होता है, इसलिये हम स्कूल के शिक्षकों को अधिक याद करते हैं और आजीवन उनके शुक्रगुजार रहते हैं। वाकई, नमन करना चाहूंगी ऐसे शिक्षकों को जो हमें अपने बच्चों सा स्नेह देते हैं और हर हाल में हमारा भला सोचते हैं। इस बदलते दौर में जहां कई बार अपने धोखा दे देते हैं, ऐसे में ऐसे शिक्षक मिलना वाकइ किस्मत की बात होती है और मैं किस्मत वाली हूं कि आप मेरे शिक्षक हैं, मुझे आपसे पढ़ने का मौका मिला। इसी के साथ अपने वाणी को विराम देते हुए आप सबको धन्यवाद कहना चाहूंगी।

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Essay on My Teacher in Hindi- मेरी अध्यापिका पर निबंध

In this article, we are providing Essay on My Teacher in Hindi | Meri Adhyapika Essay in Hindi, मेरी अध्यापिका पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने My Teacher Essay in Hindi लिखा है। अध्यापक  पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4,5, 6, 7, 8, 9 ,10 और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

Essay on My Teacher in Hindi- मेरी अध्यापिका पर निबंध

मेरी अध्यापिका पर निबंध | Teacher par Essay in 100 to 120 words

सविता मैडम हमारी कक्षा की अध्यापिका हैं। वे हमें सभी विषय पढ़ाती हैं। हम सब उनके आने से प्रसन्न हो जाते हैं।

सविता मैडम सरल व शांत स्वभाव की हैं। उन्हें बच्चों से हँसीमज़ाक करना बहुत अच्छा लगता है। सविता मैडम को कभी गुस्सा नहीं आता। वे सदा गोद में बिठाकर प्रेम से समझाती हैं।

हमारी सभी बातों को ध्यान से सुनकर मैडम हमारे प्रश्नों के उत्तर देती हैं। उनकी लिखाई बहुत सुंदर है। हम भी उनकी तरह सुंदर लिखने की कोशिश करते हैं। सीमा

सविता मैडम को हम सब बच्चों के नाम भी याद हैं। वे हमें पढ़ाई के अलावा सुंदर कविताएँ और कहानियाँ भी सिखाती हैं। हमारी कक्षा के सभी बच्चे प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और सफल होते हैं।

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Essay on My Teacher in Hindi | हमारे अध्यापक जी पर निबंध 120 to 150 words

हमारे अध्यापक जी का नाम श्री शंकर है। उनकी आयु लगभग पचास वर्ष है। उनका स्वास्थ्य बहुत अच्छा है। वे इस विद्यालय में पिछले वर्ष आए थे। वे जालन्धर के रहने वाले हैं। वे समय पर स्कूल में आते हैं। उनका स्वभाव बहुत ही सरल है। वे बच्चों को प्यार करते हैं और उन्हें अपने बेटों के समान समझते हैं। वे सत्य बोलने पर बहुत जोर देते हैं। वे कभी झूठ नहीं बोलते। उनका रहन-सहन सादा है। वे पजामा, कमीज तथा ऐनक पहनते हैं।

वे योग्य और परिश्रमी अध्यापक हैं। हमें वे बहुत प्यार से पढ़ाते हैं। वे दण्ड कभी नहीं देते हैं। वे हमें डाँटते भी नहीं हैं। वे हमें हिन्दी और गणित पढ़ाते हैं। स्कूल के सब छात्र उनकी प्रशंसा करते हैं। वे हमारे साथ खेलों में भी भाग लेते हैं। हम भी अपने अध्यापक जी की आज्ञा मानते हैं। हम उनका बहुत सम्मान करते हैं।

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मैं माडर्न स्कूल, वसंत विहार में पढ़ता हूँ। मैं छठी कक्षा में पढ़ता हूँ। मेरी कक्षा की अध्यापिका श्रीमती शर्मा हैं। वे हमें बड़े प्यार से पढ़ाती हैं। वे बड़े शान्त स्वभाव की महिला हैं। उन्होंने एम. ए. हिन्दी में किया है। उनकी आयु चालीस वर्ष है। वे हमें हिन्दी और संस्कृत पढ़ाती हैं। वे हमें कभी नहीं मारतीं। वे पाठ को स्वयं पढ़कर तथा श्यामपट पर लिखकर समझाती हैं। कमजोर बच्चों का वे विशेष ध्यान रखती हैं। पाठ समझ न आने पर वे दोबारा समझाती हैं। कभी-कभी वे हमें डाँटतीं भी हैं। हम सब बच्चे उनका बहुत आदर करते हैं।

माता-पिता के बाद अध्यापक ही बालक के जीवन को बनाने वाला होता है। यदि अध्यापक महान हो तो उनका बच्चों पर अच्छा असर पड़ता है। मेरी अध्यापिका एक महान महिला हैं। वे एक धार्मिक विचारों की महिला हैं। वे सब बच्चों को अपने बच्चों के समान प्यार करती हैं। वे हमें अच्छी-अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं। सब बच्चे उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुनते हैं।

मेरी अध्यापिका स्कूल के पास रहती हैं। वे सदा समय पर स्कूल आती हैं। वे सदा खड़ी होकर हमें पाठ पढ़ाती हैं। वे पढ़ाते-पढ़ाते हमें हँसाती हैं और स्वयं भी हँसती हैं। वे कक्षा के अनुशासन का बहुत ध्यान रखती हैं। हमारे मुख्याध्यापक भी उनका आदर करते हैं।

श्रीमती शर्मा साधारण वस्त्र पहनती हैं। उनके वस्त्र सदा साफ और उजले होते हैं। उनके माथे पर तेज है। उनकी प्रतिभा और विद्वता का प्रभाव हम सब पर पड़ता है। वे एक आकर्षक व्यक्तित्व की स्वामिनी

श्रीमती शर्मा हमें कभी-कभी पिकनिक के लिए किसी उद्यान में या किसी नदी के किनारे ले जाती हैं। वहाँ वे हमारे साथ खेलती हैं। वे हमें माँ का प्यार देती हैं। हम उनको कभी नहीं भूल सकते।

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों My Teacher Par Essay in Hindi  article आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

इस लेख के माध्यम से हमने My Teacher Par Nibandh |  Essay on My Teacher in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस पर 10 लाइन का हिंदी निबंध, 250 शब्द लिखकर बन जाएं टीचर के फेवरिट

Teachers day par nibandh: हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम अपने शिक्षकों को धन्यवाद कह सकें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतार सकें।.

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क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

शिक्षक दिवस हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे एक सच्चे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और ज्ञान के लिए समर्पित किया था।

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।

शिक्षकों का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाते हैं, जो हमें जीवन में सही रास्ते पर चलने में मदद करता है। वे हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। वे हमें अपने जीवन को सुधारने में मदद करते हैं, और हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक हमारे मार्गदर्शक हैं, जो हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करते हैं। वे हमें शिक्षा देते हैं, जो हमारे जीवन का आधार है। इसके साथ ही हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वे हमें जीवन के हर पहलू में सहायता करते हैं, जैसे कि कैसे अच्छे इंसान बनना है, कैसे समाज में योगदान करना है, और कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा। वे हमारे रोल मॉडल हैं, जिन्होंने हमें सही रास्ते पर चलने में मदद की है। यह दिन हमें मौका देता है उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनको जितना भी धन्यवाद दो कम ही है। आओ मिलकर शिक्षकों को धन्यवाद दें, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा।

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

वैसे तो शिक्षक दिवस का महत्व केवल एक दिन के समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए। लेकिन तब भी, शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देने और उनके योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। हमें अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दिन हमें उनके योगदान की सराहना करते हुए, उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए, क्योंकि उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।

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शिक्षक पर निबंध

Essay On Teacher In Hindi : आज के आर्टिकल में हम यहां पर शिक्षक पर निबंध शेयर कर रहे है। शिक्षक का दर्जा जीवन में सबसे उच्चा होता है। आज के आर्टिकल में आपको Essay On Teacher In Hindi के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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शिक्षक पर निबंध | Essay On Teacher In Hindi

शिक्षक पर निबंध (250 word).

विद्यार्थी जीवन में शिक्षक का अहम किरदार होता है। अध्यापक एक दीपक के समान होता है, जो खुद जल जाता है लेकिन विद्यार्थियों के भविष्य को पूरी तरह से उज्जवल कर देता है। अध्यापक के बिना हर इंसान की जिंदगी अधूरी है क्योंकि अध्यापक के माध्यम से जो सीखने को मिलता है वह कहीं पर नहीं मिल सकता। शुरुआत के दिनों में हमारी मां अध्यापक के समान होती है, जो हमें छोटी-छोटी बातें सिखाती है और उसके पश्चात हम स्कूल में अध्यापकों से मुलाकात करते हैं।

अध्यापक के रूप में मां का किरदार भी बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। मां को प्राथमिक शिक्षक भी कहा जाता है क्योंकि बच्चे को सबसे पहले शिक्षा मां के जरिए ही मिलना शुरू होती है। मेरे शिक्षक की बात करूं तो मेरी पहली शिक्षक मेरी मां है और उसके पश्चात जब से मैंने स्कूल जॉइन किया तब से हर शिक्षक के साथ मेरा अटूट संबंध रहा है।

आज भी जब मैं उनसे मिलता हूं, तो मुझे बहुत खुशी होती है। मेरे शिक्षक ने मुझे जिंदगी के बारे में बहुत महत्वपूर्ण बातें सिखाई है, जिसके लिए में आज भी उनका ऋणी हूं। शिक्षक के द्वारा हमें जो ज्ञान दिया गया है, जिसको हम किसी भी कीमत पर नहीं चुका सकते हैं। शिक्षकों को ज्ञान का भंडार भी कहा जाता है।

शिक्षक पर निबंध (600 Word)

शिष्य के मन में सीखने की इच्छा जागृत करने वाला और शिक्षा देने वाला शिक्षक कहलाता है। शिक्षक बालक के भविष्य का निर्माता होता है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक है, जो किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। शिक्षकों का कार्य बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छे शिक्षक का मिलना दुर्लभ है। गुरु ही नई पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देकर समाज और देश के लिए एक आदर्श नागरिक तैयार करता है।

शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं। यह संस्कारों की जड़ों में खाद देता हैं और अपने श्रम से सींच कर उन्हें शक्ति में परिवर्तित करते हैं। राष्ट्र के वास्तविक निर्माता उस देश के शिक्षक होते हैं। किसी राष्ट्र का मूर्त रूप वहां के नागरिक होते हैं। शिक्षक का कार्य अच्छी शिक्षा देकर राष्ट्र को अच्छे नागरिक प्रदान करना होता है।

शिक्षक का महत्व

अनादि काल से ही गुरु के द्वारा दिये गये ज्ञान के कारण गुरु का गुणगान किया गया है। ऐसे ही ज्ञानी गुरुओं के कारण भारत को जगतगुरु कहलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक महत्वपूर्ण घटक होते हैं। शिक्षा को लेकर समाज ने जो उद्देश्य इच्छाएं रखी होती है। उन सब की पूर्ति मैं शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक का दायित्व भगवान जैसा होता है। वह समाज और राष्ट्र के उद्देश्यों की पूर्ति करता है। शिक्षा प्रणाली कोई भी और कैसी भी हो, उसकी सफलता शिक्षक पर निर्भर करती है। बालक के मानसिक विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। निपुण शिक्षक अपनी शिक्षण शैली से नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करता है।

शिक्षा वह प्रणाली है, जो बालक के आंतरिक गुण व शक्तियों को प्रदर्शित करती है । एक कुशल शिक्षक वही होता है, जो बालक के आंतरिक गुणों व शक्तियों को पहचान कर उसे विकसित कर सकता है और यह अच्छे शिक्षक बिना संभव नहीं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे समाज के अनुकूल बनाने का दायित्व शिक्षक का होता है। शिक्षक ही व्यक्ति को उसके सामाजिक मूल्यों व आदर्श से अवगत करवाता है। उसे अपने आदर्शों मूल्यों कर्तव्यों का निर्वहन किस प्रकार करना है, यह शिक्षक ही बताता है।

शिक्षक के कार्य

शिक्षक का महत्व पूर्ण कार्य व्यक्ति के आंतरिक गुणों का विकास करना, अच्छे नागरिक का निर्माण करना, मूल प्रवृत्तियों पर नियंत्रण करना ,अच्छे भविष्य का निर्माण करना, चरित्र निर्माण करना,आदर्श नागरिक के गुणों को विकसित करना, राष्ट्रीय भावनाओं का संचार करना, स्वयं की राष्ट्रीय संस्कृति व गौरव से परिचित करवाना,उद्देश्य पूर्ण शिक्षा से सुंदर भविष्य और समाज का निर्माण करना।

मार्गदर्शक, गुरु होने के साथ-साथ शिक्षक हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो हमारे जीवन में बहुत ही मददगार साबित होती है। वे लोग सौभाग्यशाली होते है, जिनको अच्छा शिक्षक मिलता है। एक शिक्षक का मुख्य कार्य शिक्षा देना होता हैं। वह अपने छात्रों को अच्छे तरीके से सिखाने की कोशिश करता है। शैक्षणिक ज्ञान देने के साथ-साथ वह व्यक्ति को नैतिक ज्ञान भी देता है। एक बेहतर व्यक्ति अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा शिक्षक से ही प्राप्त होती है।

शिक्षक और शिष्य का रिश्ता

एक शिक्षक और शिष्य का रिश्ता सुंदर व महत्वपूर्ण होता है। वेदों में भी गुरु की महिमा का गुणगान गाया गया है। गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम:। इस श्लोक का शाब्दिक अर्थ होता है, गुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु है, गुरु ही शंकर है, गुरूही परमब्रह्म है और सद्गुरु को प्रणाम। भारत में शिक्षकों का सम्मान करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति व आदर्श शिक्षक डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है। इस दिन संपूर्ण भारत में श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। हर काम आसान हो जाता है, जब श्रेष्ठ शिक्षक का सानिध्य मिलता है। फिर कितने भी आए जीवन में उतार-चढ़ाव, शिक्षक के चरणों में ही ठहराव मिलता है।

किसी ने कहा है कि, “सब धरती कागज करूं लिखनी सब बनराय सात समंदर की मसि करूं गुरु गुण लिखा न जाय” बच्चे अपने माता-पिता के पश्चात सबसे अधिक विश्वास अपने गुरु पर करते हैं। गुरु द्वारा कहे गए शब्द उनके मन में घर कर लेते हैं। इसीलिए अध्यापकों को अपना ज्ञान सदैव बांटते रहना चाहिए। शिक्षक के पास ही वह कला है, जो मिट्टी को सोने में बदल सकती है।

शिक्षक का मेरे जीवन में महत्व

अंत में शिक्षक को समर्पित कुछ शब्द कहना चाह्ता हूँ कि, “आपने बनाया है इस योग्य कि, प्राप्त करूं अपना लक्ष्य दिया है आपने हर समय सहारा, जब जब मुझे लगा कि अब मैं हारा”। जिस प्रकार औरत बालक को जन्म व शिक्षा देकर उसे अच्छा इंसान बनाती हैं, उसी प्रकार गुरु से अच्छी शिक्षा लेकर अच्छा नागरिक बनता है। जिस प्रकार मां बालक को जन्म देती है, उसी प्रकार शिक्षक उसे उचित शिक्षा व मार्गदर्शन देकर उसके सुंदर व उज्जवल भविष्य का निर्माण करता है। परिवार बालक की प्रथम पाठशाला होती है। माता उसकी प्रथम शिक्षिका होती है और उसके पश्चात शिक्षक ही उसके मार्गदर्शक होते हैं।

शिक्षक के रूप में किरदार निभाने वाला आदमी भगवान होता है और वह प्रसाद रूपी ज्ञान बांटता है। हमें इस ज्ञान का अपने जीवन में उपयोग करना चाहिए। भगवान के प्रसाद को कभी मना नहीं कर सकते और उसी प्रकार से शिक्षक द्वारा दिया गया ज्ञान यदि हम नहीं लेते हैं, तो हम आगे नहीं बढ़ सकते। शिक्षक एक ऐसा महात्मा है, जिसके पास ज्ञान का समुंदर भरा होता है।

हमने यहां पर “  शिक्षक पर निबंध (Essay On Teacher In Hindi) ” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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आदर्श शिक्षक पर निबंध Adarsh shikshak essay in hindi

Adarsh shikshak essay in hindi.

adarsh shikshak nibandh-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल ideal teacher essay in hindi एक आदर्श शिक्षक के बारे में जानकारी देगा हमारे आज के इस निबंध का उपयोग विद्यार्थी अपने स्कूल,कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिखने के लिए कर सकते हैं साथ मे आप अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी इस निबंध को जरूर पढ़िए तो चलिए पढ़ते हैं आदर्श शिक्षक पर निबंध को

Adarsh shikshak essay in hindi

प्रस्तावना-

हम सभी जानते हैं की एक आदर्श शिक्षक हमारे और हमारे देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है शिक्षक ही हमें शिक्षा देकर ज्ञानवान बनाता है और हम लगातार सफलता की बुलंदियों को छूते चले जाते हैं लेकिन वास्तव में आदर्श शिक्षक के विद्यार्थी सच में देश का नाम ऊंचा करने से नहीं पीछे हटते और विद्यार्थी लगातार आगे बढ़ता ही चला जाता है आदर्श शिक्षक हर एक देश की नीम होता है क्योंकि हर एक विद्यार्थी शिक्षक के द्वारा ही पढ़ाए जाते हैं

आदर्श शिक्षक का महत्व-

वास्तव में आदर्श शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण है आदर्श शिक्षक के जरिए ही हमारे समाज का,हमारे देश का नाम ऊंचा होता है क्योंकि आदर्श शिक्षक के द्वारा ही पढ़ाए गए छात्र दूर-दूर शहरों में डॉक्टर, इंजीनियर या कोई महान राजनेता बनकर देश के लिए कार्य करते है वह देश को अपने परिवार की तरह समझकर देश की सेवा करता है.आदर्श शिक्षक के द्वारा पढ़ाए गए बच्चे अपने देश को परिवार समझते हैं, देश की भूमि को अपनी माता समझते हैं और देश के प्रति अपने हर कर्तव्य को निभाते हैं वास्तव में आदर्श शिक्षक का महत्व इसलिए ही है क्योंकि आदर्श शिक्षक ही इस देश दुनिया की तस्वीर बदल सकता है ।

मेरे आदर्श शिक्षक-

मेरे आदर्श शिक्षक राजपाल यादव है जो कि हमें हमारे स्कूल में पढ़ाते थे मैंने 10वीं, 11वीं और 12वीं की पढ़ाई राजपाल यादव के जरिए ही की थी वह हमारे स्कूल में पढ़ाते थे वह वास्तव में बहुत ही इंटेलिजेंट है.वह हर एक सवाल का जवाब तुरंत दे देते थे और हमेशा किसी विषय के बारे में बहुत ही बेहतरीन और गहराई से जानकारी देते थे उनके बताने के तरीके से हम बिल्कुल भी बोर नहीं होते थे, वह हम सभी के आदर्श हैं वह हम सभी को अच्छी तरह से पढ़ाई तो करवाते ही थे.

वह हर वह कोशिश करते थे जिससे उनके हर एक विद्यार्थी एक आदर्श विद्यार्थी बन सके और जीवन में अपने माता-पिता,अपने गुरुजनों को,बड़ों को सम्मान दें. वह वास्तव में बहुत ही अच्छी शिक्षा और अच्छे तरीके से शिक्षा देते थे उनकी कोई ज्यादा उम्र नहीं थी लेकिन फिर भी वह अपने से दुगनी उम्र के अध्यापकों से भी विज्ञान विषय में काफी आगे थे उनके पढ़ाने का तरीका बेहतरीन है.अगर कोई विद्यार्थी राजपाल यादव से कोई भी सवाल करता था तो वह मना नहीं करते थे वह बार-बार उसको बताते थे जब तक कि उसको समझ में नहीं आये.

उनके अंदर सच्चाई, ईमानदारी के गुण थे.वह हर एक विद्यार्थी के साथ अच्छी तरह से पेश आते थे और हर एक विद्यार्थी को अच्छी तरह से पढ़ाई करवाते थे वह किसी भी छात्र के साथ भेदभाव नहीं रखते थे वह हमेशा खुश रहते थे.उनमें एक आकर्षण था जिसकी वजह से हर एक विद्यार्थी उनके और उनकी पढ़ाई के नजदीक रहता था.

वह कभी भी अपने विषय से नहीं भटकते थे और ना ही विद्यार्थियों को अपने विषय से भटकने देते थे वह बहुत ही प्यार से और अच्छी तरह से पढ़ाई करवाते थे लेकिन वह अनुशासनप्रिय थे वह सबसे ज्यादा क्लास में अनुशासन रखते थे वो बहुत सख्त है वह कुछ गलतियो को माफ कर देते थे लेकिन अनुशासन तोड़ना बिल्कुल भी माफ नहीं करते थे. हम सभी राजपाल यादव जी को एक शिक्षक के रूप में बेहद पसंद करते थे लेकिन वह थोड़े सख्त भी थे हम उनकी क्लास में अच्छी तरह से तैयारी करके आते थे .

आदर्श शिक्षक के गुण-

  • जैसे कि राजपाल यादव जी में गुण हैं वैसे ही ज्यादातर हर एक आदर्श शिक्षक में गुण होने चाहिए .
  • एक आदर्श शिक्षक में सच्चाई और ईमानदारी का गुण होना चाहिए.एक आदर्श विद्यार्थी को चाहिए कि वह बच्चों को दी जानेवाली शिक्षा पूरी ईमानदारी के साथ दे.
  • एक आदर्श शिक्षक को चाहिए कि वह अनुशासनप्रिय रहे कभी भी ना खुद अनुशासन तोड़े और ना ही छात्रों को अनुशासन तोड़ने दे यही एक आदर्श शिक्षक का गुण है .
  • एक आदर्श शिक्षक अपने विषय पर महारत हासिल किए हुए रहता है कोई भी उससे सवाल पूछता है तो उसका सही और सटीक जवाब देता है .
  • एक आदर्श शिक्षक अपने विद्यार्थियों को अपने देश का भविष्य समझकर उसको अच्छी तरह से शिक्षा प्रदान करता है वह पैसे के लिए नहीं बल्कि अपने देश के लिए कार्य करता है क्योंकि देश के विद्यार्थी ही देश का भविष्य होते है .
  • एक आदर्श शिक्षक किसी विद्यार्थी के द्वारा पूछे गए सवालों का सही और सटीक उत्तर देता है जिससे विद्यार्थियों को सही तरह से समझ में आता है.
  • एक आदर्श शिक्षक अपने विषय के बारे में तो अच्छी तरह से पढ़ाई करवाता ही है साथ में विद्यार्थियों में ईमानदारी और अच्छे गुणों को डालने का प्रयास करता है .

आदर्श शिक्षक के बगैर समाज और देश की तस्वीर-

वास्तव में आदर्श शिक्षक के बगैर हमारे समाज और देश की तस्वीर बदल सकती है अगर हमारे देश और समाज में आदर्श शिक्षक नहीं होंगे तो देश कभी भी तरक्की नहीं कर सकेगा क्योंकि एक आदर्श शिक्षक ही समाज को मार्गदर्शन प्रदान करता है, वह विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देता है और उन्हें शिक्षा का ज्ञान कराता है

उन्हें सही और गलत, सच्चाई और ईमानदारी का ज्ञान कराता है लेकिन आदर्श शिक्षक के बगैर समाज और देश का कुछ नहीं हो सकता समाज और देश तेजी से आगे नही बढ़ सकताता.आज हमारे देश में जरूरत है अच्छे डॉक्टर,इंजीनियर,लॉयर,कलेक्टर, वकील,मिनिस्टर की जो हमारे देश के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते है.

एक आदर्श शिक्षक के बगैर ये सब नहीं बन सकते.वास्तव में आदर्श शिक्षक के बगैर समाज और देश की अच्छी तस्वीर नहीं हो सकती.आदर्श शिक्षक के बगैर समाज की स्थिति,देश की स्थिति लगातार गिरती जाती है इसलिए हमारे देश,समाज को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श शिक्षक होने ही चाहिए.ये हमारे देश का, हमारे समाज का भविष्य हैं इनके बगैर अच्छे समाज और देश की कल्पना नहीं की जा सकती .

वास्तव में आदर्श शिक्षक ही देश का भविष्य है इनके बगैर देश की अच्छी तस्वीर नहीं हो सकती.देश की स्थिति लगातार खराब होती जाती है इसलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि वह आदर्श शिक्षकों का सम्मान करें और खुद भी एक आदर्श विद्यार्थी बने वास्तव में आदर्श शिक्षक ही हमारे देश के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते है।

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my ideal teacher essay in hindi

kamlesh kushwah

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Nice sir Best

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mera sir bahut hi acha hai unhone mujhe aj Jo kuch bhi sikhaya bataya use aj apna life me utar raha hu aur aj to kuch bhi hu apne sir ke padai Gaye usulo par khada utra hu thank hu mai sir madam

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मुझे बहुत अच्छा लगा की आप अपने गुरु को इतना सम्मान देते है.धन्यवाद प्रेमराज जी.जो गुरु को सम्मान देता है वोही जीवन में आगे बढ़ता है.

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हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व- Teacher Importance in Hindi 2020

प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में गुरु का महत्व रहा है. भारतीय संस्कृति में गुरु को ‘ गुरु ब्रह्मा है, गुरु विष्णु है, गुरु ही शंकर है, गुरु ही साक्षात परब्रह्मा है” माना गया है। इसी तरह से हमारे संस्कृति में गुरु को शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग माना गया है।

विना गुरुभ्यो गुणनीरधिभ्यो जानाति तत्त्वं न विचक्षणोऽपि । आकर्णदीर्घायित लोचनोऽपि दीपं विना पश्यति नान्धकारे ॥

संस्कृत में श्लोक का अर्थ होता है, जैसे कान तक की लंबाई आंखों वाला भी अंधकार में, बिना दिया के देख नहीं सकता, ठीक उसी तरह वीक्षण इंसान भी, गुन सागर ऐसे गुरु बिना, तत्व को जा नहीं सकता।

केरियर और बिजनेस में सफल होने के लिए शिक्षक हमारे जीवन में बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं। एक अच्छा शिक्षक समाज में अच्छे इंसान बनने और देश के अच्छे नागरिक बनने में हमारी मदद करते हैं, क्योंकि अध्यापक जानते हैं कि विद्यार्थी किसी भी देश का भविष्य है। तो चलिए आज के हमारे इस लेख में जानते हैं कि हमारे जीवन में शिक्षक का क्या महत्व है? The Importance of Teacher in Student Life.

हमारे देश में शिक्षक को प्राचीन काल से ही एक गुरु के रूप में देखा जाता है, किसी भी देश के भविष्य का विकास शिक्षकों के हाथ में होता है। हम जीवन में क्या बनते हैं यह भी शिक्षक पर निर्भर करता है। शिक्षक विश्लेषण के लिए छात्रों के दिमाग में डाटा और जानकारी भरते हैं। हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व बहुत ज्यादा होता है।

Table of Contents

हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व – Importance of Teacher in Life

किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षक उसके भविष्य का निर्माता होता है। वह अपने परिश्रम के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के जीवन को सवार सत्ता है। शिक्षक एक माली की भांति होता है और हम पुष्प की भांति होते हैं, वहीं विद्यालय एक बगीचे के समान होता है। झांसी क्षक अपने परिश्रम के द्वारा उस छात्र रूपी फूल को अपने सानिध्य में बड़ा करता है और हमारे जीवन के प्रत्येक मोड़ पर कोई ना कोई शिक्षक की भूमिका निभाता है। वह चाहे माता-पिता हो या फिर हमें कठिन समय में मार्गदर्शन करने वाला कोई भी व्यक्ति हो सकता है।

हमारे जीवन में शिक्षक का स्थान

हमारे जीवन का शिक्षक का बहुत ही बड़ा स्थान है। एक शिक्षक के लिए एक विद्यार्थी कोरे कागज की तरह होता है। जिसमें को किसी भी प्रकार से ढाल सकता है। एक शिक्षक के परिश्रम के द्वारा ही हममें से कई लोग वकील, डॉक्टर, अधिकारी या सैनिक या कोई वैज्ञानिक बनता है। शिक्षक हमेशा अपने अंदर की क्रोध और घृणा को किनारे कर सहनशीलता और अच्छे व्यवहार के माध्यम से हमारे जीवन में मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षक को एक ईश्वर की भांति ही माना गया है। उसका पद हमेशा आदरणीय होता है। इसलिए हम इतना जरूर कर सकते हैं कि हम उनका सम्मान करें।

वास्तव में देखा जाए तो गुरु को ईश्वर के समान ही दर्जा प्राप्त रहता है। उनका स्थान सदैव आदरणीय ही रहेगा। प्राचीन काल में विद्यार्थी गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त करके सभी प्रकार से सफल और परिपक्व होने के पश्चात गुरु दक्षिणा देकर गुरुकुल से लौटे थे। यह वही समय था जब इन विद्यार्थियों को वेद, शास्त्र पुराण, मानवीय मूल्य, सामाजिक जीवन का ज्ञान सिखाया जाता था। लेकिन समय के बदलने के साथ-साथ स्थिति में भी बदलाव आते गए। आज स्थिति बिल्कुल अलग है आज विद्यार्थी को केवल कुछ पाठ्यक्रम पर आधारित ज्ञान देकर परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात परिपक्व मान लिया जाता है। बाकी के कुछ नैतिक जीवन से संबंधित मूल्यों व अपने परिवार से भी सीखते हैं इस प्रकार माता-पिता भी उनके लिए एक शिक्षक के समान ही होते हैं।

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आज सब लोग शिक्षक दिवस पर केवल भाषण देते हैं लेकिन शिक्षकों के देय शिक्षा को भूल जाते हैं। सोशल मीडिया पर शिक्षकों के बारे में कुछ पोस्ट डालते हैं और भूल जाते हैं। लोग शिक्षकों से सीखने के बजे उन्हें भूलते जाते हैं।

स्कूल में छात्र शिक्षक दिवस के अवसर पर खूब जश्न मनाते हैं और शिक्षकों का सम्मान करते हैं, बहुत अच्छी बात है पर इसमें भी शिक्षक के पाठों का पालन नहीं करते। किसी भी शिक्षक को खुशी तभी मिलती है जब एक छात्र अच्छा इंसान बन जाता है और अपने कैरियर और बिजनेस में सफल हो जाता है। वैसे सभी शिक्षक शिक्षा में समान नहीं है और सभी छात्र भी आधुनिक युग में शिष्य और गुरु की तरह नहीं है। जोकि की कुछ शिक्षक महान होते हैं जो हमेशा अपने छात्रों के दिलों में कई सालों तक रहते हैं।

शिक्षक की भूमिका विद्यार्थी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। इसी बात को समझते हुए अध्यापक की कुछ उत्तर दायित्व है जिन्हें निभाना उनकी एक आवश्यक जिम्मेवारी है।

जैसे – बच्चों का हृदय बहुत कोमल और नाजुक होता है। बिना केबल शिक्षक बल्कि अपने आसपास के वातावरण से भी काफी कुछ सीखते हैं।

वे इस बात का ध्यान देते हैं कि शिक्षक के हाव भाव किस प्रकार के होते हैं। उनके बोलने का लिहाज भी उन्हें प्रभावित करता है। उनका भाषा प्रयोग अपने बच्चों पर अमित प्रभाव छोड़ता है। उनकी मृदु बानी उन्हें सदैव आकर्षित करती है। अंतः अध्यापक को अपने क्रोध, अहंकार और लोग को बच्चों के समक्ष कभी प्रदर्शित नहीं करना चाहिए क्योंकि यह मानव के सबसे बड़े शत्रु कहलाते हैं।

आदर्श अध्यापक के गुण – Qualities of ideal t eacher

आज हमारे समाज ऐसे अनेक उदाहरण है जो अध्यापक की परिभाषा को पूर्ण करने में भूमिका अदा करते हैं। हिना द पार्क में अच्छे और श्रेष्ठ गुणों का भंडार होता है। या समय का सदुपयोग करते हैं इनके लिए समय अमूल्य होता है और इसलिए समय का पालन करते हुए अपना प्रत्येक कार्य योजना अनुसार करते हैं। यह समय का पालन करते हुए अपने प्रत्येक कार्य को अपने योजना अनुसार ही करते हैं। यह समय की उपयोगिता को ध्यान में रख कर के अपना ज्ञान प्रदान करते हैं। इनमें नम्रता और श्रद्धा के भाव भरे होते हैं। क्रोध और घृणा इनके लिए उचित नहीं होता, एक अच्छा शिक्षक में सहनशीलता, सही व्यवहार को अपनाकर के बच्चों को सही शिक्षा प्रदान कर उनका मार्गदर्शन करना होता है। यह उनके भविष्य को उज्जवल बनाते हैं उन्हें बेहतर इंसान बनाते हैं यह अनुशासन प्रयोग बनते हुए बच्चों को अनुशासन का महत्व सिखाते हैं।

वर्तमान समय में शिक्षक

वैसे तो शिक्षक हमेशा से ही सर्वोपरि रहे हैं। आज भी वह सभी लोगों के लिए आदर्श और माननीय है। उनका महत्व इसी बात से पता चलता है कि वह बच्चों के लिए ऐसे पथ प्रदर्शक होते हैं जो अपने परिश्रम और तप से बच्चों के चरित्र का निर्माण करते हैं। वह बच्चों के प्रेरक है जो उन्हें कुछ कर दिखाने की प्रेरणा देते हैं। उनमें श्रद्धा और विवेक की अखंड ज्योति होती है जो चारों और अपने प्रकाश से उजियारा फैलाती है। यही बच्चों को राम, लक्ष्मण और महान पुरुषों से अवगत करा करके उनके गुणों से अवगत कराते हैं और उनमें ज्ञान का संचार करते हैं। यह अपने छात्रों को अपमानित ना करके बल्कि उचित अनुचित का निर्णय करना सिखाते हैं।

Lord Gautama Buddha in Hindi – भगवान गौतम बुध की जीवनी

शिक्षक की लोकप्रियता का कारण

एक शिक्षक हमें बिना किसी स्वार्थ के सफलता का रास्ता दिखाता है। शिक्षक एक अच्छे व्यवहार और नैतिक के व्यक्ति के लिए बहुत ही अच्छी तरह से विद्यार्थी को शिक्षित करता है। शिक्षक विद्यार्थी को अकादमी रूप से बेहतरीन बनाते हैं और जीवन में हमेशा अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

एक शिक्षक कभी भी अपने अच्छे और बुरे विद्यार्थी में भेदभाव नहीं करता उसके लिए सभी विद्यार्थी एक समान होते हैं। एक शिक्षक अपने प्रयासों से कमजोर बच्चों को भी समझदार बना देता है और उसे प्रगति के मार्ग पर ले आता है। एक महान शिक्षक अपने विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए अपना पूरा जीवन व्यतीत कर देता है।

जो छात्र दूसरे छात्र से अलग होते हैं वह उन्हें अलग प्रकार से समझते हैं जिससे वह भी शिक्षा ग्रहण कर सके, एक शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने प्रत्येक छात्र को शिक्षा देता है और उसे अपने जीवन में प्रगति करने के योग्य बनाता है। अनेक समर्थ कार्य की तुलना किसी अन्य कार्य से नहीं की जा सकती है।

एक अच्छा शिक्षक ही अपने सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखता है। एक अच्छा शिक्षक अपने विद्यार्थी के खाने की आदत, स्वच्छता का स्तर, दूसरों से व्यवहार और पढ़ाई लिखाई की ओर एकाग्रता के बारे में जानता है। शिक्षक कभी भी अपने धैर्य नहीं होता और हर विद्यार्थी को उसके अनुसार पढ़ाता है। एक शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थी को अच्छी और ज्ञान पूर्ण बातें ही बताता है।

जीवन में विजय और सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा एक बड़ी क्षति होती है इसीलिए देश के भविष्य को और युवाओं के जीवन की जिम्मेवारी शिक्षक को दी जाती है। एक शिक्षक ही बच्चों को बचपन से सामाजिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से का बिल बनाता है।

कक्षा में आने से पहले ही शिक्षक अपने शिक्षा के विषय को सुनिश्चित कर लेते हैं। शिक्षकों को पढ़ाने की खासियत अलग होती है वह विषय के अनुसार अपने ज्ञान, कौशल और व्यवहार को बदल लेते हैं। वे अपने जीवन का सबसे बेहतरीन प्रयास करते हैं और हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं।

शिक्षक बनने के लिए परिश्रम

एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए बहुत परिश्रम करनी पड़ती है। हमेशा अपने से बड़ों का आदर करो और उनकी हर बात मानो। माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए और उनकी किसी भी बात को काटना नहीं चाहिए। माता-पिता और बड़ों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। समाज के और अपनी शिक्षा के प्रति एकाग्रता को बढ़ाना चाहिए।

अपने शिक्षकों द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को ग्रहण करना चाहिए और परीक्षा के परिणाम अच्छे और मेहनत से करने चाहिए। एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए हृदय में एकता का भाव होना चाहिए। किसी भी व्यक्ति से भेदभाव नहीं करना चाहिए। हर किसी को एक नजर से देखना चाहिए और अपने से छोटों को हमेशा अच्छी बातें बताना चाहिए और सहपाठियों से हमेशा एकता बनाकर रखना चाहिए, अपने शिक्षकों से हमेशा प्रेरणा लेना चाहिए।

Biography of Albert Einstein in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टाइन महान विज्ञानिक जीवनी

शिक्षक के लिए संस्कृत श्लोक और दोहे

गुरु अमृत है जगत में, बाकी सब विषैला,

सतगुरु संत अनंत है, प्रभु से करदे मेल।

गुरु की महिमा आदिकाल से लेकर वर्तमान तक है और आगे भी यथावत ही रहेगी, गुरु समाज को शिक्षित कर किसी भी देश को बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस चलते गुरु को हमारे समाज में पूजनीय माना जाता है। हमारी संस्कृति में गुरु को पूजनीय और आदरणीय माना गया है इस चलते गुरु के ऊपर कई बड़े दोहे और संस्कृत में श्लोक भी हैं।

गुरु बिन ज्ञान ना होता है, गुरु बिन दिशा आज़ान,

गुरु बिन इंदिराना सांधे, ग्रुप बिन बड़ेन ना शान।

गुरु मन में बैठत सदा, गुरु है ब्रह्म का काल,

गुरु अवगुण को मेटत, मेट सभी भ्रम जाल।

वही जो सीख ले,

शिष्य वही जो सीख ले, गुरु का ज्ञान अगाध, भक्तिभाव मन में रखे, चलता चले अबाध। गुरु ग्रंथन का सार है, गुरु है प्रभु का नाम, गुरु अध्यात्म की ज्योति है, गुरु हैं चारों धाम।

अंधकार से खींचकर

अंधकार से खींचकर, मन में भरे प्रकाश, ज्यों मैली चुनरी धुले, सोहत तन के पास। गुरु की कृपा हो शिष्य पर, पूरन हों सब काम, गुरु की सेवा करत ही, मिले ब्रह्म का धाम। गुरु अनंत तक जानिए, गुरु की ओर न छोर, गुरु प्रकाश का पुंज है, निशा बाद का भोर।

हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व और शिक्षक के जीवन को समझना आसान नहीं है लेकिन हम उन्हें एक अच्छा इंसान बनकर के उपहार देकर उनकी मदद कर सकते हैं।

आशा करता हूं कि आपको इस पोस्ट में शिक्षक का महत्व पता चला होगा, अगर आप एक विद्यार्थी है तो इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर जरूर साझा करें।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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Nibandh

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरे प्रिय अध्यापक कौन है - उनके व्यक्तित्व - आज के अध्यापकों से तुलना - उनके अंदर का ज्ञान - खेल कूद आदि में उनकी दिलचस्पी - स्नेहपूर्ण व्यवहार - आदर्श जीवन - उपसंहार।

अध्यापक का हमारे जीवन में अधिक महत्व है। अध्यापक हमारे जीवन में वह व्यक्ति होता है, जो हमें अच्छी शिक्षा के साथ बहुत सी अन्य महत्वपूर्ण चीजों को सिखाता है। एक अध्यापक अपने विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। वह हमारे जीवन में विकास की प्रारम्भिक अवस्था से हमारे परिपक्व होने तक बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हमें और हमारे भविष्य को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने की ओर मोड़ देते हैं।

अपने छात्रजीवन में मुझे अनेक अध्यापकों से स्नेह तथा मार्गदर्शन मिला है, लेकिन इन सबमें जयंत पाटिल मेरे प्रिय अध्यापक रहे हैं। सचमुच, उनके जैसा अपार ज्ञान, असीम स्नेह और प्रभावशाली व्यक्तित्व बहुत कम अध्यापकों में पाया जाता है।

पाटिल सर का कद लंबा और रंग गोरा है। उनकी आँखें चमकीली हैं। उनकी आवाज गंभीर, स्पष्ट और प्रभावशाली है। उनका शरीर फुर्तीला और स्वस्थ है। वे हमेशा तेज़ चाल से चलते हैं। वे प्रायः सफेद धोती-कुर्ता अथवा सफारी सूट पहनते हैं।

आज के कई अध्यापक अपने पद को केवल अर्थप्राप्ति का साधन मानते हैं और विद्यार्थियों के सामने किताबों के पन्ने पलट देने को ही पढ़ाना समझते हैं। मानो सच्चे ज्ञान-दान और चरित्र-निर्माण से उन्हें कोई मतलब ही न हो। लेकिन पाटिल सर के बारे में यह बात नहीं है। वे अध्यापक-पद के गौरव और उसकी जिम्मेदारी को भली-भाँति समझते हैं और अपने कर्तव्यों का पूर्ण रूप से निर्वाह करते हैं।

पाटिल सर विद्वान व्यक्ति हैं। उनका अंदर का ज्ञान ही उन्हें आज सब छात्रों का प्रिय बनाया है। विज्ञान, गणित और समाजशास्त्र में भी उनकी रुचि कम नहीं है। अंग्रेजी व्याकरण वे इस प्रकार समझाते हैं कि सारी बातें कक्षा में ही कंठस्थ हो जाती हैं। हिंदी भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार है। कोई भी विद्यार्थी अपनी शंका, बिना किसी भय और हिचकिचाहट के उनके सामने रख सकता है और उसका उचित समाधान प्राप्त कर सकता है।

पाटिल सर खेल-कूद में भी बहुत रुचि लेते हैं। वे विद्यार्थियों के साथ खेल में भाग लेते हैं। नाटक, चर्चा-गोष्ठी, चित्र-प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि में वे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें समय-समय पर विविध क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। हमारे विद्यालय का ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं, जिसमें पाटिल सर का योगदान न हो।

पाटिल सर विद्यालय को एक परिवार मानते हैं। सभी विद्यार्थियों को उनका प्यार मिलता है। उन्हें क्रुद्ध (गुस्सा) होते कभी किसी ने नहीं देखा है। वे बहुत अनुशासन व्यक्ति है। वे बहुत हिमायती हैं। पढ़ाई में कमजोर छात्रों पर उनकी ममतामयी दृष्टि रहती है। परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को वे स्ने से पढ़ाते है और उन्हें उत्तीर्ण कराते हैं। कोई छात्र कमजोर होता है तो उन्हें वह अतिरिक्त अध्ययन कराते है।

पाटिल सर निरभिमानी हैं। घमंड तो उन्हें छू तक नहीं गया है। उनके चेहरे से सदा प्रसन्नता और आत्मीयता झलकती है। उनके रहन-सहन और वेशभूषा से सादगी प्रकट होती है। झूठ, लोभ, रिश्वत, ईर्ष्या आदि बुराइयों से तो वे कोसों दूर हैं। वे बहुत शांत स्वाभाव के व्यक्ति है। उनका जीवन एक आदर्श जीवन है। वे सभी छात्रों को आदर्श जीवन जीने की सलाह देते है।

वह शिक्षण की अच्छी तकनीकियों के साथ, दोस्ताना स्वभाव, हास्य, धैर्यवान और आसानी से सभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले एक अच्छे अध्यापक है। मैं उनके आज्ञाकारी विद्यार्थियों में से एक हूँ। बहुत ही उत्साहित और हमें हमेशा पढ़ाई में सबसे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे। सचमुच वे सभी के चहिते अध्यापक है और मेरे प्रिय अध्यापक भी वही हैं।

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अच्छे शिक्षक के गुण | qualities of good teacher in hindi | प्रभावी शिक्षण हेतु कुशल शिक्षक की विशेषताएं

अच्छे शिक्षक के गुण | qualities of good teacher in hindi | प्रभावी शिक्षण हेतु कुशल शिक्षक की विशेषताएं | शिक्षण और  शिक्षक का सम्बंध  – दोस्तों सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शिक्षण कौशल 10 अंक का पूछा जाता है।

शिक्षण कौशल के अंतर्गत ही एक विषय शामिल है जिसका नाम शिक्षण अधिगम के सिद्धांत है। यह विषय बीटीसी बीएड में भी शामिल है।

आज हम इसी विषय के समस्त टॉपिक को पढ़ेगे।  बीटीसी, बीएड,यूपीटेट, सुपरटेट की परीक्षाओं में इस टॉपिक से जरूर प्रश्न आता है। जिसमें आज हम एक टॉपिक पढ़ेगे । अतः इसकी महत्ता को देखते हुए hindiamrit.com आपके लिए यह टॉपिक  लेकर आया है।

qualities of good teacher in hindi | अच्छे शिक्षक के गुण | प्रभावी शिक्षण हेतु कुशल शिक्षक की विशेषताएं

अच्छे शिक्षक के गुण | qualities of good teacher in hindi | प्रभावी शिक्षण हेतु कुशल शिक्षक की विशेषताएं

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अच्छे शिक्षक के गुण | qualities of good teacher in hindi | कुशल शिक्षक की विशेषताएं | characteristics of good teacher in hindi

(1) विषय का विस्तृत ज्ञान (comprehensive knowledge of subject).

विषय के विस्तृत ज्ञान से हमारा आशय यह नहीं कि प्रत्येक शिक्षक ने स्नातक अथवा स्नातकोत्तर परीक्षाएँ ही पास की हों। यह न तो सम्भव ही है और न उचित ही।

शिक्षक के विस्तृत ज्ञान से हमारा आशय केवल इतना है कि उसे जिस कक्षा को और जिस विषय को पढ़ाना है,उसकी यथेष्ट जानकारी हो।

उसकी पूरी जानकारी न होने पर शिक्षक बालक के साथ न्याय नहीं कर सकता तथा उनकी विषय से सम्बन्धित समस्याओं को दूर नहीं कर सकता।

विषय के विस्तृत ज्ञान के लिये दो बातों की आवश्यकता है-

(A) विषय में रुचि यह एक मनोवैज्ञानिक नियम है कि जिस विषय में हमारी रुचि होती है उसे हम पूर्णतया जानने का प्रयत्न करते हैं।

अत: शिक्षक की यदि उस विषय में रुचि है तो वह उसे जानने का प्रयत्न करेगा अन्यथा नहीं।

किसी विषय में हमारी रुचि तो हो लेकिन उसे लगन से पढ़ें नहीं तो भी हमें उस विषय का पूर्ण ज्ञान नहीं हो पाता। इसलिये जिस विषय का भी विस्तृत ज्ञान शिक्षक को प्राप्त करना हो उसे लगन से पढ़ना चाहिये।

जब हमारी विषय में रुचि भी होगी और उसे लगन से पढ़ेंगे भी तो निस्सन्देह उस विषय का पर्याप्त ज्ञान प्राप्त हो सकेगा।

अत: शिक्षक को चाहिये कि बालकों को जो कुछ भी पढ़ाना है उसकी सूक्ष्म से सूक्ष्म बातों को समझने के लिये उसे लगन लगाकर स्वयं भी पढ़े।

(2) शिक्षार्थी की क्षमताओं और योग्यताओं का ज्ञान (Knowledge of capacities and capabilities of students)

यह मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि विद्यार्थी कितना ही प्रयत्न क्यों न करे वह उतना ही समझ पाता है जितनी उसकी समझने की क्षमता (Capacity) और योग्यता (Capability) है।

सभी विद्यार्थियों की किसी बात को समझने की क्षमता समान नहीं होती क्योंकि उनके शारीरिक एवं बौद्धिक स्तर तथा रुचियाँ आदि सभी समान नहीं होते।

इन विभिन्नताओं का प्रभाव बालक के सीखने पर पड़ता है। सभी बालक सभी बातों को समान रूप से नहीं सीख सकते।

इसलिये शिक्षक को चाहिये कि वह बालकों की विभिन्नताओं को समझे और उसी के अनुसार उन्हें शिक्षा दे।

जो शिक्षक बालकों को नहीं समझ सकता । वह यह नहीं समझ सकता कि किस बालक को कौन-सी बात और किस परिस्थिति में सिखानी चाहिये?

अत: शिक्षक को चाहिये कि वह यह जानने का प्रयत्न करे कि कौन-सा बालक कितना सीख सकता है और किस प्रकार सीख सकता है?

(3) शिक्षण विधियों का ज्ञान (Knowledge of teaching techniques)

विषय और बालकों को भली-भाँति समझने के पश्चात् तीसरी बात जो एक शिक्षक को जाननी चाहिये वह है-शिक्षण विधियों का ज्ञान।

एक समय था जब शिक्षक आँख मीचकर विद्यार्थियों से अपनी ही बात कहता जाता था।

जब विद्यार्थियों को अपनी बात कहने को कोई स्थान नहीं था तो वे शिक्षक की बात को लापरवाही से सुनते थे । और परिणाम यह होता था कि शिक्षक अपने दायित्व को पूर्ण हुआ समझ लेता था, जबकि बालक कुछ भी नहीं समझ पाते थे।

आज मनोविज्ञान यह कहता है कि ऐसे बालकों से यदि बीच में कोई प्रश्न पूछ लिया जाय तो वे ही सतर्क नहीं होते । अपितु उनके साथी भी सतर्क हो जाते हैं।

परिणामत: बात उनकी समझ में आ जाती है। ऐसे ही मनोवैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित शिक्षण की कई विधियाँ हैं।

इन विधियों के अनुसरण से शिक्षण को और भी अधिक प्रभावकारी बनाया जा सकता है । परन्तु इसका आशय यह कदापि नहीं कि कोई भी एक शिक्षण विधि सभी परिस्थितियों में समान रूप से प्रभावकारी सिद्ध हो।

कभी कोई शिक्षण विधि अधिक प्रभावकारी सिद्ध होती है तो कभी कोई ।

अतः शिक्षक को चाहिये कि जिस परिस्थिति में जो भी प्रभावकारी सिद्ध हो उसी विधि से पढ़ाना उपयुक्त रहता है। यह तभी सम्भव है जब शिक्षक को विभिन्न शिक्षण विधियों की जानकारी हो।

(4) जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी (Knowledge of various field of life)

शिक्षा का उद्देश्य बालकों को किसी नयी बात का ज्ञान देना ही नहीं अपितु शिक्षा के व्यावहारिक पक्ष की शिक्षा देना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना उसका सैद्धान्तिक पक्ष ।

शिक्षण में भी शिक्षा के दोनों पहलुओं पर सम्मान बल देना है। शिक्षा के व्यावहारिक पक्ष (Application) की समुचित शिक्षा देने के लिये यह आवश्यक है कि शिक्षक को जीवन के विभिन्न पहलुओं और क्षेत्रों का ज्ञान हो।

क्षेत्रों से हमारा तात्पर्य जीवन की उन विभिन्न परिस्थितियों से है, जिनमें होकर व्यक्तियों को गुजरना पड़ता है। एक कुशल शिक्षक को उन परिस्थितियों का समुचित ज्ञान होना चाहिये।

(5)  कुशल अभिव्यक्ति (Impressive expression)

किसी बात का ज्ञान होना एक बात है और उसे दूसरों तक पहुँचाना दूसरी बात। गूंगा व्यक्ति बहुत-सी बातें जानता है लेकिन वह उन्हें दूसरों को नहीं बता सकता।

किसी बात को दूसरों तक पहुँचाना ही अभिव्यक्ति है। कभी-कभी यह भी देखने में आता है कि कोई व्यक्ति अपनी बात बड़ी सरलता और प्रभावकारी ढंग से दूसरों तक पहुँचा देता है।

जबकि कुछ अन्य बार-बार प्रयत्न करने पर भी उतनी अच्छी तरह अपनी बात दूसरों तक नहीं पहुँचा पाते। यही कुशल अभिव्यक्ति है।

एक शिक्षक पर्याप्त ज्ञान रखते हुए भी यदि अभिव्यक्ति में कुशल नहीं है तो वह अच्छा शिक्षक नहीं बन सकता। वह अच्छा क्लर्क हो सकता है, अच्छा प्रशासक बन सकता है लेकिन अच्छा शिक्षक नहीं।

अभिव्यक्ति भी दो रूप हैं-मौखिक और लिखित । कुशल शिक्षक को वैसे तो दोनों में ही योग्य होना चाहिये फिर भी उसके लिये मौखिक अभिव्यक्ति की सबलता बहुत ही अधिक आवश्यक है तथा मौखिक अभिव्यक्ति के लिये विषय-ज्ञान, सरल एवं सुस्पष्ट भाषा, शुद्ध उच्चारण तथा प्रभावकारी शैली आवश्यक है।

(6) सहानुभूति (Sympathy)

बालकों के प्रति शिक्षक की सहानुभूति शिक्षक को बालकों की दृष्टि से श्रद्धालु बना देती है। श्रद्धालु शिक्षक बालकों से भले ही कुछ न कहे बालक स्वत: ही अध्ययनशील बन जाते हैं।

पढ़ने में आलस करना, अनुशासन भंग करना आदि विरोधी कार्यों को वे इसलिये नहीं करते कि ऐसे कार्यों को करने से उनके शिक्षक की प्रतिष्ठा में कमी आ जायेगी।

केवल अपने श्रद्धालु शिक्षक की प्रतिष्ठा का ध्यान रखते हुए बालक निन्दनीय कार्यों को करने से डरते हैं। इसके विपरीत जो शिक्षक बालकों के प्रति कठोर होते हैं। उनकी कठोरता बालकों में ऐसे हीनभाव उत्पन्न कर देती है।

जो उनके द्वारा किसी बात को सीखने में बाधक होते हैं। उदाहरण के लिये, पीटने वाले शिक्षक से भय। भय खाने वाले बालक जिस शिक्षक से भयभीत होते हैं उसकी उपस्थिति में पढ़ नहीं सकते।

(7) सहयोग (Cooperation)

बालक ही नहीं अपितु किसी भी व्यक्ति के साथ सहयोग से कार्य करने पर वह कार्य अधिक सुव्यवस्थित रूप से एवं कम समय में हो जाता है।

शिक्षा में भी बालकों के सहयोग से शिक्षण सफल एवं सुचारु रूप से चलता रहता है।

सहयोग से यहाँ हमारा तात्पर्य है कि शिक्षक बालकों की व्यक्तिगत कठिनाइयों को ध्यान में रखकर शिक्षण का कार्य करे। उनकी कठिनाइयों को सुने और उन्हें यथासम्भव दूर करने का प्रयत्न करे। संक्षेपत: शिक्षक विद्यार्थी के लिये सब कुछ है, वह-

(1) एक पिता है क्योंकि पिता का प्रेम उससे विद्यार्थी को मिलता है।

(2) वह उसका मित्र है क्योंकि हर विषम परिस्थिति में वह उसका सहायक है।

(3) वह उसका मार्गदर्शक है क्योंकि जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में विद्यार्थी को मार्गदर्शन शिक्षक से ही मिलता है।

(4) वह उसका अग्रगामी है क्योंकि बहुत-सी बातें विद्यार्थी उसी के पदचिह्नों पर चलकर पूरी करते हैं ।

(5) वह सुधारक है क्योंकि बालक जीवनयुक्त होते हुए भी उस मिट्टी के ढेले के समान है, जिसका अपना कोई अस्तित्व नहीं परन्तु कुम्भकार उसे भाँति-भाँति के सुन्दर बर्तनों का रूप दे देता है। ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी बालक को सुधार कर वास्तविक रूप देता है।

(6) शिक्षक मानव निर्माता है क्योंकि बालकों में सच्ची सूझबूझ शिक्षक की सीख द्वारा ही आती है। उसकी सच्ची शिक्षा द्वारा ही बालक सच्चा मानव बन पाता है।

(7) सरल एवं सुस्पष्ट भाषा

भाषा की सरलता से हमारा तात्पर्य यह कदापि नहीं शुद्ध और साहित्यिक भाषा का प्रयोग किया ही नहीं जाय, अपितु सरलता से हमारा आशय केवल इतना ही है कि कक्षा के स्तर को दृष्टिगत रखते हुए ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाय, जिससे सुनने वाला सरलता से उसका अर्थ ग्रहण कर सके।

इसी प्रकार भाषा की सुस्पष्टता का आशय लिंग, वचन आदि का ध्यान रखते हुए ऐसी भाषा के प्रयोग से है जिसे सुनने वाला समझ सके। एक कुशल शिक्षक को सफल अभिव्यक्ति के लिये सदैव सरल एवं सुस्पष्ट भाषा का ही प्रयोग करना चाहिये।

(8) उच्चारण की शुद्धता

सभी भाषाओं में कुछ न कुछ शब्द ऐसे अवश्य होते हैं जिनका उच्चारण बहुत कुछ मिलता-जुलता है। ऐसे शब्दों में परस्पर भेद स्थापित करना उच्चारण की शुद्धता पर आधारित है।

यदि बोलने वाला शब्दों का उच्चारण ठीक-ठीक करता है तो समझने वाला भी उसका ठीक-ठीक अर्थ ग्रहण कर लेता है, अन्यथा नहीं।

तोतले बालकों की बातें देर से समझ में आने का यही कारण है कि उनके शब्दोच्चारण में नहीं होती। एक कुशल शिक्षक में इस गुण का होना भी आवश्यक है।

(9) सद्व्यवहार (Good Behaviour)

सद्व्यवहार में वह शक्ति है कि बड़े से बड़े अभिमानी व्यक्ति भी उसके सामने झुक जाते हैं।

इन सिद्धान्तों के प्रकाश में यदि हम शिक्षण के सम्बन्ध में विचार करें तो यह मानना पड़ता है कि जो शिक्षक अपने छात्रों को जितना प्यार करता है वे उतने ही उसके निकट आकर बहुत-सी बातें स्वत: ही सीख लेते हैं।

यदि शिक्षक व्यवहार-कुशल नहीं है तो भी उसका शिक्षण प्रभावोत्पादक नहीं हो सकता क्योंकि-

(1) बालकों को चरित्र की शिक्षा अप्रत्यक्ष रूप में शिक्षक के व्यवहार से ही मिलती है।

(2) शिक्षक का सद्व्यवहार उनमें कुछ ऐसे गुणों को जन्म देता है, जो बालकों की स्वतः उन्नति और चरित्र-निर्माण में सहायक है।

इसीलिये प्रत्येक शिक्षक के प्रति बालकों की श्रद्धा नहीं होती। अत: सफल शिक्षण के लिये शिक्षक का व्यवहार बालकों के प्रति अच्छा होना चाहिये।

शिक्षण और शिक्षक का संबंध

शिक्षण और शिक्षक (Teaching and Educator) शिक्षण को चाहे हम द्विअंगीय प्रक्रिया माने या त्रिआंगिक किन्तु यह निर्विवाद है कि उसमें शिक्षक का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है।

प्राचीन काल में तो शिक्षक का सर्वोपरि स्थान था। वह उस कुम्भकार से किसी प्रकार भी कम नहीं था जो मिट्टी को जैसा चाहे वैसा आकार प्रदान कर देता है।

प्राचीन काल में शिक्षक भी अपने शिष्यों को जीवन के जिस ढाँचे में ढालना चाहता, ढाल देता था। धीरे- गरे समय ने करवट ली और आज शिक्षक का उतना महत्त्वपूर्ण स्थान नहीं रहा जितना कभी था।

आज धीरे-धीरे यह माना जाने लगा है कि शिक्षार्थी भी शिक्षण प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। क्योंकि उसकी शारीरिक और मानसिक क्षमता, रुचियाँ, अभिरुचियाँ एवं मनोवृत्तियाँ उसके किसी बात को सीखने या न सीखने देने में महत्त्वपूर्ण योग देती हैं।

शिक्षार्थी के बदलते हुए विचारों और दृष्टिकोणों को जो शिक्षक भली-भाँति नहीं समझ सकता वह उसे कोई बात प्रभावकारी ढंग से नहीं समझा सकता।

यह सत्य है कि शिक्षण की प्रक्रिया में शिक्षक का स्थान सर्वेसर्वा नहीं रहा, परन्तु साथ ही साथ यह भी सत्य है कि उसका स्थान इस महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया में सर्वोपरि है।

हाँ, यह दृष्टिकोण की भिन्नता अवश्य स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है कि पहले वह गुरु था । आज वह केवल मार्ग निर्देशक के रूप में रह गया है परन्तु यदि गहरायी से विचार किया जाय तो मार्ग-निर्देशक का कार्य भी किसी भी प्रकार से कम महत्त्वपूर्ण नहीं।

वह व्यक्ति कभी भी मार्ग-निर्देशन का कार्य नहीं कर सकता, जिसे विभिन्न मार्गों की सरलताओं और जटिलताओं का ज्ञान न हो।

इसी प्रकार वह शिक्षक भी दूसरों का पथ-प्रदर्शक नहीं बन सकता, जिसे शिक्षा के विभिन्न स्रोतों और क्षेत्रों का पूर्ण ज्ञान न हो परन्तु यह कार्य कुशल शिक्षक ही कर सकता है, सभी नहीं।

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Hindustan Hindi News

Teacher's Day Essay: शिक्षक दिवस पर आसान निबंध, हर कोई करेगा आपकी तारीफ

Teacher's day essay: शिक्षक दिवस पर बच्चों के लिए आसान निबंध। 5 सितंबर के दिन टीचर्स डे पर ये शानदार निबंध ये सब आपकी तारीफ करेंगे। इसे आप भाषण में नहीं इस्तेमाल कर सकते हैं।.

Happy Teacher's Day: शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को आभार प्रकट करते हैं। शिक्षण दिवस के दिन सभी स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, वे हमें ज्ञान और जीवन के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

शिक्षक दिवस को 5 सितंबर के दिन इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक आदर्श शिक्षक थे। महान शिक्षक के रूप में उनकी सेवा के लिए उन्हें 1954 में भारत रत्न दिया गया था। 1962 से हर वर्ष हमारे देश में 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस को भारत में सभी शिक्षकों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चे शिक्षक बनकर भी जाते हैं, उन्हें अपने से छोटी क्लास के छात्रों को पढ़ाने का अवसर दिया जाता है। स्कूलों में छात्रों के लिए निबंध, भाषण, चित्रकला और वाद-विवाद की प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता है।

शिक्षक दिवस के छात्र- छात्राएं अपने शिक्षकों के सम्मान में भाषण या कविता पढ़कर उनके प्रति अपने आभार को प्रकट करते हैं। शिक्षक हमारे जीवन से अज्ञानता को दूर करते हैं। हमारे भविष्य को ज्ञान की रोशनी से भरते हैं। शिक्षक हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। शिक्षक हमें जीवन के हर एक नए मोड़ पर आने वाली सभी कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देते हैं।

इस निबंध को भाषण के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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Essay on “An Ideal Teacher” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

An Ideal Teacher

5 Best Essays on ” An Ideal Teacher”

Essay No. 01

India is famous for its ideal teachers. In olden times, we had very great teachers. They lived a life of simplicity and service. They never cared for money. Knowledge was there was the aim. We can see examples of scarifies in the city of Kashi even now.

There are many teachers in my school. They are all very good teachers. But I like Mr. Dixit most. Mr. Dixit is an ideal teacher of our school. He puts on a white Khadar Kurta and a coarse dhoti. On his head, he wears a Gandhi cap of white color personality you can easily know him by his simplicity. He is strong and healthy.

Mr. Dixit is a man of regular and simple habits. He is one of those who go two kilometers every day for a walk early in the morning. He eats simple food and lives a simple life. He is very punctual in everything. He never comes late to school. He comes to the classroom as soon as the bell rings.

His method of teaching is very fine. When he explains a new thing, he begins with a simple thing and makes it difficult by and by. He stands while he teaches. He uses the blackboard freely. He makes his lesson interesting with simple examples and stories. He is always cheerful and humorous. He often makes us laugh by saying funny things. His speech is loud and clear. He laughs by saying funny things. His speech is loud and clear. He is really a learned teacher. He does not go on teaching even after the ringing of the bell. He has created in us a taste for English.

He has a gentle heart. He never uses a cane. he loves us all and we love and admire him and fear him. He is ever ready to solve our difficulties. He encourages the poor boys and tries to get them freeship and scholarships. Whenever we make a mistake or show carelessness he rebukes us privately. He keeps an eye on the character of everybody. He is our true guide and friend. So he is very popular with the boys and everyone is ready to obey him. He is popular among the teachers also. He never makes any remark lightly. He never cracks jokes to hurt the feeling of others. His words carry weight with the Principal also. He does not talk too much, but when he speaks, people hear him.

He is a good player also. He takes part with interest in all the games of the school. He is a good speaker. He encourages us to speak at the meetings of the literary club. In short, he has all the qualities of an ideal teacher. He is liked by all. We respect him. He always helps us in solving our school problems. Mr. Dixit is really a model to all of us. We like his ideal ways and habits.

Essay No. 2

The most respected person in one’s life is a teacher. The person who shows you the right path and tries to take out all evil from you is the teacher. The parent gives you birth and brings you up but the teacher makes you a human by ridding you of all unnecessary and unwanted elements. He makes you fit to raise your head high in society. He shows you the way to righteousness.

Very few people are fortunate enough to meet good teachers. A good teacher is an incarnation of God. Indian history is replete with great teachers who have left indelible impressions on the history of India.    

The teachers of modern life are no doubt, a changed lot. Teaching has ceased to be just a service of God’s people. It is also taken up as a profession as the others are. So the teachers also sell their services and talents as other professionals do. The profession of a teacher continues to be an honorable one and people wish to enter the profession. But becoming a teacher is not easy. You cannot tackle a class successfully unless you have mastered your subject, so all teachers are not good teachers. Greed for money and position has entered this profession also. Many teachers have turned out to be the most exploiters of their profession but still, there are lots of such teachers who are worth worshiping. They put their hearts and should into their students and do not join the race competition of their colleagues. Such teachers leave indelible impressions in the minds of students who never forget their favorite teachers. Every successful person has been fortunate to sit before one or two such teachers. These teachers continue to be the topic of their various discussions all their lives and they continue to get inspiration from them.

Generally these days the school has become highly commercial. They charge a lot of fees and studies have become very expensive, especially in big cities. In this speedy race for money, the teacher is also exploited. He is not paid his due and he is also seen involved in unfair means to earn extra money. They force the students to take tuition in the evenings besides their legitimate classes. Numerous such tuition centers are the unhealthy trend. The teacher should try to preserve the high morale of his profession by trying to show his worth in the class for which he is paid and not engage in such unethical behavior.   

Essay No. 3

Our Class Teacher

I respect all the teachers who teach in my school. All of them are great scholars and have great merits. However, I believe, Mrs. Priyaranjana to be an ideal teacher as she is a mine of virtues and merits.

Mrs. Priyaranjana is our class teacher. She teaches us English. She is a middle-aged woman. She has a dominating but lovable personality.

She wears a spotless white dress and looks like a heavenly figure. She has a medium-sized body. She is neither awfully slim nor utterly fat.

She speaks English very fluently. Her accent is perfect. We learn a lot from her. She has full mastery of English. She knows all the nuances of grammar. I think she has never uttered or written the wrong spelling of a single word in her life.

She takes great pains in bringing home the lessons to students. She does not teach above their head. She writes very smoothly and clearly on the blackboard.

She is in the good books of the Principal and the school managing committee. She teaches the pupils the value of discipline, hard work, high character, good manners, cleanliness, truthfulness, honesty, bravery, and other such virtues.

All the students love her very much. She is very kind to them. She does not undertake tuition work. She teaches very well in the class itself.

She is also a good speaker. She plays badminton in the evening. She attends her class regularly. She never misses any period. She prepares the students for different functions and extra-curricular activities. May she live long!

Essay No. 4

An ideal teacher is one who looks upon teaching as a mission. He is dedicated. He is a teacher by choice. He possesses in-depth knowledge about his subjects. He inspires students both inside and outside the classroom. He is of good character and heart. He is noble and sincere in his purpose.

Teaching is a mission for an ideal teacher. He considers it his main objective to guide young minds towards noble action. He believes that only sound young minds can become sound citizens.

He dedicates his life to the service of children and young adults. He sets examples, through his dedication, for the students to follow. His actions shape the young minds and personalities into responsible citizens.

Teaching to him is a matter of choice and not compulsion. An ideal teacher cannot be forcibly made. The urge to guide the destiny of the nation through young children comes from within the soul. He is not bothered about the remuneration of the job. He is concerned about the results of his wards. His quest for knowledge often encourages his students to excel

His honest and sincere perusal of the subjects makes him an authority on them. An ideal teacher is prepared at all times to handle even the most difficult questions of his students. He tries to make the lessons as interesting as possible. He is always up-to-date with the information

An ideal teacher is a source of inspiration both inside and outside the classroom. Students feel free to approach him with their problems. On his part, he tries to solve their problems as objectively as possible.

The strength of the good character of a teacher inspires confidence in young minds. They trust the teacher. They believe in him and the goodness of his heart. Sincerity and nobleness of purpose mark him above all the ordinary teachers and people. An ideal teacher becomes a guiding light for many throughout their lives.

The contribution of an ideal teacher is therefore not insignificant. Society thus should sit up and amply reward him for his untiring efforts.

Essay No. 5

An ideal teacher is fully devoted to teaching and learning. He is well qualified in his subject. Still, he goes on to learn more and more. He is a source of inspiration to his students. He inspires his students both inside and outside the classroom.

He is a true guide. He guides his students towards noble deeds, studies, health, and cleanliness. He believes in simple living and high thinking. He does nothing that is unbecoming of an ideal teacher.

He dedicates his life to the service of the students. Through his dedication, he sets examples for the students to follow. His actions shape young minds into good personalities and responsible citizens of tomorrow.

He is a teacher by choice. The urge to guide the destiny of the nation through young students comes from the core of his heart. He never complains about the remuneration of the job. He is worried only about the results and personality of his students. His zest for knowledge encourages his students to outside others.

He has in-depth knowledge of his subject. He comes to his class fully prepared for the topic to be taught. He checks homework carefully. He tries to make his teaching interesting. His knowledge is always up-to-date.

Students are free to approach him with their problems. He never gets annoyed. He tries to solve their problems. His character and personality inspire confidence and respect in his students. They trust him. He is a guiding light for students throughout their lives. The society and the nation must acknowledge the services of an ideal teacher. He must be amply rewarded for his untiring and dedicated service for the nation.

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This essay was very helpful for me

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This 5 essays are very nice but in my words the 3rd one is best for all.

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Essay on An Ideal Teacher | An Ideal Teacher Essay for Students and Children in English

February 7, 2024 by Prasanna

Essay on An Ideal Teacher – Given below is a Long and Short Essay on An Ideal Teacher for aspirants of competitive exams, kids and students belonging to classes 1, 2, 3, 4, 5 6, 7, 8, 9, and 10. An Ideal Teacher essay 100, 150, 200, 250 words in English helps the students with their class assignments, comprehension tasks, and even for competitive examinations.

You can also find more Essay Writing articles on events, persons, sports, technology and many more.

Short Essay on an Ideal Teacher 250 words for kids and students in English

In Mr. S.C. Mehta, I have found an ideal teacher. Mr. Mehta is a young man of 35, of sound health and great mind. He is really a man of intellect and intelligence. He is a storehouse of knowledge and wisdom. Sometimes, I wonder how he has acquired so much knowledge.

While in class, he is a strict disciplinarian. He teaches sincerely and enthusiastically. Hehttps://mail.google.com/mail/u/1/#inbox explains till every student is satisfied. His method of teaching is very good. His sound argument, easy explanation and well- knit thoughts make the students listen to him most attentively. He keeps the class lively and in good humour. He does not allow any kind of boredom or idleness to descend upon the class. His witty remarks are pleasing and delightful.

Further, he is also a good sportsman and an acknowledged athlete. He always instructs the students “To play while playing and study while studying.” He is a good debater and keeps the audience spellbound by his powerful oratory. He has mastery over various subjects. But his field of study is English and his study of English literature is so deep and vast that he is held in high esteem by students and staff alike.

He is an industrious teacher and takes pains while teaching. He is the master of style, and as Ruskin Bond has said “Style is the man.” His lucid language, sound knowledge and a good understanding of the subject make him one of the most admirable teachers of our institution. He is very kind and sympathetic towards the poor and intelligent students. Students love him and like him because of his upright character. His speeches on Independence Day and Republic Day are inspiring and thought-provoking. His wit and wisdom is a subject of much discussion.

In Mr. S.C. Mehta, I have found not only an ideal teacher, but also a great philosopher, friend and guide.

Essay on An Ideal Teacher

FAQs on  Ideal Teacher

Q1. What is an ideal teacher? Ans: An ideal teacher is a divine blessing for the society. He/she devotes heart and soul to teaching and career-building of his pupils. He/she commands respects from our heart. He possesses all good and noble qualities of a human being. To the students, he/she is a friend, philosopher and guide at a stretch.

Q2. What are the qualities of a good teacher essay? Ans: An ideal teacher has a good sense of humour/smiles. But this fun is not of impolite nature. An ideal teacher has the highest degree of integrity. An ideal teacher is susceptible to adaptation or modification.

Q3. What is the best accolade that an ideal teacher deserve? Ans: An ideal teacher has a good sense of humour/smiles. But this fun is not of impolite nature. An ideal teacher has the highest degree of integrity. An ideal teacher is susceptible to adaptation or modification.

Q4. Who is a teacher essay? Ans: TEACHER ESSAY. A teacher is a person who plays an important role in a life to shape up the whole life. The teacher provides knowledge and improves the skill of students whether at home or school. Teachers are a great source of knowledge, prosperity and enlightenment to the children which benefits the whole life.

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