औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध, नियम
By विकास सिंह
विषय-सूचि
औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध (industrial safety essay in hindi)
औद्योगिक सुरक्षा की परिभाषा:.
औद्योगिक सुरक्षा (industrial safety) के महत्व को इस तथ्य के कारण महसूस किया गया था कि हर साल लाखों व्यावसायिक/औद्योगिक दुर्घटनाएं होती हैं।
इनमें से लगभग पाँचवाँ उत्पादन समय उन लोगों द्वारा खो दिया जाता है जो वास्तव में अस्थायी और स्थायी विकलांगता के कारण घायल हो जाते हैं और शेष उत्पादन समय साथी संचालकों / लोगों द्वारा घायलों की मदद करने, दुर्घटना से हुए नुकसान की देखभाल करने आदि में खो जाता है। औद्योगिक इकाई दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों के मामलों में बहुत अधिक खतरनाक होगी।
इसलिए औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान / जांच करना और उन्हें नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। कई विषयों का संबंध इस सुरक्षा दृष्टिकोण से है। औद्योगिक इंजीनियरिंग एक क्षेत्र है जो कुशल कार्य स्थान, उपकरण और औद्योगिक लेआउट डिजाइन के डिजाइन से संबंधित है। अन्य विषय जो सुरक्षित कार्य वातावरण में योगदान कर सकते हैं वे हैं मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और मेडिकेयर विज्ञान।
असुरक्षित कार्यशील वातावरण को प्रभावी ढंग से और कुशलता से समाप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
(1) दुर्घटनाओं के कारणों का यदि संभव हो तो उन्मूलन करना।
(2) यदि दुर्घटनाओं के कारण को समाप्त करना संभव नहीं है, तो गार्ड, बाड़े या इसी तरह की व्यवस्था से खतरनाक जगह को ढालने की व्यवस्था करें।
सुरक्षा की आवश्यकता:
एक असुरक्षित स्थिति विभिन्न रूपों में मौजूद हो सकती है। दोषपूर्ण या दोषपूर्ण विद्युत फिटिंग, गिरोह के तरीके के अपर्याप्त रखरखाव। दोषपूर्ण उपकरणों आदि का उपयोग करना ताकि दुर्घटनाओं की घटना को रोका जा सके, असुरक्षित कृत्यों को टाला / समाप्त किया जा सकता है या जाँच की जा सकती है।
असुरक्षित कृत्यों के कारण कारणों के सुधार के लिए निम्नलिखित कारकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:
(1) कार्मिक समायोजन:
यदि एक फोरमैन / सुपरवाइजर यह पहचानता है कि एक कार्यकर्ता शारीरिक या मानसिक या नौकरी / कार्य के लिए अयोग्य है, तो उसे कार्मिक विभाग के परामर्श से काम से जल्दी निकाल देना चाहिए।
(2) विधि / तकनीक का उपयोग किया जाता है:
परिवर्तन की आवश्यकता वाली कुछ तकनीकों को सुरक्षित तरीकों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।
(3) संचालक प्रशिक्षण:
नौकरी का तरीका सुरक्षित या असुरक्षित हो सकता है लेकिन ऑपरेटर को नौकरी करने के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए।
(4) दुर्घटना की रोकथाम के बारे में प्रचार और शिक्षा:
श्रमिकों / लोगों का नेतृत्व फोरमैन / पर्यवेक्षक के कौशल, ऊर्जा और नेतृत्व के द्वारा किया जाता है। तो यह इन लोगों का कर्तव्य है कि वे दुर्घटनाओं की रोकथाम के बारे में श्रमिकों को शिक्षित करें। इसका उद्देश्य उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक होना सिखाना है ताकि वे असुरक्षित कार्य या स्थिति को पहचान सकें और इस तरह से कार्य कर सकें कि दुर्घटना से बचा जा सके।
असुरक्षित स्थिति:
असुरक्षित परिस्थितियों के कारण दुर्घटनाओं से बचने के लिए, “प्रावधान अधिनियम” में विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की गई है, ये प्राइम मूवर्स, विद्युत जनरेटर और ट्रांसमिशन मशीनरी के बढ़ते भागों से संबंधित हो सकते हैं: अग्नि सुरक्षा उपकरण, खतरनाक धुएं का नियंत्रण, अत्यधिक वजन उठाना और प्रकाश मशीनों, जंजीरों और रस्सियों आदि पर सुरक्षित पहरेदार।
इस प्रकार उद्योग में सुरक्षा मदद करती है:
(i) उत्पादन दर बढ़ाना।
(ii) उत्पादन की लागत को कम करना।
(iii) मशीनरी और उपकरण को होने वाली क्षति को कम करना।
(iv) संगठन के कर्मचारियों को अवांछित पीड़ा और दर्द को रोकना।
(v) प्रतिभावान श्रमिकों की समय से पहले / असामयिक मृत्यु को रोकना जो उद्यम और समाज के लिए एक संपत्ति हो सकते हैं।
सुरक्षा कार्यक्रम:
एक सुरक्षा कार्यक्रम की पहचान करने का इरादा है कि दुर्घटनाएं कब और क्यों होती हैं। इसी तर्ज पर एक सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य दुर्घटनाओं और उससे जुड़े नुकसानों को कम करना है। एक सुरक्षा कार्यक्रम इस धारणा के साथ शुरू किया गया है कि अधिकांश काम से जुड़े दुर्घटनाओं को रोकना संभव है।
एक सुरक्षा कार्यक्रम एक सतत प्रक्रिया है और व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करता है जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। आम तौर पर एक सुरक्षा कार्यक्रम में सुरक्षा उपकरण और कामगार या कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है।
भारतीय मानक संस्थान ने इस संदर्भ में सराहनीय कार्य किया है और निम्नानुसार है:
(i) परिचालन संचालन के दौरान की जाने वाली सुरक्षा सावधानियां।
(ii) औद्योगिक इकाई के उचित प्रकाश, वेंटिलेशन और उचित लेआउट के लिए मानक।
(iii) सुरक्षित औद्योगिक संचालन और प्रथाओं आदि के मानक और विनिर्देश।
(iv) उपकरण और उपकरण के प्रभावी रखरखाव के लिए आवश्यकताएँ
(v) सुरक्षित कटाई और वेल्डिंग प्रक्रियाओं पर मार्गदर्शन।
(vi) संचालित औद्योगिक ट्रकों, बेल्ट कन्वेयर और अग्नि सुरक्षा उपकरणों के उपयोग पर मार्गदर्शन।
(vii) व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के लिए सुरक्षा आवश्यकताएँ
(viii) खतरनाक रसायनों का वर्गीकरण और दुर्घटना प्रावधान टैग का प्रावधान।
(ix) खतरनाक वस्तुओं / वस्तुओं की हैंडलिंग और लेबिलिंग के लिए अंकन।
(x) सुरक्षा के मानक:
(a) औद्योगिक भवन में
(बी) विद्युत कार्य में सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन किया जाना
(ग) खतरनाक क्षेत्र और विस्फोटक वातावरण में बिजली के उपकरणों के उपयोग में।
(xi) सुरक्षात्मक कपड़ों के लिए विनिर्देशों, सुरक्षा हेलमेट चेहरे की ढाल और आंखों के कानों के लिए सुरक्षा उपकरण आदि।
[ratemypost]
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध industrial safety essay in hindi language
Industrial safety essay in hindi language.
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं औद्योगिक सुरक्षा पर लिखे इस निबंध को . चलिए अब हम पढ़ेंगे औद्योगिक सुरक्षा पर लिखे इस निबंध को . आज हमारे भारत देश में उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है .उद्योगो की दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है . बड़े बड़े उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है . जब किसी उद्योग में कर्मचारी मशीन पर काम करता है तब उसे दुर्घटना से बचने के लिए सावधानी रखनी चाहिए . उद्योगों में दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है .
यदि कर्मचारी को दुर्घटनाओं से बचना है तो सावधानी से मशीन पर काम करना चाहिए . मशीन पर काम करते समय सेफ्टी बेल्ट, ग्लव्स, हेलमेट आदि का उपयोग करना चाहिए क्योंकि अपनी सुरक्षा अपने ही हाथों में होती है . फैक्ट्रियों में जब केमिकल का उपयोग किया जाता है तब हाथों में गिलब्स , आंखों में चश्मा, पैरों में सेफ्टी शूज जरूर पहनना चाहिए . फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी डिपार्टमेंट भी होता है . जो सभी कर्मचारियों को दुर्घटना से बचने के लिए सेफ्टी उपकरण उपलब्ध कराता है .
फैक्ट्री में जब हम किसी मशीन पर काम करते हैं तब हमें यह ख्याल रखना चाहिए कि मशीन किसी तरह की कोई दिक्कत तो नहीं दे रही है . यदि मशीन में कोई खराबी है तो हमें इस बात की जानकारी अपने बड़े सीनियर को अवश्य देना चाहिए . इंडस्ट्रीज में काम करते समय हमारा पूरा ध्यान मशीन पर ही होना चाहिए . हमें पूरे ध्यान से सावधानीपूर्वक काम करना चाहिए . फैक्ट्रियों में मजदूरों की सुरक्षा के लिए सभी को जागरूक किया जाता है . ट्रेनिंग देकर सभी को सुरक्षा के नियम बताए जाते हैं . इन नियमो को हमें फोलो करना चाहिये .
फेक्ट्री के अंदर काम करते समय हमें हमेशा अपने सिर के ऊपर हेलमेट लगा कर रखना चाहिए . यह हेलमेट हमारे सिर पर चोट लगने से बचाता है . इंडस्ट्रीज में काम करते समय हमें सेफ्टी शूज अवश्य पहनना चाहिए क्योंकि इंडस्ट्रीज के अंदर बड़े बड़े लोहे के पार्ट्स होते हैं यह सेफ्टी जूते हमारे पैरों में चोट लगने से बचाते हैं . फैक्ट्रियों में आग से बचने के लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है . सेफ्टी डिपार्टमेंट सभी को आग लगने पर कैसे बचा जाए यह सिखाती है . आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की सुविधा भी फैक्ट्री में होती है .
फैक्ट्रियों में जब आग लग जाती है तब सेफ्टी अलार्म बजने लगता है और सभी मजदूर सेफ जगह पर पहुंच जाते हैं . मशीनों पर काम करने वाले ऑपरेटरों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मशीन की चैन के ऊपर चैन कवर लगा है या नहीं लगा है यदि चैन कबर नहीं लगा है तो हमें चैन कवर लगाकर ही काम करना चाहिए . हमें किसी भी तरह का कोई भी रिक्स नहीं लेना चाहिए . जब हम ऊंचाई पर चढ़कर काम करते हैं तब हमें सेफ्टी बेल्ट का उपयोग अवश्य करना चाहिए .
सेफ्टी बेल्ट हमें चोट लगने से बचाता है . फैक्ट्रियों में हमें सेफ्टी डिपार्टमेंट के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए . जब हम मशीनों पर काम करते हैं तब हमें सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से बताए गए सेफ्टी दिशा निर्देशों का पालन अवश्य करना चाहिए . फैक्ट्री के अंदर जब तक हम काम कर रहे हैं तब तक हमारे सिर के ऊपर हेलमेट अवश्य होना चाहिए . यदि हम ऐसे डिपार्टमेंट में काम कर रहे हैं जहां पर विषैली गैस का रिसाव हो रहा है तब हमें नोज मास्क अवश्य लगाना चाहिए जिससे हमारे शरीर को किसी तरह का कोई भी नुकसान ना हो . किसी काम को करने में भले ही समय लग जाए लेकिन हमें हमेशा अपने हाथ पैरों का ध्यान रखकर काम करना चाहिए .
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दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध industrial safety essay in hindi language आपको पसंद आए तो शेयर जरूर करें धन्यवाद .
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Industrial Safety Essay In Hindi – औद्योगिक सुरक्षा
इंडस्ट्रीज में आये दिन अकस्मात होते रहते है। सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सेफ्टी स्पीच, सेफ्टी स्लोगन एवं सेफ्टी निबंध की कॉम्पिटिशन होती है। इसे ध्यान में रखके ही यहाँ Industrial Safety Essay In Hindi की रचना की है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगी ।
Safety Essay In Hindi
Industrial Safety Essay In Hindi
औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध – Industrial Safety Essay In Hindi
बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ औद्योगीकरण भी बढ़ रहा है। इसका फायदा भी है, हमारे लोगो को काम मिल रहा है। बेरोजगारी कम हो रही है।
पर हरेक सिक्के की दो साइड होती है। कही लाभ है तो कही नुकशान। औद्योगिक एकमो में अकस्मात् बढ़ गये। अकस्मात बढ़ने के कारण लोगो की मृत्यु का अंक भी बढ़ गया। और सुरक्षा की तरफ सबका ध्यान गया।
इंडस्ट्रीज में कामदार सुरक्षित रहके काम कर सके उसकी चिंता बहुत सालो पहले की गयी थी। सन 1966 में हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने विशेष समिति का गठन किया था।
उन्होंने सुरक्षा के मापदंड त्यय किया। कर्मचारी में सुरक्षा की जागरूकता बढे ऐसे प्रयास किये। इसके भाग रूप हर साल 4th मार्च को नेशनल सेफ्टी डे मनाने की घोषणा की। जो आगे जाके ये नेशनल सेफ्टी वीक में परिवर्तित हुआ।
आज हरेक इंडस्ट्रीज में 4th मार्च से नेशनल सेफ्टी वीक का उत्सव मनाया जाता है। है। इंडस्ट्रीज में अलग-अलग कॉम्पिटिशन का आयोजन होता है। कॉम्पिटिशन में विजय कर्मचारी को प्रोत्साहन इनाम भी वितरण किया जाता है।
सेफ्टी अफसर के द्वारा सुरक्षा से जुडी ट्रेनिंग का आयोजन किया जाता है। सुरक्षा से सम्बंधित स्लोगन और पोस्टर लगाए जाते है। पुरे एक हप्ते तक कंपनी का माहौल दर्शनीय रहता है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी लोगो की सुरक्षा पे प्रति सजाग करने का है।
यदि हम सुरक्षित रहके काम कर सकते है तो, निश्चित रूप से अकस्मातो में कमी आ सकती है।
इंडस्ट्रीज में अकस्मात् के कारण
1 – सुरक्षा के साधनो का उपलब्ध ना होना।
2 – सुरक्षा के साधनो का उपयोग न करना।
3 – सुरक्षा साधनो की पूरी जानकारी न होना।
4 – काम करने की जगह पे लाइटिंग ठीक नहीं है।
5 – तापमान ठीक नहीं है। एयर में पोल्लुशण है। साउंड पोल्युशन है।
6 – मशीन पुराना है। ठीक तरह से काम नहीं करता है। मशीन के कुछ भाग लूज़ है।
7 – साफसफाई ठीक तरह से नहीं किया है।
8 – काम करने वाला व्यक्ति कोई मानसिक टेंशन में हो सकता है।
9 – काम करने वाले व्यक्ति को काम की जानकारी नहीं है।
10 – लापरवाही
इंडस्ट्रीज में अक्समात को रोकने के उपाय
1 – सुरक्षा नियमो के अनुशार सुरक्षा के सभी प्रकार के साधन कंपनी में उपलब्ध होने चाहिए। ये कारखाने के मालिक की जिम्मेदारी है।
2 – सुरक्षा साधनो को कैसे इस्तेमाल करते है सब को मालूम नहीं होता। फैक्ट्री में एक सेफ्टी अफसर होना चाहिए। और नियमित रूप से सरक्षा की ट्रेनिंग करना चाहिए।
3 – कही बार आलस और ओवर कॉन्फिडेंट में सुरक्षा साधनो ( PPE ) को किनारे कर देते है। हरेक काम के लिए त्यय किया गया सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल होना चाहिए।
4 – जिस जगह पे काम करना है, वहां पर्याप्त लाइट होनी चाहिए। कम रौशनी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
5 – काम करना है उस जगह का तापमान काम करने लायक होना चाहिए। वातावरण प्रदूषित नहीं होना चाहिए। और आवाज का भी प्रदुषण नहीं होना चाहिए।
6 – जिस मशीन पे हम काम करने वाले है वो साफ सुथरा नहीं है, तो अच्छी तरह से साफ करे। उसके स्पेयर पार्ट्स लूज़ है तो उसे सही तरीके से टाइट नेस करके काम करने के योग्य बनाये।
7 – इंडस्ट्रीज में काम करते समय हमेशा सतर्क रहे। शारारिक और मानशिक स्थिति सही हो तभी काम के लिए आगे बढे।
8 – सेफ्टी ऑफिस द्वारा दिए गए सुरक्षा नियमो का हमेशा पालन करे।
7 – House Keeping is Must Require
– जिस जगह पे काम करना है वो साफ सुथरा होना चाहिए। फर्स पे आयल ग्रीस जैसी जीचों से अकस्मात् की संभावना बढ़ जाती है।
8 – मानव सांसारिक आदमी है। संसार का घर का या कोई भी बहार का तनाव रहता है। उनका मन काम में नहीं लगता। ऐसी स्थिति में अकस्मात् की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसी परिस्थिति में काम नहीं करना चाहिए। और नाही काम कराना चाहिए।
9 – इंडस्ट्रीज में बहुत सारे डिपार्टमेंट होते है। सबका काम अलग-अलग होता है। कही बार हम ऐसे कर्मचारी को काम पे लगा देते है। जिसे काम की जानकारी नहीं है।
कर्मचारी भी दबाव में होने के कारण अपने ऊपरी अधिकारी को ये नहीं बताते है। अंत में अकस्मात् में उसका परिणाम सबको भुगतना पड़ता है।
10- लापरवाह को बचाने वाला कोई नहीं मिलता। क्युकी वो परिस्थिति खुद की बनाई होती है ।
लापरवाही का उत्तम नमूना
Industrial Safety Essay In Hindi
इंडस्ट्रीज में सुरक्षा क्यू जरुरी है।
इंडस्ट्रीज में काम करने वाले कर्मचारी की सुरक्षा बहुत जरुरी है। इतना ही नहीं उनके परिवार की जिम्मेदार भी जरुरी है। क्युकी इंडस्ट्रीज का काम जोखिमों से भरा है।
स्टील प्लांट हो, केमिकल प्लांट हो या फार्मा प्लांट हो, काम करने वाले का जोखिम बना ही रहता है। केमिकल प्लांट में रिएक्टरो में केमिकल का रिएक्शन होता है।
ऑपरेशन करने वाला ऑपरेटर समजो एक बम के नजदीक ही ऑपरेशन करता है। आये दिन हम वेसल और रिएक्टर के ब्लास्ट के समाचार सुनते रहते है।
ठीक वैसा ही स्टील प्लांट में है। स्टील प्लांट में बड़ी भाड़ी – भडखम मशीनरी होती है। अकस्मात् किसी भी कारण से होता है तो भयानक स्थिति बन जाती है।
केमिकल इंडस्ट्रीज में रिएक्शन के दौरान तापमान और प्रेशर जैसे पैरामीटर कम ज्यादा होता है। ऐसे में गैस का रिसाव भी संभव है। गैस रिसाव बहुत बड़े अकस्मात को निमंत्रण दे सकता है। जैसे भोपाल गैस ट्रेजडी में हुआ था।
कोई भी इंडस्ट्रियल एरिया के पास बस्ती नहीं होनी चाहिए। गाँव शहर से दूर इंडस्ट्रियल एरिया होना चाहिए। यदि कोई अक्समात होता है तो कम से कम नुकशान हो सके।
केमिकल इंडस्ट्रीज में निकल ने वाला कचरा पर्यावरण के लिए घातक है। पर्यावरण को प्रदूषित करता है। जिसे बहार के लोगो की भी सुरक्षा खतरे में आ जाती है।
कोई भी इंडस्ट्रीज को सरकारी निति नियमो का पालन करना चाहिए।
इंडस्ट्रीज सुरक्षा में सरकार की निति
भारत सरकार Industrial Safety के मामले में बहुत सजाग है। इंडस्ट्रीज में काम करने वाले व्यक्ति सुरक्षित रहे इसलिए, सरकार ने बहुत सारे नियम बनाये है। यह नियनो के अधीन कंपनी और कर्मचारी को काम करना चाहिए। पर कही बार हम इस नियमो को साइड कर काम में लग जाते है। और ऐसी लापरवाही अकस्मात् को निमंत्रित करती है।
निचे दिए गए टेबल में कुछ इंडस्ट्रियल अधिनियम है। जिसे भारत सरकार ने बनाया है। समयांतर में इस नियमो में भी फेरफार करके इसे अपग्रेड किया जाता है।
इंडियन इंडस्ट्रियल सेफ्टी एक्ट | 1923 |
इंडियन बायलर एक्ट | 1948 |
इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट | 1884,1910 |
इंडियन पेट्रोलियम एक्ट | 1934 |
इंडस्ट्रीज में केमिकल, पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग प्लांट में बड़े अकस्मात् होने की सम्भावन होती है। जहा केमिकल से उसके तापमान, प्रेशर जैसे पैरामीटर बदलते है। इसको कण्ट्रोल करने में किसी कारन वश असफल होते है तो, बड़ी दुर्घटना होती है। इसे देखते हुए सरकार बहुत स्ट्रिक्ट रहती है।
बॉयलर इंस्पेक्शन, इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्शन, उपकरण के इंस्पेक्शन जैसी जाँच हर साल फैक्ट्री में होती है। और अकस्मात् रोकने का हर संभव प्रयाश किया जाता है।
इंडस्ट्रीज में अकस्मात् से होने वाला नुकशान
दुर्घटना किसी के लिए फायदेमंद नहीं होती। अकस्मात हमेशा ख़राब समाचार ले के आता है। अक्समात कर्मचारी, मालिक फैक्ट्री और फैक्ट्री काम करने वाले सह कर्चारी के लिए भी नुकशान करक होता है। एक दुर्घटना की असर सब पे होती है।
- दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को हॉस्पिटल ले जाना, चिकित्सालय का खर्चा।
- अकस्मात के कारन काम रुक जाता है। काम में देरी होती है।
- कंपनी की रेपुटेशन ख़राब होती है। इसकी असर सीलिंग तक होती है।
- दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति और परिवार के भविष्य का खतरा।
- दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति की जागर दूसरी व्यक्ति को भरना।
- उपकरण और मशीन को नुकशान, रिपेयरिंग खर्च ।
- रिकवरी के बाद काम पर लौटने वाले कामदार का आउटपुट कम हो जाता है।
- दुर्घटना की जाँच रिपोर्ट तैयार करना।
Electrical Safety In Hindi – बिजली से सुरक्षा
What is 5s In Hindi – 5s सिस्टम क्या है ?
फायर क्या है ? फायर के प्रकार ।
निष्कर्ष
दोस्तों जिंदगी अनमोल है। हमारे लिए नहीं तो हमारे अपनों के लिए इसे महफूज रखे। कही पे भी काम करे सुरक्षा के नियनो को बाईपास करने की कोशिश न करे। एक क्षण की लापरवाही हमें पूरी जिंदगी परेशान कर सकती है। लिहाजा अपना ध्यान रखे और अपनों का भी ध्यान रखे।
जो सुरक्षा से नाता तोड़ेगा वो जल्दी दुनिया छोड़ेगा।
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साइट पर कई प्रकार के Hazards और Risk होते हैं, इनसे और साइट पर किसी प्रकार के Accident से बचने के लिए सेफ़्टी के कुछ Basic Safety Rules को Company के द्वारा बनाए जाते हैं, जिन्हें Company Safety Rules भी कहते हैं, जिन्हें Workplace पर काम या विज़िट के दौरान फॉलो करने की आवश्यकता होती है। इस आर्टिकल में मैं आपको Basic Workplace Safety Rules Hindi के बारे में एक एक करके डीटेल से बताने वाला हूँ।
सभी Companies अपने Worksite पर बेसिक Industrial Safety Rules बनाती हैं, ताकि वहाँ काम करने वालों को इसके बारे में पता चल सके और वो इसे फॉलो कर सके। ताकि वहाँ काम करने के दौरान लोग, Equipment और Environment को सेफ रखा जा सके।
ये आर्टिकल इस तरह का एक अलग आर्टिकल होगा जिसमे आपको Workplace Safety Rules Hindi या Company Safety Rules in Hindi के बारे में डीटेल से पता चलेगा। वैसे तो सभी Industry जैसे Oil & Gas, Petrochemical, Power Plant, Construction आदि अपने अलग अलग Safety Rules बनाती है लेकिन मैं आपको एक Universal Rules बताऊँगा जिसे पढ़कर और समझकर आप इसे किसी भी साइट या इंडस्ट्री में इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए अब एक एक करके Basic 12 Workplace Safety Rules Hindi के बारे में नीचे देखते हैं।
ये भी पढ़ें – 12 Home Safety Rules in Hindi
12 Workplace Safety Rules Hindi
Rule 1:- सबसे पहला Rule ये है की “आप अपनी और दूसरे की सेफ़्टी के लिए खुद जिम्मेदार हैं।“ इसका ये मतलब है की काम के दौरान आपको अपनी सेफ़्टी का खुद ही ध्यान रखना है और साथ साथ आपको ये भी ध्यान रखना है की आपके साथ जो लोग काम कर रहें हैं वो भी सेफ रहें।
Rule 2:- दूसरा Rule ये है की “आपको कभी भी काम के दौरान कोई शॉर्ट कट नहीं लेना है, और जो काम का Method और Procedure बनाया गया है उसको फॉलो करें।“ कहने का मतलब ये है की बहुत सारे लोग किसी काम को जल्दी में करने के लिए शॉर्ट कट लेते हैं जिस वजह से किसी बड़े दुर्घटना (accident) का शिकार हो सकते हैं।
Rule 3:- तीसरा Rule ये है की “अगर आपको कोई काम दिया गया है और आप उस काम करने के लिए Trained नहीं हैं तो उस काम को हरगिज न करे।“ मतलब ये है की किसी काम को करने के लिए उसे सही से कैसे किया जाना चाहिए इसके बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि उसे सही और सेफ वे में किया जा सके। अगर आपको वैसा कोई काम दिया जा रहा हो जिसके लिए आपको ट्रैनिंग नहीं मिली है तो उस काम को करने से साफ मना कर दें।
Rule 4:- चौथा Rule ये है की “अपने काम को करने के लिए सही Tools और Equipment का इस्तेमाल करें और सही वे में करें” इसका मतलब ये है की जिस काम के लिए आपको जिस Tools या Equipment की आवश्यकता हो उसका इस्तेमाल सही से करें। बहुत सारे लोग रेन्च को हैमर की तरह इस्तेमाल कर लेते हैं या इसके रूप को बदल कर Modified कर देते हैं। ऐसा हरगिज न करें।
Rule 5:- पाँचवाँ Rule ये है की “Workplace पर अपने काम को शुरू करने से पहले वहाँ पर मौजूद Risk का आकलन कर लें।“ मतलब ये की काम से जुड़े या आसपास के खतरों को पहचान कर उसे कैसे बचें इसके बारे में आकलन करें और रिस्क को खत्म या कम करने के बाद ही काम को स्टार्ट करें।
Rule 6:- छठा Safety Rule ये है की “सभी प्रकार के एक्सीडेंट को रोका जा सकता है” इसका ये मतलब है की अगर सही से Safety Rules और Procedure को फॉलो किया जाए तो किसी भी साइट पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। ध्यान रहे की ज्यादातर Accidents इंसानों की गलतियों (Human Error) के कारण ही होते हैं।
Rule 7:- सातवाँ Rule ये है की “आपको अपने Workplace को साफ सुथरा रखना है।” मतलब ये है की आप जहां काम कर रहें हैं वहाँ पर काम के दौरान और काम के बाद सही से Housekeeping किया जाना चाहिए। आपको पता होगा की बुरी Housekeeping कितने प्रकार के खतरों को जन्म देती है जैसे की Slip & Trip, Fire Hazards और तरह तरह की बीमारियाँ आदि।
Rule 8:- आठवाँ Rule ये है की “काम के दौरान यानि Workplace पर आपको कभी भी अपने सहकर्मियों के साथ हँसी मज़ाक या Horseplay नहीं करना है।“ इसका ये मतलब है की इस तरह के हँसी मज़ाक बाद में मार पीट और शारीरिक कान्टैक्ट का रूप ले सकते हैं जो की साइट पर काफी घातक हो सकता है।
Rule 9:- नौवां Rule ये है की “आपको सभी जरूरी PPE और Work Specific PPE को जरूर पहनना है।“ मतलब की साइट पर सभी जरूरी PPE में Safety Helmet, Safety Glass, Coverall, Safety Shoes और Hand Gloves शामिल हैं। और अपने काम के हिसाब से इससे जुड़े PPE’s को भी पहनना नहीं भूलना चाहिए।
Rule 10:- दसवां Rule ये है की “काम के दौरान साइट पर किसी भी प्रकार का नशा ना करें।“ जैसे की Alcohol, Tobacco और अन्य नशीला पदार्थ।
Rule 11:- ग्यारहवाँ Rule ये है की “Smoking को बनाए गए Designated Smoking Zone में ही करें।“ मतलब की साइट पर कहीं किसी भी जगह पर धूम्रपान ना करें, इसके लिए अलग से सेफ स्मोकिंग ज़ोन बनाया हुआ होता है, उस एरिया में जाकर ही स्मोकिंग किया जाना चाहिए।
Rule 12:- बारहवाँ Safety Rule ये है की “अगर Workplace पर किसी तरह का कोई एक्सीडेंट या कोई गलती हो जाती है तो इसे अपने Supervisor या Manager को जरूर रिपोर्ट करें।“ यानि की साइट पर कुछ अनहोनी होने पर इसे छुपाना नहीं है, इसे अपने Superior को जरूर बताना चाहिए।
Rule 13:- तेरहवाँ Safety Rule ये है की “कोई भी काम करने से पहले PTW ( Permit to Work ) का होना जरूरी है, बिना वर्क पर्मिट के किसी भी तरह की ऐक्टिविटी को स्टार्ट नहीं करना है। पहले पर्मिट साइन हो जाए उसके बाद ही कोई काम को शुरू किया जा सकता है।
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Workplace Safety Rules in Hindi के निष्कर्ष
अपने जो 12 Workplace Safety Rules Hindi के बारे में जाना और पढ़ा ये कोई लिमिटेड रुल्स नहीं हैं आपके साइट पर इससे ज्यादा भी हो सकते हैं, ये कंपनी के काम और इसके इंडस्ट्री के नेचर पर निर्भर करता है। मैंने जो ये Workplace Safety Rules Hindi में बताए हैं ये हर प्रकार के साइट पर applicable है क्यूंकी ये एक बेसिक Company Safety Rules in Hindi में है जिसे सभी को अपने काम के दौरान वर्क प्लेस पर जरूर फॉलो करना चाहिए।
आपको ये लेख Workplace Safety Rules Hindi जिसमे Basic Industrial Safety Rules in Hindi में बताया गया है, आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं और अगर आपलोगों का कोई कमेन्ट या सुझाव है तो हमें कमेन्ट बॉक्स में लिखें। हम अपने इस साइट के द्वारा सभी इंडस्ट्री में काम कर रहे लोगों की सेफ काम की कामना करते हैं। आप ऐसे ही हमारे देश की हिन्दी भाषा में Safety से जुड़े हर प्रकार की जानकारी प्राप्त करते रहें। धन्यवाद।
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Types of Hazards in Hindi | संभावित खतरों के प्रकार
Types of Hazards and Definition in Hindi – जब आप किसी कंपनी ( Company ) में सेफ्टी सुपरवाइजर ( Safety Supervisor ) या कहें तो Safety Officer के पद पर कार्य कर रहे हो, तो आप की पहली प्राथमिकता होती है. कि कार्य स्थल पर हज़र्ड्स ( Hazards ) को पहचानना और उससे संबन्धित Precaution उपलब्ध कराना. जिससे की कार्य स्थल पर होने वाले दुर्घटना ( Accident ) को रोका जा सके.
Definition Of Hazards in Hindi-
संभावित खतरे का एक ऐसा source जहाँ पदार्थ ( substances ), घटनाएँ ( event ) या situation तब खतरे में पड़ सकती हैं जब विशेष स्थान की प्रस्थितियाँ theoretically (सैद्धांतिक) रूप से health, life और property को खतरे में डालने की अनुमति देती हैं.
IOSH की Book में उपर्युक्त 6 types के hazards के बारे में चर्चा किया गया,तो आइये इन hazards और उसके example को विस्तृत रूप से हिन्दी में समझने की कोशिश कर सकते हैं.
Hazards meaning in Hindi – संभावित खतरा
Types of Hazards –
वैसे तो अनेक किताबों में अलग-अलग तरह से hazards को categories किया गया है लेकिन हम यहाँ IOSH के book के अनुसार hazards को categories कर उसका describe करना चाहूँगा.
- Physical Hazard
- Chemical Hazard
- Mechanical Hazard
- Biological Hazard
- Environmental Hazard
- Organizational Hazard
सबसे अच्छा Safety Supervisor वह होता है जो work place पर होने वाले potential hazards को आसानी से identify कर ले और उसे रोकने का हरसंभव प्रयास करे.
1- Physical Hazards
Physical hazard एक ऐसा कारक(agent या factor) है जो संपर्क या बिना संपर्क में आए personal physical safety को नुकसान पहुँचता है physical hazard कहलाता है.
A .संपर्क में आकर होने वाले खतरे(Contact Hazards )
ऐसे संभावित खतरे जिसके contact में आने से personal physical safety को नुकसान पहुँचता है ऐसे hazards को contact hazards कह सकते हैं.
Example – Slipping, Tripping, Fall from height etc.
Prevention –
- Slipping से बचने के लिए safety shoes के साथ जितने भी oil, grease और lubricants oil surface पर गिरे हों उसे तुरंत साफ करना चाहिए.
- Tripping से बचने के लिए जितने भी unwanted material कार्य स्थल पर उपलब्ध हो उसे तुरंत हटाया जाना चाहिए तथा इसके साथ welding ,grinding के दौरान power cable को 2 meter height या under ground ले जाने की कोशिश होनी चाहिए.
- Height पर काम करते समय Proper PPE उपलब्ध करना चाहिए और काम को देखकर proper scaffolding का निर्माण कराना आवश्यक होता है.
B.बिना संपर्क आकर होने वाले खतरे(Non-Contact Hazards )
ऐसे hazards जो बिना contact में आए personal physical safety को नुकसान पहुँचता है उसे non-contact hazards में गिना जा सकता है.
Excessive noise ,magnetic field ,radiation, pressure extreme etc.
- Excessive noise से बचने के लिए ear protection का प्रयोग करना चाहिए.
- इसके साथ Radiation तथा magnetic field से बचने के लिए proper PPE का प्रयोग करना अनिवार्य होता है.
2 - Chemical Hazards
किसी work place पर होने वाले ऐसे खतरे जो chemical के संपर्क में आने के कारण हो सकता है. ऐसे संभावित खतरों को chemical hazards कहा जाता है.
- अगर cleaning products, paints, acid, solvent, thinner आदि को खुले container में रखा गया है.
- Fumes जो welding के दौरान निकलते हैं तथा solvent अगर खुला है तो.
- Acetylene, Propane, Carbon monoxide और H2S आदि के संपर्क में आने वाले खतरे.
- Pesticides भी इसका उदाहरण है.
- जहाँ container खुला हो उसे check कर बंद करना चाहिए
- welding के दौरान fumes निकल रहे है और area packed हो तो ventilation का प्रयोग करें.
- Chemical Level का प्रयोग अति आवश्यक होता है.
- Gas से effected होने वाले employee को competent person से कार्य होने से पहले प्रत्येक दिन training दिलाएँ तथा gases area में जाने से पहले proper PPE की जाँच हर रोज करें.
Mechanical Hazard –
किसी भी machine के rotatory parts जो खुले हो और उसके संपर्क में आने के कारण खतरे की संभावना बनती तो ऐसे संभावित खतरे को mechanical hazards कहा जाता है.
- Machine के किसी parts के बीच अंग का फँस जाना और crush करना.
- Machine के किसी sharp edge से अंग के कटने की संभावना होना. जैसे-Grinding machine को बिना guard के operate करना .
- किसी wheel gear, rollers , pulley belt के बीच फँस जाना.
- एक मशीन का fixed parts के बीच शरीर के अंग को फँसा लेने की संभावना होती है shearing hazards कहलाता है.
Prevention–
- Portable machine जैसे की grinder को कभी भी बिना wheel guard के चलाने की अनुमति न दें.
- जहाँ भी machine का rotatory parts खुला हो वहाँ ढीले कपड़े,ताबीज,bracelet और गले में रुमाल डालकर जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
- Machine को समय-समय पर competent person के द्वारा जाँच कराये और tag का इस्तेमाल जरूर करें कि next inspection date को समय से जाँच कर लिया जाए.
- Machine की आवाज अगर बदली सी लग रही हो तो उसका solution कभी भी qualified person से कराना चाहिए.
- जितने भी खुले rotatory parts हों उस पर हो सके तो safe-guard का अवश्य प्रयोग करें.
- Machine के maintenance के दौरान proper tools tackles है की नहीं यह जाँच कर लें और साथ में correct PPE की समीक्षा कर लें.
4- Biological Hazards
Company के अंदर या बाहर कोई भी employees कार्य कर रहे हों लेकिन वहाँ hygiene संबन्धित समस्या हो और virus, bacteria, fungus आदि से खतरे होने की संभावना हो तो ऐसे संभावित खतरे biological hazards में आते हैं.
- Sewer की सफाई न किया जा रहा हो और पानी हमेशा over flow हो रहा हो.
- Workers colony में पानी के निकासी की proper arrangement न हो.
- Workers के लिए toilet की व्यवस्था न हो और सभी मजदूर शौच के लिए बाहर जा रहे हों.
- Company के अंदर proper housekeeping न किया जा रहा हो.
- Work place पर hygiene संबन्धित समस्या हो वहाँ कार्य के समय हमेशा mask का प्रयोग करना चाहिए.
- Workers colony में समय-समय पर pesticide का छिड़काव किया जाना चाहिए.
- काम के दौरान proper PPE का प्रयोग करें,खासकर उन स्थानो पर जहाँ fumes, dust इत्यादि उपलब्ध हो.
- Personal hygiene को हमेशा maintain रखें.
Environmental Hazard –
Environmental hazards एक ऐसा event है जो आप-पास के natural environment को खतरे में डालने की क्षमता रखता है और लोगों के health को effect कर सकता है.
Pollution, natural disaster, Earthquake, flood etc.
- Pollution से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए.
- जंगलों के कटाव को रोके.
- ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों के तरफ के पलायन को रोकें.
- जिस company में काम कर रहे हैं, dusty area में तभी काम करें जब company के द्वारा वहाँ काम करने के दौरान proper PPE की व्यवस्था की गयी हो.
6- Organizational Hazards
ऐसे संभावित खतरे जो person के ऊपर short term या long term effect डाले. ये संभावित खतरे work place पर काम के pressure के कारण या employee के कम respect के कारण या कह सकते हैं काम में बढ़िया supervision न होने के कारण जो खतरे की संभावना बनती है ऐसे potential hazards को organizational.
- जहाँ work load demand होता है वहाँ organizational hazards की प्रबल संभावना बनती है.
- कार्य स्थल पर अगर violence भी इसका कारण हो सकता है.
- Sexual harassmentइसका उदाहरण हो सकता है.
Prevention-
- कभी भी employees के ऊपर ज्यादा production या ज्यादा कार्य के लिए दबाव न बनाएँ.
- Work place पर होने वाले violence पर control करें.
- Horse Play के लिए सख्त कानून बनाएँ.
- कार्य स्थल पर ऐसे supervisor को लगाए जिसे काम के बारे में पूर्ण जानकारी हो.
इस पोस्ट में मैंने hazards meaning in Hindi,के बारे में पूर्ण जानकारी के साथ,health hazards meaning in Hindi, Environment Hazards, Occupational Hazards आदि के बारे में Hindi में जानकारी दी गयी है.
अगर यह पोस्ट आप को पसंद आए तो इसे ज़रूर शेयर करें और कमेंट दें जिससे की पोस्ट के अंदर कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाये.
Types of Hazards in Hindi , Meaning of Hazards in Hindi , Chemical Hazards in Hindi , Health Hazard Meaning in Hindi , Hazard Kya Hai , What is Hazard , Environmental Hazards Meaning in Hindi , Environmental Hazards in Hindi , Physical Hazard in Hindi
पढ़ें और समझें-
- Responsibilities of a Safety Officer during the Work at Height
- Safety Induction
- TBT in Hindi
- Safety Audit क्या होता है ?
- Safety Officer क्यों बने.
कार्यस्थल पर सुरक्षा के उपाय | Electrical safety in hindi
किसी भी इंडस्ट्रियल एरिया में काम करते समय हमें सुरक्षा एवं सावधानियों का पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इंडस्ट्रियल एरिया में होने वाली एक छोटी सी गलती भी बहुत भारी पड़ सकती है इसीलिए हमें इंडस्ट्रियल सुरक्षा एवं सावधानिया पता होना चाहिए और हमें उनका अनुसरण भी करना चाहिए
आज में आपको औद्योगिक दुर्घटना के कारण और इंडस्ट्रियल एरिया, इलेक्ट्रिकल एरिया, कार्यशाला से जुड़ी सुरक्षा और सावधानिया बताने वाला हूँ जो आईटीआई और पॉलिटेक्निक के हर छात्र के लिए बहुत जरूरी है ।
पोस्ट में ये जानकारी है -
औद्योगिक दुर्घटना के प्रमुख कारण
- कार्य को गंभीरता से न लेना
- कार्यस्थल की सुक्षा और सावधानियों का ज्ञान ना होना
- सुरक्षा के प्रति लापरवाही करना
- किसी कार्य में गलत औजार का उपयोग करना
- किसी मशीन अथवा यन्त्र में त्रुटि या खराबी होना
- कार्यस्थल में किसी खतरे प्रति सजग ना होना
- ज्वलनशील पदार्थो के भण्डारण की उचित व्यवस्था न होना
कर्मचारियों को कार्य की जानकारी न होना
अन्य पोस्ट –
Industrial electrical safety rules in Hindi
- कार्यस्थल पर प्रत्येक कार्य को गंभीरता से करना चाहिए
- कमर्चारियों को कार्यस्थल की सुक्षा और सावधानियों का पूरा ज्ञान होना चाहिए
- सुरक्षा के प्रति लापरवाही नहीं करना चाहिए
- कार्य करते समय उचित औजार का उपयोग करना चाहिए
- कार्यस्थल के प्रत्येक मशीन अथवा यन्त्र की निश्चित समय पर जांच करनी चाहिए एवं खराबी पाए जाने पर उस यन्त्र की मरम्मत करनी चाहिए
- मशीन अथवा यन्त्र के रख रखाव की उचित व्यव्श्था होनी चाहिए
- प्रत्येक मशीन की फाउंडेसन मज़बूत होनी चाहिए
- ज्वलनशील पदार्थो के भण्डारण की उचित व्यवस्था होना चाहिए
- कर्मचारियों को कार्य का पूरा प्रशिक्षण देना चाहिए
- बिना जानकारी किसी यन्त्र से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए
- हमें कार्यशाला के सुरक्षा संकेतों की जानकारी होना चाहिए
- कार्यशाला में उचित पोशाक पहनकर कार्य करना चाहिए, ढीले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए
- अगर किसी यन्त्र पर कोई कर्मचारी किसी प्रकार का मरम्मत कार्य कर रहा हो तो मेन स्विच ऑन नहीं करना चाइये
- कार्यशाला में फर्श पर किसी प्रकार का चिकना पदार्थ नहीं होना चाहिए
- विधुत मशीनों पर कार्य करते समय पैरों में रबर के जूते पहनना चाहिए
- कार्यशाला में उचित क्षमता के अग्निशामक यन्त्र जरूर होने चाहिए
- कार्य के दौरान उत्पन्न हानिकारक गैसों के निस्तारण की उचित व्यवस्था होना चाहिए
- विधुत मशीनों के कनेक्शन उचित होना चाहिए
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औद्योगिक सुरक्षा पर कविता Industrial Safety Poem In Hindi
Industrial Safety Poem In Hindi : जीवन में सुरक्षा बेहद जरुरी हैं. Industrial Safety को ध्यान में रखते हुए काम किया जाए तो न सिर्फ व्यक्ति अपनी सुरक्षा कर सकता हैं.
बल्कि अपने परिवार के सपनों को भी पूर्ण कर सकता हैं आज के असुरक्षित दौर में सुरक्षा (Safety) चाहे सड़क पर वाहन चलाते अथवा अपने कार्य स्थल पर काम कर रहे हो बेहद महत्वपूर्ण हैं आज हम Industrial Safety पर स्लोगन पोएम आदि साझा कर रहे हैं.
Industrial Safety Poem In Hindi | औद्योगिक सुरक्षा पर कविता
सेफ्टी कविता इन हिंदी
औद्योगिक सुरक्षा छोटी कविता.
याद रखे सुरक्षा जीवन का अर्थ हैं सुरक्षा के बिना सब व्यर्थ हैं.
काम के बाद काम के साथ आपकी सुरक्षा आपके हाथ
मैंने पसंद किया उस दिन घटना को नजर अंदाज करना वर्ना मैं रोक सकता था उस दिन होने से एक दुर्घटना
ऐसा भी नहीं था उस दिन कि ध्यान उधर नहीं था ऐसा भी नही था उस दिन कि मुझे समय नहीं था लेकिन मैं मुर्खता का नमूना नहीं बनना चाहता था सुरक्षा के नियमों पर बहस नहीं करना चाहता था
मैं जानता था कि पहले भी यह काम वह कर चुका हैं मैं जानता था मेरे टोकने से उसका दिल पहले भी दुखा हैं लिया एक मौका उसने मैंने भी बंद कर ली आँख ऐसे मेरे करने से एक जान हो गयी ख़ाक
मैंने पसंद किया उस दिन घटना को नजर अंदाज करना वर्ना मैं रोक सकता था उस दिन होने से एक दुर्घटना अब जब भी मैं उसकी विधवा को देखता हूँ तब तब मैं भी
खुदको कातिल समझता हूँ इस अपराध को मुझे जिन्दगी भर ढोते रहना है लेकिन आपकों भी इससे कुछ शिक्षा लेने को कहना है यदि आपकी नजर में कोई खतरा उठाते दीखता हैं यदि आपकी नजर में कोई जान दांव पर लगाते दीखता हैं तो उसे करो सवाल
या उसको टोको जरुर लम्बी जिन्दगी जीने का मौका मिले उसको जरुर अब आज से मैंने लिया हैं ठान रखना हैं सब तरफ अच्छा ध्यान क्योंकि अब ना कर पाए दुर्घटना, कोई भी अज्ञान बस आजसे मैंने एक ठाना हैं सुरक्षा का प्रचार करना हैं
आजसे सबने बीड़ा उठाना हैं सुरक्षा जनजागरण में हाथ बटाना हैं. मैंने पसंद किया उस दिन घटना को नजर अंदाज करना वर्ना मैं रोक सकता था उस दिन होने से एक दुर्घटना
इंडस्ट्रियल सेफ्टी कविता
सुरक्षा कर्त्तव्य है हमारा सुरक्षित हो हर कार्य हमारा सुरक्षा का धर्म निभाना सुरक्षित रोज़ घर जाना
सुरक्षा के मापदंड का पालन है कर्त्तव्य हमारा इससे सुरक्षित होगा हमारा परिवार सारा
हर कार्य के पहले जानो सुरक्षा के हर मापदंड को पहचानो
सुरक्षित कार्य है कर्त्तव्य हमारा बिना जाने सबको करो न कोई काम
इससे अपने कारखाने का हो सकता है नुकसान अपने कार्य की हरदम करो समीक्षा
सुरक्षा से कार्य करने पर प्रबल होगी इच्छा हमें लेना है यह संकल्प
सेफ्टी का कोई नहीं है विकल्प सुतरक्षित हो कार्य कर्तव्य हमारा
यह है कर्तव्य हमारा
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Safety pledge / oath in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023.
Safety pledge in hindi, english and safety oath in marathi |
Safety Pledge / Oath in English, Hindi and Marathi for 52 National Safety Day 2023
Safety Pledge for National Safety Day : The Safety Pledge not only helps us to remind our responsibility about safety in the workplace, but also gives us the opportunity to see smiles on the beautiful faces of our family. On the occasion of National Safety Day to promote zero harm culture and demonstrate individual responsibility for commitment to safety at work, from management to employees and workers gathered in the workplace and take oath on the safety commitment for the individual, employees, society and the nation.
National Safety Day is celebrated on 4 th March each year, which is also the foundation day of the National Safety Council (NSC) of India to raise awareness of the importance of industrial safety.
Through the safety pledge , the individual promises to never compromise his own safety or that of his colleagues in doing the job. Deaths in the workplace are unacceptable and therefore safety is everyone's responsibility. The COVID-19 pandemic has shown how crucial it is for every employee to commit to safe work. It is very important to constantly identify hazards and reduce the risks to an acceptable level, thereby reducing the likelihood of an incident occurring at work. The tradition or system of taking the oath of safety in the workplace is very important in reminding safety practices and safety awareness. Take the pledge below to show your commitment to safety, from the workplace to anywhere.
Safety Pledge / Oath in English, Hindi for 51st National Safety Day 2022 |
Safety Pledge in English and Hindi |
Here you will find Safety Oath published by National Safety Council (NSC) which can be taken together by senior management and workers during celebration of National Safety Day 4 th March to renew their commitment for safety in the work place.
Safety Pledge in English - National Safety Day 2023
“On this day, I solemnly affirm that I will rededicate myself to the cause of safety, health and protection of environment and will do my best to observe rules, regulations and procedures and develop attitudes and habits conductive for achieving these objectives.
I full realise that accidents and diseases are a drain on the national economy and may lead to disablements, deaths, harm to health and damage to property, social suffering and general degradation of environment.
I will do everything possible for the prevention of accidents and occupational diseases and protection of environment in the interest of self, family, community, organization and the nation at large.”
Safety Pledge in English - National safety day |
Safety Pledge in Hindi published by NSC India
As the Safety Pledge is a medium to remind our commitment to safety and should be taken by all groups of people, from senior management to employees and workers, it should therefore be written in language understandable to all.
Without understanding the meaning of the Safety Oath, people cannot demonstrate their safety commitment in workplace. Hindi is the national language of India and therefore the safety pledge must be in Hindi.
Here is the safety oath in Hindi .
Safety pledge in Hindi - National Safety Day |
Safety Oath in Marathi - published by NSC India
In Maharashtra, most of the workers speak in the Marathi language and therefore while celebrating the National Safety Day, as a reminder of their commitment to safety; the safety pledge should be taken in Marathi by all groups of people, from management to employees and workers. Workers are the group of people who actually perform the physical work at their workplace and therefore need to understand the meaning of the safety pledge. With a better understanding of the Safety Oath , this will help people demonstrate their commitment to safety in the workplace.
Here is the Safety Oath in Marathi .
Safety Oath in Marathi - National Safety Day |
How to take safety Oath
While taking the safety oath during celebrating National Safety Day , all people, from senior management to employees and workers should assemble at one place, stand near or around the NSC flag or safety flag, raise right hand exactly 90 degrees to your body in front, keep the palm of your right hand facing the ground, place your left hand on your chest or keep in parallel to thigh towards the ground and repeat the reading of the safety pledge word by the safety officer.
How safety oath benefit to organization
Here are a few ways that safety pledge can benefit a company:
Improves Safety Culture to Reduce accidents - Committing to safety to the individual, colleagues, society, and the nation means you demonstrate a positive safety culture to reduce incidences and achieve safety goal of zero accident. When businesses are seen as committed to health, safety and the environment, many consumers will ignore the cost of your service or product based on whether they believe they are purchasing the safe, environmentally friendly and the best product.
Increased Employee Engagement - When employees work for a company with a strong commitment to safety, they are more likely to work safely and be safe from accidents. They will often promote and endorse the brand they work for because they truly believe in what their business has to offer.
Helps to strengthen individual safety accountability - A safety oath reinforces the 'tone from the top'. When lower-level employees engage in safety with their bosses and managers, employees at all levels are more likely to embrace and commit to making a positive safety culture change. A commitment to safety made with everyone in the workplace has a far greater impact than a safety sign, slogans posted on the wall.
Why taking Safety Pledge or Safety Oath in workplace is important?
Safety pledge help employees to remind their safety commitment in workplace to achieve the objective of zero harm. Employees and workers who make the safety pledge in their workplace are promise to never compromise their individual safety or the safety of their co-workers to get the job done. Through safety pledge, they promises about actively look for hazards, promptly report them, and take appropriate action to warn others. It help to become individual as good safety role model for others and their family even when off the job.
On the occasion of National Safety Day 2023 on March 4 , the commitment to safety through safety pledge must be made by all people, from the top management to employees and workers together, to show their commitment to safety on the workplace. The safety oath should be word in the local language so that everyone understands its meaning and thus contributes to keeping individual promises to develop a positive safety culture and achieve the goal of zero harm. Safety Pledge in English , Safety Oath in Hindi and Safety Pledge in Marathi are published by the National Safety Council of India .
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Electrical Safety Slogans in Hindi
Table of Contents
Electrical Safety Slogans in Hindi: Promoting Electrical Safety and Awareness
Introduction.
In India, where electricity is an essential part of modern life, promoting electrical safety becomes crucial. Electrical accidents can have devastating consequences, and it is essential to raise awareness about safe practices to prevent such incidents. One effective way to spread awareness is through electrical safety slogans in Hindi, the national language of India. These slogans act as powerful reminders and help instill a sense of responsibility towards electrical safety. In this article, we will explore the significance of electrical safety slogans in Hindi and provide some creative and impactful examples.
Why Electrical Safety Slogans Matter
Creating awareness.
Electrical safety slogans play a pivotal role in creating awareness among the masses. When people encounter these slogans, they are prompted to think about their actions and the potential hazards related to electricity. Catchy and informative slogans can leave a lasting impression on individuals, encouraging them to adopt safe practices while dealing with electricity.
Encouraging Safe Behavior
Slogans act as constant reminders of the importance of electrical safety. They act as motivators, encouraging people to follow safety guidelines and take precautionary measures. By reinforcing the message of safety, electrical accidents can be significantly reduced, promoting a safer environment for everyone.
Easy to Remember
The power of slogans lies in their simplicity and memorability. A well-crafted slogan can easily stick in people’s minds and influence their behavior. When faced with a situation involving electricity, individuals may recall a safety slogan, which could potentially save them from an accident.
Creative Electrical Safety Slogans in Hindi
1. “बिजली के साथ सतर्कता, सुरक्षित रहेगी हमारी जिंदगी भरी।”, 2. “बिजली की ताक़त, सुरक्षा की शक्ति।”, 3. “जीवन को चमका दो, सुरक्षित बिजली से जुड़ो।”, 4. “बिजली सुरक्षा पर ध्यान दो, करेंगे सबसे पहले हम।”, safety measures to follow, 1. regular electrical inspections.
To ensure electrical safety at home or workplace, conduct regular inspections of electrical systems. Look for any signs of wear and tear, exposed wires, or damaged electrical appliances. Addressing potential issues promptly can prevent accidents.
2. Proper Wiring and Earthing
Well-maintained wiring and earthing systems are essential for electrical safety. Faulty wiring can lead to short circuits and electrical fires. It is crucial to hire a qualified electrician to handle wiring and earthing installations.
3. Safe Appliance Usage
Using electrical appliances safely is critical to avoiding accidents. Follow the manufacturer’s guidelines, avoid overloading sockets, and unplug appliances when not in use. Never handle electrical devices with wet hands.
4. Stay Away from Water
Water and electricity are a dangerous combination. Avoid using electrical devices near water sources, and ensure your hands are dry before touching any electrical components.
The Role of Government and Organizations
The government and various organizations play a significant role in promoting electrical safety. They can conduct awareness campaigns, workshops, and training sessions to educate people about safe electrical practices. Additionally, incorporating electrical safety slogans in public spaces, schools, and workplaces can make a considerable impact on society.
Electrical safety is not a choice; it is a responsibility that falls upon each one of us. By adopting safe practices and spreading awareness through electrical safety slogans in Hindi, we can create a safer environment for everyone. Remember, a small effort in following safety guidelines can prevent life-altering accidents.
FAQs – Frequently Asked Questions
1. are electrical accidents common in india.
Electrical accidents can occur due to various reasons, such as faulty wiring, improper handling of electrical appliances, and lack of awareness. Promoting electrical safety slogans can help reduce such accidents.
2. How can I create my electrical safety slogan?
Creating an electrical safety slogan requires creativity and a focus on the core message of safety. Keep it short, simple, and impactful to make it memorable.
3. Where can I display electrical safety slogans?
You can display electrical safety slogans at home, schools, workplaces, public places, and on social media platforms to reach a broader audience.
4. Can electrical safety slogans be effective in preventing accidents?
Yes, electrical safety slogans can be highly effective in preventing accidents as they serve as constant reminders to practice safe behavior.
5. How often should I check my home’s electrical systems?
Regular electrical inspections should be conducted at least once a year to identify any potential hazards and address them promptly.
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Speech on National Safety Day in Hindi : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर ऐसे लिखें 100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच
- Updated on
- फरवरी 21, 2024
हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत कार्यस्थल और इसके आसपास के समुदायों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा यह सुरक्षा की एक ऐसी संस्कृति बनाने के महत्व को भी दर्शाता है जो व्यक्तियों और संगठनों की समान रूप से रक्षा करती है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर छात्रों और शिक्षकों की तरफ से स्पीच भी दी जाती है, लेकिन कहीं भी स्पीच देने से पहले हमें इसे अच्छे से तैयारी करना जरूरी है। स्पीच का समय आयोजन से तय होता है, इसलिए इस ब्लाॅग में आप 100, 200 और 500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi लिखने और तैयार करने के बारे में जानेंगे।
This Blog Includes:
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के बारे में , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 100 शब्दों में स्पीच, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 200 शब्दों में स्पीच, प्रस्तावना , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार कब मनाया गया, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच कैसे दें , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन्स , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्लोगन.
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भारत में हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, साथ ही इस दिन को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के 1966 में हुई स्थापना के रूप में भी मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत काम करती है और इसका उद्देश्य वर्तमान सुरक्षा मुद्दों और चिंताओं को संबोधित करना है।
यह भी पढ़ें – Safety Speech Topics in Hindi : जानिए राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम एवं महत्व
100 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-
- 1966 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का यह दिन हर साल 1 मार्च को हुए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की याद दिलाता है।
- 4 मार्च, 1966 को भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) ने एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की।
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 1972 में की गई थी।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत एक पब्लिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी।
- 2021 में कई नेताओं और संगठनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्वीकृत सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के माध्यम से सुरक्षा का संदेश फैलाने के लिए Twitter का सहारा लिया।
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1972 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन को देश में सुरक्षा जागरूकता और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशालाओं, सेमिनारों, प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों द्वारा चिह्नित किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करता है साथ ही यह दिन औद्योगिक और कार्यस्थल सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, निर्माण सुरक्षा, कार्यालय सुरक्षा आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी समर्पित है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य है-
- विभिन्न सुरक्षा मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देना।
- संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए अपनाए जा सकने वाले विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
- सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए उद्योगों और संगठनों को सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और अन्य सुरक्षा गियर के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
- सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देना।
- देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 500 शब्दों में स्पीच
500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-
हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का दिन जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससीआई) लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए काम करता है। इस दिन कई ऑर्गेनाइजेशन, इंडस्ट्रीज और एजुकेशनल इंस्टीटूट्स सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रदर्शन, मॉक ड्रिल्स और क्षेत्र के विशेषज्ञों के लेक्चर्स शामिल हैं। सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किए जाते हैं साथ ही स्कूल और कॉलेजों में छात्रों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता और डिबेट जैसी अन्य कई गतिविधियों का आयोजन कराया जाता हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1972 में हुई थी जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) का स्थापना दिवस भी है। जिसका मुख्य उद्देश्य घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 4 मार्च 1972 में की गई थी और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी।
भारत में हर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने व कार्यस्थल और दैनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए समर्पित है। यह दिन देश भर के संगठनों और संस्थानों द्वारा मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
दुर्घटनाओं के कारण गंभीर चोट लग सकती है या मृत्यु भी हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्तियों, संगठनों और पूरे देश को वित्तीय नुकसान भी हो सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस व्यक्तियों और संगठनों को अपनी सुरक्षाओं पर विचार करने और उनमें सुधार के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सुरक्षा खतरों और जोखिमों के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है। इसमें व्यक्तियों को दुर्घटनाओं के कारणों और उन्हें रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में शिक्षित किया जाता है। इसमें व्यक्तियों को आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया करने के तरीके के बारे में ट्रेनिंग देना और ऐसा करने के लिए उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान करना भी शामिल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस उन व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को पहचानने का भी एक अवसर है जिन्होंने अपने कार्यस्थलों और समुदायों में सुरक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें वो व्यक्ति शामिल है जिन्होंने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम उठाए हो या ऐसे संगठन जिन्होंने सुरक्षा कार्यक्रम लागू किए और उससे दुर्घटनाओं में कमी आई हो।
कार्यस्थल में सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर भी जोर देता है। इसमें सुरक्षित ड्राइविंग आदतों, घरेलू उपकरणों, औजारों का सुरक्षित उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देना शामिल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमारे दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षा पर विचार करने और उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है।
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Speech on National Safety Day in Hindi कैसे तैयार करें के बारे में यहां जानेंगे-
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर सही से स्पीच तैयार करने और समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
- स्पीच को ज्यादा बड़ा न रखें।
- स्पीच देने से पहले उसे अच्छे से तैयार कर लें।
- स्पीच की शुरुआत हिंदी के कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच लिखते समय आपको शब्दों का सही चयन करना होगा।
- अपनी स्पीच में भारत के सुरक्षा बालों के बारे में भी बोलना होगा।
- स्पीच देने से पहले एक-दो बार उसे बोलने का प्रयास करें।
- स्पीच को तैयार करते समय गलतियों से बचें।
- स्पीच में टाॅपिक से न भटकें।
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Speech on National Safety Day in Hindi पर दस लाइन्स यहाँ दी गई हैं-
- भारत में हर साल 4 मार्च को Rashtriya suraksha diwas मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा एक पहल है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1966 में हुई थी।
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में मनाया गया।
- सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम बदलती है।
- इस दिन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- यह दिन लोगों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।
- Rashtriya suraksha diwas जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा संस्कृति को अपनाने को बढ़ावा देता है।
- इस दिन में सुरक्षा प्रशिक्षण, सेमिनार और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं।
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अंतिम लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना है।
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Speech on National Safety Day in Hindi से जुड़े स्लोगन्स यहाँ दिए गए हैं-
- जागरूक रहें, ध्यान रखें, सुरक्षित रहें।
- सुरक्षा कोई विकल्प नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है।
- आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है, सतर्क रहें।
- एक सुरक्षित कार्यस्थल एक खुशहाल कार्यस्थल है।
- सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, जीवित रहें।
4 मार्च को।
बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Speech on National Safety Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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